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यह घमाशान चुदाई आपको सदा तक याद रहेगी - Ye chudai ki kahani aap bhul nahi paoge
यह घमाशान चुदाई आपको सदा तक याद रहेगी - Ye chudai ki kahani aap bhul nahi paoge , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
बुर चोदी है सास बहू, बुर चोदी है नन्द
सब मिलके चुदवा रहीं, पेल पेल के लण्ड
माँ - बेटी, सास - बहू, नन्द - भौजाई के रिश्ते बड़े अच्छे और पवित्र रिश्ते माने जातें हैं। उम्मीद यह की जाती है
की ये रिश्ते कभी टूटे नहीं बल्कि दिन पर दिन और मजबूत होते रहें। लेकिन प्रक्टिकली होता कुछ और ही है।
इन रिश्तों में अक्सर तू तू मैं मैं, नोंक झोंक, उठा पठक होती रहती है। अगर यह सब एक सीमा के अंदर रहे और इन्हें एन्जॉय किया जाए तो इसे हंसी मजाक माना जाता है और ऐसे में बड़ा मज़ा आता है. लेकिन अगर मामला सीमा के बाहर हो जाये तो यह बड़ा दुःख दायी होता है.
हमारे घर में भी ये तीनो रिश्ते हैं लेकिन हम तीनो इसे बड़े अच्छे ढंग से जी रहीं हैं, ऐय्यासी कर रहीं हैं और खूब जम कर ज़िन्दगी एन्जॉय कर रहीं हैं। हम तीनो यानी सास बहू नन्द भले ही एक रिश्ते में हों पर असली बात यह है की हम लोग आपस में एक दूसरे की पक्की दोस्त हैं। चाहे मादर चोद मैं हूँ, इस घर की बहू, चाहे मेरी भोसड़ी की सास हो, या फिर मेरी बुर चोदी नन्द ? यहाँ हम सबको चाहिए हाथ हाथ भर के बड़े बड़े लण्ड ? हमारा कहना है की दिन रात लण्ड से खेलो और लण्ड एक दूसरे की चूत में पेलो ? बाकी दुनिया की माँ की चूत ?
अब तुम ही बताओ यार फरज़ाना, बेटी मेरी, बहू मेरी, भोसड़ा मेरा, गांड मेरी, सब कुछ मेरा, मैं जो चाहूँ करूं ? इसमें दुनिया की क्यों फटी जा रही है ? मैं चाहे अपनी बेटी चुदवाऊँ, चाहे बहू चुदवाऊँ, मेरी बेटी चाहे अपनी माँ चुदवाये, अपनी भाभी की बुर में लण्ड पेले, बहू अपनी सास का भोसड़ा चुदवाये चाहे, चाहे अपनी नन्द की बुर चुदवाये। इसमें दुनिया की गांड क्यों जली जा रही है ? अरे भई चूत हमारी है, भोसड़ा हमारा है, बुर हमारी है, गाड़ हमारी है, हम जैसे चाहे वैसे इस्तेमाल करें इन सबका ? ये हमारा हक़ है। इसमें दुनिया की माँ क्यों चुद रही है ? हम चाहे नंगी नंगी बैठी रहें, चाहे नंगी नंगी नाचें, चाहे एक दूसरे की झांट उखाड़ें, चाहे एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलें, एक दूसरे की गांड ने लण्ड ठोंकें इससे बहन चोद दुनिया को क्या लेना देना ? इसलिए मैं दुनियां की झांट परवाह नहीं करती ?
वहां से आकर मैंने अपनी बेटी साइमा को और अपनी बहू समीना को साफ़ साफ़ बताया की कल फरज़ाना के कुनबे के साथ चोदा चोदी होगी। वो दोनों यह बात सुनकर उछल पड़ीं। उनकी चूत में आग लग गयी और चूँचियाँ मचलने लगीं। उधर फरज़ाना ने भी अपनी बेटी बहू को बताया तो वह बोली हाय अम्मी जान यह तो तूने बहुत अच्छा किया। हम तो मन ही मन सोंच रहीं थी की अगर पड़ोसी के लण्ड मिलें तो कितना मज़ा आये ? फरज़ाना ने मजाक में कहा बहू अब मालूम होगा की तेरी चूत में कितना दम है ? फिर उसने अपनी बेटी से कहा बेटी नाज़ तेरी माँ का भोसड़ा कल चोदा जायेगा ? वह पलट कर बोली हां अम्मी तू ठीक कह रही है कल तेरी बिटिया की बुर भी चोदी जाएगी। बहू बोली हाय दईया मेरी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर भी चुदेगी। तो फिर कितना मज़ा आएगा ?
अगले दिन शाम को धीरे धीरे सब लोग जुड़ने लगे। फरज़ाना आ गयी उसके साथ उसकी बेटी बहू दोनों थीं। वह बोली शबाना ये है मेरी बुर चोदी बेटी नाज़, ये है मेरी बुर चोदी बहू फरहा और मैं हूँ बुर चोदी फरज़ाना ? मैं उसकी बात से मुस्करा पड़ी। इधर मैं शबाना, मेरी बेटी साइमा और मेरी बहू समीना थी। थोड़ी देर में फरज़ाना का मियां माजिद. उसकी बेटी का शौहर बसीर और उसका दोस्त नावेद भी आ गया। फरज़ाना का बेटा विदेश में था। इधर मेरी बेटी का शौहर असद और उसका दोस्त सिराज था। क्योंकि मेरा भी बेटा बाहर गया हुआ था। चूँकि यह पड़ोस का मामला था इसलिए सब लोग एक दूसरे से अच्छी तरह से परिचित थे। कोई भी अनजाना नहीं था। अनजाना अगर था तो वह था सबके लण्ड और सबकी चूत ? आज सबकी चूत का परिचय सबके लण्ड से हो जायेगा। और सारे लण्ड भी सबकी चूत का परिचय लेगें। आज आएगा वो मज़ा जो इसके पहले कभी नहीं लिया गया। आज होगी सबकी चूत की भकाभक और खुल्लम खुल्ला चुदाई।
एक बात यह देखी गयी की सबने बहुत कम कपड़े पहने थे। पड़ोस का मामला था इसलिए ज्यादा कपड़े पहनने का कोई मतलब भी नहीं था। मरद तो सबके सब नंगे बदन ही आ गए थे ऊपर छत से। उनके पीछे सास बहू नन्द भी अपनी चोंचियाँ खोले हुए आ गयैं। उनके बदन पर सिर्फ एक एक सलवार थी और कुछ भी नहीं। उधर के मरद इधर की बीवियों की चूँचियाँ देखने लगे और इधर के मरद उधर की बीवियों की चूँचियाँ ताकने लगे। सास बहू, बेटी सब तो बीवियां ही थीं। इधर उधर दोनों की बेटियां तो शादी शुदा थीं। इसको अगर बीवियों की अदला बदली कहा जाए तो गलत न होगा। सबको यह बात तो मालूम ही थी की उधर के मरद इधर की बीवियां चोदेंगें और इधर में मरद उधर की बीवियां चोदेगें। इसलिए कोई शर्म और लज्जा की बात ही नहीं थी। मैंने कहा फरज़ाना हायअल्ला, तेरी बहू बेटी तो माशा अल्ला बेहद खूब सूरत हैं, बहन चोद ? वह बोली हां यार बहू बेटी तो तेरी भी बेहद खूबसूरत है शबाना। और तू भी भोसड़ी वाली कम खूबसूरत नहीं है ? मैंने कहा यार फरज़ाना मुझे लगता है की तुझसे ज्यादा तेरा भोसड़ा खूबसूरत होगा।
मेरी यह बात सुनकर सब लोग खिलखिलाकर हंसने लगे। तब तक फरज़ाना का मियां माजिद बोला शबाना भाभी आज तो तुम बहुत अच्छी लग रही हो और तेरी चूँचियाँ तो गज़ब ढा रहीं हैं। मैंने कहा ऐसे नहीं माजिद मियां ज़रा इन्हे पकड़ कर देखो न ? आज तो मेरी ये चूँचियाँ तेरी हैं मेरे राजा ? उसने हाथ बढ़ाया और मेरे बूब्स मस्ती से दबाने लगा। इसी तरह उसका दामाद मेरी बेटी साइमा की चूँचियाँ मसलने लगा और उसका दोस्त नावेद मेरी बहो की चूँचियाँ सहलाने लगा। इधर दूसरे ग्रुप में मेरा मियां हनीफ फरज़ाना की चूँचियाँ चूमने लगा मेरा दामाद असद नाज़ की चूँचियों पर जुट गया और उसका दोस्त सिराज़ उसकी बहू फरहा की चूँचियाँ चाटने लगा। माहौल एकाएक बहुत गरम हो गया। मेरा हाथ मजीद के लण्ड पर चला गया। मुझे महसूस हुआ की लण्ड तो खड़ा है इसका मतलब माजिद मूड में है। मैंने फ़ौरन उसकी लुंगी खींच ली और उसे सबके सामने नंगा कर दिया। उसका टन टनाटा लण्ड सबने देखा और मज़ा लिया।
तब तक मेरी बेटी साइमा भी बसीर को नंगा कर चुकी थी. उसका चिकना लण्ड अपनी मुठ्ठी ले कर हिलाने लगी और बोली अम्मी जान लौड़ा तो बहन चोद बड़ा मजे दार है। बड़ा मज़ा आएगा चुदवाने में। उधर मेरी बहू ने नावेद का पैजामा खोला और उसका लौड़ा चूमने लगी। हम तीनो सास बहू नन्द इन तीनो का लण्ड हिला हिला कर मस्ती करने लगीं और चूमें चाटने लगीं। हमारे सामने दूसरे ग्रुप में मेरे मियां ने फरज़ाना को नंगी करके वाकई चूँचियाँ मसलने लगा. फरज़ाना मेरे मियां लण्ड अपनी बेटी बहू को दिखा दिखा कर उनका जोश बढ़ाने लगी। उसकी बेटी नाज़ मेरे दामाद असद का लण्ड इतने मजे से चूमने लगी जैसे की यह उसी के शौहर का लण्ड है। उसकी बहू फरहा ने सिराज़ का लण्ड कई बार चूमा और उसके पेल्हड़ भी मजे से चूमने लगी। मेरे घर के तीन लण्ड फरज़ाना के घर की बीवियों के हाथ में चले गए और फरज़ाना के घर के तीन लण्ड मेरे घर की बीवियों के हाथ में चले गए।
थोड़ी देर तक हम सब बीवियां लण्ड चाटती चूसती रहीं। मैंने तो फरज़ाना के शौहर का लण्ड उसी के बेटी बहू के सामने चूस रही थी। वह भी मेरी चूत बड़े मन से चाट रहा था। मेरी बेटी फरज़ाना की बेटी के मियां का लण्ड चूस रही थी और अपनी बुर चटवा रही थी। मेरी बहू भी किसी से पीछे नहीं थी। फरज़ाना भी मेरे मियां का लण्ड चूसने में मज़ा ले रही थी। उसकी बेटी जिस तरह मेरे दामाद का लण्ड चूस रही थी वह वाकई देखने वाला था। पूरे हाल में इस तरह का गैर मरद का लण्ड चूसना और गैर बीवी की बुर चाटना सबको बड़ा अच्छा लग रहा था।मेरी बेटी साइमा फरज़ाना को अपने अब्बू का लण्ड चूसते हुए देखा तो वह बोली - अब्बू फाड़ डालो फरज़ाना आंटी का भोसड़ा ? उसकी बुर चोदी बेटी की बुर भी चोद डालो ? उसकी बहू की बुर में पेल दो अपना लण्ड ? उसको सुनकर फरज़ाना की बेटी नाज़ बोली - हाय मेरे अब्बू जान तुम भी शबाना आंटी की बूर चीर डालो। उसकी बिटिया की बुर में घुसा दो अपना मोटा लण्ड और चोद डालो उसकी बहू की भकाभक चूत। आज इन तीनो बीवियों की बुर का मज़ा लूटो अब्बू।
इधर मैंने फरज़ाना के मियां से चुदवाना शुरू किया तो उधर फरज़ाना ने मेरे मियां से। इधर मेरी बेटी ने उसके दामाद का लण्ड अपनी चूत में पेलवाया तो उधर उसकी बेटी नाज़ ने मेरे दामाद का लौड़ा अपनी बुर में घुसेड़ लिया। इधर मेरी बहू ने नावेद का लौड़ा अपनी चूत में घुसेड़ा तो उधर उसकी बहू भी मजे से सिराज़ का लण्ड घुसेड़ कर मज़ा लेने लगी। अब दोनों ग्रुप में चोदा चोदी शुरू हो गयी। सब बीवियों की चूत में ग़ैर मर्दों के लण्ड घुस घुस कर चोदने लगे। पूरा हाल चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बहुत बड़ा चुदाई घर बना हुआ है जिसमे एक बढ़कर एक रंडियां भकाभक चुदवा रहीं हैं। किसी ने सच ही कहा है की हर एक औरत बहन चोद अंदर से रंडी ही होती है। हर औरत को पराये मरद का लण्ड बड़ा अच्छा लगता है और दिल से हर औरत पराये मरद से चुदवाना चाहती है।
मस्ती में सभी बीवियां कुछ न कुछ बोले जा रहीं थी। एक दूसरे को गालियां भी बके जा रहीं थीं. जैसे की - हाय नाज़ के अब्बू तेरा लौड़ा साला आज मेरी चूत फाड़ कर ही दम लेगा,,,,, यार तू मेरे सामने मेरी बेटी चोद ले मेरी बहू की बुर ले ले,,,,, आज मैं सबकी चुदाई का मज़ा ले कर ही दम लूंगी,,,, वाओ, कितना प्यारा लौड़ा है तेरा,,,,, आज तू मेरे सामने मेरी माँ का भोसड़ा भी चोद ले ,,, मेरी बहू की बुर को भोसड़ा बना दो यार ,,,, तेरी बिटिया की बुर तो आज भोसड़ा बन ही जाएगी ,,,,, तेरी माँ की चूत, साइमा ,,,,,,,, बेटी, तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा ,,,,, सासू जी, तेरी बेटी की बुर चोदूँगी अभी ,,,, मुझे तो आज बड़ा मज़ा आ रहा है। हाय दईया पूरा लौड़ा पेल दो ,,,, खूब धकाधक चोदो मुझे और मेरी माँ ,,,,, सासू जी, तेरी बुर चोदी बहू का भोसड़ा ,,, तेरी नन्द की चूत बहू रानी आज जी भर के चुदवा ले ,,,, तेरी बहू की नन्द की बुर अम्मी ,,,,,, बहू, तेरे नंदोई की बीवी की बुर ,,,,,,, भाभी, तेरी ससुर की बीवी की चूत ,,,,,,,तेरा मादर चोद लण्ड बड़ा मोटा है यार ,,,,,, भोसड़ी के पीछे से चोदो न मुझे ,,,,,,, मैं तो तेरा लण्ड चोदूँगी ससुर जी ,,,,, नन्द रानी मैं तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी ,,,, अब्बू आंटी की गांड में भी ठोंक दो लण्ड ,,,,, मेरी चूँचियाँ भी चोदो मेरे राजा ,,,,,, एक दिन मेरी बहन की भी बुर ले लो अंकल ,,,, आज तेरा लण्ड खा जाऊंगी मैं ,,,,, मैं अभी तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी, आंटी , ,,,,,? तेरी बुर चोदी बहू की गांड ,,,,,अम्मी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर ,,,,,
चूंकि दोनों ग्रुप बिलकुल एक दूसरे से सटे हुए थे इसलिए बीवियां एक लण्ड से चुदवा रहीं थीं और दूसरे लण्ड के पेल्हड़ सहला रहीं थीं। उधर सारे मरद भोसड़ी के धक्के पे धक्के लगाए जा रहे थे। हम सबको जितना मज़ा अपनी अपनी बुर चुदवाने में आ रहा था उससे ज्यादा मज़ा दूसरे की बुर चुदवाने में आ रहा था। बहू अपनी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर चुदवा रही थी , सास अपनी बहू की चूत और अपनी बेटी की बुर चुदवा रही थी। बेटी अपनी भाभी की बुर और अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही थी। यही इस सामूहिक चुदाई का सबसे बड़ा आनंद था। मेरी बेटी साइमा बोली एमी इस तरह की चुदाई का मज़ा आज पहली बार आ रहा है। मैंने पहले भी ग्रुप में चुदवाया पर वो मज़ा नहीं आया जो मज़ा आज आ रहा है। मैंने कहा हां बेटी सेक्स का मज़ा असीमित है। बस यह देखना है की कौन कितना ले सकती
नन्द चुदे, सासू चुदे, चुदे बहू की चूत
तीनो मिल चुदवा रहीं, लंड पेल के खूब
इतने में ग्रुप में एक नया मोड़ आ गया। फरज़ाना के मियां ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मेरी बेटी साइमा की चूत में घुसेड़ दिया। वह मेरी बेटी की बर चोदने लगा। उसे देख कर उधर मेरे मियां ने फरज़ाना की बेटी नाज़ की बुर लेने लगा। फरज़ाना की बेटी नाज़ बोली देखा आंटी कितनी मस्ती आ रही हैं इन मादर चोद मर्दों में। फरज़ाना बोली हां बेटी यह बात बिलकुल सही है। फरज़ाना बोली हां शबाना देखो न। साइमा का अब्बू मेरी बेटी चोद रहा है और मेरी बेटी का अब्बू तेरी बेटी चोद रहा है। मैंने कहा अरी फरज़ाना जब बीवियों की अदला बदली हो सकती है तो फिर बेटियों की भी अदला बदली हो सकती है। ये भोसड़ी के मरद एक दूसरे की बेटी भी चोदते हैं। तब तक फरज़ाना के दामाद ने लण्ड मेरी बहू की बुर में घुसा दिया। उधर मेरा दामाद फरज़ाना की बहू चोदने लगा। उनके लण्ड बदले तो जैसे चुदाई में भूचाल आ गया। चुदाई और तेजी से होने लगी। तब मैंने नावेद का लण्ड अपने भोसड़ा में पेला और उधर सिराज ने अपना लण्ड फरज़ाना के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। ये दोनों भी साले हम दोनों का भोसड़ा धकाधक चोदने लगे।
उसके बाद जब लण्ड एक एक करके झड़ने लगे तो सबने खूब मजे से झड़ते हुए लण्ड चाटे।
एक दिन मेरी मुलाक़ात एक और पड़ोसन से हो गयी। वह हैं सुलताना बेगम। बातों ही बातों में मैंने उसे अपना किस्सा सुना दिया।
बुर चोदी है सास बहू, बुर चोदी है नन्द
सब मिलके चुदवा रहीं, पेल पेल के लण्ड
माँ - बेटी, सास - बहू, नन्द - भौजाई के रिश्ते बड़े अच्छे और पवित्र रिश्ते माने जातें हैं। उम्मीद यह की जाती है
हमारे घर में भी ये तीनो रिश्ते हैं लेकिन हम तीनो इसे बड़े अच्छे ढंग से जी रहीं हैं, ऐय्यासी कर रहीं हैं और खूब जम कर ज़िन्दगी एन्जॉय कर रहीं हैं। हम तीनो यानी सास बहू नन्द भले ही एक रिश्ते में हों पर असली बात यह है की हम लोग आपस में एक दूसरे की पक्की दोस्त हैं। चाहे मादर चोद मैं हूँ, इस घर की बहू, चाहे मेरी भोसड़ी की सास हो, या फिर मेरी बुर चोदी नन्द ? यहाँ हम सबको चाहिए हाथ हाथ भर के बड़े बड़े लण्ड ? हमारा कहना है की दिन रात लण्ड से खेलो और लण्ड एक दूसरे की चूत में पेलो ? बाकी दुनिया की माँ की चूत ?
अब तुम ही बताओ यार फरज़ाना, बेटी मेरी, बहू मेरी, भोसड़ा मेरा, गांड मेरी, सब कुछ मेरा, मैं जो चाहूँ करूं ? इसमें दुनिया की क्यों फटी जा रही है ? मैं चाहे अपनी बेटी चुदवाऊँ, चाहे बहू चुदवाऊँ, मेरी बेटी चाहे अपनी माँ चुदवाये, अपनी भाभी की बुर में लण्ड पेले, बहू अपनी सास का भोसड़ा चुदवाये चाहे, चाहे अपनी नन्द की बुर चुदवाये। इसमें दुनिया की गांड क्यों जली जा रही है ? अरे भई चूत हमारी है, भोसड़ा हमारा है, बुर हमारी है, गाड़ हमारी है, हम जैसे चाहे वैसे इस्तेमाल करें इन सबका ? ये हमारा हक़ है। इसमें दुनिया की माँ क्यों चुद रही है ? हम चाहे नंगी नंगी बैठी रहें, चाहे नंगी नंगी नाचें, चाहे एक दूसरे की झांट उखाड़ें, चाहे एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलें, एक दूसरे की गांड ने लण्ड ठोंकें इससे बहन चोद दुनिया को क्या लेना देना ? इसलिए मैं दुनियां की झांट परवाह नहीं करती ?
- फरज़ाना में कहा - हां यार शबाना तू बिलकुल यही कह रही है। यही तो मेरा भी सोंचना है। मैं भी लण्ड किसी की परवाह नहीं करती और अपनी बेटी बहू के साथ खूब ऐय्यासी करती हूँ। बेटी चुदवाती हूँ, बहू चुदवाती हूँ, मेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती है और अपनी भाभी की चूत में लण्ड घुसाती है। बहू भी हमारी बड़ी सयानी है। वह अपनी सास का भोसड़ा चोदती है और अपनी नन्द की चूत में लण्ड पे लण्ड पेला करती है। हम लोग भी ज़िन्दगी खूब एन्जॉय करती हैं और किसी मादर चोद नहीं सुनती। मेरे मन में जो होता है मैं वही करती हूँ। मेरा भोसड़ा जो चाहता वह करता है। मैं न अपने भोसड़ा को रोक सकती हूँ और न ही अपनी बेटी बहू की बुर को ? हम सब आज़ाद हैं जो चाहें वो करें। हमारे भी घर में बुर चोदी सास है, बुर चोदी बहू है और बुर चोदी नन्द है। हम सब आपस में गाली गलौज भी करतीं हैं। गालियों से हमारा आपस में प्यार बढ़ता है और चुदाई में फिर दुगुना मज़ा आता हैं।
- मैंने कहा - यार फरज़ाना तू बिलकुल सच कह रही है। मेरा भी यही मानना है। अब तू भी किसी दिन अपने मियां का लण्ड पेल दे मेरी चूत में ?
- अरे हां यार यह तो बहुत ही बढ़िया रहेगा। तू अपने मियां का लण्ड मेरी चूत में पेल दे, मैं अपने मियां का लण्ड तेरी चूत में पेल दूँ।
- फरज़ाना - तो फिर तू अपनी बेटी की मियां का लण्ड मेरी बेटी की बुर में घुसा दे, मैं अपनी बेटी के मियां का लण्ड तेरी बेटी की बुर में घुसा दूँ।
- मैंने कहा - हां यार, तब तो मज़ा ही आ जायेगा। और अगर मेरी बेटी का मियां तेरी बुर चोदे और तेरी बेटी का मियां मेरी बुर चोदे तब तो मज़ा ही मज़ा ही होगा यार ?
- फरज़ाना - तब तो इसमें बहुओं को भी शामिल कर लो न ? मेरा मियां तेरी बहू की बुर ले ले और तेरा मियां मेरी अभू की बुर ले ले ?
- मैनें कहा - अरे यार ऐसा कहो। तेरी घर की चूत मेरे घर के लण्ड, मेरे घर की चूत तेरे घर के लण्ड ? हो जाए अदला बदली और चोदा चोदी।
वहां से आकर मैंने अपनी बेटी साइमा को और अपनी बहू समीना को साफ़ साफ़ बताया की कल फरज़ाना के कुनबे के साथ चोदा चोदी होगी। वो दोनों यह बात सुनकर उछल पड़ीं। उनकी चूत में आग लग गयी और चूँचियाँ मचलने लगीं। उधर फरज़ाना ने भी अपनी बेटी बहू को बताया तो वह बोली हाय अम्मी जान यह तो तूने बहुत अच्छा किया। हम तो मन ही मन सोंच रहीं थी की अगर पड़ोसी के लण्ड मिलें तो कितना मज़ा आये ? फरज़ाना ने मजाक में कहा बहू अब मालूम होगा की तेरी चूत में कितना दम है ? फिर उसने अपनी बेटी से कहा बेटी नाज़ तेरी माँ का भोसड़ा कल चोदा जायेगा ? वह पलट कर बोली हां अम्मी तू ठीक कह रही है कल तेरी बिटिया की बुर भी चोदी जाएगी। बहू बोली हाय दईया मेरी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर भी चुदेगी। तो फिर कितना मज़ा आएगा ?
अगले दिन शाम को धीरे धीरे सब लोग जुड़ने लगे। फरज़ाना आ गयी उसके साथ उसकी बेटी बहू दोनों थीं। वह बोली शबाना ये है मेरी बुर चोदी बेटी नाज़, ये है मेरी बुर चोदी बहू फरहा और मैं हूँ बुर चोदी फरज़ाना ? मैं उसकी बात से मुस्करा पड़ी। इधर मैं शबाना, मेरी बेटी साइमा और मेरी बहू समीना थी। थोड़ी देर में फरज़ाना का मियां माजिद. उसकी बेटी का शौहर बसीर और उसका दोस्त नावेद भी आ गया। फरज़ाना का बेटा विदेश में था। इधर मेरी बेटी का शौहर असद और उसका दोस्त सिराज था। क्योंकि मेरा भी बेटा बाहर गया हुआ था। चूँकि यह पड़ोस का मामला था इसलिए सब लोग एक दूसरे से अच्छी तरह से परिचित थे। कोई भी अनजाना नहीं था। अनजाना अगर था तो वह था सबके लण्ड और सबकी चूत ? आज सबकी चूत का परिचय सबके लण्ड से हो जायेगा। और सारे लण्ड भी सबकी चूत का परिचय लेगें। आज आएगा वो मज़ा जो इसके पहले कभी नहीं लिया गया। आज होगी सबकी चूत की भकाभक और खुल्लम खुल्ला चुदाई।
एक बात यह देखी गयी की सबने बहुत कम कपड़े पहने थे। पड़ोस का मामला था इसलिए ज्यादा कपड़े पहनने का कोई मतलब भी नहीं था। मरद तो सबके सब नंगे बदन ही आ गए थे ऊपर छत से। उनके पीछे सास बहू नन्द भी अपनी चोंचियाँ खोले हुए आ गयैं। उनके बदन पर सिर्फ एक एक सलवार थी और कुछ भी नहीं। उधर के मरद इधर की बीवियों की चूँचियाँ देखने लगे और इधर के मरद उधर की बीवियों की चूँचियाँ ताकने लगे। सास बहू, बेटी सब तो बीवियां ही थीं। इधर उधर दोनों की बेटियां तो शादी शुदा थीं। इसको अगर बीवियों की अदला बदली कहा जाए तो गलत न होगा। सबको यह बात तो मालूम ही थी की उधर के मरद इधर की बीवियां चोदेंगें और इधर में मरद उधर की बीवियां चोदेगें। इसलिए कोई शर्म और लज्जा की बात ही नहीं थी। मैंने कहा फरज़ाना हायअल्ला, तेरी बहू बेटी तो माशा अल्ला बेहद खूब सूरत हैं, बहन चोद ? वह बोली हां यार बहू बेटी तो तेरी भी बेहद खूबसूरत है शबाना। और तू भी भोसड़ी वाली कम खूबसूरत नहीं है ? मैंने कहा यार फरज़ाना मुझे लगता है की तुझसे ज्यादा तेरा भोसड़ा खूबसूरत होगा।
मेरी यह बात सुनकर सब लोग खिलखिलाकर हंसने लगे। तब तक फरज़ाना का मियां माजिद बोला शबाना भाभी आज तो तुम बहुत अच्छी लग रही हो और तेरी चूँचियाँ तो गज़ब ढा रहीं हैं। मैंने कहा ऐसे नहीं माजिद मियां ज़रा इन्हे पकड़ कर देखो न ? आज तो मेरी ये चूँचियाँ तेरी हैं मेरे राजा ? उसने हाथ बढ़ाया और मेरे बूब्स मस्ती से दबाने लगा। इसी तरह उसका दामाद मेरी बेटी साइमा की चूँचियाँ मसलने लगा और उसका दोस्त नावेद मेरी बहो की चूँचियाँ सहलाने लगा। इधर दूसरे ग्रुप में मेरा मियां हनीफ फरज़ाना की चूँचियाँ चूमने लगा मेरा दामाद असद नाज़ की चूँचियों पर जुट गया और उसका दोस्त सिराज़ उसकी बहू फरहा की चूँचियाँ चाटने लगा। माहौल एकाएक बहुत गरम हो गया। मेरा हाथ मजीद के लण्ड पर चला गया। मुझे महसूस हुआ की लण्ड तो खड़ा है इसका मतलब माजिद मूड में है। मैंने फ़ौरन उसकी लुंगी खींच ली और उसे सबके सामने नंगा कर दिया। उसका टन टनाटा लण्ड सबने देखा और मज़ा लिया।
तब तक मेरी बेटी साइमा भी बसीर को नंगा कर चुकी थी. उसका चिकना लण्ड अपनी मुठ्ठी ले कर हिलाने लगी और बोली अम्मी जान लौड़ा तो बहन चोद बड़ा मजे दार है। बड़ा मज़ा आएगा चुदवाने में। उधर मेरी बहू ने नावेद का पैजामा खोला और उसका लौड़ा चूमने लगी। हम तीनो सास बहू नन्द इन तीनो का लण्ड हिला हिला कर मस्ती करने लगीं और चूमें चाटने लगीं। हमारे सामने दूसरे ग्रुप में मेरे मियां ने फरज़ाना को नंगी करके वाकई चूँचियाँ मसलने लगा. फरज़ाना मेरे मियां लण्ड अपनी बेटी बहू को दिखा दिखा कर उनका जोश बढ़ाने लगी। उसकी बेटी नाज़ मेरे दामाद असद का लण्ड इतने मजे से चूमने लगी जैसे की यह उसी के शौहर का लण्ड है। उसकी बहू फरहा ने सिराज़ का लण्ड कई बार चूमा और उसके पेल्हड़ भी मजे से चूमने लगी। मेरे घर के तीन लण्ड फरज़ाना के घर की बीवियों के हाथ में चले गए और फरज़ाना के घर के तीन लण्ड मेरे घर की बीवियों के हाथ में चले गए।
थोड़ी देर तक हम सब बीवियां लण्ड चाटती चूसती रहीं। मैंने तो फरज़ाना के शौहर का लण्ड उसी के बेटी बहू के सामने चूस रही थी। वह भी मेरी चूत बड़े मन से चाट रहा था। मेरी बेटी फरज़ाना की बेटी के मियां का लण्ड चूस रही थी और अपनी बुर चटवा रही थी। मेरी बहू भी किसी से पीछे नहीं थी। फरज़ाना भी मेरे मियां का लण्ड चूसने में मज़ा ले रही थी। उसकी बेटी जिस तरह मेरे दामाद का लण्ड चूस रही थी वह वाकई देखने वाला था। पूरे हाल में इस तरह का गैर मरद का लण्ड चूसना और गैर बीवी की बुर चाटना सबको बड़ा अच्छा लग रहा था।मेरी बेटी साइमा फरज़ाना को अपने अब्बू का लण्ड चूसते हुए देखा तो वह बोली - अब्बू फाड़ डालो फरज़ाना आंटी का भोसड़ा ? उसकी बुर चोदी बेटी की बुर भी चोद डालो ? उसकी बहू की बुर में पेल दो अपना लण्ड ? उसको सुनकर फरज़ाना की बेटी नाज़ बोली - हाय मेरे अब्बू जान तुम भी शबाना आंटी की बूर चीर डालो। उसकी बिटिया की बुर में घुसा दो अपना मोटा लण्ड और चोद डालो उसकी बहू की भकाभक चूत। आज इन तीनो बीवियों की बुर का मज़ा लूटो अब्बू।
इधर मैंने फरज़ाना के मियां से चुदवाना शुरू किया तो उधर फरज़ाना ने मेरे मियां से। इधर मेरी बेटी ने उसके दामाद का लण्ड अपनी चूत में पेलवाया तो उधर उसकी बेटी नाज़ ने मेरे दामाद का लौड़ा अपनी बुर में घुसेड़ लिया। इधर मेरी बहू ने नावेद का लौड़ा अपनी चूत में घुसेड़ा तो उधर उसकी बहू भी मजे से सिराज़ का लण्ड घुसेड़ कर मज़ा लेने लगी। अब दोनों ग्रुप में चोदा चोदी शुरू हो गयी। सब बीवियों की चूत में ग़ैर मर्दों के लण्ड घुस घुस कर चोदने लगे। पूरा हाल चुदाई की आवाज़ों से गूंजने लगा। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बहुत बड़ा चुदाई घर बना हुआ है जिसमे एक बढ़कर एक रंडियां भकाभक चुदवा रहीं हैं। किसी ने सच ही कहा है की हर एक औरत बहन चोद अंदर से रंडी ही होती है। हर औरत को पराये मरद का लण्ड बड़ा अच्छा लगता है और दिल से हर औरत पराये मरद से चुदवाना चाहती है।
मस्ती में सभी बीवियां कुछ न कुछ बोले जा रहीं थी। एक दूसरे को गालियां भी बके जा रहीं थीं. जैसे की - हाय नाज़ के अब्बू तेरा लौड़ा साला आज मेरी चूत फाड़ कर ही दम लेगा,,,,, यार तू मेरे सामने मेरी बेटी चोद ले मेरी बहू की बुर ले ले,,,,, आज मैं सबकी चुदाई का मज़ा ले कर ही दम लूंगी,,,, वाओ, कितना प्यारा लौड़ा है तेरा,,,,, आज तू मेरे सामने मेरी माँ का भोसड़ा भी चोद ले ,,, मेरी बहू की बुर को भोसड़ा बना दो यार ,,,, तेरी बिटिया की बुर तो आज भोसड़ा बन ही जाएगी ,,,,, तेरी माँ की चूत, साइमा ,,,,,,,, बेटी, तेरी बुर चोदी माँ का भोसड़ा ,,,,, सासू जी, तेरी बेटी की बुर चोदूँगी अभी ,,,, मुझे तो आज बड़ा मज़ा आ रहा है। हाय दईया पूरा लौड़ा पेल दो ,,,, खूब धकाधक चोदो मुझे और मेरी माँ ,,,,, सासू जी, तेरी बुर चोदी बहू का भोसड़ा ,,, तेरी नन्द की चूत बहू रानी आज जी भर के चुदवा ले ,,,, तेरी बहू की नन्द की बुर अम्मी ,,,,,, बहू, तेरे नंदोई की बीवी की बुर ,,,,,,, भाभी, तेरी ससुर की बीवी की चूत ,,,,,,,तेरा मादर चोद लण्ड बड़ा मोटा है यार ,,,,,, भोसड़ी के पीछे से चोदो न मुझे ,,,,,,, मैं तो तेरा लण्ड चोदूँगी ससुर जी ,,,,, नन्द रानी मैं तेरे बाप का लण्ड चोदूँगी ,,,, अब्बू आंटी की गांड में भी ठोंक दो लण्ड ,,,,, मेरी चूँचियाँ भी चोदो मेरे राजा ,,,,,, एक दिन मेरी बहन की भी बुर ले लो अंकल ,,,, आज तेरा लण्ड खा जाऊंगी मैं ,,,,, मैं अभी तेरी बिटिया की बुर चोदूँगी, आंटी , ,,,,,? तेरी बुर चोदी बहू की गांड ,,,,,अम्मी तेरी बुर चोदी बिटिया की बुर ,,,,,
चूंकि दोनों ग्रुप बिलकुल एक दूसरे से सटे हुए थे इसलिए बीवियां एक लण्ड से चुदवा रहीं थीं और दूसरे लण्ड के पेल्हड़ सहला रहीं थीं। उधर सारे मरद भोसड़ी के धक्के पे धक्के लगाए जा रहे थे। हम सबको जितना मज़ा अपनी अपनी बुर चुदवाने में आ रहा था उससे ज्यादा मज़ा दूसरे की बुर चुदवाने में आ रहा था। बहू अपनी सास का भोसड़ा और नन्द की बुर चुदवा रही थी , सास अपनी बहू की चूत और अपनी बेटी की बुर चुदवा रही थी। बेटी अपनी भाभी की बुर और अपनी माँ का भोसड़ा चुदवा रही थी। यही इस सामूहिक चुदाई का सबसे बड़ा आनंद था। मेरी बेटी साइमा बोली एमी इस तरह की चुदाई का मज़ा आज पहली बार आ रहा है। मैंने पहले भी ग्रुप में चुदवाया पर वो मज़ा नहीं आया जो मज़ा आज आ रहा है। मैंने कहा हां बेटी सेक्स का मज़ा असीमित है। बस यह देखना है की कौन कितना ले सकती
नन्द चुदे, सासू चुदे, चुदे बहू की चूत
तीनो मिल चुदवा रहीं, लंड पेल के खूब
इतने में ग्रुप में एक नया मोड़ आ गया। फरज़ाना के मियां ने अपना लण्ड मेरी चूत से निकाल कर मेरी बेटी साइमा की चूत में घुसेड़ दिया। वह मेरी बेटी की बर चोदने लगा। उसे देख कर उधर मेरे मियां ने फरज़ाना की बेटी नाज़ की बुर लेने लगा। फरज़ाना की बेटी नाज़ बोली देखा आंटी कितनी मस्ती आ रही हैं इन मादर चोद मर्दों में। फरज़ाना बोली हां बेटी यह बात बिलकुल सही है। फरज़ाना बोली हां शबाना देखो न। साइमा का अब्बू मेरी बेटी चोद रहा है और मेरी बेटी का अब्बू तेरी बेटी चोद रहा है। मैंने कहा अरी फरज़ाना जब बीवियों की अदला बदली हो सकती है तो फिर बेटियों की भी अदला बदली हो सकती है। ये भोसड़ी के मरद एक दूसरे की बेटी भी चोदते हैं। तब तक फरज़ाना के दामाद ने लण्ड मेरी बहू की बुर में घुसा दिया। उधर मेरा दामाद फरज़ाना की बहू चोदने लगा। उनके लण्ड बदले तो जैसे चुदाई में भूचाल आ गया। चुदाई और तेजी से होने लगी। तब मैंने नावेद का लण्ड अपने भोसड़ा में पेला और उधर सिराज ने अपना लण्ड फरज़ाना के भोसड़ा में घुसेड़ दिया। ये दोनों भी साले हम दोनों का भोसड़ा धकाधक चोदने लगे।
उसके बाद जब लण्ड एक एक करके झड़ने लगे तो सबने खूब मजे से झड़ते हुए लण्ड चाटे।
एक दिन मेरी मुलाक़ात एक और पड़ोसन से हो गयी। वह हैं सुलताना बेगम। बातों ही बातों में मैंने उसे अपना किस्सा सुना दिया।
- वह सुनकर हैरान हो गयी और बोली हाय दईया तुमने तो बिलकुल मेरे मन का किस्सा सुनाया है शबाना। मैं फरज़ाना को जानती हूँ, उसकी बेटी बहू को भी जानती हूँ पर यह नहीं जानती थी की वह बुर चोदी मेरी ही तरह अपनी बेटी बहू चुदवाती है।
- मैंने कहा तो क्या तुम अपनी बेटी बहू चुदवाती हो सुल्ताना ?
- वह बोली हां खूब चुदवाती हूँ यार। चुदवाने के अलावा इस दुनियां में और रखा क्या है ? मुझसे ज्यादा मेरी बेटी अपनी माँ चुदवाती है और बहू अपनी सास।
- बाप रे बाप ! अच्छा यह भी बताओ क्या तेरी बेटी बहू गालियों से बातें करतीं हैं ? क्या उन्हें गालियाँ देना आता है। गालियां दे दे कर चुदाई का मज़ा लेना आता है।
- हां खूब आता है यार। दोनों भोसड़ी वाली खूब गालियाँ देतीं हैं। अपनी बुर देने के पहले गालियां ही देती हैं बहन चोद। मेरी बेटी कहती है अम्मी, तेरी बेटी की माँ की चूत ? अम्मी, तेरी बहू की नन्द का भोसड़ा ? फिर मैं भी सुनाती हूँ बेटी, तेरी माँ की बिटिया की बुर। बेटी, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ? मेरी बहू भी बुर चोदी हमारी ही तरह हो गयी है। वह भी कहती है सासू जी, तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा। तेरी बेटी की भाभी की बुर ? अब तुम ही बताओ शबाना, जहाँ इस तरह का माहौल होगा वहां तो हम सब एक दूसरे की चूत में लण्ड पेलेगीं ही ?
- तो फिर सुल्ताना अब तुम लण्ड मेरी चूत में पेलो वह भी अपने मियां का ?
- हां हां बिलकुल पेलूँगी और तुम भी अपने मियां का लण्ड मेरे भोसड़ा में घुसा दो और मेरी बेटी बहू की चूत, लौड़ा पेल कर फाड़ डालो।
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