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पराये मर्दों के लन्ड चूस रही हूँ - आओ तुम भी चोदो - Meri chudai karo aur maje free me luto
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मैं तो बिंदास हूँ, दिलो जान लुटा देती हूँ,
मन का मिल जाये तो, लौड़ा घुसेड़ लेती हूँ...
मेरे प्यारे दोस्तों, आपको इस कहानी का शीर्षक पढ़ने में बड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन मसालेदार भी लग रहा होगा। जी हाँ आजकल की बीवियां बड़ी मसालेदार होती भी हैं। कल की बेटी आज की बहू बन जाती है। बेटियां शादी के बाद तुरंत बीवियां बन जातीं हैं और आजकल की लड़कियां बाप रे बाप कितनी तेज, कितनी पढ़ी लिखी, कितनी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली और कितनी बोल्ड होतीं हैं। उन्हें छूना तो दूर रहा, आप निगाहों से ठीक तरह से देख भी नहीं सकते। अगर ऐसी वैसी निगाहों से देख लिया तो फिर आपकी ख़ैर नहीं। वहीँ सबके सामने चोदने लगेगीं आपकी माँ बहन और कर देंगीं आपकी इज़्ज़त का बंटाधार ? हां अगर आपने थोड़ा टैक्टफुल्ली हैंडल किया तो फिर वह आपकी मुरीद भी बन जाएगी। आपकी दोस्त बन जाएगी और दोस्ती में सब चलता है। फिर चाहे उन्हें छुओ, चाहे उसके बदन पर हाथ रखो, चाहे उसकी चुम्मी ले लो, चाहे उनसे चिपक जाओ सब चलेगा। कहीं कोई ऐतराज़ नहीं ? ये लड़कियां दारू पीने से सिगरेट पीने तक कोई शर्म नहीं करती और फिर आगे चल कर लन्ड पीने से भी कोई परहेज नहीं करती। जितनी रफ़्तार से शराब और सिगरेट पीती हैं उतनी ही रफ़्तार से लन्ड भी पीने लगतीं हैं। बात भी सही है, जवानी में लन्ड नहीं पियेगीं तो क्या पियेंगीं ? इनका मन एक लन्ड से नहीं भरता। ये एक के बाद दूसरा लन्ड, दूसरे के बाद तीसरा लन्ड, तीसरे के बाद चौथा लन्ड पीने लगतीं हैं। हर एक लन्ड पहले इनके मुंह में जाता है और फिर चूत में ? मैं भी इन्ही लड़कियों में से एक हूँ। खूब शराब पीती हूँ, खूब लन्ड पीती हैं और खूब चुदवाती हूँ.
मेरा नाम रितिका है. मैं २५ साल बहुत सुन्दर, सेक्सी और हॉट लड़की हूँ। मेरी शादी अभी पिछले साल ही हुई है। मैं १५/१६ साल की उम्र से लन्ड पकड़ रही हूँ। सबसे पहले मैंने अपनी बुआ के लड़के का लन्ड पकड़ा था। मुझे बड़ा मज़ा आया था। हुआ यह था की मैं एक दिन सवेरे सवेरे उसके बिस्तर पर घुस गयी थी। मुझे पड़ोस की सीमा भाभी ने बताया था की सवेरे सवेरे लड़कों के लन्ड बहुत टन टनाते हैं। इसलिए अगर तुम सवेरे सवेरे किसी लड़के का लन्ड पकड़ोगी तो वह तुम्हारा गुलाम हो जायेगा। मैंने यह बात अपने मन में रख ली और एक दिन मुझे मौक़ा मिल ही गया जब मैंने अपनी बुआ के लड़के का लन्ड पकड़ा। लन्ड साला वाकई टन टनाया हुआ था। मेरे लन्ड पकड़ते ही उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैंने कमरे की सिटकिनी बंद कर दी थी। इसलिए वहां किसी के आने की आने की गुन्जाईस नहीं थी। फिर उसने भी चादर फेंकी दी, मेरे कपड़ों में हाथ घुसेड़ दिया और मेरी चूंचियां दबाने लगा।
मुझे मज़ा आया तो मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया। उसका लन्ड चाटने लगी। लन्ड साला बड़ा लंबा और मोटा था। मेरी मस्ती बढ़ी तो मैंने लन्ड आधे से अधिक मुंह में घुसेड़ लिया। मैंने एक ब्लू फिल्म में एक लड़की को लन्ड चूसते हुए देखा था. बस मैं उसी तरह लन्ड चूसने लगी। उसे भी मज़ा आया। उसने कहा यार रितिका मैं तेरे मुंह में झड़ जाऊंगा। तब मैंने लन्ड मुंह से निकाल लिया। फिर उसने मुझे लन्ड का सड़का लगाया सिखाया। बस मैं उसी तरह लन्ड का सड़का मारने लगी. मुझे लन्ड देखने में और सड़का मारने में खूब मज़ा आने लगा। वह बोला देखो रितिका अभी लन्ड से सफ़ेद सफ़ेद कुछ निकलेगा तुम उसे चाट लेना। पहले थोड़ा ख़राब लगेगा लेकिन फिर अच्छा लगाने लगेगा। मैंने वही किया और उसका झड़ता हुआ लन्ड पी गयी। उसके लन्ड का टोपा चाट चाट कर लाल कर दिया। उसके बाद मैं हर रोज़ सवेरे सवेरे ४/५ बजे उसे बिस्तर पर घुस कर उसका लन्ड पीने लगी। कुछ दिन के बाद मैं चुदवाने भी लगी।
फिर मैंने एक दिन अपने मामा के लड़के को फांस लिया और उसका भी लन्ड पीने लगी। बाद में चुदवाने लगी। जब मैं कॉलेज पहुंची तो लड़कों को सिनेमा हाल में ले जाकर उनके लन्ड हिलाने लगी। मुझे सिनेमा देखने से कोई लेना देना नहीं था। मुझे तो बस लन्ड पकड़ना था। इस तरह मैंने ५/६ लड़कों के लन्ड पकड़ने का सिलसिला बना लिया। मैं उन्ही के पैसों पर ऐय्यासी करने लगी। वो सब मुझे खूब खिलाते पिलाते, खूब घुमाते फिराते और मेरे पर खूब पैसा खर्च करते और मैं मस्ती से लन्ड पकड़ पकड़ कर मज़ा लेती रहती । मेरी ऐय्यासी के दिन वहीँ से शुरू हो गए थे। आगे चल कर मैं दो दो लड़कों के लन्ड एक साथ पकड़ने लगी। दो दो लड़कों से एक साथ भकाभक चुदवाने लगी। मुझे कई लड़को से एक साथ चुदवाने का चस्का वहीँ से लग गया।
मैं यह सारी बातें अपनी दो दोस्त मैसेज नीलोफर और समीना बेगम को सुना रही थी। हम तीनो बीवियां इस समय व्हिकसी पर बैठी हुई शराब पी रही हैं और लन्ड, बुर, चूत, गांड, भोसड़ा और चोदा चोदी की बातें कर रहीं हैं। हमारे एक हाथ में शराब का गिलास है तो दूसरे हाथ में सिगरेट। हम तीनो घनघोर मस्ती के मूड में हैं ।
समीना ने सिगरेट का एक लंबा कस लिया और धुंआ निकालती हुई बोली - यार सच बात यह की जवानी का मज़ा तब आता है जब मियां अपना हो और लन्ड पराया हो। कोई माने या न माने लेकिन मैं चाहती हूँ की मेरे पास धन दौलत शान शौकत सब मेरे शौहर की हो लेकिन लन्ड हमेशा पराये मरद का हो। जेब में मियां का पैसा और चूत में पराये मर्द का लन्ड ? यही है मेरी असली पहचान ? मुझे लन्ड का चस्का १६ साल की उम्र में लग चुका था। मैंने जब पहला लन्ड पकड़ा था तो तुरंत मैं भी पकड़ गयी थी। मेरी अम्मी ने मुझे लन्ड हिलाते हुए देख लिया था। वह मेरे पास आयीं मेरे हाथ से लन्ड छीना और उसे पकड़ कर बताया देखो बेटी समीना लन्ड ऐसे नहीं ऐसे पकड़ा जाता है। इस तरह पकड़ोगी तो तुम्हे भी मज़ा आएगा और लन्ड वाले को भी। पहले लन्ड पकड़ना, लन्ड चाटना और लन्ड चूसना सीखो फिर आगे मैं तुम्हे लन्ड पीना, लन्ड चूत में पेलना और फिर अपनी माँ चुदाना भी सिखा दूँगी तुम्हे। हां सबसे पहले गाली देना सीखो। गाली देने से तुम्हारी हिम्मत बढ़ेगी और सबकी माँ बहन चोदने से तुम बोल्ड भी हो जाओगी।
उसके बाद तो मैं दनादन्न गाली देने लगी। मेरी उम्र बढ़ने लगी, मेरी चूंचियां और मेरी गांड बढ़ने लगी और मेरी हिम्मत बढ़ने लगी। एक दिन मैं अपने खालू का लन्ड अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रही थी। तभी अम्मी कमरे में आ गयीं वह बोली हाय अल्ला, तू भोसड़ी की समीना अब चुदवाने भी लगी है। फिर वह खुद ही आगे बोली चलो कोई बात नहीं अब तो तू १८ + की हो गयी है। जवान हो गयी है अब तू चाहे जिससे चुदवा, मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है। ऐसा कह कर वह लन्ड मेरी चूत से निकाल कर चाटने लगी। उसने फिर मस्ती से कहा समीना तो फिर अब तू अपनी माँ भी चुदवा ले ? मैं भी बुरी तरह अम्मी से खुल चुकी थी। मैंने कहा हां बिलकुल चुदवाऊँगी। वो मेरा पहला दिन था जब मैंने अपनी माँ चुदवाई। उसके बाद मैंने कभी मुड़ कर नहीं देखा। अब तो मुझे २/३ लन्ड से चुदवाने की आदत पड़ गयी है। अब तो मैं बिना पराये मरद के लन्ड के एक दिन भी नहीं गुज़ार सकती। मुझे नये नए लन्ड से चुदाने का चस्का लग गया है।
मिसेज नीलोफर बोली - मैं भी अपनी कहानी सुनाती हूँ। एक दिन की बात है मैं दिन भर बहुत परेशान रही। कभी इधर कभी उधर भागती दौड़ती रही। मार लत फत हो गयी थी मैं । शाम को देर से घर पहुंची तो मॉम ने फ़ौरन सवाल जड़ दिया - कहाँ थी तू इतनी देर से ? क्या कर रही थी तू इतनी देर से ? मैंने झल्लाकर जबाब दिया :- माँ चुदा रही थी अपनी इतनी देर से ? वह फिर बोली - तुझे मालूम है की तू क्या कह रही है ? आज कोई ख़ास बात थी क्या जो तू माँ चुदा रही थी अपनी ? मैंने कहा - नहीं, मगर मैं तो रोज़ ही चुदवाती हूँ अपनी माँ ? आजकल कोई भी भोसड़ी का बिना माँ चोदे काम ही नहीं करता ? दिन भर साले माँ चोदेगें मेरी फिर शाम को थोड़ा काम करेगें। आज माँ चुदाने में थोड़ी देर हो गयी। वह बोली - ऐसा कौन सा जरुरी काम था तेरा जो तू माँ चुदाने लगी ? मैंने फिर झल्लाकर कहा - मॉम, अब क्या तुम भी चोदोगी मेरी माँ ? रहने दो मत पूंछो कुछ भी मुझसे। मेरा पास कोई एक काम तो बताऊँ। यहाँ तो सैकड़ों काम है बहन चोद।
मैं २३ साल की मोस्ट ब्यूटीफुल, सेक्सी और हॉट क्रिश्चियन लड़की थी । मेरी मॉम भी ४५ साल की बेहद सुन्दर लेडी हैं और बड़े खुले स्वाभाव की हैं। हम दोनों माँ बेटी जरूर हैं पर हमारे बीच दोस्ती का रिस्ता है। हम दोनों साथ बैठ कर शराब पीती हैं और गन्दी गन्दी बातें करती हैं। साथ साथ ब्लू फिल्म देखतीं हैं। और आपस में गाली गलौज भी करती हैं। यह सब सिलसिला तब से शुरू हुआ जब मैं १८+ की हो गयी। मॉम ने फिर सारी बंदिशें तोड़ दी और कहा बेटी नीलोफर आज से तू बहन चोद मेरी दोस्त है। आज से न तू कुछ मुझसे छुपाएगी और न मैं तुझसे। अगर ऐसा हुआ तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मॉम की बातों ने मुझे रोमांचित कर दिया। मैंने कहा ठीक है आज से मैं कुछ भी नहीं छुपाऊँगी। पर अगर तूने मुझसे कुछ छुपाया तो मैं तेरी बेटी की चोद दूँगी गांड। फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं। उस दिन के बाद मैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। हम दोनों प्यार से एक दूसरे को मस्ती से गालियां देकर बातें करने लगीं, एक साथ मिलकर लन्ड चाटने और चूसने लगीं। मस्ती बढ़ी तो एक साथ लन्ड अदल बदल कर चुदवाने भी लगी।
अब मेरी शादी हो गयी है।मेरा मन एक लन्ड से नहीं भरता। मैं दूसरा तीसरा लन्ड ढूंढती रहती हूँ। मुझे कई लोगों से चुदाने के आदत पड़ गयी है। यह बात बिलकुल सही है की पैसा अपने मरद का अच्छा लगता है लन्ड पराये मरद का।
तब तक दो दो पैग शराब ख़तम हो चुकी थी और तीसरा पैग शुरू हो गया था। नशा के साथ मस्ती भी बढ़ने लगी थी। मेरी तो चूत अब लन्ड मांगने लगी थी। यही हाल समीना और नीलोफर का भी था। तब मैंने कहा यार तुमको जिसका लन्ड सबसे ज्यादा अच्छा लगा हो उसे बुला लो। मैं उससे चुदवाऊँगी यहीं तुम लोगो के सामने ? समीना बोली हाय अल्ला, तो क्या हम बैठी बैठी अपनी झांटें उखाड़ेगीं ? हम भी तेरे सबसे अच्छे लन्ड से चुदवाएगीं। तुम अपने अच्छे लन्ड वाले मरद को बुला लो। फिर हुआ यह की हम तीनो ने अगले दिन शाम को करीब करीब ८ बजे अपने अपने मन के लन्ड वाले मर्दों को बुला लिया।
मैंने विक्रम को बुला लिया जिसका लन्ड मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। समीना ने आरिफ को बुला लिया जिसके लन्ड की वह गज़ब की दीवानी है और नीलोफर ने अपने बॉय फ्रेंड पीटर को बुला लिया जिसके लन्ड पर वह जान देती है। मेरे घर में महफ़िल जम गयी। एक दूसरे से मुलाकात हुई और फिर हम सब मिलकर शराब का मज़ा लेने लगे। हम लोग एक गोल बनाकर बैठे थे। शराब और सिगरेट का दौर मस्ती से चल रहा था। गर्मी के दिन थे। मैंने एक पेटीकोट पहना था और ऊपर कुछ भी नहीं। ब्रा भी नहीं। मैंने तो बस चुन्नी को गले में माला की तरह डाल ली थी। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियों के साइज का कोई भी अनुमान लगा सकता था। नीलोफर तो एक ऊपर टॉप और नीचे जीन्स में थी। उसने भी ब्रा नहीं पहनी। उसकी मोटी गांड पर सबकी निगाहें जम गयी। समीना तो बुर्का पहन कर आयी थी बुर्का उतारा तो वह आधे से अधिक नंगी दिख गयी। उसने ब्रा पर साड़ी पहनी थी। ब्रा की ताकत बस निपल्स तक छिपाने तक सीमित थी। उसकी मस्त बड़े बड़े स्तनऔर मोटी सी गांड किसी को भी अपनी ओर खींच सकती थी।
मैं मस्ती से सबको शराब और स्नैक्स सर्व कर रही थी। बीच बीच में अपनी चुन्नी भी संभाल रही थी। इसी बीच कभी इस तरफ की चूंची और कभी उस तरफ की चूंची सबको दिखा भी रही थी। एक बार मैंने आहिस्ते से चुन्नी नीचे गिरा दी तो मेरी नंगी मस्त सुडौल तनी हुई चूंचियां सारे मरद देखने लगे। मैंने उसे उठाया और फिर पहनते हुए कहा ये बुर चोदी बार बार गिर जाती है। तब तक पीटर बोला अरे मेरी रितिका भाभी आप इसे उठाती ही क्यों हैं ? इसे तो बाहर ही उतार कर रख दो। मैंने भी तिरछीं नज़र से देखते हुए बड़ी अदा से बोली हाय दईया तुम तो बड़े 'वो' हो ? मुझे नंगी देखना चाहते हो ? वह फिर बोला भाभी तुम नंगी नंगी ज्यादा अच्छी लगती हो। बड़ी हॉट लगती हो ? मैंने बात करते करते आरिफ के जांघ पर हाथ रख दिया और उसकी जांघ सहलाने लगी। तब तक समीना ने मेरा हाथ उसके लन्ड पर रख दिया और बोली यार रितिका पकड़ लो न इस बहन चोद का लन्ड ?
मेरे वाकई लन्ड ऊपर से दबा दिया। तब तक समीना भी पीटर का लन्ड दबाने लगी। नीलोफर को मज़ा आया तो उसने मेरे दोस्त विक्रम का लन्ड दबा दिया। आरिफ मेरी चूंचियां दबाने लगा, पीटर समीना की चूंचियां और विक्रम नीलोफर की चूंचियां मसलने लगा। शराब का नशा अपना काम कर रहा था और वासना भी सबके सर पर चढ़ी हुई थी। मरद हम बीवियों के कपड़े खोलने लगे और बीवियां मर्दों के कपड़े। पराये मरद को नंगा करने में खूब मज़ा आता है और मर्दों को भी परायी बीवी नंगी करने में मज़ा आता है। हम सब इसी बात का मज़ा लूटने लगीं। देखते ही देखते हम सब नंगे नंगी हो गयीं। तीनो लन्ड बहन चोद बाहर निकल आये और हम तीनो की हॉट चूंचियां, मस्तानी चूत और गदरायी गांड सबके सामने नंगी दिखने लगी। मैं उठी और अपना नंगा बदन सबको घूम घूम कर दिखाया। इसी तरह नीलोफर और समीना ने भी किया। इससे उनके लन्ड में जोश भर गया। मैं आरिफ का लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी, समीना पीटर का लन्ड सहलाने लगी और नीलोफर विक्रम का लन्ड। तीनो लन्ड मादर चोद टन टना कर खड़े हो गए।
मैंने लाइफ में पहली बार कोई मुस्लिम लन्ड पकड़ा था। लन्ड का सुपाड़ा एकदम साफ़ सुथरा और चमकदार लग रहा था। तब मुझे मालूम हुआ की मुस्लिम लन्ड वाकई बड़ा अच्छा होता है। देखने में खूबसूरत और पकड़ने में सख्त। मैंने लन्ड का टोपा कई बार चूमा और फिर उसे चाटने और चूसने लगी। समीना तो पीटर के लन्ड में खो गयी। वह बोली हाय नीलोफर तेरे दोस्त का लौड़ा तो साला ८ १/२" का है यार। मोटा तो बिलकुल चूहे की तरह है । मेरी चूत तोआज भोसड़ी की बड़ा मज़ा करेगी। ऐसा कह कर उसने लन्ड मुंह में घुसा लिया। नीलोफर ने मेरे दोस्त विक्रम का बड़ी मस्ती से लन्ड हिलाना शुरू किया और फिर वह भी हमारी तरह लन्ड चूसने लगी। वो तीनो भी साले एक दूसरे की गर्ल फ्रेंड की चूंचियां और चूत चाटने लगे। मुझे तो आरिफ के पेल्हड़ भी बड़ी अच्छे लग रहे थे। पेल्हड़ से लन्ड के टोपा तक और टोपा से पेल्हड़ तक मैं अपनी जबान फिराती रही और मस्त होती रही। मुस्लिम लन्ड का यह मेरा पहला अनुभव था। मैं समझ गयी की समीना माँ की लौड़ी किस तरह का लन्ड पसंद करती है ?
तब तक मेरी चूत बुरी तरह चुदासी हो चुकी थी। अब मुझे चूत में लन्ड की जरुरत थी। मुझसे रहा नहीं जा रहा था। तभी मैंने लन्ड अपनी चूत में टिका दिया। आरिफ भी मुझे चोदने के लिए उतावला था। लन्ड चूत पर आते ही रुक नहीं सका बल्कि गच्च से अंदर घुसने लगा जैसे कोई सांप अपने बिल में घुसता है। मुझे बहुत मज़ा आया क्यों की उसका मोटा लन्ड चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुस रहा था। उसने चोदना शुरू किया तो मुझे एक नए लन्ड का मज़ा आने लगा। मेरे सामने ही समीना पीटर का लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ चुकी थी। वह भी मेरी तरह चुदवाने लगी। उसके बगल में नीलोफर विक्रम का लन्ड अपनी बुर में पेले हुए चुदवाने लगी थी। वह बोली वाओ, देखा रितिका मैंने कहा था न की लन्ड हमेशा पराये मरद का ही अच्छा लगता है। मैं तो पराये मरद के लन्ड की गुलाम हो चुकी हूँ। समीना बोली हां यार तुम सच कह रही हो। मेरे घर में तो सभी बीवियां बुर चोदी पराये मरद से ही चुदवाती हैं।
हमें जब पराये मरद के मोटे मोटे लन्ड से चुदाने का मौक़ा मिला तो हम सब मस्त हो गयीं और इसी मस्ती में हमारे मुंह से कुछ न कुछ गन्दी गन्दी बातें और प्यार की गालियां भी निकलने लगीं। मैंने कहा हाय रे आरिफ तेरा लौड़ा मादर चोद बड़ा मोटा है यार मेरी चूत के छक्के छुड़ा रहा है। साला चिपक कर चोदे जा रहा है मेरी चूत। आज इसे मालूम हुआ है की असली लन्ड कैसा होता है ? मेरी चूत की माँ चुद रही है बहन चोद ? हाय दईया और घुस घुसा के चोद डालो मेरी बुर। समीना बोली हाय अल्ला, कितना प्यारा और मजेदार तेरा लौड़ा है पीटर। मेरी चूत के चीथड़े उड़ रहे हैं। मेरी बुर भोसड़ी की महसूस कर रही है कोई मर्द चोद रहा है मुझे ? पूरा पेल के चोदो लन्ड। बड़ा अच्छा लग रहा है यार , छोड़नेवाला ऐसा ही लौड़ा हो तभी चूत को मज़ा आता है। तू तो मेरी माँ भी चोद सकता है यार. मेरी बहन की बुर भी ले सकता है तू . वाओ, लन्ड साला पूरा पेल्हड़ सहित घुसेड़ दे मेरी चूत में। मेरी बुर चोदी चूत मुझे बहुत दिनों से परेशान कर रही थी। आज उसकी फटी जा रही है गांड। नीलोफर बोली विक्रम यार तेरा लन्ड साला बड़ा बेटी चोद है, बड़ा बेरहम और हरामी है। साला रुक ही नहीं रहा है। देखो कैसे मेरी चूत को अपनी जागीर समझ कर चोदे जा रहा है। इसकी माँ का भोसड़ा। तेरे लन्ड की बहन की बुर विक्रम। इतना हक्कानी लन्ड आज पहली बार मेरी चूत में घुसा है। ओ मई गॉड कितना बड़ा और मोटा लन्ड है तेरा विक्रम। तू तो रितिका की बुर की जान ही निकाल लेता होगा। मुझे रितिका ही समझ कर चोदो। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। यार मैं तेरी ही बीवी हूँ मुझे भकाभक चोदो।
हमारी गन्दी गन्दी और मस्त गालियां सुनकर तीनो भोसड़ी वालों ने लन्ड घुसाने की रफ़्तार तेज कर दी। एकदम तूफ़ान मेल की तरह चोदने लगे। हमें भी मज़ा आने लगा। फिर किसी ने पीछे से चुदवाया किसी ने लन्ड पर बैठ कर चुदवाया। किसी ने बगल से चुदवाया किसी ने कंधे पर पैर रख कर चुदवाया और किसी ने अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाया। उसके बाद जब लन्ड झड़ने लगे तो सबने मिलकर सबके लन्ड चाटे।
उसके बाद सबने नंगे नंगे ही खाना खाया। एक घंटे के बाद लन्ड फिर खड़े होने लगे। चूंचियां फिर तन कर खड़ी होने लगी और चूत फिर गरमाने लगी। दूसरी पारी में मैंने पीटर का लन्ड पकड़ लिया। समीना ने मेरे दोस्त विक्रम का लन्ड पकड़ा और नीलोफर ने आरिफ का लन्ड अपने हाथ में लिया। इसके बाद तो रात भर हुई झमाझम धकापेल चुदाई।
सबने माना की यह बात बिलकुल सही है हसबैंड अपना और लन्ड पराया हो....
मैं तो बिंदास हूँ, दिलो जान लुटा देती हूँ,
मन का मिल जाये तो, लौड़ा घुसेड़ लेती हूँ...
मेरे प्यारे दोस्तों, आपको इस कहानी का शीर्षक पढ़ने में बड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन मसालेदार भी लग रहा होगा। जी हाँ आजकल की बीवियां बड़ी मसालेदार होती भी हैं। कल की बेटी आज की बहू बन जाती है। बेटियां शादी के बाद तुरंत बीवियां बन जातीं हैं और आजकल की लड़कियां बाप रे बाप कितनी तेज, कितनी पढ़ी लिखी, कितनी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली और कितनी बोल्ड होतीं हैं। उन्हें छूना तो दूर रहा, आप निगाहों से ठीक तरह से देख भी नहीं सकते। अगर ऐसी वैसी निगाहों से देख लिया तो फिर आपकी ख़ैर नहीं। वहीँ सबके सामने चोदने लगेगीं आपकी माँ बहन और कर देंगीं आपकी इज़्ज़त का बंटाधार ? हां अगर आपने थोड़ा टैक्टफुल्ली हैंडल किया तो फिर वह आपकी मुरीद भी बन जाएगी। आपकी दोस्त बन जाएगी और दोस्ती में सब चलता है। फिर चाहे उन्हें छुओ, चाहे उसके बदन पर हाथ रखो, चाहे उसकी चुम्मी ले लो, चाहे उनसे चिपक जाओ सब चलेगा। कहीं कोई ऐतराज़ नहीं ? ये लड़कियां दारू पीने से सिगरेट पीने तक कोई शर्म नहीं करती और फिर आगे चल कर लन्ड पीने से भी कोई परहेज नहीं करती। जितनी रफ़्तार से शराब और सिगरेट पीती हैं उतनी ही रफ़्तार से लन्ड भी पीने लगतीं हैं। बात भी सही है, जवानी में लन्ड नहीं पियेगीं तो क्या पियेंगीं ? इनका मन एक लन्ड से नहीं भरता। ये एक के बाद दूसरा लन्ड, दूसरे के बाद तीसरा लन्ड, तीसरे के बाद चौथा लन्ड पीने लगतीं हैं। हर एक लन्ड पहले इनके मुंह में जाता है और फिर चूत में ? मैं भी इन्ही लड़कियों में से एक हूँ। खूब शराब पीती हूँ, खूब लन्ड पीती हैं और खूब चुदवाती हूँ.
मेरा नाम रितिका है. मैं २५ साल बहुत सुन्दर, सेक्सी और हॉट लड़की हूँ। मेरी शादी अभी पिछले साल ही हुई है। मैं १५/१६ साल की उम्र से लन्ड पकड़ रही हूँ। सबसे पहले मैंने अपनी बुआ के लड़के का लन्ड पकड़ा था। मुझे बड़ा मज़ा आया था। हुआ यह था की मैं एक दिन सवेरे सवेरे उसके बिस्तर पर घुस गयी थी। मुझे पड़ोस की सीमा भाभी ने बताया था की सवेरे सवेरे लड़कों के लन्ड बहुत टन टनाते हैं। इसलिए अगर तुम सवेरे सवेरे किसी लड़के का लन्ड पकड़ोगी तो वह तुम्हारा गुलाम हो जायेगा। मैंने यह बात अपने मन में रख ली और एक दिन मुझे मौक़ा मिल ही गया जब मैंने अपनी बुआ के लड़के का लन्ड पकड़ा। लन्ड साला वाकई टन टनाया हुआ था। मेरे लन्ड पकड़ते ही उसने मुझे अपनी तरफ खींच कर चिपका लिया। मैंने कमरे की सिटकिनी बंद कर दी थी। इसलिए वहां किसी के आने की आने की गुन्जाईस नहीं थी। फिर उसने भी चादर फेंकी दी, मेरे कपड़ों में हाथ घुसेड़ दिया और मेरी चूंचियां दबाने लगा।
मुझे मज़ा आया तो मैंने उसे पूरा नंगा कर दिया। उसका लन्ड चाटने लगी। लन्ड साला बड़ा लंबा और मोटा था। मेरी मस्ती बढ़ी तो मैंने लन्ड आधे से अधिक मुंह में घुसेड़ लिया। मैंने एक ब्लू फिल्म में एक लड़की को लन्ड चूसते हुए देखा था. बस मैं उसी तरह लन्ड चूसने लगी। उसे भी मज़ा आया। उसने कहा यार रितिका मैं तेरे मुंह में झड़ जाऊंगा। तब मैंने लन्ड मुंह से निकाल लिया। फिर उसने मुझे लन्ड का सड़का लगाया सिखाया। बस मैं उसी तरह लन्ड का सड़का मारने लगी. मुझे लन्ड देखने में और सड़का मारने में खूब मज़ा आने लगा। वह बोला देखो रितिका अभी लन्ड से सफ़ेद सफ़ेद कुछ निकलेगा तुम उसे चाट लेना। पहले थोड़ा ख़राब लगेगा लेकिन फिर अच्छा लगाने लगेगा। मैंने वही किया और उसका झड़ता हुआ लन्ड पी गयी। उसके लन्ड का टोपा चाट चाट कर लाल कर दिया। उसके बाद मैं हर रोज़ सवेरे सवेरे ४/५ बजे उसे बिस्तर पर घुस कर उसका लन्ड पीने लगी। कुछ दिन के बाद मैं चुदवाने भी लगी।
फिर मैंने एक दिन अपने मामा के लड़के को फांस लिया और उसका भी लन्ड पीने लगी। बाद में चुदवाने लगी। जब मैं कॉलेज पहुंची तो लड़कों को सिनेमा हाल में ले जाकर उनके लन्ड हिलाने लगी। मुझे सिनेमा देखने से कोई लेना देना नहीं था। मुझे तो बस लन्ड पकड़ना था। इस तरह मैंने ५/६ लड़कों के लन्ड पकड़ने का सिलसिला बना लिया। मैं उन्ही के पैसों पर ऐय्यासी करने लगी। वो सब मुझे खूब खिलाते पिलाते, खूब घुमाते फिराते और मेरे पर खूब पैसा खर्च करते और मैं मस्ती से लन्ड पकड़ पकड़ कर मज़ा लेती रहती । मेरी ऐय्यासी के दिन वहीँ से शुरू हो गए थे। आगे चल कर मैं दो दो लड़कों के लन्ड एक साथ पकड़ने लगी। दो दो लड़कों से एक साथ भकाभक चुदवाने लगी। मुझे कई लड़को से एक साथ चुदवाने का चस्का वहीँ से लग गया।
मैं यह सारी बातें अपनी दो दोस्त मैसेज नीलोफर और समीना बेगम को सुना रही थी। हम तीनो बीवियां इस समय व्हिकसी पर बैठी हुई शराब पी रही हैं और लन्ड, बुर, चूत, गांड, भोसड़ा और चोदा चोदी की बातें कर रहीं हैं। हमारे एक हाथ में शराब का गिलास है तो दूसरे हाथ में सिगरेट। हम तीनो घनघोर मस्ती के मूड में हैं ।
समीना ने सिगरेट का एक लंबा कस लिया और धुंआ निकालती हुई बोली - यार सच बात यह की जवानी का मज़ा तब आता है जब मियां अपना हो और लन्ड पराया हो। कोई माने या न माने लेकिन मैं चाहती हूँ की मेरे पास धन दौलत शान शौकत सब मेरे शौहर की हो लेकिन लन्ड हमेशा पराये मरद का हो। जेब में मियां का पैसा और चूत में पराये मर्द का लन्ड ? यही है मेरी असली पहचान ? मुझे लन्ड का चस्का १६ साल की उम्र में लग चुका था। मैंने जब पहला लन्ड पकड़ा था तो तुरंत मैं भी पकड़ गयी थी। मेरी अम्मी ने मुझे लन्ड हिलाते हुए देख लिया था। वह मेरे पास आयीं मेरे हाथ से लन्ड छीना और उसे पकड़ कर बताया देखो बेटी समीना लन्ड ऐसे नहीं ऐसे पकड़ा जाता है। इस तरह पकड़ोगी तो तुम्हे भी मज़ा आएगा और लन्ड वाले को भी। पहले लन्ड पकड़ना, लन्ड चाटना और लन्ड चूसना सीखो फिर आगे मैं तुम्हे लन्ड पीना, लन्ड चूत में पेलना और फिर अपनी माँ चुदाना भी सिखा दूँगी तुम्हे। हां सबसे पहले गाली देना सीखो। गाली देने से तुम्हारी हिम्मत बढ़ेगी और सबकी माँ बहन चोदने से तुम बोल्ड भी हो जाओगी।
उसके बाद तो मैं दनादन्न गाली देने लगी। मेरी उम्र बढ़ने लगी, मेरी चूंचियां और मेरी गांड बढ़ने लगी और मेरी हिम्मत बढ़ने लगी। एक दिन मैं अपने खालू का लन्ड अपनी चूत में पेले हुए चुदवा रही थी। तभी अम्मी कमरे में आ गयीं वह बोली हाय अल्ला, तू भोसड़ी की समीना अब चुदवाने भी लगी है। फिर वह खुद ही आगे बोली चलो कोई बात नहीं अब तो तू १८ + की हो गयी है। जवान हो गयी है अब तू चाहे जिससे चुदवा, मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है। ऐसा कह कर वह लन्ड मेरी चूत से निकाल कर चाटने लगी। उसने फिर मस्ती से कहा समीना तो फिर अब तू अपनी माँ भी चुदवा ले ? मैं भी बुरी तरह अम्मी से खुल चुकी थी। मैंने कहा हां बिलकुल चुदवाऊँगी। वो मेरा पहला दिन था जब मैंने अपनी माँ चुदवाई। उसके बाद मैंने कभी मुड़ कर नहीं देखा। अब तो मुझे २/३ लन्ड से चुदवाने की आदत पड़ गयी है। अब तो मैं बिना पराये मरद के लन्ड के एक दिन भी नहीं गुज़ार सकती। मुझे नये नए लन्ड से चुदाने का चस्का लग गया है।
मिसेज नीलोफर बोली - मैं भी अपनी कहानी सुनाती हूँ। एक दिन की बात है मैं दिन भर बहुत परेशान रही। कभी इधर कभी उधर भागती दौड़ती रही। मार लत फत हो गयी थी मैं । शाम को देर से घर पहुंची तो मॉम ने फ़ौरन सवाल जड़ दिया - कहाँ थी तू इतनी देर से ? क्या कर रही थी तू इतनी देर से ? मैंने झल्लाकर जबाब दिया :- माँ चुदा रही थी अपनी इतनी देर से ? वह फिर बोली - तुझे मालूम है की तू क्या कह रही है ? आज कोई ख़ास बात थी क्या जो तू माँ चुदा रही थी अपनी ? मैंने कहा - नहीं, मगर मैं तो रोज़ ही चुदवाती हूँ अपनी माँ ? आजकल कोई भी भोसड़ी का बिना माँ चोदे काम ही नहीं करता ? दिन भर साले माँ चोदेगें मेरी फिर शाम को थोड़ा काम करेगें। आज माँ चुदाने में थोड़ी देर हो गयी। वह बोली - ऐसा कौन सा जरुरी काम था तेरा जो तू माँ चुदाने लगी ? मैंने फिर झल्लाकर कहा - मॉम, अब क्या तुम भी चोदोगी मेरी माँ ? रहने दो मत पूंछो कुछ भी मुझसे। मेरा पास कोई एक काम तो बताऊँ। यहाँ तो सैकड़ों काम है बहन चोद।
मैं २३ साल की मोस्ट ब्यूटीफुल, सेक्सी और हॉट क्रिश्चियन लड़की थी । मेरी मॉम भी ४५ साल की बेहद सुन्दर लेडी हैं और बड़े खुले स्वाभाव की हैं। हम दोनों माँ बेटी जरूर हैं पर हमारे बीच दोस्ती का रिस्ता है। हम दोनों साथ बैठ कर शराब पीती हैं और गन्दी गन्दी बातें करती हैं। साथ साथ ब्लू फिल्म देखतीं हैं। और आपस में गाली गलौज भी करती हैं। यह सब सिलसिला तब से शुरू हुआ जब मैं १८+ की हो गयी। मॉम ने फिर सारी बंदिशें तोड़ दी और कहा बेटी नीलोफर आज से तू बहन चोद मेरी दोस्त है। आज से न तू कुछ मुझसे छुपाएगी और न मैं तुझसे। अगर ऐसा हुआ तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मॉम की बातों ने मुझे रोमांचित कर दिया। मैंने कहा ठीक है आज से मैं कुछ भी नहीं छुपाऊँगी। पर अगर तूने मुझसे कुछ छुपाया तो मैं तेरी बेटी की चोद दूँगी गांड। फिर हम दोनों खिलखिलाकर हंसने लगीं। उस दिन के बाद मैंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। हम दोनों प्यार से एक दूसरे को मस्ती से गालियां देकर बातें करने लगीं, एक साथ मिलकर लन्ड चाटने और चूसने लगीं। मस्ती बढ़ी तो एक साथ लन्ड अदल बदल कर चुदवाने भी लगी।
अब मेरी शादी हो गयी है।मेरा मन एक लन्ड से नहीं भरता। मैं दूसरा तीसरा लन्ड ढूंढती रहती हूँ। मुझे कई लोगों से चुदाने के आदत पड़ गयी है। यह बात बिलकुल सही है की पैसा अपने मरद का अच्छा लगता है लन्ड पराये मरद का।
तब तक दो दो पैग शराब ख़तम हो चुकी थी और तीसरा पैग शुरू हो गया था। नशा के साथ मस्ती भी बढ़ने लगी थी। मेरी तो चूत अब लन्ड मांगने लगी थी। यही हाल समीना और नीलोफर का भी था। तब मैंने कहा यार तुमको जिसका लन्ड सबसे ज्यादा अच्छा लगा हो उसे बुला लो। मैं उससे चुदवाऊँगी यहीं तुम लोगो के सामने ? समीना बोली हाय अल्ला, तो क्या हम बैठी बैठी अपनी झांटें उखाड़ेगीं ? हम भी तेरे सबसे अच्छे लन्ड से चुदवाएगीं। तुम अपने अच्छे लन्ड वाले मरद को बुला लो। फिर हुआ यह की हम तीनो ने अगले दिन शाम को करीब करीब ८ बजे अपने अपने मन के लन्ड वाले मर्दों को बुला लिया।
मैंने विक्रम को बुला लिया जिसका लन्ड मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। समीना ने आरिफ को बुला लिया जिसके लन्ड की वह गज़ब की दीवानी है और नीलोफर ने अपने बॉय फ्रेंड पीटर को बुला लिया जिसके लन्ड पर वह जान देती है। मेरे घर में महफ़िल जम गयी। एक दूसरे से मुलाकात हुई और फिर हम सब मिलकर शराब का मज़ा लेने लगे। हम लोग एक गोल बनाकर बैठे थे। शराब और सिगरेट का दौर मस्ती से चल रहा था। गर्मी के दिन थे। मैंने एक पेटीकोट पहना था और ऊपर कुछ भी नहीं। ब्रा भी नहीं। मैंने तो बस चुन्नी को गले में माला की तरह डाल ली थी। मेरी बड़ी बड़ी चूँचियों के साइज का कोई भी अनुमान लगा सकता था। नीलोफर तो एक ऊपर टॉप और नीचे जीन्स में थी। उसने भी ब्रा नहीं पहनी। उसकी मोटी गांड पर सबकी निगाहें जम गयी। समीना तो बुर्का पहन कर आयी थी बुर्का उतारा तो वह आधे से अधिक नंगी दिख गयी। उसने ब्रा पर साड़ी पहनी थी। ब्रा की ताकत बस निपल्स तक छिपाने तक सीमित थी। उसकी मस्त बड़े बड़े स्तनऔर मोटी सी गांड किसी को भी अपनी ओर खींच सकती थी।
मैं मस्ती से सबको शराब और स्नैक्स सर्व कर रही थी। बीच बीच में अपनी चुन्नी भी संभाल रही थी। इसी बीच कभी इस तरफ की चूंची और कभी उस तरफ की चूंची सबको दिखा भी रही थी। एक बार मैंने आहिस्ते से चुन्नी नीचे गिरा दी तो मेरी नंगी मस्त सुडौल तनी हुई चूंचियां सारे मरद देखने लगे। मैंने उसे उठाया और फिर पहनते हुए कहा ये बुर चोदी बार बार गिर जाती है। तब तक पीटर बोला अरे मेरी रितिका भाभी आप इसे उठाती ही क्यों हैं ? इसे तो बाहर ही उतार कर रख दो। मैंने भी तिरछीं नज़र से देखते हुए बड़ी अदा से बोली हाय दईया तुम तो बड़े 'वो' हो ? मुझे नंगी देखना चाहते हो ? वह फिर बोला भाभी तुम नंगी नंगी ज्यादा अच्छी लगती हो। बड़ी हॉट लगती हो ? मैंने बात करते करते आरिफ के जांघ पर हाथ रख दिया और उसकी जांघ सहलाने लगी। तब तक समीना ने मेरा हाथ उसके लन्ड पर रख दिया और बोली यार रितिका पकड़ लो न इस बहन चोद का लन्ड ?
मेरे वाकई लन्ड ऊपर से दबा दिया। तब तक समीना भी पीटर का लन्ड दबाने लगी। नीलोफर को मज़ा आया तो उसने मेरे दोस्त विक्रम का लन्ड दबा दिया। आरिफ मेरी चूंचियां दबाने लगा, पीटर समीना की चूंचियां और विक्रम नीलोफर की चूंचियां मसलने लगा। शराब का नशा अपना काम कर रहा था और वासना भी सबके सर पर चढ़ी हुई थी। मरद हम बीवियों के कपड़े खोलने लगे और बीवियां मर्दों के कपड़े। पराये मरद को नंगा करने में खूब मज़ा आता है और मर्दों को भी परायी बीवी नंगी करने में मज़ा आता है। हम सब इसी बात का मज़ा लूटने लगीं। देखते ही देखते हम सब नंगे नंगी हो गयीं। तीनो लन्ड बहन चोद बाहर निकल आये और हम तीनो की हॉट चूंचियां, मस्तानी चूत और गदरायी गांड सबके सामने नंगी दिखने लगी। मैं उठी और अपना नंगा बदन सबको घूम घूम कर दिखाया। इसी तरह नीलोफर और समीना ने भी किया। इससे उनके लन्ड में जोश भर गया। मैं आरिफ का लन्ड पकड़ कर हिलाने लगी, समीना पीटर का लन्ड सहलाने लगी और नीलोफर विक्रम का लन्ड। तीनो लन्ड मादर चोद टन टना कर खड़े हो गए।
मैंने लाइफ में पहली बार कोई मुस्लिम लन्ड पकड़ा था। लन्ड का सुपाड़ा एकदम साफ़ सुथरा और चमकदार लग रहा था। तब मुझे मालूम हुआ की मुस्लिम लन्ड वाकई बड़ा अच्छा होता है। देखने में खूबसूरत और पकड़ने में सख्त। मैंने लन्ड का टोपा कई बार चूमा और फिर उसे चाटने और चूसने लगी। समीना तो पीटर के लन्ड में खो गयी। वह बोली हाय नीलोफर तेरे दोस्त का लौड़ा तो साला ८ १/२" का है यार। मोटा तो बिलकुल चूहे की तरह है । मेरी चूत तोआज भोसड़ी की बड़ा मज़ा करेगी। ऐसा कह कर उसने लन्ड मुंह में घुसा लिया। नीलोफर ने मेरे दोस्त विक्रम का बड़ी मस्ती से लन्ड हिलाना शुरू किया और फिर वह भी हमारी तरह लन्ड चूसने लगी। वो तीनो भी साले एक दूसरे की गर्ल फ्रेंड की चूंचियां और चूत चाटने लगे। मुझे तो आरिफ के पेल्हड़ भी बड़ी अच्छे लग रहे थे। पेल्हड़ से लन्ड के टोपा तक और टोपा से पेल्हड़ तक मैं अपनी जबान फिराती रही और मस्त होती रही। मुस्लिम लन्ड का यह मेरा पहला अनुभव था। मैं समझ गयी की समीना माँ की लौड़ी किस तरह का लन्ड पसंद करती है ?
तब तक मेरी चूत बुरी तरह चुदासी हो चुकी थी। अब मुझे चूत में लन्ड की जरुरत थी। मुझसे रहा नहीं जा रहा था। तभी मैंने लन्ड अपनी चूत में टिका दिया। आरिफ भी मुझे चोदने के लिए उतावला था। लन्ड चूत पर आते ही रुक नहीं सका बल्कि गच्च से अंदर घुसने लगा जैसे कोई सांप अपने बिल में घुसता है। मुझे बहुत मज़ा आया क्यों की उसका मोटा लन्ड चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुस रहा था। उसने चोदना शुरू किया तो मुझे एक नए लन्ड का मज़ा आने लगा। मेरे सामने ही समीना पीटर का लन्ड अपनी चूत में घुसेड़ चुकी थी। वह भी मेरी तरह चुदवाने लगी। उसके बगल में नीलोफर विक्रम का लन्ड अपनी बुर में पेले हुए चुदवाने लगी थी। वह बोली वाओ, देखा रितिका मैंने कहा था न की लन्ड हमेशा पराये मरद का ही अच्छा लगता है। मैं तो पराये मरद के लन्ड की गुलाम हो चुकी हूँ। समीना बोली हां यार तुम सच कह रही हो। मेरे घर में तो सभी बीवियां बुर चोदी पराये मरद से ही चुदवाती हैं।
हमें जब पराये मरद के मोटे मोटे लन्ड से चुदाने का मौक़ा मिला तो हम सब मस्त हो गयीं और इसी मस्ती में हमारे मुंह से कुछ न कुछ गन्दी गन्दी बातें और प्यार की गालियां भी निकलने लगीं। मैंने कहा हाय रे आरिफ तेरा लौड़ा मादर चोद बड़ा मोटा है यार मेरी चूत के छक्के छुड़ा रहा है। साला चिपक कर चोदे जा रहा है मेरी चूत। आज इसे मालूम हुआ है की असली लन्ड कैसा होता है ? मेरी चूत की माँ चुद रही है बहन चोद ? हाय दईया और घुस घुसा के चोद डालो मेरी बुर। समीना बोली हाय अल्ला, कितना प्यारा और मजेदार तेरा लौड़ा है पीटर। मेरी चूत के चीथड़े उड़ रहे हैं। मेरी बुर भोसड़ी की महसूस कर रही है कोई मर्द चोद रहा है मुझे ? पूरा पेल के चोदो लन्ड। बड़ा अच्छा लग रहा है यार , छोड़नेवाला ऐसा ही लौड़ा हो तभी चूत को मज़ा आता है। तू तो मेरी माँ भी चोद सकता है यार. मेरी बहन की बुर भी ले सकता है तू . वाओ, लन्ड साला पूरा पेल्हड़ सहित घुसेड़ दे मेरी चूत में। मेरी बुर चोदी चूत मुझे बहुत दिनों से परेशान कर रही थी। आज उसकी फटी जा रही है गांड। नीलोफर बोली विक्रम यार तेरा लन्ड साला बड़ा बेटी चोद है, बड़ा बेरहम और हरामी है। साला रुक ही नहीं रहा है। देखो कैसे मेरी चूत को अपनी जागीर समझ कर चोदे जा रहा है। इसकी माँ का भोसड़ा। तेरे लन्ड की बहन की बुर विक्रम। इतना हक्कानी लन्ड आज पहली बार मेरी चूत में घुसा है। ओ मई गॉड कितना बड़ा और मोटा लन्ड है तेरा विक्रम। तू तो रितिका की बुर की जान ही निकाल लेता होगा। मुझे रितिका ही समझ कर चोदो। मुझे अपनी बीवी की तरह चोदो। यार मैं तेरी ही बीवी हूँ मुझे भकाभक चोदो।
हमारी गन्दी गन्दी और मस्त गालियां सुनकर तीनो भोसड़ी वालों ने लन्ड घुसाने की रफ़्तार तेज कर दी। एकदम तूफ़ान मेल की तरह चोदने लगे। हमें भी मज़ा आने लगा। फिर किसी ने पीछे से चुदवाया किसी ने लन्ड पर बैठ कर चुदवाया। किसी ने बगल से चुदवाया किसी ने कंधे पर पैर रख कर चुदवाया और किसी ने अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाया। उसके बाद जब लन्ड झड़ने लगे तो सबने मिलकर सबके लन्ड चाटे।
उसके बाद सबने नंगे नंगे ही खाना खाया। एक घंटे के बाद लन्ड फिर खड़े होने लगे। चूंचियां फिर तन कर खड़ी होने लगी और चूत फिर गरमाने लगी। दूसरी पारी में मैंने पीटर का लन्ड पकड़ लिया। समीना ने मेरे दोस्त विक्रम का लन्ड पकड़ा और नीलोफर ने आरिफ का लन्ड अपने हाथ में लिया। इसके बाद तो रात भर हुई झमाझम धकापेल चुदाई।
सबने माना की यह बात बिलकुल सही है हसबैंड अपना और लन्ड पराया हो....
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