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मेरे मुंह से निकला हाय दईया इतना बड़ा लन्ड - Mere munh se nikla hay daiya itna badaa land
मेरे मुंह से निकला हाय दईया इतना बड़ा लन्ड - Mere munh se nikla hay daiya itna badaa land , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मैंने कहा सासू जी मैं तो वही करती हूँ जो तुम कहती हो ? मैं हमेशा यही चाहती हूँ की मैं आपको अपने काम से खुश रखूँ। आपका कहना मानूं और आपकी सेवा करूं लेकिन मेरी नन्द रानी जाने क्यों हमेशा मेरी गांड में ऊँगली किये रहती है। सासू जी बोली बहू तेरी बुर चोदी नन्द की चूत ? उसकी माँ का भोसड़ा। तू उसकी बात की परवाह न कर। उसकी तो मैं माँ चोद दूंगी ?
दूसरे दिन मैं अपनी नन्द से मिली तो मैंने कहा नन्द रानी मैं तो वही करती हूँ जो तुम कहती हो ? मैं हमेशा यही चाहती हूँ की मैं आपको अपने काम से खुश रखूँ। आपका कहना मानूं और आपकी सेवा करूं लेकिन मेरी सासू जी जाने क्यों हमेशा मेरी गांड में ऊँगली किये रहती हैं। नन्द रानी बोली, भाभी तेरी बुर चोदी सास का भोसड़ा ? उसकी बिटिया की बुर ? तू उसकी बात की परवाह न कर। उसकी बेटी तो मैं चोदूंगी।
इस तरह मैंने दोनों तरफ से किले बंदी कर ली।
वास्तव में मैं दोनों को अपना बनाना चाहती थी। मैंने सोंचा की अगर दोनों में थोड़ा खट पट होती रहे तो मज़ा आएगा। मैं तो सास का भोसड़ा भी चोदना चाहती हूँ और नन्द की बुर भी। एक दिन सास का भोसड़ा चुदवाकर उसे अपने बस में करूंगी और एक दिन नन्द की चूत चुदवाकर। लन्ड तो इन दोनों बुर चोदियों को चाहिए। क्योंकि दोनों बहुत खूबसूरत हैं और खूबसूरत औरतें लन्ड की बड़ी शौक़ीन होती हैं। यह बात मुझे पर भी लागू होती है। मैं तो लन्ड के बिना एक दिन भी नहीं रह सकती। मैं बस इसी बात का फायदा उठाना चाहती हूँ की मेरी सास भी चुदक्कड़ हो और नन्द भी।
अब मैं दोस्तों, अपनी बात बताने जा रही हूँ। मेरा नाम है सूफिया मैं इस समय २५ साल की हूँ। मेरी शादी अभी दो महीने पहले ही हुई है। मैं अभी अपनी ससुराल में हूँ अपनी सास और नन्द के बीच में। मेरा शौहर सुहागरात मना कर विदेश चला गया। मैं जब जवान हुई तो मेरे अंदर लन्ड पकड़ने की इच्छा जाग गयी। उस समय मैं १५ साल की ही थी। एक दिन मैं घर में अकेली थी और लैपटॉप खोले बैठी थी। तभी मेरी सहेली जो पड़ोस में रहती थी वह आ गयी और मेरे लैपटॉप पर एक पोर्न फिल्म निकाल ली। मैंने पहली बार खड़ा लन्ड देखा। मेरी तो जान ही निकल गयी। मेरे मुंह से निकला हाय दईया इतना बड़ा लन्ड ? इतना मोटा लन्ड ? क्या लन्ड वास्तव में इतना बड़ा होता है ? उसमे एक लड़की को लन्ड मुंह में लेकर चूसते और चाटते हुए देखा। हम दोनों आँखें गड़ा कर पूरी फिल्म देखने लगी। मेरी चूत का बाजा बज गया और उसकी भी चूत का। वह बोली सूफिया यार मैं भी लन्ड पकड़ना चाहती हूँ। मैंने कहा तुमसे पहले मैं लन्ड पकड़ना चाहती हूँ। मुझे तो आज मालूम हुआ की लन्ड इतना बड़ा और मोटा होता है। इतना खूबसूरत और मस्त होता है लन्ड। यार तुम मुझे किसी का लन्ड पकड़ाओ न ? मेरे घर में तो कोई लन्ड ही नहीं है।
वह बोली मेरे घर में मेरा खालू है। वह मुझसे ४ साल बड़ा है। मैं उसको बुला लूँ तो काम बन जाए। मैंने कहा हां बुला लो यार मैं देखूँ तो की लन्ड क्या इसी तरह का होता है जैसे फिल्म में दिखता है ? वह चुपके से आधे घंटे में उसे लेकर आ गयी। उसका नाम था ज़फर। मेरी सहेली का नाम था सबा। सबा बोली खालू ये मेरी दोस्त सूफिया है इसने कभी लन्ड नहीं देखा। तुम इसे अपना लन्ड दिखा दो प्लीज। मैंने भी कभी लन्ड नहीं देखा। आज मौका है हम दोनों तेरा लन्ड देखना चाहती हैं. वह बोला मैंने भी कभी किसी की चूत नहीं देखी। तुम भी मुझे अपनी चूत दिखा दो प्लीज।मैंने कहा सबा चलो हम दोनों नंगी हो जातीं हैं। मैं अपने कपड़े उतारने लगी और वो अपने। मैं नंगी हुई तो वह मुझे आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगा। मेरी बड़ी बड़ी सॉलिड चूंचियां देख कर उसका लन्ड सरसराने लगा। सबा की चूंचियां भी मेरी ही जैसी थीं। उसने हम दोनों की चूंचियां पकड़ ली और मस्ताने लगा। तब तक हम दोनों ने मिलकर उसे नंगा कर दिया।
उसका लन्ड पकड़ा और हिलाने लगी। लन्ड बढ़ने लगा और उसका टोपा फूलने लगा। मैंने कहा हाय रब्बा लन्ड तो वाकई बड़ा मजेदार होता है। देखो भोसड़ी का कैसे बढ़ता जा रहा है। मेरा मुंह अपने आप खुला और मैं लन्ड चूसने लगी। सबा पेल्हड़ चाटने लगी। हमने ब्लू फिल्म फिर लगा दी। वह लड़की जिस तरह से लन्ड चाट रही थी वैसे ही हम दोनों चाटने लगीं। उस दिन खूब मस्ती हुई। लन्ड का पूरा मज़ा लिया लेकिन चुदवाया नहीं आखिर में लन्ड ने निकाल दिया वीर्य जिसे हम दोनों चाटने लगी जैसा फिल्म में हुआ था। एक इसी तरह सबा ने अपने मामू जान का लन्ड पकड़ा दिया। उसका लन्ड पहले वाले से बड़ा भी था और मोटा भी। मेरी हिम्मत खुलती गयी और मैं लन्ड पकड़ती गयी। जब मैं कॉलेज पहुंची तो वहां का माहौल बड़ा खुला हुआ था। मैं मस्ती से गालियां देना सीख और लन्ड पीना सीख गयी। एक दिन एक सहेली के सामने मैंने लन्ड अपनी चूत में भी पेला। पहले थोड़ा दर्द हुआ लेकिन फिर मज़ा आने लगा। फिर क्या मैं चुदवाने लगी अपनी चूत। चुदाने के कई बहाने ढूंढने लगी।
इधर अम्मी जान को चिंता थी की मैं लन्ड पकड़ भी सकती हूँ की नहीं। मैं जवान हो गयी हूँ तो क्या जवानी का मज़ा ले सकती हूँ ? बस एक दिन मैंने अपने दोस्त का लन्ड घर में ही पकड़ लिया। अम्मी घर पर थीं। उसने मुझे देख लिया तो मैं बोली अम्मी, मैं लन्ड पकड़ना सीख गयी हूँ। उसने लन्ड अपने हाथ में लिया और कहा अब तू भोसड़ी की अपनी माँ चुदाना भी सीख ले। बस उस दिन से मैं माँ चुदाने लगी। एक दिन मैं अपने दो दोस्तों को ले आयी और दोनों से अपनी माँ चुदवाई। अम्मी बहुत खुश हो गयीं।
अम्मी आयसा ने सबसे पहले अपनी पक्की दोस्त लैला को फोन लगाया और कहा यार मैं तुम्हे एक अच्छी खबर सुना रही हूँ। वह बोली हां बोलो कौन सी अच्छी खबर है तेरे पास ? अम्मी ने कहा यार मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी है। कल उसने मेरी चूत में दो दो लन्ड पेल दिया यार। बड़ा मज़ा आया। मुझे तो इसी दिन का इंतज़ार था। अब मेरे मन की तमन्ना पूरी हुई। वह बोली यार मैं तुम्हे मुबारकबाद देती हूँ। मेरी भी बेटी अपनी माँ चुदाने वाली है। अभी वह सिंगापुर में है। उसने अपनी एक सहेली से कहा है की मैं सिंगापुर से आते ही अपनी माँ चुदाऊंगी। मैं तो उसी के आने का इंतज़ार कर रही हूँ। फिर मम्मी ने एक और सहेली सानिया को फोन किया और कहा यार कल से मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी है। वह बोली हाय दईया तब तो तेरे मजे हो गये। उसके कॉलेज के लड़कों के एक से एक बेहतरीन लन्ड तुझे मिलेगें। मेरी बेटी भी ऐसा ही करती है। वह तो पिछले महीने से ही अपनी माँ चुदा रही है। यार मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा है। जब २० से २५ साल के लड़कों के लन्ड पकड़ती हूँ तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आता है।
फिर अम्मी ने अपनी नन्द को फोन लगा दिया। वह अम्मी की बात सुनकर पागल सी हो गयी बोली अरे भाभी मैं कहती थी न की एक दिन तेरी बेटी भी अपनी माँ चुदायेगी।आज मेरी बात सच निकली। मेरी बेटी तो एक साल से अपनी माँ चुदा रही है। अब जब ये दोनों बेटियां मिलकर एक साथ एक ही कमरे में अपनी माँ चुदायेगीं तो कितना मज़ा आएगा भाभी ?
अब मैं अपनी जगह फिर आ जाती हूँ जहाँ मैं अपनी सास और नन्द से बातें कर रही थी। मेरी सास का नाम है नज़राना, मेरी नन्द है नूरी।
एक दिन सास मेरे पास आयी और बोली देखा बहू तेरी नन्द भोसड़ी की कितनी चालक है ? चुपके चुपके पराये मर्दों के लन्ड पकड़ती है। इसकी शादी हो गयी है लेकिन इसे तो अपने मरद का लन्ड पसंद ही नहीं आता। कभी अपने देवर से चुदवाती है कभी अपने नंदोई से ?
तब तक मेरी नन्द भी आ गयी। वह बोली अरे भाभी तुम इसके कहने पर मत जाना। मेरी अम्मी बहन चोद बहुत झूंठ बोलती हैं। मेरे लिए कहती है की मैं ग़ैर मर्दों के लन्ड पकड़ती हूँ जबकि हकीकत यह है ये तो खुद जाने कबसे गैर मर्दों से चुदवा रहीं हैं। मजे की बात यह है इस बात किसी को कानो कान खबर नहीं है।
सास इसी बात पर चिढ गयी वह बोली अरे बहू तेरी नन्द तो खुलेआम सबके लन्ड चोदती है। इसे न तो कोई शर्म है और न ही कोई झिझक। बड़ी छिनार हो गयी है तेरी नन्द। इसकी किसी दिन माँ चोद दो बहू तब इसके होस ठिकाने आ जायेगें।
भाभी देखो चोदना हो तो किसी दिन अपनी सास की बिटिया चोदो ? उसकी चूत में पेलो लन्ड तब इसे पता चलेगा की सच क्या होता है और झूंठ क्या होता है ?
बहू मैं सच कह रही हूँ मैं किसी दिन तेरी नन्द की उखाड़ लूंगी झांटें।
झांटें तो मैं उखाड़ूँगी भाभी तेरी सास के भोसड़ा की। तब इसका छुप छुप कर चुदवाना बंद होगा। तेरी सास की बहन का लन्ड ?
बहू, तेरी नन्द क्या कर पायेगी ये मुझे अच्छी तरह मालूम है। इसकी माँ का भोसड़ा ? मैं इस तरह की लड़कियां बहुत देखीं हैं। झांट भर की चूत लिए घूमती है और ख़्वाब देखती हैं दस दस इंच के लन्ड के ?
मैं उनकी बातों का मज़ा तो ले रही थी पर यह समझ नहीं पा रही थी की ये दोनों की वाकई लड़ाई है या फिर केवल मजाक ? अगर ये दोनों इतनी खुल कर बातें करतीं है तो खुल कर चुदवाती भी होंगीं। यही सोंच कर मैं उनकी जासूसी करने गई। उनकी बातें सुनने की कोशिश करने लगी। थोड़ी देर में मुझे लगा की वो दोनों चुपचाप बातें कर रहीं हैं।
सास बोली :- बेटी नूरी, हम दोनों ने आग तो बहू की बुर में लगा दी है. अब वह भी हमारी तरह जदली ही खुल कर सामने आ जाये तो चुदाई का मज़ा दून हो जाये।
नन्द ने कहा :- अरे अम्मी, मैं तो जल्दी से जल्दी भाभी की चूत में लन्ड पेलना चाहती हूँ। बस वो हां कर दे तो मैं अभी दो लन्ड उसकी चूत में घुसा दूं।
एक कहावत है की अंधे को चाहिए क्या ? दो ऑंखें। मैं तो खुद ही सास का भोसड़ा और नन्द की बुर चोदना चाहती हूँ। और अब तो वो दोनों मेरी बुर चुदवाना चाहती हैं। इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। मैंने अपने खालू को बुला लिया और उसके दोस्त को भी ?
सवेरे सवेरे मैं जब उठी तो नन्द की तरफ चल पड़ी। मैंने उसके कमरे में फिर दोनों को बात करते हुए देखा। मैं फिर सुनने लगी। नन्द बोली अम्मी मैंने एक लन्ड का इंतज़ाम कर लिया है एक तुम भी कर लो। सास बोली अरे मैंने पहले ही अपनी दोस्त के शौहर को बुला लिया है। अब तो तुम उस भोसड़ी वाली को तैयार कर ले। उसकी झांटें वगैरह बना दो ताकि उसकी चूत चिकनी हो जाये। आजकल मरद चूत चाटते जरूर हैं। मैं तो ख़ुशी के मारे झूमने लगी। मैंने मन में कहा आज तो मेरी चूत को कई लन्ड मिलेगें। मैं फिर रुकी नहीं और सीधे उसके कमरे में घुस गयी। मैंने कहा आज मैं तेरी माँ चोद दूँगी भोसड़ी की नन्द ? फिर मैंने अपनी सास की तरफ मुंह करके कहा आज मैं तेरी बहू की बुर चोदूँगी सासू जी। सास तो मेरी बात सुनकर गद गद हो गयीं और बोली हाय अल्ला, मेरी बुर चोदी बहू तू पहले अपनी सास का भोसड़ा चोद ले और चोद ले अपनी नन्द की चूत।
अब उन्हें यकीन हो गया की मैं भी उन लोगों की ही तरह हूँ। शाम को महफिल जम गयी। ड्रिंक्स का इंतज़ाम हो गया। सबसे पहले सासू जी की दोस्त का मियां मदनी मियां आ गए। वह तो ३०/३२ साल का लड़का लग रहा था। मैं तो खुश हो गयी। सासू ने उसे मुझसे मिलवाया। फिर थोड़ी देर में नन्द का ससुर रहमत। नन्द बोली भाभी ये मेरा भोसड़ी का ससुर है। मादर चोद इसका लन्ड बड़ा चोदू है। मेरी जेठानी की बुर लेता है और मेरी देवरानी की भी बुर। एक दिन रात में इसकी बेटी ने भी इसका लन्ड पकड़ लिया था। तब तक मेरा खालू तारिक आ दोस्त राहत भी। सबसे मिलवाया तो हाय भाभी तुम तो हमसे आगे निकल गयीं। मैंने कहा ये मेरा खालू साला मेरी माँ चोदता है। एक दिन मैंने इसे रंगे हाथों पकड़ लिया था और फिर पकड़ लिया इसका लन्ड। ये इसका दोस्त राहत है न ! ये साला मेरी खाला की बुर चोदता है। दोनों भोसड़ी के एक दूसरे की बीवी चोदते है इसलिए पक्के दोस्त हो गये हैं।
एक पैग शराब पीने के बाद मैं अपने खालू का लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मेरे दूसरे हाथ में उसके दोस्त का लन्ड भी टनटनाने लगा। इन दोनों ने मेरे कपड़े उतार कर मुझे एकदम नंगी कर दिया। मेरे सामने मेरी सास मदनी का लन्ड सहलाने लगी।मेरी नज़र जब उस पर पड़ी तो मेरी चूत ललचा गयी। तब तक बगल में नंगी लेटी हुई नन्द अपने ससुर का लन्ड मस्ती चूम रही थी। कोई बहू कितने प्यार से लन्ड चूमती है यह मैं अच्छी देख रही थी। उसका लौड़ा भी मेरी जान ले रहा था। इतना मोटा तगड़ा लन्ड साला मेरी चूत में घुसने के पहले मेरे दिल में घुस गया। हम सब अपना अपना लन्ड चूसने चाटने में।
इतने में मैंने खालू का लन्ड सास के भोसड़ा पर टिका दिया और कहा ले भोसड़ी के चोद ले मेरी सास का भोसड़ा ? इसी तरह उसके दोस्त का लन्ड मैंने नन्द की चूत पर रख दिया और बोली तुम मेरी नन्द की बुर चोद चोद फाड़ डालो। ये बुर चोदी बड़ी शिद्दत चुदवाती है अपनी चूत। मैं बहुत खुश थी क्योंकि सब कुछ मेरे मन का हो रहा था। तभी अचानक नन्द में अपने ससुर का लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वह बोली भाभी अब मैं चोदूँगी तेरी चूत। तब तक सास ने मदनी का लन्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। मैं लन्ड चूसते हुए चुदवाने लगी। इस तरह हम तीनो की चूत चुदने लगी। चारों मरद बहन चोद गचर गचर चोदने लगे। मैंने मन साले अपनी बीवी तो अछि तरह चोदते नहीं पर यहाँ देखो कितनी मस्ती से लौड़ा पूरा पूरा घुसेड़ कर परायी बीवियां चोद रहें हैं। यहीं हाल हम बीवियों का भी है. हम भी दिल लगा कर अपने हसबैंड से कभी नहीं चुदवाती ? पर पराये हसबैंड से दिल खोल कर चुदवाती हैं।
कितना मज़ा आ रहा है यार। इसी तरह अगर सब बीवियां मिलकर पराये मर्दो से चुदवाया करें तो फिर मज़ा ही मज़ा है क्योंकि मर्दों को भी परायी बीवियां चोदने में बड़ा मज़ा आता है।
मैंने कहा सासू जी मैं तो वही करती हूँ जो तुम कहती हो ? मैं हमेशा यही चाहती हूँ की मैं आपको अपने काम से खुश रखूँ। आपका कहना मानूं और आपकी सेवा करूं लेकिन मेरी नन्द रानी जाने क्यों हमेशा मेरी गांड में ऊँगली किये रहती है। सासू जी बोली बहू तेरी बुर चोदी नन्द की चूत ? उसकी माँ का भोसड़ा। तू उसकी बात की परवाह न कर। उसकी तो मैं माँ चोद दूंगी ?
दूसरे दिन मैं अपनी नन्द से मिली तो मैंने कहा नन्द रानी मैं तो वही करती हूँ जो तुम कहती हो ? मैं हमेशा यही चाहती हूँ की मैं आपको अपने काम से खुश रखूँ। आपका कहना मानूं और आपकी सेवा करूं लेकिन मेरी सासू जी जाने क्यों हमेशा मेरी गांड में ऊँगली किये रहती हैं। नन्द रानी बोली, भाभी तेरी बुर चोदी सास का भोसड़ा ? उसकी बिटिया की बुर ? तू उसकी बात की परवाह न कर। उसकी बेटी तो मैं चोदूंगी।
इस तरह मैंने दोनों तरफ से किले बंदी कर ली।
वास्तव में मैं दोनों को अपना बनाना चाहती थी। मैंने सोंचा की अगर दोनों में थोड़ा खट पट होती रहे तो मज़ा आएगा। मैं तो सास का भोसड़ा भी चोदना चाहती हूँ और नन्द की बुर भी। एक दिन सास का भोसड़ा चुदवाकर उसे अपने बस में करूंगी और एक दिन नन्द की चूत चुदवाकर। लन्ड तो इन दोनों बुर चोदियों को चाहिए। क्योंकि दोनों बहुत खूबसूरत हैं और खूबसूरत औरतें लन्ड की बड़ी शौक़ीन होती हैं। यह बात मुझे पर भी लागू होती है। मैं तो लन्ड के बिना एक दिन भी नहीं रह सकती। मैं बस इसी बात का फायदा उठाना चाहती हूँ की मेरी सास भी चुदक्कड़ हो और नन्द भी।
अब मैं दोस्तों, अपनी बात बताने जा रही हूँ। मेरा नाम है सूफिया मैं इस समय २५ साल की हूँ। मेरी शादी अभी दो महीने पहले ही हुई है। मैं अभी अपनी ससुराल में हूँ अपनी सास और नन्द के बीच में। मेरा शौहर सुहागरात मना कर विदेश चला गया। मैं जब जवान हुई तो मेरे अंदर लन्ड पकड़ने की इच्छा जाग गयी। उस समय मैं १५ साल की ही थी। एक दिन मैं घर में अकेली थी और लैपटॉप खोले बैठी थी। तभी मेरी सहेली जो पड़ोस में रहती थी वह आ गयी और मेरे लैपटॉप पर एक पोर्न फिल्म निकाल ली। मैंने पहली बार खड़ा लन्ड देखा। मेरी तो जान ही निकल गयी। मेरे मुंह से निकला हाय दईया इतना बड़ा लन्ड ? इतना मोटा लन्ड ? क्या लन्ड वास्तव में इतना बड़ा होता है ? उसमे एक लड़की को लन्ड मुंह में लेकर चूसते और चाटते हुए देखा। हम दोनों आँखें गड़ा कर पूरी फिल्म देखने लगी। मेरी चूत का बाजा बज गया और उसकी भी चूत का। वह बोली सूफिया यार मैं भी लन्ड पकड़ना चाहती हूँ। मैंने कहा तुमसे पहले मैं लन्ड पकड़ना चाहती हूँ। मुझे तो आज मालूम हुआ की लन्ड इतना बड़ा और मोटा होता है। इतना खूबसूरत और मस्त होता है लन्ड। यार तुम मुझे किसी का लन्ड पकड़ाओ न ? मेरे घर में तो कोई लन्ड ही नहीं है।
वह बोली मेरे घर में मेरा खालू है। वह मुझसे ४ साल बड़ा है। मैं उसको बुला लूँ तो काम बन जाए। मैंने कहा हां बुला लो यार मैं देखूँ तो की लन्ड क्या इसी तरह का होता है जैसे फिल्म में दिखता है ? वह चुपके से आधे घंटे में उसे लेकर आ गयी। उसका नाम था ज़फर। मेरी सहेली का नाम था सबा। सबा बोली खालू ये मेरी दोस्त सूफिया है इसने कभी लन्ड नहीं देखा। तुम इसे अपना लन्ड दिखा दो प्लीज। मैंने भी कभी लन्ड नहीं देखा। आज मौका है हम दोनों तेरा लन्ड देखना चाहती हैं. वह बोला मैंने भी कभी किसी की चूत नहीं देखी। तुम भी मुझे अपनी चूत दिखा दो प्लीज।मैंने कहा सबा चलो हम दोनों नंगी हो जातीं हैं। मैं अपने कपड़े उतारने लगी और वो अपने। मैं नंगी हुई तो वह मुझे आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगा। मेरी बड़ी बड़ी सॉलिड चूंचियां देख कर उसका लन्ड सरसराने लगा। सबा की चूंचियां भी मेरी ही जैसी थीं। उसने हम दोनों की चूंचियां पकड़ ली और मस्ताने लगा। तब तक हम दोनों ने मिलकर उसे नंगा कर दिया।
उसका लन्ड पकड़ा और हिलाने लगी। लन्ड बढ़ने लगा और उसका टोपा फूलने लगा। मैंने कहा हाय रब्बा लन्ड तो वाकई बड़ा मजेदार होता है। देखो भोसड़ी का कैसे बढ़ता जा रहा है। मेरा मुंह अपने आप खुला और मैं लन्ड चूसने लगी। सबा पेल्हड़ चाटने लगी। हमने ब्लू फिल्म फिर लगा दी। वह लड़की जिस तरह से लन्ड चाट रही थी वैसे ही हम दोनों चाटने लगीं। उस दिन खूब मस्ती हुई। लन्ड का पूरा मज़ा लिया लेकिन चुदवाया नहीं आखिर में लन्ड ने निकाल दिया वीर्य जिसे हम दोनों चाटने लगी जैसा फिल्म में हुआ था। एक इसी तरह सबा ने अपने मामू जान का लन्ड पकड़ा दिया। उसका लन्ड पहले वाले से बड़ा भी था और मोटा भी। मेरी हिम्मत खुलती गयी और मैं लन्ड पकड़ती गयी। जब मैं कॉलेज पहुंची तो वहां का माहौल बड़ा खुला हुआ था। मैं मस्ती से गालियां देना सीख और लन्ड पीना सीख गयी। एक दिन एक सहेली के सामने मैंने लन्ड अपनी चूत में भी पेला। पहले थोड़ा दर्द हुआ लेकिन फिर मज़ा आने लगा। फिर क्या मैं चुदवाने लगी अपनी चूत। चुदाने के कई बहाने ढूंढने लगी।
इधर अम्मी जान को चिंता थी की मैं लन्ड पकड़ भी सकती हूँ की नहीं। मैं जवान हो गयी हूँ तो क्या जवानी का मज़ा ले सकती हूँ ? बस एक दिन मैंने अपने दोस्त का लन्ड घर में ही पकड़ लिया। अम्मी घर पर थीं। उसने मुझे देख लिया तो मैं बोली अम्मी, मैं लन्ड पकड़ना सीख गयी हूँ। उसने लन्ड अपने हाथ में लिया और कहा अब तू भोसड़ी की अपनी माँ चुदाना भी सीख ले। बस उस दिन से मैं माँ चुदाने लगी। एक दिन मैं अपने दो दोस्तों को ले आयी और दोनों से अपनी माँ चुदवाई। अम्मी बहुत खुश हो गयीं।
अम्मी आयसा ने सबसे पहले अपनी पक्की दोस्त लैला को फोन लगाया और कहा यार मैं तुम्हे एक अच्छी खबर सुना रही हूँ। वह बोली हां बोलो कौन सी अच्छी खबर है तेरे पास ? अम्मी ने कहा यार मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी है। कल उसने मेरी चूत में दो दो लन्ड पेल दिया यार। बड़ा मज़ा आया। मुझे तो इसी दिन का इंतज़ार था। अब मेरे मन की तमन्ना पूरी हुई। वह बोली यार मैं तुम्हे मुबारकबाद देती हूँ। मेरी भी बेटी अपनी माँ चुदाने वाली है। अभी वह सिंगापुर में है। उसने अपनी एक सहेली से कहा है की मैं सिंगापुर से आते ही अपनी माँ चुदाऊंगी। मैं तो उसी के आने का इंतज़ार कर रही हूँ। फिर मम्मी ने एक और सहेली सानिया को फोन किया और कहा यार कल से मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी है। वह बोली हाय दईया तब तो तेरे मजे हो गये। उसके कॉलेज के लड़कों के एक से एक बेहतरीन लन्ड तुझे मिलेगें। मेरी बेटी भी ऐसा ही करती है। वह तो पिछले महीने से ही अपनी माँ चुदा रही है। यार मुझे तो बड़ा मज़ा आ रहा है। जब २० से २५ साल के लड़कों के लन्ड पकड़ती हूँ तो मुझे ज़न्नत का मज़ा आता है।
फिर अम्मी ने अपनी नन्द को फोन लगा दिया। वह अम्मी की बात सुनकर पागल सी हो गयी बोली अरे भाभी मैं कहती थी न की एक दिन तेरी बेटी भी अपनी माँ चुदायेगी।आज मेरी बात सच निकली। मेरी बेटी तो एक साल से अपनी माँ चुदा रही है। अब जब ये दोनों बेटियां मिलकर एक साथ एक ही कमरे में अपनी माँ चुदायेगीं तो कितना मज़ा आएगा भाभी ?
अब मैं अपनी जगह फिर आ जाती हूँ जहाँ मैं अपनी सास और नन्द से बातें कर रही थी। मेरी सास का नाम है नज़राना, मेरी नन्द है नूरी।
एक दिन सास मेरे पास आयी और बोली देखा बहू तेरी नन्द भोसड़ी की कितनी चालक है ? चुपके चुपके पराये मर्दों के लन्ड पकड़ती है। इसकी शादी हो गयी है लेकिन इसे तो अपने मरद का लन्ड पसंद ही नहीं आता। कभी अपने देवर से चुदवाती है कभी अपने नंदोई से ?
तब तक मेरी नन्द भी आ गयी। वह बोली अरे भाभी तुम इसके कहने पर मत जाना। मेरी अम्मी बहन चोद बहुत झूंठ बोलती हैं। मेरे लिए कहती है की मैं ग़ैर मर्दों के लन्ड पकड़ती हूँ जबकि हकीकत यह है ये तो खुद जाने कबसे गैर मर्दों से चुदवा रहीं हैं। मजे की बात यह है इस बात किसी को कानो कान खबर नहीं है।
सास इसी बात पर चिढ गयी वह बोली अरे बहू तेरी नन्द तो खुलेआम सबके लन्ड चोदती है। इसे न तो कोई शर्म है और न ही कोई झिझक। बड़ी छिनार हो गयी है तेरी नन्द। इसकी किसी दिन माँ चोद दो बहू तब इसके होस ठिकाने आ जायेगें।
भाभी देखो चोदना हो तो किसी दिन अपनी सास की बिटिया चोदो ? उसकी चूत में पेलो लन्ड तब इसे पता चलेगा की सच क्या होता है और झूंठ क्या होता है ?
बहू मैं सच कह रही हूँ मैं किसी दिन तेरी नन्द की उखाड़ लूंगी झांटें।
झांटें तो मैं उखाड़ूँगी भाभी तेरी सास के भोसड़ा की। तब इसका छुप छुप कर चुदवाना बंद होगा। तेरी सास की बहन का लन्ड ?
बहू, तेरी नन्द क्या कर पायेगी ये मुझे अच्छी तरह मालूम है। इसकी माँ का भोसड़ा ? मैं इस तरह की लड़कियां बहुत देखीं हैं। झांट भर की चूत लिए घूमती है और ख़्वाब देखती हैं दस दस इंच के लन्ड के ?
मैं उनकी बातों का मज़ा तो ले रही थी पर यह समझ नहीं पा रही थी की ये दोनों की वाकई लड़ाई है या फिर केवल मजाक ? अगर ये दोनों इतनी खुल कर बातें करतीं है तो खुल कर चुदवाती भी होंगीं। यही सोंच कर मैं उनकी जासूसी करने गई। उनकी बातें सुनने की कोशिश करने लगी। थोड़ी देर में मुझे लगा की वो दोनों चुपचाप बातें कर रहीं हैं।
सास बोली :- बेटी नूरी, हम दोनों ने आग तो बहू की बुर में लगा दी है. अब वह भी हमारी तरह जदली ही खुल कर सामने आ जाये तो चुदाई का मज़ा दून हो जाये।
नन्द ने कहा :- अरे अम्मी, मैं तो जल्दी से जल्दी भाभी की चूत में लन्ड पेलना चाहती हूँ। बस वो हां कर दे तो मैं अभी दो लन्ड उसकी चूत में घुसा दूं।
एक कहावत है की अंधे को चाहिए क्या ? दो ऑंखें। मैं तो खुद ही सास का भोसड़ा और नन्द की बुर चोदना चाहती हूँ। और अब तो वो दोनों मेरी बुर चुदवाना चाहती हैं। इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। मैंने अपने खालू को बुला लिया और उसके दोस्त को भी ?
सवेरे सवेरे मैं जब उठी तो नन्द की तरफ चल पड़ी। मैंने उसके कमरे में फिर दोनों को बात करते हुए देखा। मैं फिर सुनने लगी। नन्द बोली अम्मी मैंने एक लन्ड का इंतज़ाम कर लिया है एक तुम भी कर लो। सास बोली अरे मैंने पहले ही अपनी दोस्त के शौहर को बुला लिया है। अब तो तुम उस भोसड़ी वाली को तैयार कर ले। उसकी झांटें वगैरह बना दो ताकि उसकी चूत चिकनी हो जाये। आजकल मरद चूत चाटते जरूर हैं। मैं तो ख़ुशी के मारे झूमने लगी। मैंने मन में कहा आज तो मेरी चूत को कई लन्ड मिलेगें। मैं फिर रुकी नहीं और सीधे उसके कमरे में घुस गयी। मैंने कहा आज मैं तेरी माँ चोद दूँगी भोसड़ी की नन्द ? फिर मैंने अपनी सास की तरफ मुंह करके कहा आज मैं तेरी बहू की बुर चोदूँगी सासू जी। सास तो मेरी बात सुनकर गद गद हो गयीं और बोली हाय अल्ला, मेरी बुर चोदी बहू तू पहले अपनी सास का भोसड़ा चोद ले और चोद ले अपनी नन्द की चूत।
अब उन्हें यकीन हो गया की मैं भी उन लोगों की ही तरह हूँ। शाम को महफिल जम गयी। ड्रिंक्स का इंतज़ाम हो गया। सबसे पहले सासू जी की दोस्त का मियां मदनी मियां आ गए। वह तो ३०/३२ साल का लड़का लग रहा था। मैं तो खुश हो गयी। सासू ने उसे मुझसे मिलवाया। फिर थोड़ी देर में नन्द का ससुर रहमत। नन्द बोली भाभी ये मेरा भोसड़ी का ससुर है। मादर चोद इसका लन्ड बड़ा चोदू है। मेरी जेठानी की बुर लेता है और मेरी देवरानी की भी बुर। एक दिन रात में इसकी बेटी ने भी इसका लन्ड पकड़ लिया था। तब तक मेरा खालू तारिक आ दोस्त राहत भी। सबसे मिलवाया तो हाय भाभी तुम तो हमसे आगे निकल गयीं। मैंने कहा ये मेरा खालू साला मेरी माँ चोदता है। एक दिन मैंने इसे रंगे हाथों पकड़ लिया था और फिर पकड़ लिया इसका लन्ड। ये इसका दोस्त राहत है न ! ये साला मेरी खाला की बुर चोदता है। दोनों भोसड़ी के एक दूसरे की बीवी चोदते है इसलिए पक्के दोस्त हो गये हैं।
एक पैग शराब पीने के बाद मैं अपने खालू का लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मेरे दूसरे हाथ में उसके दोस्त का लन्ड भी टनटनाने लगा। इन दोनों ने मेरे कपड़े उतार कर मुझे एकदम नंगी कर दिया। मेरे सामने मेरी सास मदनी का लन्ड सहलाने लगी।मेरी नज़र जब उस पर पड़ी तो मेरी चूत ललचा गयी। तब तक बगल में नंगी लेटी हुई नन्द अपने ससुर का लन्ड मस्ती चूम रही थी। कोई बहू कितने प्यार से लन्ड चूमती है यह मैं अच्छी देख रही थी। उसका लौड़ा भी मेरी जान ले रहा था। इतना मोटा तगड़ा लन्ड साला मेरी चूत में घुसने के पहले मेरे दिल में घुस गया। हम सब अपना अपना लन्ड चूसने चाटने में।
इतने में मैंने खालू का लन्ड सास के भोसड़ा पर टिका दिया और कहा ले भोसड़ी के चोद ले मेरी सास का भोसड़ा ? इसी तरह उसके दोस्त का लन्ड मैंने नन्द की चूत पर रख दिया और बोली तुम मेरी नन्द की बुर चोद चोद फाड़ डालो। ये बुर चोदी बड़ी शिद्दत चुदवाती है अपनी चूत। मैं बहुत खुश थी क्योंकि सब कुछ मेरे मन का हो रहा था। तभी अचानक नन्द में अपने ससुर का लन्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया। वह बोली भाभी अब मैं चोदूँगी तेरी चूत। तब तक सास ने मदनी का लन्ड मेरे मुंह में घुसा दिया। मैं लन्ड चूसते हुए चुदवाने लगी। इस तरह हम तीनो की चूत चुदने लगी। चारों मरद बहन चोद गचर गचर चोदने लगे। मैंने मन साले अपनी बीवी तो अछि तरह चोदते नहीं पर यहाँ देखो कितनी मस्ती से लौड़ा पूरा पूरा घुसेड़ कर परायी बीवियां चोद रहें हैं। यहीं हाल हम बीवियों का भी है. हम भी दिल लगा कर अपने हसबैंड से कभी नहीं चुदवाती ? पर पराये हसबैंड से दिल खोल कर चुदवाती हैं।
कितना मज़ा आ रहा है यार। इसी तरह अगर सब बीवियां मिलकर पराये मर्दो से चुदवाया करें तो फिर मज़ा ही मज़ा है क्योंकि मर्दों को भी परायी बीवियां चोदने में बड़ा मज़ा आता है।
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