Home
» Hindi adult story Sex Stories चुदने वाली लड़की की कहानी Chudai ki majedar stories
» मैं पराई बीवी चोदता हूँ और खूब मजे लूटता हूँ - Main Parayi Biwi chodkar maje lutta hun
मैं पराई बीवी चोदता हूँ और खूब मजे लूटता हूँ - Main Parayi Biwi chodkar maje lutta hun
मैं पराई बीवी चोदता हूँ और खूब मजे लूटता हूँ - Main Parayi Biwi chodkar maje lutta hun , Antarvasna Sex Stories , Hindi Sex Story , Real Indian Chudai Kahani , choda chadi cudai cudi coda free of cost , Time pass Story , Adult xxx vasna kahaniyan.
मेरा नाम है शेखर दोस्तों। मैं २६ साल का एक तगड़ा तंदुरुस्त हैंडसम और स्मार्ट आदमी हूँ। मैं एक पब्लिक ऑफिस में एक अच्छे पद पर काम करता हूँ। मेरे ऑफिस में कई तरह के लोग आतें हैं। लड़के भी आते हैं और लड़कियां भी। आदमी भी आतें हैं और औरतें भी। बुज़ुर्ग आदमी और बुज़ुर्ग महिलायें भी आतीं हैं। मैं यथा संभव सबकी सेवा करता हूँ और किसी को भी अपने ऑफिस ने निराश होकर नहीं जाने देता। यही मेरी खूबी है जिसकी प्रशंसा हर व्यक्ति करता है। मैंने देखा की लड़कियां कुछ ज्यादा ही मेरे काम से प्रभावित हैं। वो अक्सर मेरे केबिन में आ जातीं हैं। जो काम बाहर छोटे अधिकारियों से कराया जा सकता है उसके लिए भी मेरे पास आतीं हैं। लेकिन मैं बुरा नहीं मानता और उनका भी काम हंस कर कर देता है और करवा देता हूँ। मैंने कुछ दिन बाद अनुभव किया की एक शुदा शुदा औरत मेरे पास अक्सर चली आती है। उसका नाम था मिसेज अंजलि। उसकी कोई खास उम्र नहीं थी। वह शायद २४ साल की थी। एक दिन बातों बातों में वह अपनी उम्र बता चुकी थी मुझे। वह भी किसी बड़े ऑफिस में बड़े पद पर काम करती थी क्योंकि उसे सरकार में गाड़ी ड्राइवर और मकान दे रखा था।
उसने एक दिन मुझे अपने घर बुलाया। सच बात यह है की मैं मन ही मन अंजलि को चाहने लगा हूँ। मेरा दिल उस पर आ गया है। वह बहुत खूबसूरत, पढ़ी लिखी, समझदार औरत है। उसका बदन बहुत ही सेक्सी और हॉट है। मैं जब भी उससे बातें करता हूँ तो मन करता की मैं उसे अपनी छाती से चिपका लूँ। उस दिन जब उसने मुझे अपने घर बुलाया तो मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा। मैं तैयार होकर शाम को ८ बजे उसके घर पहुँच गया। मैंने खुद गाड़ी ड्राइव की ड्राइवर को नहीं बुलाया। मैंने बेल बजायी तो उसने खुद दरवाजा खोला और मुझे अंदर कमरे में बैठा लिया। वह एक गाउन पहने थी जिससे उसकी चूँचियों का उभार मालूम हो रहा था। उसकी चूंचियां निःसंदेह बड़ी बड़ी थी। वही देख कर मेरे लन्ड में हरकत होने लगी। सबसे पहले उसने झुक कर पानी का गिलास टेबल पर रखा। उसके झुकते ही उसकी मस्त चूंचियां बड़ी दूर ताकल दिखाई पड़ी तो मेरा लन्ड साला और करवटें बदलने लगा। फिर वह मेरे सामने बैठ गयी। उसने पूंछा शेखर तुम व्हिस्की वगैरह लेते हो। मैंने कहा हां जरूर लेता हूँ कभी कभी। बस वह अंदर गयी और एक बोतल शराब की उठा लायी साथ में दो गिलास। उसने मुझे शराब पका दी और खुद भी एक गिलास ले लिया। हम दोनों ने चियर्स कहा और शराब पीने लगे। शराब पीते पीते बातें भी मस्ती की होने लगीं। मुझे उस समय बड़ा अच्छा लग रहा था।
अंजलि बोली - शेखर तुमने शादी की है की नहीं ? \
मैंने कहा :- नहीं मैडम ,,,,,,,,,,,,,,,,?
मैं आगे कुछ बोल पाता उसके पहले ही अंजलि ने कहा :- मैडम की माँ की चूत ? मैडम की बहन का लन्ड ? मुझे मैडम मत कहो। मैं शादी शुदा हूँ इसलिए तेरी भाभी हूँ। मुझे या तो भाभी कहो या फिर अंजलि कहो। मुझे भोसड़ी की अंजलि कहो, मुझे बुर चोदी अंजलि कहो तो मुझे ख़ुशी होगी। मैं ऑफिस में ही सिर्फ मैडम हूँ बाकि जगह नहीं। तुम मेरे दोस्त हो और मैं अपने दोस्तों से गालियों से ही बात करती हूँ। अब मैं तुमसे गालियों से बात किया करूंगी। तुम्हे बुरा मानने की जरुरत नहीं है ? हां, अब बताओ क्या तुमने शादी की है ?
नहीं अभी तक मैंने शादी नहीं की है।
चलो ठीक कोई बात नहीं। अब ये बताओ की तुम्हारे शौक क्या क्या हैं ?
मेरा कोई खास शौक नहीं है। हां मैं मस्ती खूब करता हूँ। घूमता फिरता हूँ. फिल्म देखता हूँ, गप्पे लड़ाता हूँ और कभी कभी किसी के साथ शहर के बाहर जाकर मज़ा करता हूँ। पर आपके कौन कौन से शौक है अंजलि जी ?
मेरे भी कई शौक है पर एक बहुत बड़ा और मेरा प्रिय शौक है ?
तो फिर बताओ न प्लीज कौन सा प्रिय शौक है ? अगर मैं वह शौक पूरा कर सकता हूँ तो जरूर करूंगा।
तब तक हम लोग दो दो पग शराब ख़तम कर चुके थे। नशा भी गहराने लगा था। वह बोली अच्छा ऐसी बात है तो वादा करो की तुम मेरा शौक पूरा करोगे ?
हां हां वादा करता हूँ। अगर मैं शौक पूरा करने के काबिल हूँ तो जरूर पूरा करूंगा। अब बताओ आपका क्या शौक है ?
शराब पीने के साथ लन्ड पीना मेरा शौक है ? अब बताओ की मेरा शौक पूरा करोगे ? मैं थोड़ी देर चुप रहा। तो वह बोली अच्छा फट गयी न तेरी गांड ? अगर तेरे लन्ड में दम नहीं है शेखर तो घबड़ाने की जरुरत नहीं है। मैं किसी और को बुला लूंगी क्योंकि मैं बिना लन्ड पिए रह नहीं सकती ? नहीं नहीं अंजलि ये बात नहीं है। वास्तव में मैं आपके इस शौक के बारे में कभी सोंच ही नहीं सकता था।
अच्छा ये बात है ? तो तुम्हे सेक्स के बारे में बहुत कुछ सीखना है अभी, शेखर। तुम अभी बहुत कच्चे हो। देखो सेक्स में लड़कियां लड़कों से कहीं ज्यादा आगे होतीं हैं। लड़कों को एक बार चूत न मिले तो चलेगा पर लड़कियों को अगर लन्ड न मिले तो बिलकुल नहीं चलेगा ? वह परेशान हो जातीं है और बिना लन्ड के रह नहीं सकतीं ? यानी लड़की का काम बिना लन्ड के नहीं चलेगा। इसलिए मुझे अभी लन्ड चाहिए। चाहे मैं तेरा लन्ड लूँ चाहे किस और का लन्ड ?
अंजलि की बातें सुनकर मेरे लन्ड की आग और भड़क गयी। मैं तो बड़ी देर से सोंच रहा था की कैसे इसके मुंह में अपना लन्ड घुसा दूं ? अब तो वह खुद मेरा लन्ड अपने मुंह में लेने के लिए तैयार है। अब क्या बात तो अपने आप ही बन गयी। मैंने कहा है अंजलि भाभी मैं तैयार हूँ। इतने में भाभी ने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दीं और मेरे गाल चुम लिए। वह बोली शेखर I love you . मैंने भी मस्ती में कहा I love you too . मैंने भी उसके गाल चूम लिए। फिर मेरा हाथ उसकी चूँचियों पर चला गया और उसका हाथ मेरे लन्ड पर। मुझे एहसास हुआ की उसकी चूंचियां बहुत बड़ी बड़ी हैं। मैंने गाउन का फीता खोल दिया तो बूब्स तन कर मेरे सामने आ गए. उसकी मोटी मोटी जाँघे देख कर मेरी मस्ती का ठिकाना न रहा। उसकी चूत अभी भी उसकी छोटी सी पैंटी में छुपी हुई थी। तब तक उसने मेरी पैंट खोल दी। मेरी कमीज मेरी बनियाइन सब उतार दी। मैं एक चड्ढी में आ गया। मेरा लन्ड बाहर निकलने के लिए बेताब था और बेताब उसकी चूत भी थी।
इतने में वह नीच बैठ गयी और मेरी चड्ढी के दोनों तरफ ऊँगली डाल कर उसे नीचे घसीट दिया। बस तभी मेरा खड़ा लन्ड उसके गाल पर लगा जैसे किसी ने उसे थप्पड़ मार दिया हो। वह लन्ड देख कर मुस्करा पड़ी। फिर लन्ड को मुठ्ठी में लिया और सहलाने लगी. लन्ड और बड़ा हो गया और मोटा भी। वह बोली हाय शेखर तेरा लौड़ा तो बिलकुल मेरे मन का है यार। मुझे ऐसा ही लौड़ा पसंद है। मैंने उसे हाथ पकड़ कर उठाया और उसकी पैंटी खोल दी। उसकी नंगी चूत मेरी आँखों के सामने आ गयी। उसकी चूत की छोटी छोटी झांटें मेरा मन मोह रहीं थीं। मुझे चूत के ऊपर के हिस्से में छोटी छोटी झांटें बहुत अच्छी लगती हैं। मैं चूत सहलाने लगा और उसकी मस्त जाँघों पर हाथ फिराने लगा। नंगी वो नंगा मैं। हम दोनों एक दूसरे से चिपक गये। उसकी चूंचियां मेरी छाती से चिपक गयी और मेरा लन्ड उसके बदन से टकराने लगा। उसके चूतड़ भी बड़े बड़े थे और गांड बड़ी सेक्सी थी।
फिर अंजलि भाभी ने उठाया गिलास, उसमे लन्ड डुबोया और उसे चाटने लगी। बार बार यही करने लगी. मुझे भी मज़ा आने लगा। मेरे लन्ड के साथ कोई पहली बार ऐसा कर रही थी। यानी शराब के साथ लन्ड पी रही थी और लन्ड के साथ शराब। उसकी यह अदा मुझे बहुत भा गयी। गिलास में शराब नीट थी। वह बोली शेखर मुझे शराब नीट ही अच्छी लगती है और वह भी लन्ड के साथ। फिर हम दोनों 69 बन गये। मैं भी उसकी चूत पर शराब डाल कर चाटने लगा। बुर चटवाने में हर लड़की को बड़ा मज़ा आता है। लेकिन अगर कोई उस पर शराब उड़ेल कर बुर चाटे तो और मज़ा आता है। यही मज़ा अंजलि भाभी ले रही थी। शराब और लन्ड। शराब और चूत का खेल बड़ी देर तक चलता रहा। मैंने फिर शराब उसकी चूँचियों पर भी डाल कर चाटा। भाभी बोली शेखर तुम तो भोसड़ी के मुझे बड़े मंजे हुए खिलाड़ी लग रहे हो ? मैंने कहा नहीं मंजी हुई तो आप है भाभी । आप ने ही यह कला मेरे अंदर जगाई है। मुझे वाकई बड़ा अच्छा लग रहा है। इतनी मस्त जवान चूत और जवान चूंचियां आज मैं पहली बार देख रहा हूँ।
बस फिर उसने आधे से अधिक लन्ड मुंह में घुसेड़ लिया और चूसने लगी। इधर मैं भी अपनी जबान उसकी चूत में घुसा कर चाटने लगा। थोड़ी देर बाद वह खुद ही घूम गयी और अब चुदाने में मूड में आ गयी। मैं भी अब और रुक नहीं सकता था। मैंने उसे पलंग पर किनारे खींच लिया और उसकी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी। उसकी चूत ऊपर उठ आयी और मैं पलंग के नीचे खड़ा हो गया। लन्ड सीधे उसकी चूत के सामने आ गया। मैंने एक धक्का मारा तो लन्ड सटाक से अंदर घुस गया। उसकी मुंह से चीख निकल पड़ी उई माँ पूरा घुसा दिया लन्ड तूने। फाड़ डाला मेरी चूत ? तेरा साला लन्ड बड़ा मोटा है बहन चोद ? तुमने तो पहली ही बार में मेरी चूत का बाजा बजा दिया। हाय शेखर तेरा लन्ड मुझे भा गया। यार देखो न कैसे चिपक कर घुस रहा है मेरी चूत में। मुझे भी मज़ा आया। लन्ड जब सरसराता हुआ उसकी चूत में घुसा तो मुझे लगा की हां आज मैं किसी की बीवी चोदने का सुख ले रहा हूँ। मैं स्पीड बढ़ाता गया और बड़ी बेरहमी से चोदता गया। मैं पूरा लन्ड अंदर घुसेड़ता और फिर पूरा उसे बाहर निकाल लेता।
उसकी दोनों टाँगे मेरे कंधे पर थीं। उसकी दोनों मस्त चूंचियां मेरी आँखों के सामने नाच रहीं थीं जिन्हें देखने में मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। मैं कभी उसकी टांगें पकड़ लेता और कभी उसकी गांड के नीचे हाथ लगा कर चोदने लगता। आज मुझे मालूम हो रहा था की किसी जवान बीवी की बुर चोदने में कितना मज़ा आता है ? मैंने मन में ठान लिया की अब मैं इसे अक्सर चोदा करूँगा। वह बोल रही थी हाय शेखर तेरे लन्ड की माँ की चूत। साला कितना हरामी है तेरा लौड़ा ? हाय दईया मुझे इस तरह पहले कभी किसी ने नहीं चोदा। और चोदो मुझे खूब कस कस के चोदो। अपने पेल्हड़ भी घुसेड़ दो मादर चोद ? मैं तेरी बीवी हूँ शेखर मुझे खूब चोदो। रंडी की तरह चोद डालो मेरी बुर। ये बुर साली मुझे बड़ा परेशान करती है। मेरी चूत की माँ चोद दो। आज इसे मालूम हो रहा है की लन्ड क्या चीज़ है। आज मेरी चूत को वास्तव में कोई मरदाना लन्ड मिला है। ये चूत ससुरी फट जाय तो अच्छा है। रोज़ रोज़ चिल्लाती थी लन्ड, लन्ड, लन्ड आज मिल गया लन्ड तो इसकी माँ चुदने लगी। वह अपनी चूत को ऊट पटांग बके जा रही थी।
मैं समझ गया की अंजलि को चुदाने में मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली यार शेखर मैं तेरी कुतिया हूँ मुझे पीछे से चोदो। मैं भी उसकी बात मानते हुए उसे पीछे से चोदने लगा। पीछे से चोदने का अपना एक अलग चार्म है। उसकी नीचे से हिलती हुई चूंचियां भी बड़ी मस्त लग रही थी। जिन्हें मैं शीशे में देख रहा था। मैं मन में कह रहा था की अंजलि वाकई रंडी है बहन चोद ? ये केवल मुझसे ही नहीं बल्कि और भी लोगों से चुदवाती होगी ? इसे एक लन्ड से मन नहीं भरता होगा। ये तो भोसड़ी की कई लन्ड खाने वाली बीवी हैं। ये तो शराब भी खूब पीती है और चुदवाती भी खूब है। उसके बाद वह मुझे नीचे चित लिटा कर मेरे लन्ड पर बैठ गयी। लन्ड पूरा घुस गया। वह थोड़ा झुकी और अपनी गांड उठा उठा के मेरे लन्ड पर पटकने लगी। वह बोली हाय शेखर अब मैं तेरा लन्ड चोदूंगी। जैसे मैं उसकी बुर चोद रहा था अब वैसे ही वह मेरा लन्ड चोदने लगी।
मुझे मालूम हो गया की अंजलि की चूत ढीली हो गई है. मैं भी बोला भाभी मैं अब निकलने वाला हूँ। बस अंजलि घूम गयी और मेरे लन्ड से उतर कर लन्ड का मुठ्ठ मारने लगी। उसका मुंह खुला हुआ था और मेरे लन्ड ने पिचकारी सीधे उसके मुंह में मार दी। वह एक मस्त चुदक्कड़ लड़की की तरह मेरा झड़ता हुआ लन्ड अपनी जबान निकाल कर चाटने लगी। उसके बाद हम दोनों बाथ रूम गये। वहां से आकर सोफा पर बैठे और फिर नंगे नंगे ही खाना खाया और नंगे नंगे ही बिस्तर पर सो गए। ३/४ घंटे सोने के बाद वह उठी और मेरा लन्ड फिर पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने उसे दुबारा चोदा। इस बार मुझे चोदने में और ज्यादा मज़ा आया। उसकी चूंचियां भी इस बार चोदीं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियों के बीच मेरे लन्ड ने बड़ा मज़ा किया।
दो दिन बाद अंजलि भाभी ने मुझे फोन करके फिर बुलाया। मैं जब घर पहुंचा तो देखा की भाभी के साथ एक मस्त शादी शुदाऔरत बैठी है। मैंने मन में कहा अगर मुझे इसकी बुर मिल जाये तो मज़ा आ जाये ? तब तक भाभी बोली शेखर लो इससे मिलो ये है मिसेज रेनू अरोड़ा, ये भी बुर चोदी मेरी पक्की दोस्त है । तुम इसे भी भाभी कह सकते हो, बुर चोदी, भोसड़ी वाली, मादर चोद रेनू कह सकते हो। हम दोनों एक साथ लन्ड हिलाने वाली दोस्त हैं। मैं तो इसी बात पर हंस पड़ा। फिर भाभी ने मुझे शराब का एक गिलास पकड़ा दिया और मैं उन दोनों के साथ शराब का मज़ा लेने लगा। तब भाभी ने कहा देखो शेखर रेनू की शादी हो गयी है। इसका पति एक कंपनी में बड़े पद पर है और अक्सर बाहर रहता है। ये बिचारी अकेली घर पर रहती है। दूसरी बात इसके पति का लन्ड छोटा है और पतला भी। तेरे लन्ड के आगे इसके पति का लन्ड, लन्ड नहीं लगता बल्कि लन्ड का बच्चा लगता है।
मैं फिर मुस्करा पड़ा। भाभी ने फिर कहा इसीलिए रेनू बिचारी चुदासी ही रह जाती है। इसका मन कभी नहीं भरता। आज मैंने इसे इसकी चूत तुमसे चुदवाने के लिए बुलाया है।आज तुम मेरे आमने इसकी चूत वैसे ही चोदो जैसे तुम मेरी चूत चोदते हो। मैंने मन में कहा - बिन मांगें मोती मिले ,,,,,,,,,,,,,,,? ऐसा कह कर अंजलि भाभी रेनू का हाथ पकड़ कर मेरे लन्ड पर रख दिया। रेनू ने मेरा लन्ड बड़े प्यार से मेरी आँखों में आँखें डाल कर दबा दिया।मैं उसकी मंशा समझ गया। मैंने भी उसकी चूंचियां दबाईं और तब अंजलि भाभी ने रेनू के कपड़े उतार दिया। वह मेरे सामने एकदम नंगी हो गयी। उसका बदन उसकी खूबसूरती अंजलि भाभी से थोड़ा ज्यादा ही थी। मेरा लन्ड भी कुलाचें भरने लगा। भाभी ने रेनू को नंगी करने के बाद मुझे नंगा करने लगी। बस एक मिनट में मैं नंगा हो गया. मेरा लन्ड रेनू खुद पकड़ कर हिलाने लगी। उसने लन्ड का सुपाड़ा कई बार चूमा पेल्हड़ चूमे और लन्ड अपने पूरे चेहरे पर कई घुमाया फिर बोली हाय मेरे राजा मैं ऐसे ही लन्ड के लिए तरस गयी। आज मैं बड़ी लकी हूँ की मुझे इतना मोटा तगड़ा और मस्त लन्ड मिला।
फिर अंजलि भाभी भी नंगी हो गयी और रेनू के साथ मिलकर मेरा लन्ड चाटने लगीं। दो दो बीवियों को एक साथ लन्ड चटवाते हुए मैं मस्ती से भर गया और अपने आपको बड़ा लकी समझने लगा। तब तक रेनू ने लन्ड मुंह में भर लिया। वह अंदर ही अंदर टोपा के चारों ओर अपनी जबान घुमाने लगी. इधर अंजलि भाभी मेरी छोटी छोटी झांटों पर उंगलियां फिराने लगीं। थोड़ी देर में रेनू ने लन्ड अपने मुंह से निकाल कर अंजलि के मुंह में घुसेड़ दिया। अंजलि ने भाभी ने थोड़ी देरतक लन्ड पिया फिर उसे निकाल कर रेनू के मुंह में घुसा दिया। वो दोनों इसी तरह एक दूसरे के मुंह में लन्ड घुसाती रहीं। मैं समझ गया की वे लोग इसी तरह एक दूसरे की चूत में लन्ड पेलेगीं और बारी बारी से चुदवाएगीं ? तब मुझे भी बड़ा मज़ा आएगा।
अंजलि भाभी ने अपनी उंगली रेनू की चूत में घुसेड़ रखी थी। जब उसे मालूम हुआ की उसकी उंगली जलने लगी है क्योंकि रेनू की चूत एकदम भठ्ठी हो गयी थी तब उसने लन्ड रेनू की चूत पर टिका दिया और मुझसे कहा शेखर अब घुसेड़ दो अपना लन्ड इस भोसड़ी वाली रेनू की बुर में। चोद डालो इसकी बुर। फाड़ डालो इसकी चूत। घुसेड़ दो अपना हक्कानी लन्ड। मुझे भी ताव आ गया और मैंने गप्प से घुसा दिया लन्ड। रेनू आह कर बैठी बोली हाय रे कितना मोटा है रे तेरा लन्ड शेखर माँ के लौड़े ? तूने तो मेरी चूत को अपनी जागीर समझ लिया। बिना रुके पेल दिया लन्ड। फिर वह बोली अरे यार अब पेल ही दिया है तो फिर चोदो न भकाभक मेरी चूत। मैं भी धकाधक चोदने लगा और अंजलि भी मेरे चूतड़ों पर हाथ रख दबाने लगीं। वह मेरे पेल्हड़ सहलाने लगी। दूसरे हाथ से रेनू की चूंचियां मसलने लगी। उसने भी अपना मुंह रेनू की चूत के पास कर दिया।
बीच बीच में वह लन्ड चूत से निकाल कर चाटने लगीं। मुझे ऐसे में बड़ा मज़ा आने लगा। दो दो नंगी बीवियां मेरे सामने थी तो फिर मज़ा क्यों न आये ? रेनू की चूत मुझे थोड़ा ज्यादा टाइट लगी। मुझे इसे चोदने में ज्यादा मज़ा आने लगा। थोड़ी देर में रेनू ने लन्ड अंजलि की चूत में पेल दिया और वह चूत के पास अपना मुंह करके बीच बीच में लन्ड चाटने लगी। पेल्हड़ चाटने लगी। इस तरह दोनों बारी बारी से एक दूसरे की चूत में लन्ड पेल पेल कर चुदवाने लगीं। मैं जान गया की ये दोनों पहले भी किसी से इसी तरह चुदवा चुकी हैं। क्योंकि इतनी मस्ती और इतना सहयोग एक दिन में नहीं आ सकता ? तब तक मेरा लन्ड एकदम फूल चुका था। मैं झड़ने वाला था। तभी रेनू में लन्ड का सड़का मारना शुरू किया, रेनू के हाथ से अंजलि ने लन्ड लिया और वह भी सड़का मारने लगी। उसके बाद झड़ता हुआ लन्ड दोनों ने मिलकर खूब कुतिया की तरह चाटा। अगले शनिवार को अंजलि भाभी ने मुझे फिर बुलाया।
इस बार उसने मुझे मिसेज कामिनी बासू से मिलवाया जो एक बंगाली शादी शुदा औरत थी। उसकी उम्र भी २४ साल की ही होगी लेकिन वह बहुत ही खूबसूरत और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली थी। मुझे उसे चोद कर अपार आनंद आया। बस इन तीनो बीवियों के थ्रू मेरा नाम बीवियों के बीच मशहूर हो गया । मुझसे ज्यादा मेरा लन्ड मशहूर हो गया। मेरे पास कई फोनआने लगे। मैं घर घर जाकर बीवियां चोदने लगा। एक दिन किसी ने घंटी बजा दी। मैंने दरवाजा खोला तो देखा की सामने एक सुन्दर सी महिला खड़ी है। वह बोली मुझे शेखर से मिलना है। मैंने उसे अंदर बैठाया और कहा मैं ही शेखर हूँ। तो वह मुझसे लिपट गयी। वह बोली मैं मिसेज पूजा गांगुली हूँ बहुत चुदासी हूँ। उसने अपनी साड़ी खोल कर फेंक दी। अपना ब्लाउज़ और अपनी ब्रा भी उतार कर फेंक दी। अपनी नंगी नागी चूंचियां मेरे बदन से चिपका कर बोली हाय मेरे राजा मुझे चोदो। मैंने तेरा नाम बहुत सुना है। तेरे लन्ड का नाम सुना है. जबसे सुना है तबसे मेरी चूत में आग लगी है। मैं भी उसकी बातों से उत्तेजित हो गया। मैं उसे बेड रूम ले गया तो उसने पागलों की तरह मेरे कपड़े नोच कर फेंक दिया और मेरा लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। शायद उसे बहुत दिनों से कोई लन्ड नहीं मिला था।
उसके बाद मैं हर दिन किसी न किसी की बीवी चोदता और खूब मजे लूटता।
मेरा नाम है शेखर दोस्तों। मैं २६ साल का एक तगड़ा तंदुरुस्त हैंडसम और स्मार्ट आदमी हूँ। मैं एक पब्लिक ऑफिस में एक अच्छे पद पर काम करता हूँ। मेरे ऑफिस में कई तरह के लोग आतें हैं। लड़के भी आते हैं और लड़कियां भी। आदमी भी आतें हैं और औरतें भी। बुज़ुर्ग आदमी और बुज़ुर्ग महिलायें भी आतीं हैं। मैं यथा संभव सबकी सेवा करता हूँ और किसी को भी अपने ऑफिस ने निराश होकर नहीं जाने देता। यही मेरी खूबी है जिसकी प्रशंसा हर व्यक्ति करता है। मैंने देखा की लड़कियां कुछ ज्यादा ही मेरे काम से प्रभावित हैं। वो अक्सर मेरे केबिन में आ जातीं हैं। जो काम बाहर छोटे अधिकारियों से कराया जा सकता है उसके लिए भी मेरे पास आतीं हैं। लेकिन मैं बुरा नहीं मानता और उनका भी काम हंस कर कर देता है और करवा देता हूँ। मैंने कुछ दिन बाद अनुभव किया की एक शुदा शुदा औरत मेरे पास अक्सर चली आती है। उसका नाम था मिसेज अंजलि। उसकी कोई खास उम्र नहीं थी। वह शायद २४ साल की थी। एक दिन बातों बातों में वह अपनी उम्र बता चुकी थी मुझे। वह भी किसी बड़े ऑफिस में बड़े पद पर काम करती थी क्योंकि उसे सरकार में गाड़ी ड्राइवर और मकान दे रखा था।
उसने एक दिन मुझे अपने घर बुलाया। सच बात यह है की मैं मन ही मन अंजलि को चाहने लगा हूँ। मेरा दिल उस पर आ गया है। वह बहुत खूबसूरत, पढ़ी लिखी, समझदार औरत है। उसका बदन बहुत ही सेक्सी और हॉट है। मैं जब भी उससे बातें करता हूँ तो मन करता की मैं उसे अपनी छाती से चिपका लूँ। उस दिन जब उसने मुझे अपने घर बुलाया तो मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा। मैं तैयार होकर शाम को ८ बजे उसके घर पहुँच गया। मैंने खुद गाड़ी ड्राइव की ड्राइवर को नहीं बुलाया। मैंने बेल बजायी तो उसने खुद दरवाजा खोला और मुझे अंदर कमरे में बैठा लिया। वह एक गाउन पहने थी जिससे उसकी चूँचियों का उभार मालूम हो रहा था। उसकी चूंचियां निःसंदेह बड़ी बड़ी थी। वही देख कर मेरे लन्ड में हरकत होने लगी। सबसे पहले उसने झुक कर पानी का गिलास टेबल पर रखा। उसके झुकते ही उसकी मस्त चूंचियां बड़ी दूर ताकल दिखाई पड़ी तो मेरा लन्ड साला और करवटें बदलने लगा। फिर वह मेरे सामने बैठ गयी। उसने पूंछा शेखर तुम व्हिस्की वगैरह लेते हो। मैंने कहा हां जरूर लेता हूँ कभी कभी। बस वह अंदर गयी और एक बोतल शराब की उठा लायी साथ में दो गिलास। उसने मुझे शराब पका दी और खुद भी एक गिलास ले लिया। हम दोनों ने चियर्स कहा और शराब पीने लगे। शराब पीते पीते बातें भी मस्ती की होने लगीं। मुझे उस समय बड़ा अच्छा लग रहा था।
अंजलि बोली - शेखर तुमने शादी की है की नहीं ? \
मैंने कहा :- नहीं मैडम ,,,,,,,,,,,,,,,,?
मैं आगे कुछ बोल पाता उसके पहले ही अंजलि ने कहा :- मैडम की माँ की चूत ? मैडम की बहन का लन्ड ? मुझे मैडम मत कहो। मैं शादी शुदा हूँ इसलिए तेरी भाभी हूँ। मुझे या तो भाभी कहो या फिर अंजलि कहो। मुझे भोसड़ी की अंजलि कहो, मुझे बुर चोदी अंजलि कहो तो मुझे ख़ुशी होगी। मैं ऑफिस में ही सिर्फ मैडम हूँ बाकि जगह नहीं। तुम मेरे दोस्त हो और मैं अपने दोस्तों से गालियों से ही बात करती हूँ। अब मैं तुमसे गालियों से बात किया करूंगी। तुम्हे बुरा मानने की जरुरत नहीं है ? हां, अब बताओ क्या तुमने शादी की है ?
नहीं अभी तक मैंने शादी नहीं की है।
चलो ठीक कोई बात नहीं। अब ये बताओ की तुम्हारे शौक क्या क्या हैं ?
मेरा कोई खास शौक नहीं है। हां मैं मस्ती खूब करता हूँ। घूमता फिरता हूँ. फिल्म देखता हूँ, गप्पे लड़ाता हूँ और कभी कभी किसी के साथ शहर के बाहर जाकर मज़ा करता हूँ। पर आपके कौन कौन से शौक है अंजलि जी ?
मेरे भी कई शौक है पर एक बहुत बड़ा और मेरा प्रिय शौक है ?
तो फिर बताओ न प्लीज कौन सा प्रिय शौक है ? अगर मैं वह शौक पूरा कर सकता हूँ तो जरूर करूंगा।
तब तक हम लोग दो दो पग शराब ख़तम कर चुके थे। नशा भी गहराने लगा था। वह बोली अच्छा ऐसी बात है तो वादा करो की तुम मेरा शौक पूरा करोगे ?
हां हां वादा करता हूँ। अगर मैं शौक पूरा करने के काबिल हूँ तो जरूर पूरा करूंगा। अब बताओ आपका क्या शौक है ?
शराब पीने के साथ लन्ड पीना मेरा शौक है ? अब बताओ की मेरा शौक पूरा करोगे ? मैं थोड़ी देर चुप रहा। तो वह बोली अच्छा फट गयी न तेरी गांड ? अगर तेरे लन्ड में दम नहीं है शेखर तो घबड़ाने की जरुरत नहीं है। मैं किसी और को बुला लूंगी क्योंकि मैं बिना लन्ड पिए रह नहीं सकती ? नहीं नहीं अंजलि ये बात नहीं है। वास्तव में मैं आपके इस शौक के बारे में कभी सोंच ही नहीं सकता था।
अच्छा ये बात है ? तो तुम्हे सेक्स के बारे में बहुत कुछ सीखना है अभी, शेखर। तुम अभी बहुत कच्चे हो। देखो सेक्स में लड़कियां लड़कों से कहीं ज्यादा आगे होतीं हैं। लड़कों को एक बार चूत न मिले तो चलेगा पर लड़कियों को अगर लन्ड न मिले तो बिलकुल नहीं चलेगा ? वह परेशान हो जातीं है और बिना लन्ड के रह नहीं सकतीं ? यानी लड़की का काम बिना लन्ड के नहीं चलेगा। इसलिए मुझे अभी लन्ड चाहिए। चाहे मैं तेरा लन्ड लूँ चाहे किस और का लन्ड ?
अंजलि की बातें सुनकर मेरे लन्ड की आग और भड़क गयी। मैं तो बड़ी देर से सोंच रहा था की कैसे इसके मुंह में अपना लन्ड घुसा दूं ? अब तो वह खुद मेरा लन्ड अपने मुंह में लेने के लिए तैयार है। अब क्या बात तो अपने आप ही बन गयी। मैंने कहा है अंजलि भाभी मैं तैयार हूँ। इतने में भाभी ने अपनी बाहें मेरे गले में डाल दीं और मेरे गाल चुम लिए। वह बोली शेखर I love you . मैंने भी मस्ती में कहा I love you too . मैंने भी उसके गाल चूम लिए। फिर मेरा हाथ उसकी चूँचियों पर चला गया और उसका हाथ मेरे लन्ड पर। मुझे एहसास हुआ की उसकी चूंचियां बहुत बड़ी बड़ी हैं। मैंने गाउन का फीता खोल दिया तो बूब्स तन कर मेरे सामने आ गए. उसकी मोटी मोटी जाँघे देख कर मेरी मस्ती का ठिकाना न रहा। उसकी चूत अभी भी उसकी छोटी सी पैंटी में छुपी हुई थी। तब तक उसने मेरी पैंट खोल दी। मेरी कमीज मेरी बनियाइन सब उतार दी। मैं एक चड्ढी में आ गया। मेरा लन्ड बाहर निकलने के लिए बेताब था और बेताब उसकी चूत भी थी।
इतने में वह नीच बैठ गयी और मेरी चड्ढी के दोनों तरफ ऊँगली डाल कर उसे नीचे घसीट दिया। बस तभी मेरा खड़ा लन्ड उसके गाल पर लगा जैसे किसी ने उसे थप्पड़ मार दिया हो। वह लन्ड देख कर मुस्करा पड़ी। फिर लन्ड को मुठ्ठी में लिया और सहलाने लगी. लन्ड और बड़ा हो गया और मोटा भी। वह बोली हाय शेखर तेरा लौड़ा तो बिलकुल मेरे मन का है यार। मुझे ऐसा ही लौड़ा पसंद है। मैंने उसे हाथ पकड़ कर उठाया और उसकी पैंटी खोल दी। उसकी नंगी चूत मेरी आँखों के सामने आ गयी। उसकी चूत की छोटी छोटी झांटें मेरा मन मोह रहीं थीं। मुझे चूत के ऊपर के हिस्से में छोटी छोटी झांटें बहुत अच्छी लगती हैं। मैं चूत सहलाने लगा और उसकी मस्त जाँघों पर हाथ फिराने लगा। नंगी वो नंगा मैं। हम दोनों एक दूसरे से चिपक गये। उसकी चूंचियां मेरी छाती से चिपक गयी और मेरा लन्ड उसके बदन से टकराने लगा। उसके चूतड़ भी बड़े बड़े थे और गांड बड़ी सेक्सी थी।
फिर अंजलि भाभी ने उठाया गिलास, उसमे लन्ड डुबोया और उसे चाटने लगी। बार बार यही करने लगी. मुझे भी मज़ा आने लगा। मेरे लन्ड के साथ कोई पहली बार ऐसा कर रही थी। यानी शराब के साथ लन्ड पी रही थी और लन्ड के साथ शराब। उसकी यह अदा मुझे बहुत भा गयी। गिलास में शराब नीट थी। वह बोली शेखर मुझे शराब नीट ही अच्छी लगती है और वह भी लन्ड के साथ। फिर हम दोनों 69 बन गये। मैं भी उसकी चूत पर शराब डाल कर चाटने लगा। बुर चटवाने में हर लड़की को बड़ा मज़ा आता है। लेकिन अगर कोई उस पर शराब उड़ेल कर बुर चाटे तो और मज़ा आता है। यही मज़ा अंजलि भाभी ले रही थी। शराब और लन्ड। शराब और चूत का खेल बड़ी देर तक चलता रहा। मैंने फिर शराब उसकी चूँचियों पर भी डाल कर चाटा। भाभी बोली शेखर तुम तो भोसड़ी के मुझे बड़े मंजे हुए खिलाड़ी लग रहे हो ? मैंने कहा नहीं मंजी हुई तो आप है भाभी । आप ने ही यह कला मेरे अंदर जगाई है। मुझे वाकई बड़ा अच्छा लग रहा है। इतनी मस्त जवान चूत और जवान चूंचियां आज मैं पहली बार देख रहा हूँ।
बस फिर उसने आधे से अधिक लन्ड मुंह में घुसेड़ लिया और चूसने लगी। इधर मैं भी अपनी जबान उसकी चूत में घुसा कर चाटने लगा। थोड़ी देर बाद वह खुद ही घूम गयी और अब चुदाने में मूड में आ गयी। मैं भी अब और रुक नहीं सकता था। मैंने उसे पलंग पर किनारे खींच लिया और उसकी गांड के नीचे दो तकिया लगा दी। उसकी चूत ऊपर उठ आयी और मैं पलंग के नीचे खड़ा हो गया। लन्ड सीधे उसकी चूत के सामने आ गया। मैंने एक धक्का मारा तो लन्ड सटाक से अंदर घुस गया। उसकी मुंह से चीख निकल पड़ी उई माँ पूरा घुसा दिया लन्ड तूने। फाड़ डाला मेरी चूत ? तेरा साला लन्ड बड़ा मोटा है बहन चोद ? तुमने तो पहली ही बार में मेरी चूत का बाजा बजा दिया। हाय शेखर तेरा लन्ड मुझे भा गया। यार देखो न कैसे चिपक कर घुस रहा है मेरी चूत में। मुझे भी मज़ा आया। लन्ड जब सरसराता हुआ उसकी चूत में घुसा तो मुझे लगा की हां आज मैं किसी की बीवी चोदने का सुख ले रहा हूँ। मैं स्पीड बढ़ाता गया और बड़ी बेरहमी से चोदता गया। मैं पूरा लन्ड अंदर घुसेड़ता और फिर पूरा उसे बाहर निकाल लेता।
उसकी दोनों टाँगे मेरे कंधे पर थीं। उसकी दोनों मस्त चूंचियां मेरी आँखों के सामने नाच रहीं थीं जिन्हें देखने में मुझे बड़ा आनंद आ रहा था। मैं कभी उसकी टांगें पकड़ लेता और कभी उसकी गांड के नीचे हाथ लगा कर चोदने लगता। आज मुझे मालूम हो रहा था की किसी जवान बीवी की बुर चोदने में कितना मज़ा आता है ? मैंने मन में ठान लिया की अब मैं इसे अक्सर चोदा करूँगा। वह बोल रही थी हाय शेखर तेरे लन्ड की माँ की चूत। साला कितना हरामी है तेरा लौड़ा ? हाय दईया मुझे इस तरह पहले कभी किसी ने नहीं चोदा। और चोदो मुझे खूब कस कस के चोदो। अपने पेल्हड़ भी घुसेड़ दो मादर चोद ? मैं तेरी बीवी हूँ शेखर मुझे खूब चोदो। रंडी की तरह चोद डालो मेरी बुर। ये बुर साली मुझे बड़ा परेशान करती है। मेरी चूत की माँ चोद दो। आज इसे मालूम हो रहा है की लन्ड क्या चीज़ है। आज मेरी चूत को वास्तव में कोई मरदाना लन्ड मिला है। ये चूत ससुरी फट जाय तो अच्छा है। रोज़ रोज़ चिल्लाती थी लन्ड, लन्ड, लन्ड आज मिल गया लन्ड तो इसकी माँ चुदने लगी। वह अपनी चूत को ऊट पटांग बके जा रही थी।
मैं समझ गया की अंजलि को चुदाने में मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली यार शेखर मैं तेरी कुतिया हूँ मुझे पीछे से चोदो। मैं भी उसकी बात मानते हुए उसे पीछे से चोदने लगा। पीछे से चोदने का अपना एक अलग चार्म है। उसकी नीचे से हिलती हुई चूंचियां भी बड़ी मस्त लग रही थी। जिन्हें मैं शीशे में देख रहा था। मैं मन में कह रहा था की अंजलि वाकई रंडी है बहन चोद ? ये केवल मुझसे ही नहीं बल्कि और भी लोगों से चुदवाती होगी ? इसे एक लन्ड से मन नहीं भरता होगा। ये तो भोसड़ी की कई लन्ड खाने वाली बीवी हैं। ये तो शराब भी खूब पीती है और चुदवाती भी खूब है। उसके बाद वह मुझे नीचे चित लिटा कर मेरे लन्ड पर बैठ गयी। लन्ड पूरा घुस गया। वह थोड़ा झुकी और अपनी गांड उठा उठा के मेरे लन्ड पर पटकने लगी। वह बोली हाय शेखर अब मैं तेरा लन्ड चोदूंगी। जैसे मैं उसकी बुर चोद रहा था अब वैसे ही वह मेरा लन्ड चोदने लगी।
मुझे मालूम हो गया की अंजलि की चूत ढीली हो गई है. मैं भी बोला भाभी मैं अब निकलने वाला हूँ। बस अंजलि घूम गयी और मेरे लन्ड से उतर कर लन्ड का मुठ्ठ मारने लगी। उसका मुंह खुला हुआ था और मेरे लन्ड ने पिचकारी सीधे उसके मुंह में मार दी। वह एक मस्त चुदक्कड़ लड़की की तरह मेरा झड़ता हुआ लन्ड अपनी जबान निकाल कर चाटने लगी। उसके बाद हम दोनों बाथ रूम गये। वहां से आकर सोफा पर बैठे और फिर नंगे नंगे ही खाना खाया और नंगे नंगे ही बिस्तर पर सो गए। ३/४ घंटे सोने के बाद वह उठी और मेरा लन्ड फिर पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने उसे दुबारा चोदा। इस बार मुझे चोदने में और ज्यादा मज़ा आया। उसकी चूंचियां भी इस बार चोदीं। उसकी बड़ी बड़ी चूँचियों के बीच मेरे लन्ड ने बड़ा मज़ा किया।
दो दिन बाद अंजलि भाभी ने मुझे फोन करके फिर बुलाया। मैं जब घर पहुंचा तो देखा की भाभी के साथ एक मस्त शादी शुदाऔरत बैठी है। मैंने मन में कहा अगर मुझे इसकी बुर मिल जाये तो मज़ा आ जाये ? तब तक भाभी बोली शेखर लो इससे मिलो ये है मिसेज रेनू अरोड़ा, ये भी बुर चोदी मेरी पक्की दोस्त है । तुम इसे भी भाभी कह सकते हो, बुर चोदी, भोसड़ी वाली, मादर चोद रेनू कह सकते हो। हम दोनों एक साथ लन्ड हिलाने वाली दोस्त हैं। मैं तो इसी बात पर हंस पड़ा। फिर भाभी ने मुझे शराब का एक गिलास पकड़ा दिया और मैं उन दोनों के साथ शराब का मज़ा लेने लगा। तब भाभी ने कहा देखो शेखर रेनू की शादी हो गयी है। इसका पति एक कंपनी में बड़े पद पर है और अक्सर बाहर रहता है। ये बिचारी अकेली घर पर रहती है। दूसरी बात इसके पति का लन्ड छोटा है और पतला भी। तेरे लन्ड के आगे इसके पति का लन्ड, लन्ड नहीं लगता बल्कि लन्ड का बच्चा लगता है।
मैं फिर मुस्करा पड़ा। भाभी ने फिर कहा इसीलिए रेनू बिचारी चुदासी ही रह जाती है। इसका मन कभी नहीं भरता। आज मैंने इसे इसकी चूत तुमसे चुदवाने के लिए बुलाया है।आज तुम मेरे आमने इसकी चूत वैसे ही चोदो जैसे तुम मेरी चूत चोदते हो। मैंने मन में कहा - बिन मांगें मोती मिले ,,,,,,,,,,,,,,,? ऐसा कह कर अंजलि भाभी रेनू का हाथ पकड़ कर मेरे लन्ड पर रख दिया। रेनू ने मेरा लन्ड बड़े प्यार से मेरी आँखों में आँखें डाल कर दबा दिया।मैं उसकी मंशा समझ गया। मैंने भी उसकी चूंचियां दबाईं और तब अंजलि भाभी ने रेनू के कपड़े उतार दिया। वह मेरे सामने एकदम नंगी हो गयी। उसका बदन उसकी खूबसूरती अंजलि भाभी से थोड़ा ज्यादा ही थी। मेरा लन्ड भी कुलाचें भरने लगा। भाभी ने रेनू को नंगी करने के बाद मुझे नंगा करने लगी। बस एक मिनट में मैं नंगा हो गया. मेरा लन्ड रेनू खुद पकड़ कर हिलाने लगी। उसने लन्ड का सुपाड़ा कई बार चूमा पेल्हड़ चूमे और लन्ड अपने पूरे चेहरे पर कई घुमाया फिर बोली हाय मेरे राजा मैं ऐसे ही लन्ड के लिए तरस गयी। आज मैं बड़ी लकी हूँ की मुझे इतना मोटा तगड़ा और मस्त लन्ड मिला।
फिर अंजलि भाभी भी नंगी हो गयी और रेनू के साथ मिलकर मेरा लन्ड चाटने लगीं। दो दो बीवियों को एक साथ लन्ड चटवाते हुए मैं मस्ती से भर गया और अपने आपको बड़ा लकी समझने लगा। तब तक रेनू ने लन्ड मुंह में भर लिया। वह अंदर ही अंदर टोपा के चारों ओर अपनी जबान घुमाने लगी. इधर अंजलि भाभी मेरी छोटी छोटी झांटों पर उंगलियां फिराने लगीं। थोड़ी देर में रेनू ने लन्ड अपने मुंह से निकाल कर अंजलि के मुंह में घुसेड़ दिया। अंजलि ने भाभी ने थोड़ी देरतक लन्ड पिया फिर उसे निकाल कर रेनू के मुंह में घुसा दिया। वो दोनों इसी तरह एक दूसरे के मुंह में लन्ड घुसाती रहीं। मैं समझ गया की वे लोग इसी तरह एक दूसरे की चूत में लन्ड पेलेगीं और बारी बारी से चुदवाएगीं ? तब मुझे भी बड़ा मज़ा आएगा।
अंजलि भाभी ने अपनी उंगली रेनू की चूत में घुसेड़ रखी थी। जब उसे मालूम हुआ की उसकी उंगली जलने लगी है क्योंकि रेनू की चूत एकदम भठ्ठी हो गयी थी तब उसने लन्ड रेनू की चूत पर टिका दिया और मुझसे कहा शेखर अब घुसेड़ दो अपना लन्ड इस भोसड़ी वाली रेनू की बुर में। चोद डालो इसकी बुर। फाड़ डालो इसकी चूत। घुसेड़ दो अपना हक्कानी लन्ड। मुझे भी ताव आ गया और मैंने गप्प से घुसा दिया लन्ड। रेनू आह कर बैठी बोली हाय रे कितना मोटा है रे तेरा लन्ड शेखर माँ के लौड़े ? तूने तो मेरी चूत को अपनी जागीर समझ लिया। बिना रुके पेल दिया लन्ड। फिर वह बोली अरे यार अब पेल ही दिया है तो फिर चोदो न भकाभक मेरी चूत। मैं भी धकाधक चोदने लगा और अंजलि भी मेरे चूतड़ों पर हाथ रख दबाने लगीं। वह मेरे पेल्हड़ सहलाने लगी। दूसरे हाथ से रेनू की चूंचियां मसलने लगी। उसने भी अपना मुंह रेनू की चूत के पास कर दिया।
बीच बीच में वह लन्ड चूत से निकाल कर चाटने लगीं। मुझे ऐसे में बड़ा मज़ा आने लगा। दो दो नंगी बीवियां मेरे सामने थी तो फिर मज़ा क्यों न आये ? रेनू की चूत मुझे थोड़ा ज्यादा टाइट लगी। मुझे इसे चोदने में ज्यादा मज़ा आने लगा। थोड़ी देर में रेनू ने लन्ड अंजलि की चूत में पेल दिया और वह चूत के पास अपना मुंह करके बीच बीच में लन्ड चाटने लगी। पेल्हड़ चाटने लगी। इस तरह दोनों बारी बारी से एक दूसरे की चूत में लन्ड पेल पेल कर चुदवाने लगीं। मैं जान गया की ये दोनों पहले भी किसी से इसी तरह चुदवा चुकी हैं। क्योंकि इतनी मस्ती और इतना सहयोग एक दिन में नहीं आ सकता ? तब तक मेरा लन्ड एकदम फूल चुका था। मैं झड़ने वाला था। तभी रेनू में लन्ड का सड़का मारना शुरू किया, रेनू के हाथ से अंजलि ने लन्ड लिया और वह भी सड़का मारने लगी। उसके बाद झड़ता हुआ लन्ड दोनों ने मिलकर खूब कुतिया की तरह चाटा। अगले शनिवार को अंजलि भाभी ने मुझे फिर बुलाया।
इस बार उसने मुझे मिसेज कामिनी बासू से मिलवाया जो एक बंगाली शादी शुदा औरत थी। उसकी उम्र भी २४ साल की ही होगी लेकिन वह बहुत ही खूबसूरत और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली थी। मुझे उसे चोद कर अपार आनंद आया। बस इन तीनो बीवियों के थ्रू मेरा नाम बीवियों के बीच मशहूर हो गया । मुझसे ज्यादा मेरा लन्ड मशहूर हो गया। मेरे पास कई फोनआने लगे। मैं घर घर जाकर बीवियां चोदने लगा। एक दिन किसी ने घंटी बजा दी। मैंने दरवाजा खोला तो देखा की सामने एक सुन्दर सी महिला खड़ी है। वह बोली मुझे शेखर से मिलना है। मैंने उसे अंदर बैठाया और कहा मैं ही शेखर हूँ। तो वह मुझसे लिपट गयी। वह बोली मैं मिसेज पूजा गांगुली हूँ बहुत चुदासी हूँ। उसने अपनी साड़ी खोल कर फेंक दी। अपना ब्लाउज़ और अपनी ब्रा भी उतार कर फेंक दी। अपनी नंगी नागी चूंचियां मेरे बदन से चिपका कर बोली हाय मेरे राजा मुझे चोदो। मैंने तेरा नाम बहुत सुना है। तेरे लन्ड का नाम सुना है. जबसे सुना है तबसे मेरी चूत में आग लगी है। मैं भी उसकी बातों से उत्तेजित हो गया। मैं उसे बेड रूम ले गया तो उसने पागलों की तरह मेरे कपड़े नोच कर फेंक दिया और मेरा लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। शायद उसे बहुत दिनों से कोई लन्ड नहीं मिला था।
उसके बाद मैं हर दिन किसी न किसी की बीवी चोदता और खूब मजे लूटता।
Click on Search Button to search more posts.
