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जवानी में धुआंधार खुल्लम खुल्ला अय्यासी - Jawani mein dhuaadhar khulli ayyasi
जवानी में धुआंधार खुल्लम खुल्ला अय्यासी - Jawani mein dhuaadhar khulli ayyasi , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
मेरा नाम रहीमा बेगम है मैं ४५ साल की एक खूबसूरत, सेक्सी और हॉट महिला हूँ। पढ़ी लिखी हूँ और एक बड़ी कंपनी में अच्छे पद पर काम करती हूँ। मुझे सेक्स में बहुत इंटरेस्ट है और पोर्न फिल्म देखने का जबरदस्त शौक है। मैं बिना ब्लू फिल्म देखे कभी सोती नहीं हूँ। मुझे दारू पीने का भी शौक है लेकिन कभी लिमिट के बाहर नहीं होती। मर्दों के साथ दारू पीने में मुझे ज्यादा आनंद आता है। मेरी दो बेटियां हैं शन्नो और बन्नो। दोनों जुड़वा हैं। मैंने उनकी अच्छी परवरिस की है और कान्वेंट स्कूल में पढ़ाया है। पढ़न में दोनों तेज हैं और बात चीत करने में भी। मैंने उन्हें डांस भी सिखाया और सबसे खुल कर बात करना भी। इसलिए मेरी बेटियां कभी भी किसी से शरमातीं है नहीं है और सबसे आँख मिलाकर बात करती हैं। मेरी बेटियां जब १८ + की हो गयीं तो मैंने उन्हें बोल्ड बनाने के लिए गालियां देना भी सिखा दिया। क्योंकि जब तक अपने मुँह से गालियां नहीं निकालेगीं तब तक वो बोल्ड नहीं बन सकती ? हमने आपस में भी गालियां से बातें करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ दारू पीना भी। मैंने यह भी बताया की गालियां सिर्फ एन्जॉय करने के लिए दी जानी चाहिए, किसी से लड़ाई करने के लिए या फिर किसी को अपमानित करने के लिए नहीं ? अब मेरी बेटियां मेरे साथ दारू पीती हैं, बिंदास बातें करतीं हैं और जरुरत होती है तो गालियां भी एन्जॉय करतीं हैं। हमारे बीच शर्म नाम की कोई चीज नहीं है।
एक फिन मैंने एक बड़ा बोल्ड निर्णय लिया। मैं यह तो समझ गयी थी की अब मेरी दोनों बेटियां या तो लण्ड पकड़ती होगीं लण्ड पीती होंगी या फिर लण्ड के लिए तड़पती होंगीं। अब वे २२ साल की हो गयीं हैं। यह उम्र ही ऐसी है जब लण्ड की बहुत जरुरत होती है और लण्ड की याद भी बहुत आती है। रात को सपने में भी लण्ड दिखाई पड़ते हैं। वह संडे का दिन था। गर्मी अच्छी खास हो रही थी। मैं पीछे के कमरे में ए / सी चलाकर एकदम नंगी बैठी थी। मैंने अपने दो दोस्तों को बुला लिया था। उन्हें भी नंगा कर दिया था। मैं तो दोनों से अक्सर चुदवाती रहती हूँ पर आज का मौक़ा कुछ और ही था। आज मैं अपने हाथ से अपनी बेटियों को लण्ड पकड़ाना चाहती थी। मैं यह बताना चाहती थी की जवानी बिना लण्ड के नहीं गुज़रती। और जब लण्ड पकड़ना ही है तो खुल कर क्यों न पकड़ो ? छुप छुप कर लण्ड पकड़ने की कोई जरुरत नहीं है। सेक्स में जितना खुला पन होगा उतना ही ज्यादा मज़ा आएगा। यह मज़ा हम सब मिलकर लूटें तो कितना अच्छा होगा ?
मुझे लगा की शन्नो आ गयी है तो मैंने उसे आवाज़ दी और कहा बेटी नीचे मेरे कमरे में आ जाओ। वह आ गयी। उसने देखा की मैं एकदम नंगी बैठी हुई हूँ। मेरी नंगी चूँचियाँ पूरी की पूरी दिख रहीं हैं। मेरा भोसड़ा जरूर अभी दिखाई नहीं पड़ रहा है। मेरे हाथ में मेरे दोस्त का लण्ड है। वह मुझे देख कर थोड़ा झिझकी और सिर झुका लिया। मैंने कहा नहीं शन्नो शर्माने की कोई जरुरत नहीं है बेटी, यह तो सच्चाई है. सबको इसकी जरुरत है लो तुम भी पकड़ो लण्ड और बताओ की तुम्हे कैसा लग रहा है अंकल का लण्ड ? वह चुपचाप खड़ी रही। मैंने कहा अरे बेटी देखो सुनो या तो तुम लण्ड पहले से ही पकड़ रही हो ? अगर पकड़ रही हो तो अच्छी बात है मेरे सामने भी लण्ड पकड़ कर दिखाओ और अगर तुमने लण्ड अभी तक नहीं पकड़ा है तो फिर आज से ही पकड़ना शुरू कर दो ? बेटी, सच बात यह है की बिना लण्ड के गुज़ारा नहीं ? मेरी बात का उसके पास कोई जबाब नहीं था। वह आगे बढ़ी और मैंने झट्ट से रफीक का लण्ड उसे पकड़ा दिया। तब तक मेरा दूसरा दोस्त भी बाथ रूम से आ गया। शन्नो उसे देख कर दंग रह गयी। वह भी नंगा था और मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने कहा बेटी यह रफीक का दोस्त सफीक है।
वह दोनों ही लण्ड पर निगाह डाल डाल कर देखने लगी। तब तक शन्नो लण्ड चाटने लगी थी। मैं उसे बड़े गौर से देख भी रही थी और सफीक का लौड़ा हिला हिला कर मज़ा भी ले रही थी। मैं समझ गयी की शन्नो पहली बार लण्ड नहीं चाट रही है। वह पहले भी कई लड़कों के लण्ड चाट चुकी होगी ? मैंने थोड़ी देर में सफीक का लण्ड उसे पकड़ा दिया और खुद रफीक का लण्ड उसके हाथ से लेकर चूमने लगी। वह सफीक का लण्ड बड़ी शिद्दत से चूमने चाटने लगी। मैंने सोंचा अब मैं इसके मुंह से जब तक गालियां नहीं निकलवा नहीं लेती तब तक शन्नो लण्ड अच्छी तरह एन्जॉय नहीं कर पायेगी।
इसलिए मैंने पूंछा :- बेटी, सच सच बताओ तुमने अभी तक कितने लण्ड पकड़ें हैं ?
वह बोली :- गिना तो नहीं है अम्मी, पर हां ४/५ लण्ड तो पकड़ ही चुकी हूँ। वह खुल कर बोली।
मैंने कहा :- तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद तो फिर इतनी देर से नखरा दिखा रही तू , माँ की लौड़ी ?
वह बोली :- पहली बार नखरा तो दिखाना ही पड़ता ही है मेरी हरामजादी अम्मी ?
उसके इस जबाब ने मुझे मस्त कर दिया।
मैंने फिर पूंछा :- तुमको इन दोनों लण्ड में किसका लण्ड बढ़िया लगता है ?
वह बोली :- लण्ड तो दोनों ही बढ़िया हैं अम्मी ? हर एक लण्ड की अपनी एकअलग खासियत होती है। कोई भी दो लण्ड बिलकुल एक जैसे नहीं हो सकते लेकिन हां दोनो लण्ड टक्कर के जरूर हो सकतें हैं। ये दोनों ही लण्ड मेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाले हैं और बराबर टक्कर के हैं।
मैंने कहा :- हाय दईया, तू तो लण्ड के बारे में बहुत कुछ जानती है भोसड़ी वाली ?
वह बोली :- मगर तुमसे कम ही जानती हूँ मेरी बुर चोदी, अम्मी ?
मैंने यह सुनकर उसके भी कपड़े उतार दिया। तब तक बन्नो भी आ गयी। मैंने उसे भी बुला लिया और उसे सफीक का लण्ड पकड़ा दिया। उसने जब अपनी बहन को लण्ड चाटते हुए देखा तो वह कुछ बोली नहीं बल्कि लण्ड मस्ती से चूसने लगी।
मैंने पूंछा - बन्नो तुमने अभी कितने लण्ड पकड़ें हैं ?
वह बोली - हां ३/४ लड़कों के लण्ड पकड़ें हैं पर मैं ठीक से पकड़ नहीं पाई। कभी बाथ रूम में लड़के को ले जाकर उसका लण्ड चूसा और कभी सिनेमा हाल में। आज मुझे अच्छा मौक़ा मिला है ?
मैंने कहा :- तो तूने मुझे क्यों नहीं बताया। मैं तुम्हे अच्छी तरह से लण्ड पकड़ा देती ? मैं जानती हूँ की इस उम्र में लण्ड नहीं पकड़ेगी तो क्या पकड़ेगी ?
वह बोली - सच तो बात यह है अम्मी की सच बताने में मेरी गांड फट रही थी।
मैंने कहा - तो अब तेरी माँ का भोसड़ा फटेगा जब तू ये लण्ड अपनी माँ बहन की चूत में पेलेगी ?
वह बेबाकी से बोली - तो फिर ये लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में भी घुसेगा अम्मी ?
मैंने कहा - हां जरूर घुसेगा। जब तक घुसेगा नहीं तब तक तेरी माँ चोदेगा कैसे ?
मेरी बात पर दोनों हंसने लगीं।
मैंने कहा - देख भोसड़ी की शन्नो और बन्नो जवानी का मज़ा लण्ड से ही मिलता है। लण्ड हाथ में न हो तो बुर चोदी जवानी किस काम की ?
शन्नो ने कहा - हां अम्मी सही कह रही हो लण्ड हाथ में न हो तो बुर चोदी बुर किस काम की ?
तब तक किसी ने पीछे से कहा - तो मेरा भी लण्ड ले लो शन्नो दीदी।
शन्नो ने कहा - अरे टिल्लू तू मादर चोद कहाँ से आ गया ?
वह बोला अरे दीदी साहिबा दरवाजा खुला था। मैं अंदर घुसा तो सीधे कमरे में चला आया और यहाँ जो देखा उससे मेरा साला लण्ड खड़ा हो गया। मैंने तुम्हे नंगी देखा, बन्नो दीदी को भी नंगा देखा, आंटी जी भी नंगी थीं और दो आदमी भी अपना अपना लण्ड खड़ा किये हुए नंगे थे। तो ऐसे में मेरा लौड़ा कैसे शांत रह सकता है ? मैंने कहा - अच्छा माँ के लौड़ी तो आ जा मैं देखती हूँ की कितना बड़ा है तेरा लण्ड ?
मैंने हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया। टिल्लू मेरे पड़ोस का लड़का है। वह शन्नो की ही उम्र का है। लेकिन लण्ड उसका सफीक के लण्ड के बराबर था। मैं उसका सुपाड़ा ही मस्ती से चाटने लगी।
हम तीनो के पास एक एक लण्ड आ गया । थोड़ी देर तक लण्ड चाटने चूसने के बाद टिल्लू ने लण्ड मेरे भोसड़ा में पेल दिया। फिर गचागच चोदने लगा मुझे। मैंने कहा अरे बेटा, तू भोसड़ी का बहुत अच्छी तरह चोद लेता है। अपने घर में किस किस की बुर चोदते हो, बीटा ? वह बोला आंटी मैं अपनी खाला का और फूफी का भोसड़ा चोदता हूँ। खाला की बेटी की भी बुर लेता हूँ और फूफी की बेटी की भी बुर लेता हूँ। इन दोनों की सहेलियों को भी कभी कभी चोद लेता हूँ।
शन्नो बोली - तो फिर तेरी बीवी कौन चोदता है टिल्लू ?
वह बोला :- मेरी बीवी मेरे दोस्त चोदते हैं। मैंने एक दिन खालू को भी मेरी बीवी चोदते हुए देखा था। मेरे फूफा भी का लण्ड मेरी बीवी पीती है।
बन्नो बोली :- तो फिर तुम्हे बुरा नहीं लगता ?
वह बोला - बुरा क्यों लगेगा ? मैं भी तो अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ। और जब मेरी बीवी गैर मर्दों के लण्ड पसंद करती है तो मैं उसे दूसरों से चुदवाने से रोकता नहीं हूँ। मेरे दोस्त कभी कभी मेरे सामने ही मेरी बीवी चोदते हैं। तब तक शन्नो रफीक से धकाधक चुदवाने लगी और बन्नो सफीक से ? हम तीनो अपनी अपनी बुर चुदवाने में मगन हो गयीं और चुदाई की आवाज़ें एन्जॉय करने लगीं। अचानक शन्नो बोली टिल्लू तू भोसड़ी का बड़ी देर से मेरी माँ अक भोसड़ा चोद मेरी बुर चोद कर दिखा। उसने मेरी चूत से टिल्लू का लौड़ा निकाल कर अपनी चूत में घुसेड़ लिया। वह पहली बार टिल्लू से चुदवाने लगी तो उसे मज़ा आने लगा। मैंने भी सफीक का लण्ड बन्नो की बुर से निकाल लिया और उसे अपनी चूत में घुसेड़ा। मैं फिर से उसी स्पीड से चुदवाने लगी। बन्नो ने सामने देखा तो रफीक का लण्ड पहले तो चाटा फिर उसे अपनी बुर में पेला और चुदवाने लगी। लण्ड की अदला बदली करने पर चुदाई का मज़ा दूना तो हो जाता है। चुदाई और ज्यादा मजे दार हो गयी। चुदाई की आवाज़ें भी और सुरीली हों गयीं।
इसी बीच ६ महीने में मैंने शन्नो और बन्नो की शादी कर दी। इनकी शादी के ठीक एक महीने बाद मेरी बहन के लड़के की शादी होने वाली थी। इसलिए हम तीनो उसके घर चली गयीं। मेहमानों का आना शुरू हो गया। मेरी बहन के घर में चहल पहल हो गयी।
दोस्तों, अब आगे की कहानी मेरी बेटी शन्नो से सुनिए :-
मेरे प्यारे दोस्तों, अपने देखा की किस तरह हम तीनो मिलकर चोदा चोदी का मज़ा लूटतीं हैं और जम कर ऐय्यासी करतीं हैं। मैं भी अपनी ससुराल से अपनी सुहागरात मना कर आयी हूँ और मेरी बहन बन्नो भी सुहागरात मना कर आयी है। हमने अपनी अपनी सुहागरात की बातें खुल कर अम्मी जान को बताया है। इतनी बेहतरीन सुहागरात बड़ी नसीबवाली और नसीब वालों को ही मिलता है। मौक़ा मिलेगा तो मैं आपको भी बताऊंगी दोस्तों. अभी हम तीनो अपनी वलीमा खाला जान के घर आयीं हैं। मेरे साथ मेरा शौहर भी है और बन्नो का भी शौहर आया है। उधर मेरी फूफी जान नज़मा बेगम आ गयीं है उसकी बेटी सदा भी उसके साथ है। सदा भी शादी शुदा है। उसका मियां तारिक़ उसके साथ है। घर खुश हाली से गूँज रहा है। हर तरफ हंसी मजाक हो रही है। मस्त मस्त गन्दी गन्दी बातें हो रहीं हैं। नॉन वेज चुटकुले हो रहें हैं। एक दूसरे पर छीटा कसी हो रही है। प्यार से गाली गलौज भी हो रही है।
अम्मी ने फूफी से कहा - अरी मेरी बुर चोदी नन्द, झांटें बनाकर आयी हो की नहीं ? आज तेरा भोसड़ा खुले आम चोदा जायेगा ?
फूफी ने जबाब दिया - नहीं भाभी जान भोसड़ा तो पहले तेरा चोदा जायेगा वह भी खुल्लम खुल्ला और तेरी बेटियों की बुर भी चोदी जायेगीं।
उधर फूफी की बेटी बोली - हाय शन्नो, तेरा भोसड़ी का ससुर कहाँ है वह रिश्ते में मेरा देवर लगता है। मैं उसका लौड़ा देखना चाहती हूँ।
तब तक बन्नो बोली - हाय दईया सदा, तेरा शौहर तो मेरा मामू लगता है। तू भी उसका लौड़ा खोल कर मुझे दिखा ? मैंने भी देखूं की उसका लौड़ा कितना मजबूत है।
तब तक उधर से खाला जान की बेटी हया आयी और बोली पहले तुम सब मर्दों से कहो की वो मेरी बुर चाटें। मैं तो दूल्हे की बहन हूँ, मैं तो सबसे अपनी बुर चटवाऊंगी।
शाम को मैं खाला की बेटी के साथ बातें कर रही थी। तभी मुझे ऐसा लगा की मेरी खाला, फूफी और अम्मी तीनो आपस में कुछ मज्रदार बातें कर रहीं हैं। हम दोनों छुप छुप कर सुनने लगीं।
फूफी ने खाला से कहा - हाय वलीमा भाभी, बेटियां तो बड़े मूड में हैं आज ? लगता है की आज वो कुछ न कुछ जरूर कर बैठेंगीं।
खाला बोलीं - माँ चुदायें अपनी, बुर चोदी बेटियां ? इन भोसड़ी वाली बेटियों को माँ चुदाना तो ठीक से आता नहीं तो वो क्या करे बैठेंगीं, अपनी गांड मरायेंगीं क्या ?
हालांकि खाला जान यह बात मजाक में कहीं पर मुझे और हया को लगा की ये तो हमारे चैलेंज हैं ? हमें तो माँ चुदाना अच्छी तरह आता है तो फिर खाला जान ऐसा क्यों कहा ? हम दोनों ने सदा और बन्नो को भी बुलाया और खाला की बाटन उन्हें सुनाई। फिर हम चारों सोंचने लगीं की क्या किया जाए ? खाला की बेटी हया जो मेरे साथ थी वह बोली - यार शन्नो क्यों न हम चारों मिलकर माँ चुदाना दिखा ही दें इन बुर चोदी अम्मियों को ? जब तक इनके भोसड़ा में लण्ड नहीं घुसेगा तब तक इन्हे समझ में नहीं आएगा ? हया आगे बोली शन्नो आज रात को तुम अपने मियां का लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में पेल दो और चोद डालो उसका भोसड़ा ?
सदा ने कहा :- हां यार यह आईडिया सही है। क्यों न हम लोग अपने अपने मियां का लण्ड पेल पेल के एक दूसरे की माँ चुदवायें ? अभी तो हर दिन कोई न कोई जश्न होता है जैसे कल हम सबने एक दूसरे के मियां का लण्ड मुठ्ठ मार मार कर पिया था। तो आज माँ चुदाने का जश्न हो जाये !
सबने हां कह दी और फिर हमने रात भर के लिए माँ चुदाने का प्लान बना लिया। चूंकि खाला ने ही कहा था की "माँ चुदायें अपनी बुर चोदी बेटियां" तो खाला की बेटी हया ने ही माँ चुदाने का जिम्मेदारी ली। उसने कहा अब तो हम आज ही रात को अपनी माँ चुदा कर दिखा देगीं। शाम को जब सब लोग इकठ्ठा हुए तो हया बोली "आज की शाम, माँ चुदाने के नाम" ? आज हम सब बेटियां अपनी अपनी माँ चुदवायेंगीं ? उसकी यह बात सुनकर सबने खूब तालियां बजाईं और हौसला बढ़ाया। हाय उठी और अपने मियां के पास नहीं बल्कि मेरे मियां के पास गयी और उसके पैजामे के अंदर हाथ डाल कर लौड़ा पकड़ लिया। वह अंदर ही अंदर लण्ड मुठ्ठी में लेकर सहलाने लगी। मुझे भी जोश आया तो मैंने उसके मियां का लण्ड पैजामे के अंदर ही पकड़ा और हिलाना शुरू कर दिया। हमें देख कर बन्नो और सदा दोनों ने एक दूसरे के शौहर की लुंगी खोल कर उन्हें एकदम नंगा कर दिया । दोनों भोसड़ी के सबके सामने नंगे हो गए। फिर ये दोनों एक दूसरे के शौहर का लण्ड पकड़ कर प्यार से चूमने और हिलाने लगीं।
पूरे माहौल में मस्ती छा गयी। हया खड़ी होकर बोली - देखो मादर चोदों और मादर चोदियों आज के जश्न की मेरी जिम्मेदारी है इसलिए जो मैं कहती हूँ वह तुम सब लोगों को करना पड़ेगा। इधर हम बेटियों ने एक दूसरे के मियां का लण्ड पकड़ लिया है। अब आप लोग अपने अपने कपड़े उतार कर फेंक दें। यहाँ जो चुदाई में हिस्सा लेगें और जो नहीं लेगें उन सबको नंगा और नंगी ही रहना पड़ेगा। यानी चुदाई करने वाले और चुदाई देखने वाले सब नंग धडंग ही रहेंगें । जिनको नंगा या नंगी नहीं होना है वो प्लीज इस महफ़िल से चले जाएँ ? उसके बार बार कहने के बावजूद कोई गया नहीं। यानी की सब लोग नंगे और नंगी हो गयीं। सबको तमाशा देखने में मज़ा आने लगा। सब के मन में था की अब आगे क्या होगा ?
सब लोगों को नंगे नंगी देख कर माहौल पूरी तरह गरमा गरम हो गया। मैंने देखा की मेरी अम्मी, मेरी खाला, मेरी फूफी, मेरी भाभियाँ, हमारी नन्द, सास सबकी सब नंगी थीं। सारे मरद भी भोसड़ी वाले नंगे हो गए। अय्यासी आसमान पर थी. वासना हम लोगों के दिमाग में बुरी तरह घुस गयी थी। रात के १२ बजे थे। वैसे भी रात में हर औरत बुर चोदी रंडी बन जाती है। मैंने हया के मियां का लण्ड अपनी अम्मी के मुंह में घुसेड़ दिया। हया ने मेरे मियां का लण्ड अपनी अम्मी के मुंह में घुसेड़ दिया। दोनों अम्मियाँ मजे से लण्ड चाटने लगीं। उधर बन्नो ने सदा के मियां का लण्ड खाला की चूँचियों के बीच घुसा दिया और सदा ने बन्नो के मियां का लण्ड अपनी माँ की चूँचियों के बीच पेल दिया। इतने में मेरी भाभी बोलीं हाय दईया आज ये बेटियां बुर चोदी अपनी माँ चुदा कर ही मानेगीं। इस तरह खाला के मुंह में भी लण्ड और चूँचियों में भी लण्ड घुस गया। थोड़ी देर तक ये तीनो लण्ड चाटती रहीं और देखे वाले बिना पलक झपकाये देखते रहे।
फिर हया के मियां नदीम ने अपना लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में पेला और मस्ती से चोदने लगा. मैं उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। मेरा मियां रफ़ी खाला का भोसड़ा चोदने लगा और उधर सदा के मियां ने अपना लण्ड खाला के मुंह में घुसेड़ दिया। खाला उसका लण्ड चूसते हुए चुदवाने लगीं। फूफी भी अपना भोसड़ा खोले हुए बन्नो के मियां सफी से भकाभक चुदवाने लगी। बन्नो फूफी की चूँचियाँ मसलने लगी और दूसरे हाथ से अपने मियां के पेल्हड़। सब आँखें फाड़ फाड़ कर माँ चुदाने का सीन देखने लगीं। उन्हें ऐसा लगा की वो सब जीती जागती एक ब्लू फिल्म देख रहीं हैं। फूफी मेरी अम्मी से बोली हाय भाभी ये बुर चोदी बेटियां सच में अपनी माँ चुदाने में बड़ी एक्सपर्ट हो गयीं हैं। अम्मी ने कहा शन्नो की बुर चोदी खाला ने बेटियों को ललकार दिया तो फिर बेटियों ने दिखा दिया की कैसे चुदवाई जाती है माँ ?
उधर जो लोग देख रहे थे जो लोग देख रहीं रहीं थी उनमे में भी जोश आ गया। सबसे पहले सदा ने मेरे अब्बू का लण्ड पकड़ लिया और उसे चाटने लगी, फिर बन्नू ने सदा के अब्बू का लण्ड लपक लिया और उसे मुंह में लेकर चूसने लगी। मैंने भी हाथ बढ़ाकर खालू का लण्ड दबोच लिया। हया सदा के भाई जान का लौड़ा चाटने लगी। मेरे भाई जान का लण्ड मेरी नन्द अपने मुंह में भर कर चूसने लगी, मेरा नंदोई मेरी भाभी के ऊपर चढ़ बैठा और सीधे उसकी बुर चोदने लगा। मेरी सास मेरे मामू जान से चुदवाने लगी, सदा की नन्द ने हाय के देवर का लण्ड अपनी चूत में पेला और चुदवाने लगी। कहने का मतलब यह है की महफ़िल में कोई ऐसी चूत नहीं थी जो चुद न रही हो और कोई ऐसा लण्ड नहीं था जो चोद न रहा हो ? यहाँ तो नातों और रिश्तों की भी माँ चुद रही है। यहाँ न कोई नाता है और न कोई रिस्ता । सिर्फ लण्ड और चूत का रिस्ता है। जिसको जिसकी चूत दिखी उसी में घुसा दिया अपना लण्ड और जिसको जिसका लण्ड दिखा उसी को पेल लिया अपनी चूत में ?
इसी को कहतें हैं जवानी में धुआंधार खुल्लम खुल्ला अय्यासी...
मेरा नाम रहीमा बेगम है मैं ४५ साल की एक खूबसूरत, सेक्सी और हॉट महिला हूँ। पढ़ी लिखी हूँ और एक बड़ी कंपनी में अच्छे पद पर काम करती हूँ। मुझे सेक्स में बहुत इंटरेस्ट है और पोर्न फिल्म देखने का जबरदस्त शौक है। मैं बिना ब्लू फिल्म देखे कभी सोती नहीं हूँ। मुझे दारू पीने का भी शौक है लेकिन कभी लिमिट के बाहर नहीं होती। मर्दों के साथ दारू पीने में मुझे ज्यादा आनंद आता है। मेरी दो बेटियां हैं शन्नो और बन्नो। दोनों जुड़वा हैं। मैंने उनकी अच्छी परवरिस की है और कान्वेंट स्कूल में पढ़ाया है। पढ़न में दोनों तेज हैं और बात चीत करने में भी। मैंने उन्हें डांस भी सिखाया और सबसे खुल कर बात करना भी। इसलिए मेरी बेटियां कभी भी किसी से शरमातीं है नहीं है और सबसे आँख मिलाकर बात करती हैं। मेरी बेटियां जब १८ + की हो गयीं तो मैंने उन्हें बोल्ड बनाने के लिए गालियां देना भी सिखा दिया। क्योंकि जब तक अपने मुँह से गालियां नहीं निकालेगीं तब तक वो बोल्ड नहीं बन सकती ? हमने आपस में भी गालियां से बातें करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ दारू पीना भी। मैंने यह भी बताया की गालियां सिर्फ एन्जॉय करने के लिए दी जानी चाहिए, किसी से लड़ाई करने के लिए या फिर किसी को अपमानित करने के लिए नहीं ? अब मेरी बेटियां मेरे साथ दारू पीती हैं, बिंदास बातें करतीं हैं और जरुरत होती है तो गालियां भी एन्जॉय करतीं हैं। हमारे बीच शर्म नाम की कोई चीज नहीं है।
एक फिन मैंने एक बड़ा बोल्ड निर्णय लिया। मैं यह तो समझ गयी थी की अब मेरी दोनों बेटियां या तो लण्ड पकड़ती होगीं लण्ड पीती होंगी या फिर लण्ड के लिए तड़पती होंगीं। अब वे २२ साल की हो गयीं हैं। यह उम्र ही ऐसी है जब लण्ड की बहुत जरुरत होती है और लण्ड की याद भी बहुत आती है। रात को सपने में भी लण्ड दिखाई पड़ते हैं। वह संडे का दिन था। गर्मी अच्छी खास हो रही थी। मैं पीछे के कमरे में ए / सी चलाकर एकदम नंगी बैठी थी। मैंने अपने दो दोस्तों को बुला लिया था। उन्हें भी नंगा कर दिया था। मैं तो दोनों से अक्सर चुदवाती रहती हूँ पर आज का मौक़ा कुछ और ही था। आज मैं अपने हाथ से अपनी बेटियों को लण्ड पकड़ाना चाहती थी। मैं यह बताना चाहती थी की जवानी बिना लण्ड के नहीं गुज़रती। और जब लण्ड पकड़ना ही है तो खुल कर क्यों न पकड़ो ? छुप छुप कर लण्ड पकड़ने की कोई जरुरत नहीं है। सेक्स में जितना खुला पन होगा उतना ही ज्यादा मज़ा आएगा। यह मज़ा हम सब मिलकर लूटें तो कितना अच्छा होगा ?
मुझे लगा की शन्नो आ गयी है तो मैंने उसे आवाज़ दी और कहा बेटी नीचे मेरे कमरे में आ जाओ। वह आ गयी। उसने देखा की मैं एकदम नंगी बैठी हुई हूँ। मेरी नंगी चूँचियाँ पूरी की पूरी दिख रहीं हैं। मेरा भोसड़ा जरूर अभी दिखाई नहीं पड़ रहा है। मेरे हाथ में मेरे दोस्त का लण्ड है। वह मुझे देख कर थोड़ा झिझकी और सिर झुका लिया। मैंने कहा नहीं शन्नो शर्माने की कोई जरुरत नहीं है बेटी, यह तो सच्चाई है. सबको इसकी जरुरत है लो तुम भी पकड़ो लण्ड और बताओ की तुम्हे कैसा लग रहा है अंकल का लण्ड ? वह चुपचाप खड़ी रही। मैंने कहा अरे बेटी देखो सुनो या तो तुम लण्ड पहले से ही पकड़ रही हो ? अगर पकड़ रही हो तो अच्छी बात है मेरे सामने भी लण्ड पकड़ कर दिखाओ और अगर तुमने लण्ड अभी तक नहीं पकड़ा है तो फिर आज से ही पकड़ना शुरू कर दो ? बेटी, सच बात यह है की बिना लण्ड के गुज़ारा नहीं ? मेरी बात का उसके पास कोई जबाब नहीं था। वह आगे बढ़ी और मैंने झट्ट से रफीक का लण्ड उसे पकड़ा दिया। तब तक मेरा दूसरा दोस्त भी बाथ रूम से आ गया। शन्नो उसे देख कर दंग रह गयी। वह भी नंगा था और मैं उसका लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मैंने कहा बेटी यह रफीक का दोस्त सफीक है।
वह दोनों ही लण्ड पर निगाह डाल डाल कर देखने लगी। तब तक शन्नो लण्ड चाटने लगी थी। मैं उसे बड़े गौर से देख भी रही थी और सफीक का लौड़ा हिला हिला कर मज़ा भी ले रही थी। मैं समझ गयी की शन्नो पहली बार लण्ड नहीं चाट रही है। वह पहले भी कई लड़कों के लण्ड चाट चुकी होगी ? मैंने थोड़ी देर में सफीक का लण्ड उसे पकड़ा दिया और खुद रफीक का लण्ड उसके हाथ से लेकर चूमने लगी। वह सफीक का लण्ड बड़ी शिद्दत से चूमने चाटने लगी। मैंने सोंचा अब मैं इसके मुंह से जब तक गालियां नहीं निकलवा नहीं लेती तब तक शन्नो लण्ड अच्छी तरह एन्जॉय नहीं कर पायेगी।
इसलिए मैंने पूंछा :- बेटी, सच सच बताओ तुमने अभी तक कितने लण्ड पकड़ें हैं ?
वह बोली :- गिना तो नहीं है अम्मी, पर हां ४/५ लण्ड तो पकड़ ही चुकी हूँ। वह खुल कर बोली।
मैंने कहा :- तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद तो फिर इतनी देर से नखरा दिखा रही तू , माँ की लौड़ी ?
वह बोली :- पहली बार नखरा तो दिखाना ही पड़ता ही है मेरी हरामजादी अम्मी ?
उसके इस जबाब ने मुझे मस्त कर दिया।
मैंने फिर पूंछा :- तुमको इन दोनों लण्ड में किसका लण्ड बढ़िया लगता है ?
वह बोली :- लण्ड तो दोनों ही बढ़िया हैं अम्मी ? हर एक लण्ड की अपनी एकअलग खासियत होती है। कोई भी दो लण्ड बिलकुल एक जैसे नहीं हो सकते लेकिन हां दोनो लण्ड टक्कर के जरूर हो सकतें हैं। ये दोनों ही लण्ड मेरी माँ का भोसड़ा चोदने वाले हैं और बराबर टक्कर के हैं।
मैंने कहा :- हाय दईया, तू तो लण्ड के बारे में बहुत कुछ जानती है भोसड़ी वाली ?
वह बोली :- मगर तुमसे कम ही जानती हूँ मेरी बुर चोदी, अम्मी ?
मैंने यह सुनकर उसके भी कपड़े उतार दिया। तब तक बन्नो भी आ गयी। मैंने उसे भी बुला लिया और उसे सफीक का लण्ड पकड़ा दिया। उसने जब अपनी बहन को लण्ड चाटते हुए देखा तो वह कुछ बोली नहीं बल्कि लण्ड मस्ती से चूसने लगी।
मैंने पूंछा - बन्नो तुमने अभी कितने लण्ड पकड़ें हैं ?
वह बोली - हां ३/४ लड़कों के लण्ड पकड़ें हैं पर मैं ठीक से पकड़ नहीं पाई। कभी बाथ रूम में लड़के को ले जाकर उसका लण्ड चूसा और कभी सिनेमा हाल में। आज मुझे अच्छा मौक़ा मिला है ?
मैंने कहा :- तो तूने मुझे क्यों नहीं बताया। मैं तुम्हे अच्छी तरह से लण्ड पकड़ा देती ? मैं जानती हूँ की इस उम्र में लण्ड नहीं पकड़ेगी तो क्या पकड़ेगी ?
वह बोली - सच तो बात यह है अम्मी की सच बताने में मेरी गांड फट रही थी।
मैंने कहा - तो अब तेरी माँ का भोसड़ा फटेगा जब तू ये लण्ड अपनी माँ बहन की चूत में पेलेगी ?
वह बेबाकी से बोली - तो फिर ये लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में भी घुसेगा अम्मी ?
मैंने कहा - हां जरूर घुसेगा। जब तक घुसेगा नहीं तब तक तेरी माँ चोदेगा कैसे ?
मेरी बात पर दोनों हंसने लगीं।
मैंने कहा - देख भोसड़ी की शन्नो और बन्नो जवानी का मज़ा लण्ड से ही मिलता है। लण्ड हाथ में न हो तो बुर चोदी जवानी किस काम की ?
शन्नो ने कहा - हां अम्मी सही कह रही हो लण्ड हाथ में न हो तो बुर चोदी बुर किस काम की ?
तब तक किसी ने पीछे से कहा - तो मेरा भी लण्ड ले लो शन्नो दीदी।
शन्नो ने कहा - अरे टिल्लू तू मादर चोद कहाँ से आ गया ?
वह बोला अरे दीदी साहिबा दरवाजा खुला था। मैं अंदर घुसा तो सीधे कमरे में चला आया और यहाँ जो देखा उससे मेरा साला लण्ड खड़ा हो गया। मैंने तुम्हे नंगी देखा, बन्नो दीदी को भी नंगा देखा, आंटी जी भी नंगी थीं और दो आदमी भी अपना अपना लण्ड खड़ा किये हुए नंगे थे। तो ऐसे में मेरा लौड़ा कैसे शांत रह सकता है ? मैंने कहा - अच्छा माँ के लौड़ी तो आ जा मैं देखती हूँ की कितना बड़ा है तेरा लण्ड ?
मैंने हाथ बढ़ाकर उसका लण्ड पकड़ लिया। टिल्लू मेरे पड़ोस का लड़का है। वह शन्नो की ही उम्र का है। लेकिन लण्ड उसका सफीक के लण्ड के बराबर था। मैं उसका सुपाड़ा ही मस्ती से चाटने लगी।
हम तीनो के पास एक एक लण्ड आ गया । थोड़ी देर तक लण्ड चाटने चूसने के बाद टिल्लू ने लण्ड मेरे भोसड़ा में पेल दिया। फिर गचागच चोदने लगा मुझे। मैंने कहा अरे बेटा, तू भोसड़ी का बहुत अच्छी तरह चोद लेता है। अपने घर में किस किस की बुर चोदते हो, बीटा ? वह बोला आंटी मैं अपनी खाला का और फूफी का भोसड़ा चोदता हूँ। खाला की बेटी की भी बुर लेता हूँ और फूफी की बेटी की भी बुर लेता हूँ। इन दोनों की सहेलियों को भी कभी कभी चोद लेता हूँ।
शन्नो बोली - तो फिर तेरी बीवी कौन चोदता है टिल्लू ?
वह बोला :- मेरी बीवी मेरे दोस्त चोदते हैं। मैंने एक दिन खालू को भी मेरी बीवी चोदते हुए देखा था। मेरे फूफा भी का लण्ड मेरी बीवी पीती है।
बन्नो बोली :- तो फिर तुम्हे बुरा नहीं लगता ?
वह बोला - बुरा क्यों लगेगा ? मैं भी तो अपने दोस्तों की बीवियां चोदता हूँ। और जब मेरी बीवी गैर मर्दों के लण्ड पसंद करती है तो मैं उसे दूसरों से चुदवाने से रोकता नहीं हूँ। मेरे दोस्त कभी कभी मेरे सामने ही मेरी बीवी चोदते हैं। तब तक शन्नो रफीक से धकाधक चुदवाने लगी और बन्नो सफीक से ? हम तीनो अपनी अपनी बुर चुदवाने में मगन हो गयीं और चुदाई की आवाज़ें एन्जॉय करने लगीं। अचानक शन्नो बोली टिल्लू तू भोसड़ी का बड़ी देर से मेरी माँ अक भोसड़ा चोद मेरी बुर चोद कर दिखा। उसने मेरी चूत से टिल्लू का लौड़ा निकाल कर अपनी चूत में घुसेड़ लिया। वह पहली बार टिल्लू से चुदवाने लगी तो उसे मज़ा आने लगा। मैंने भी सफीक का लण्ड बन्नो की बुर से निकाल लिया और उसे अपनी चूत में घुसेड़ा। मैं फिर से उसी स्पीड से चुदवाने लगी। बन्नो ने सामने देखा तो रफीक का लण्ड पहले तो चाटा फिर उसे अपनी बुर में पेला और चुदवाने लगी। लण्ड की अदला बदली करने पर चुदाई का मज़ा दूना तो हो जाता है। चुदाई और ज्यादा मजे दार हो गयी। चुदाई की आवाज़ें भी और सुरीली हों गयीं।
इसी बीच ६ महीने में मैंने शन्नो और बन्नो की शादी कर दी। इनकी शादी के ठीक एक महीने बाद मेरी बहन के लड़के की शादी होने वाली थी। इसलिए हम तीनो उसके घर चली गयीं। मेहमानों का आना शुरू हो गया। मेरी बहन के घर में चहल पहल हो गयी।
दोस्तों, अब आगे की कहानी मेरी बेटी शन्नो से सुनिए :-
मेरे प्यारे दोस्तों, अपने देखा की किस तरह हम तीनो मिलकर चोदा चोदी का मज़ा लूटतीं हैं और जम कर ऐय्यासी करतीं हैं। मैं भी अपनी ससुराल से अपनी सुहागरात मना कर आयी हूँ और मेरी बहन बन्नो भी सुहागरात मना कर आयी है। हमने अपनी अपनी सुहागरात की बातें खुल कर अम्मी जान को बताया है। इतनी बेहतरीन सुहागरात बड़ी नसीबवाली और नसीब वालों को ही मिलता है। मौक़ा मिलेगा तो मैं आपको भी बताऊंगी दोस्तों. अभी हम तीनो अपनी वलीमा खाला जान के घर आयीं हैं। मेरे साथ मेरा शौहर भी है और बन्नो का भी शौहर आया है। उधर मेरी फूफी जान नज़मा बेगम आ गयीं है उसकी बेटी सदा भी उसके साथ है। सदा भी शादी शुदा है। उसका मियां तारिक़ उसके साथ है। घर खुश हाली से गूँज रहा है। हर तरफ हंसी मजाक हो रही है। मस्त मस्त गन्दी गन्दी बातें हो रहीं हैं। नॉन वेज चुटकुले हो रहें हैं। एक दूसरे पर छीटा कसी हो रही है। प्यार से गाली गलौज भी हो रही है।
अम्मी ने फूफी से कहा - अरी मेरी बुर चोदी नन्द, झांटें बनाकर आयी हो की नहीं ? आज तेरा भोसड़ा खुले आम चोदा जायेगा ?
फूफी ने जबाब दिया - नहीं भाभी जान भोसड़ा तो पहले तेरा चोदा जायेगा वह भी खुल्लम खुल्ला और तेरी बेटियों की बुर भी चोदी जायेगीं।
उधर फूफी की बेटी बोली - हाय शन्नो, तेरा भोसड़ी का ससुर कहाँ है वह रिश्ते में मेरा देवर लगता है। मैं उसका लौड़ा देखना चाहती हूँ।
तब तक बन्नो बोली - हाय दईया सदा, तेरा शौहर तो मेरा मामू लगता है। तू भी उसका लौड़ा खोल कर मुझे दिखा ? मैंने भी देखूं की उसका लौड़ा कितना मजबूत है।
तब तक उधर से खाला जान की बेटी हया आयी और बोली पहले तुम सब मर्दों से कहो की वो मेरी बुर चाटें। मैं तो दूल्हे की बहन हूँ, मैं तो सबसे अपनी बुर चटवाऊंगी।
शाम को मैं खाला की बेटी के साथ बातें कर रही थी। तभी मुझे ऐसा लगा की मेरी खाला, फूफी और अम्मी तीनो आपस में कुछ मज्रदार बातें कर रहीं हैं। हम दोनों छुप छुप कर सुनने लगीं।
फूफी ने खाला से कहा - हाय वलीमा भाभी, बेटियां तो बड़े मूड में हैं आज ? लगता है की आज वो कुछ न कुछ जरूर कर बैठेंगीं।
खाला बोलीं - माँ चुदायें अपनी, बुर चोदी बेटियां ? इन भोसड़ी वाली बेटियों को माँ चुदाना तो ठीक से आता नहीं तो वो क्या करे बैठेंगीं, अपनी गांड मरायेंगीं क्या ?
हालांकि खाला जान यह बात मजाक में कहीं पर मुझे और हया को लगा की ये तो हमारे चैलेंज हैं ? हमें तो माँ चुदाना अच्छी तरह आता है तो फिर खाला जान ऐसा क्यों कहा ? हम दोनों ने सदा और बन्नो को भी बुलाया और खाला की बाटन उन्हें सुनाई। फिर हम चारों सोंचने लगीं की क्या किया जाए ? खाला की बेटी हया जो मेरे साथ थी वह बोली - यार शन्नो क्यों न हम चारों मिलकर माँ चुदाना दिखा ही दें इन बुर चोदी अम्मियों को ? जब तक इनके भोसड़ा में लण्ड नहीं घुसेगा तब तक इन्हे समझ में नहीं आएगा ? हया आगे बोली शन्नो आज रात को तुम अपने मियां का लण्ड मेरी माँ के भोसड़ा में पेल दो और चोद डालो उसका भोसड़ा ?
सदा ने कहा :- हां यार यह आईडिया सही है। क्यों न हम लोग अपने अपने मियां का लण्ड पेल पेल के एक दूसरे की माँ चुदवायें ? अभी तो हर दिन कोई न कोई जश्न होता है जैसे कल हम सबने एक दूसरे के मियां का लण्ड मुठ्ठ मार मार कर पिया था। तो आज माँ चुदाने का जश्न हो जाये !
सबने हां कह दी और फिर हमने रात भर के लिए माँ चुदाने का प्लान बना लिया। चूंकि खाला ने ही कहा था की "माँ चुदायें अपनी बुर चोदी बेटियां" तो खाला की बेटी हया ने ही माँ चुदाने का जिम्मेदारी ली। उसने कहा अब तो हम आज ही रात को अपनी माँ चुदा कर दिखा देगीं। शाम को जब सब लोग इकठ्ठा हुए तो हया बोली "आज की शाम, माँ चुदाने के नाम" ? आज हम सब बेटियां अपनी अपनी माँ चुदवायेंगीं ? उसकी यह बात सुनकर सबने खूब तालियां बजाईं और हौसला बढ़ाया। हाय उठी और अपने मियां के पास नहीं बल्कि मेरे मियां के पास गयी और उसके पैजामे के अंदर हाथ डाल कर लौड़ा पकड़ लिया। वह अंदर ही अंदर लण्ड मुठ्ठी में लेकर सहलाने लगी। मुझे भी जोश आया तो मैंने उसके मियां का लण्ड पैजामे के अंदर ही पकड़ा और हिलाना शुरू कर दिया। हमें देख कर बन्नो और सदा दोनों ने एक दूसरे के शौहर की लुंगी खोल कर उन्हें एकदम नंगा कर दिया । दोनों भोसड़ी के सबके सामने नंगे हो गए। फिर ये दोनों एक दूसरे के शौहर का लण्ड पकड़ कर प्यार से चूमने और हिलाने लगीं।
पूरे माहौल में मस्ती छा गयी। हया खड़ी होकर बोली - देखो मादर चोदों और मादर चोदियों आज के जश्न की मेरी जिम्मेदारी है इसलिए जो मैं कहती हूँ वह तुम सब लोगों को करना पड़ेगा। इधर हम बेटियों ने एक दूसरे के मियां का लण्ड पकड़ लिया है। अब आप लोग अपने अपने कपड़े उतार कर फेंक दें। यहाँ जो चुदाई में हिस्सा लेगें और जो नहीं लेगें उन सबको नंगा और नंगी ही रहना पड़ेगा। यानी चुदाई करने वाले और चुदाई देखने वाले सब नंग धडंग ही रहेंगें । जिनको नंगा या नंगी नहीं होना है वो प्लीज इस महफ़िल से चले जाएँ ? उसके बार बार कहने के बावजूद कोई गया नहीं। यानी की सब लोग नंगे और नंगी हो गयीं। सबको तमाशा देखने में मज़ा आने लगा। सब के मन में था की अब आगे क्या होगा ?
सब लोगों को नंगे नंगी देख कर माहौल पूरी तरह गरमा गरम हो गया। मैंने देखा की मेरी अम्मी, मेरी खाला, मेरी फूफी, मेरी भाभियाँ, हमारी नन्द, सास सबकी सब नंगी थीं। सारे मरद भी भोसड़ी वाले नंगे हो गए। अय्यासी आसमान पर थी. वासना हम लोगों के दिमाग में बुरी तरह घुस गयी थी। रात के १२ बजे थे। वैसे भी रात में हर औरत बुर चोदी रंडी बन जाती है। मैंने हया के मियां का लण्ड अपनी अम्मी के मुंह में घुसेड़ दिया। हया ने मेरे मियां का लण्ड अपनी अम्मी के मुंह में घुसेड़ दिया। दोनों अम्मियाँ मजे से लण्ड चाटने लगीं। उधर बन्नो ने सदा के मियां का लण्ड खाला की चूँचियों के बीच घुसा दिया और सदा ने बन्नो के मियां का लण्ड अपनी माँ की चूँचियों के बीच पेल दिया। इतने में मेरी भाभी बोलीं हाय दईया आज ये बेटियां बुर चोदी अपनी माँ चुदा कर ही मानेगीं। इस तरह खाला के मुंह में भी लण्ड और चूँचियों में भी लण्ड घुस गया। थोड़ी देर तक ये तीनो लण्ड चाटती रहीं और देखे वाले बिना पलक झपकाये देखते रहे।
फिर हया के मियां नदीम ने अपना लण्ड मेरी अम्मी के भोसड़ा में पेला और मस्ती से चोदने लगा. मैं उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। मेरा मियां रफ़ी खाला का भोसड़ा चोदने लगा और उधर सदा के मियां ने अपना लण्ड खाला के मुंह में घुसेड़ दिया। खाला उसका लण्ड चूसते हुए चुदवाने लगीं। फूफी भी अपना भोसड़ा खोले हुए बन्नो के मियां सफी से भकाभक चुदवाने लगी। बन्नो फूफी की चूँचियाँ मसलने लगी और दूसरे हाथ से अपने मियां के पेल्हड़। सब आँखें फाड़ फाड़ कर माँ चुदाने का सीन देखने लगीं। उन्हें ऐसा लगा की वो सब जीती जागती एक ब्लू फिल्म देख रहीं हैं। फूफी मेरी अम्मी से बोली हाय भाभी ये बुर चोदी बेटियां सच में अपनी माँ चुदाने में बड़ी एक्सपर्ट हो गयीं हैं। अम्मी ने कहा शन्नो की बुर चोदी खाला ने बेटियों को ललकार दिया तो फिर बेटियों ने दिखा दिया की कैसे चुदवाई जाती है माँ ?
इसी को कहतें हैं जवानी में धुआंधार खुल्लम खुल्ला अय्यासी...
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