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लण्ड पहले मेरी चूत में घुसेगा की मेरी चूँचियों में - Lund pahle meri chut chodega ya chuchiyan
लण्ड पहले मेरी चूत में घुसेगा की मेरी चूँचियों में - Lund pahle meri chut chodega ya chuchiyan , मस्त और जबरदस्त चुदाई , चुद गई , चुदवा ली , चोद दी , चुदवाती हूँ , चोदा चादी और चुदास अन्तर्वासना कामवासना , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
चूँचियाँ तंग हैं, हाथ में लण्ड है। चूँचियाँ और लण्ड दोनों आमने सामने हैं। चूँचियाँ तनी हुई हैं और लण्ड तना हुआ है। अब बताओ मुझे मेरी नन्द रानी की लण्ड पहले मेरी चूत में घुसेगा की मेरी चूँचियों में ?
अम्मी ने मुस्कराते हुए कहा - सुन लिया न तूने सबा की बातें ? तेरी माँ का भोसड़ा बेटी अदा, अब शर्माने की कोई जरुरत नहीं है।
मैंने भी आँख उठा कर कहा - हां मैंने सुन लिया, अम्मी तेरी बिटिया की बुर बहन चोद, अब मैं सब अच्छी तरह समझ गयी हूँ।
असली बात तो यह है भाभी जान की मैं १५ साल की उम्र से ही लण्ड पकड़ रही हूँ। पहले मैं लण्ड पकड़ती थी, हिलाती थी, चूमती चाटती थी, चूसती थी। धीरे धीरे मैं लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी, फिर मुठ्ठ मार मार कर लण्ड पीने लगी और १७ साल की उम्र में चुदवाने भी लगी थी। गाली तो मैं १५/१६ साल में ही सीख गयी थी। लेकिन ये सब अम्मी को नहीं मालूम था। १८ + होने पर जब अम्मी ने सब कुछ मुझसे खुल कर कहा तो मेरा डर, मेरी झिझक, मेरी शर्म सब बहन चोद गायब हो गयी और मैंने भी अम्मी को गाली देकर सुना दी। अब मेरी शादी हो गयी है अब तो अम्मी मेरे साथ खुद लण्ड पीती हैं। मैं इसीलिए कहती हूँ शमा भाभी की तुमको तो अपनी सास के साथ बड़ा मज़ा आएगा।
मेरी सास का नाम है नाज़िया बेगम वह लगभग ४५ साल की हैं और मस्त जवान हैं। खूबसूरत हैं और उसमे सेक्स अपील बहुत है। जो भी मरद उसे देख लेता है वह बड़ी देर तक देखता ही रहता है. वह हमेशा बुर्का पहन कर निकलती है। पर न मैं बुरका पहनती हूँ और न मेरी नन्द ? सास कहती है की बहू तुम्हे बुरका पहनने की कोई जरुरत नहीं है। पहनना तो मैं भी नहीं चाहती पर मुझे समाज की वजह से पहनना पड़ता है। जानती हो बहू ये मुल्ला लोग बहुत चिल्लाते हैं। घर में सब भोसड़ी के बेटी बहू चोदा करतें हैं, एक दूसरे की बीवियां चोदा करतें हैं और उन्हें बाहर बिना बुर्का के जाने पर पाबन्दी लगाते हैं। मेरी नन्द २४ साल की है। उसकी अभी इसी साल शादी हुई है। वह भी बड़ी मस्त और चुदक्कड़ लड़की है। इसलिए मेरी उसे बहुत पटती है। अब देखना है की सास के साथ कैसे निभेगी।
एक दिन सास मेरे पास आयी और बोली बहू, तेरी नन्द बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है। शादी के पहले भी बुर चोदी थी और अब शादी के बाद तो और ज्यादा बुर चोदी हो गयी है। मैंने कहा अरे सासू जी मैं बुर चोदी होने का मतलब नहीं जानती ? वह बोली हाय दईया ! तू कैसी बहू है की बुर चोदी का मतलब नहीं जानती ? तेरी माँ ने तुझे सिखाया नहीं ? अरी मेरी प्यारी बहू, बुर चोदी उसे कहतें है जो अपनी बुर चुदवाये और दूसरों की भी बुर चोदे ? मैंने कहा सासू जी वह चोदेगी कैसे ? उसके पास तो लण्ड होता नहीं ? वह बोली अरे बहू रानी किसी का भी लण्ड पेल दे उसकी बुर में ? या यूँ समझो की लण्ड अपनी बुर में पेले और फिर वही लण्ड या कोई और लण्ड किसी और की बुर में पेल दे ? मैंने कहा तो इसका मतलब मेरी नन्द किसी और की बुर में लण्ड पेलती है ? वह बोली हां हां बिलकुल पेलती है ? अपनी माँ की बुर में, अपनी सास की बुर में, अपनी नन्द की बुर में, अपनी जेठानी की बुर में लण्ड पेलती है तेरी नन्द ? इसीलिए मैं कहती हूँ की वह बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है।
सास ने एक दिन कहा बहू, देखो मुझे तो मोटे मोटे लण्ड पसंद हैं। जानती हो क्यों ? क्योंकि मोटे लण्ड चिपक कर घुसते हैं चूत में ? तब बड़ाअच्छा लगता है , जैसे मेरे बहनोई का लण्ड है, मेरे नंदोई का लण्ड, मेरी सहेली के शौहर का लण्ड, मेरे पड़ोसी जुम्मन भाई का लण्ड है। इसी तरह एक दिन नन्द बोली भाभी देखो एक बात तो है। मैं तो खुले आम गैर मर्दों से चुदवाती हूँ। मेरी ससुराल में रात के समय कौन किसका लण्ड अपनी चूत में पेल लेगी यह किसी को मालूम ही नहीं होता ? यह बात मुझे पहले नहीं मालूम थी। मुझे मेरी नन्द ने ही बताया था। और जानती हो भाभी, मेरी सुहागरात के दूसरे ही दिन मेरी नन्द ने अपने ही देवर का लण्ड पेल दिया मेरी चूत में ? मैंने फिर नन्द के सामने ही उससे खूब चुदवाया।
मुझे यह जानकार ख़ुशी हुई की सास और नन्द दोनों ही मेरे मन की हैं। मुझे भी चोदा चोदी में बड़ा मज़ा आता है और ये दोनों भी चुदाई में बड़ी बेशरम हैं। मैं भी ग़ैर मर्दों के लण्ड की दीवानी हूँ और ये दोनों भी। सास भी कभी अपने मियां के लण्ड के बारे में कोई बात नहीं करती। पराये लण्ड की कहानियां सुनाती हैं। नन्द भी अपने मियां के लण्ड का कोई ज़िकर ही नहीं करती। पराये मर्दों के लण्ड की बात करती है। लेकिन दोनों के लण्ड मेरे लिए गैर मर्दों के लण्ड हैं और मैं इन दोनों लण्ड पर नज़रें गड़ाये बैठी हुई हूँ। मौका पाते ही मैं लपक कर पकड़ लूंगी इन लोगों के लण्ड ?
एक दिन मैं जब बाहर से आयी तो सीधे अपने कमरे में गयी। मैं कपडे बदल ही रही थी की मुझे बगल के कमरे से कुछ मसाले दार आवाज़ें आने लगीं। मैं समझ गयी की कुछ कमरे में हो रहा है। मैंने जैसे तैसे कपड़े पहने और कमरे में झाँकने लगी। मैंने देखा की मेरी नन्द आधी नंगी बैठी हुई है। मतलब उसकी चूँचियाँ खुली हैं और चूत दिख नहीं रही है। उसके सामने एक मस्त जवान लड़का बैठा है वह तो बहन चोद पूरा नंगा है और उसका लण्ड खड़ा है। नन्द बड़े प्यार से लण्ड मुठ्ठी में लेकर सहला रही है। खड़ा लण्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। मेरी लार टपकने लगी। मन हुआ की मैं लण्ड तुरंत अपने मुंह में भर लूँ। तब तक नन्द बोली अरे यार साहिर पता नहीं मेरी बुर चोदी भाभी कहाँ चली गयी है अपनी माँ चुदाने ? मैं तेरा लण्ड उसकी बुर में पेलना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ की तुम मेरे सामने मेरी भाभी की बुर चोदो। मेरी बुर तो कई बार चोद ही चुके हो ? तब तक उसकी निगाह मेरे ऊपर पड़ गयी।
उसने मुझे इशारा से बुलाया और कहा भाभी जान तुम कहाँ अपनी गांड मरा रही थी। मैं बड़ी देर से तुम्हे ढूंढ रही हूँ। लो पकड़ो साहिर का लण्ड ? मैं आज यही लण्ड तेरी बुर में पेलूँगी। मैंने कहा हाय दईया तू सच में बहुत बड़ी बुर चोदी है। वह मुस्कराती बोली भाभी जान आज मैं तुम्हे भी बहुत बड़ी बुर चोदी बना दूँगी। मैंने लपक कर लण्ड पकड़ लिया तब उसने बताया की साहिर मेरी खाला सास का बेटा है। इसलिए वह मेरा देवर लगता है और इधर से यह अम्मी के एक रिश्ते से भाई लगता है। मैंने कहा हाय दईया तब तो तेरी अम्मी तेरी नन्द हो गयी। वह बोली अरे हां भाभी तुमने तो सही याद दिलाया। अब तो नन्द की बुर चोदना मेरा हक़ है। तब तक पीछे से आवाज़ आयी तब तो मुझे भी अपनी भाभी की बुर चोदने का हक़ है, बेटी अदा । यह आवाज़ मेरी सास की थी। हम दोनों ने मुड़ कर देखा की सास तो किसी का लण्ड पकड़े हुए खड़ी हैं। वह वही लण्ड दिखाती हुई बोली और मैं यही लण्ड अपनी भाभी की बुर में पेलूँगी। सास की बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर मैं खुद हैरान रह गयी। उसके हाथ का लण्ड साला बड़ा मोटा था।
सास ने कहा बहू यह मेरी दोस्त के शौहर नियाज़ का लण्ड है। माँ बेटी का रिस्ता अब नन्द भौजाई में बदल गया था। मेरी सास नन्द थी और मेरी नन्द उसकी भौजाई। यह रिस्ता तो बहन चोद चोदा चोदी का होता ही है। लेकिअं तब तक मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया। नियाज़ लण्ड मुझे थोड़ा ज्यादा मोटा लगा और तब सास ने मेरे हाथ से साहिर का लण्ड ले लिया। वह लण्ड बड़े प्यार से चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी और बोली हाय अदा ये तो मेरी बहन का बेटा है इसका लौड़ा इतना बड़ा हो गया साला ? और साहिर भी पूरा मरद हो गया है। इसका लण्ड भी मसूद मौलाना के लण्ड की तरह मोटा हो गया है। आज यह अपनी माँ की बहन की बुर लेगा। ऐसा बोल कर सास उसका लण्ड चाटने लगीं। इधर मैं भी नियाज़ अंकल का लण्ड पेल्हड़ चूमने लगी। मैं मन ही सोंच रही थी की आज मुझे दो दो लण्ड से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा। नियाज़ अंकल मेरी चूत सहलाने लगा और बोला शमा तेरी चूत तो बिलकुल मेरी बहू की चूत की तरह है। मैंने कहा हाय दईया तो क्या तुम अपनी बहू की बुर लेते हो, अंकल ?
वह बोला अरे ऐसा नहीं है शमा, मेरी बहू खुद ही मेरा लण्ड लेती है। उस दिन रात में जब मैं बेड पर लेटा हुआ अपना लण्ड हिला रहा था तो मेरी बहू मेरे पास और बोली ससुर जी, आप क्यों हिला रहें हैं अपना लण्ड ? मैं हूँ न ? मैं हिलाऊँगी तेरा लण्ड ? लण्ड तो हम लोगों की चीज है। उसने हाथ बढ़ाकर मेरा लण्ड पकड़ लिया। उसने लण्ड अपने मुंह में डाला और चपर चपर चूसने लगी। उसके बाद तो मुझे भी जोश आ गया और मैंने उसकी बुर चोद डाली। उसके बाद चुदाई का सिलसिला चालू हो गया। अंकल ने बातें करते करते लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। मेरे बगल में मेरी सास भी साहिर से चुदवाने लगी। हम दोनों के बीच में मेरी नन्द नंगी नंगी लेट गयी। उसकी गांड हम दोनों के मुंह की तरफ थी। उसका मुंह हम दोनों की चूत की तरफ था। वह अपने एक हाथ से साहिर के पेल्हड़ सहलाने लगी जो मेरी सास का भोसड़ा चोद रहा था। दूसरे हाथ से वह नियाज़ के पेल्हड़ सहलाने लगी जो मेरी बुर चोद रहा था।
अदा की मस्ती सच में देखने वाली थी। वह कभी मेरी चूत से नियाज़ का लण्ड निकाल कर चाट लेती और कभी साहिर का लण्ड अपनी माँ की चूत से निकाल कर चाट लेती। चाटने के बाद नियाज़ का लण्ड मेरी चूत में पेल देती और साहिर का लण्ड अपनी माँ की चूत में ?
मैंने मजाक में कहा :- हाय अदा, मेरी नन्द रानी। तू तो अपनी ही माँ की बुर चोद रही है ?
वह बोली :- नहीं भाभी मैं अपनी माँ की बुर नहीं, अपनी नन्द की बुर चोद रही हूँ। अभी मैं नन्द की बिटिया की बुर चोदूँगी। मैं उसकी बात सुनकर हंसने लगी। मैंने कहा तो फिर मैं भी तेरी नन्द की बहू की बुर चोदूँगी। इसी तरह की हंसी मजाक होने लगी इससे चुदाई और जोर पकड़ने लगी। सास ने कहा अदा तेरी माँ का भोसड़ा आज तू अपनी माँ चुदवा रही है कल मैं भी तेरी माँ की बिटिया चोदूँगी। अदा ने फिर चुप चाप नियाज़ का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया और साहिर का लण्ड मेरी चूत में। लण्ड बदल कर उसने बड़ा मजेदार काम किया और इससे हमारी चुदाई में दूना मज़ा आने लगा।
सास बोली :- बहू रानी, तू बुर चोदी तेरी नन्द बुर चोदी ? तुम दोनों बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी हो ?
नन्द ने कहा :- अम्मी जान, तू बुर चोदी तेरी बहू बुर चोदी ? देखो न तेरी बहू कितनी मस्ती से चुदवा रही है ?
मैंने कहा :- नन्द रानी, तू बुर चोदी तेरी माँ बुर चोदी ? तुम दोनों एक दूसरे की बुर में लण्ड पेलती हो ?
इतनी , मस्त मस्त बातों से उन दोनों के लण्ड झड़ने की कगार पार आ गये। पहले साहिर के लण्ड ने वीर्य उगला और फिर नियाज़ के लण्ड ने। हम तीनो ने मिलकर उनके झड़ते हुए लण्ड खूब मजे से चाटे और एकदम रंडियों की तरह एन्जॉय किया।
एक दिन मुझे सबा मिल गयी।
सबा बोली अदा जानती हो ये साला मज़हर मेरी सास का भोसड़ा चोदता है। मैंने कहा अच्छा ऐसी बात है तो तेरा ससुर क्या अपनी गांड मराता रहता है। उसे मालूम नहीं की मज़हर मेरी बीवी चोदता है। सबा बोली अरे भाभी जान मेरा ससुर भी मज़हर की बीवी चोदता है। दोनों भोसड़ी के एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। इतने में मज़हर ने मेरी चूत में लण्ड घुसेड़ दिया। उधर महमूद ने भी लण्ड मेरी नन्द की चूत पर रख कर पेल दिया। हम दोनों भकाभक चुदवाने लगीं और सबा हम दोनों की चुदाई का मज़ा लूटने लगी।
- नन्द ने मुस्कराते हुए जबाब दिया अरे भाभी जान लण्ड तो भोसड़ी का न चूत में घुसेगा और न चूँचियों में ? लण्ड तो पहले मुंह में घुसेगा ? लण्ड जब साला खड़ा हो जाता है तो उसे सीधे लड़की का मुंह ही दिखाई पड़ता है। उधर जब कोई लड़की खड़ा लण्ड पकड़ लेती है तो उसका मुंह अपने आप खुल जाता है। फिर लण्ड को मुंह में घुसने ने देर नहीं लगती बहन चोद ? और लड़की भी बुर चोदी रसगुल्ला की तरह लण्ड मुंह में घुसेड़ लेती है।
- मैंने कहा - हाय दईया तू तो बहुत बड़ी जानकार है ? लण्ड के बारे में तू इतना जानती है ?
- वह बोली - अरे भाभी जान, पहले तो जानती ही थी पर शादी हो जाने के बाद और जान गयी हूँ।
- मैंने कहा - ऐसा क्यों ? शादी के बाद क्या लण्ड की फितरत बदल जाती है।
- वह बोली - नहीं भाभी शादी हो जाने के बाद लड़की को चुदवाने का लाइसेंस मिल जाता है। शादी के पहले वह लण्ड चोरी छिपे अपने मुंह में और चूत में लेती है लेकिन शादी के बाद वह लण्ड खुल्लम खुल्ला पेलने लगती हो चाहे मुंह हो या चूत ? चाहे गांड हो या चूँची, लण्ड साला सब जगह फिट बैठ जाता है।
अम्मी ने मुस्कराते हुए कहा - सुन लिया न तूने सबा की बातें ? तेरी माँ का भोसड़ा बेटी अदा, अब शर्माने की कोई जरुरत नहीं है।
मैंने भी आँख उठा कर कहा - हां मैंने सुन लिया, अम्मी तेरी बिटिया की बुर बहन चोद, अब मैं सब अच्छी तरह समझ गयी हूँ।
असली बात तो यह है भाभी जान की मैं १५ साल की उम्र से ही लण्ड पकड़ रही हूँ। पहले मैं लण्ड पकड़ती थी, हिलाती थी, चूमती चाटती थी, चूसती थी। धीरे धीरे मैं लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी, फिर मुठ्ठ मार मार कर लण्ड पीने लगी और १७ साल की उम्र में चुदवाने भी लगी थी। गाली तो मैं १५/१६ साल में ही सीख गयी थी। लेकिन ये सब अम्मी को नहीं मालूम था। १८ + होने पर जब अम्मी ने सब कुछ मुझसे खुल कर कहा तो मेरा डर, मेरी झिझक, मेरी शर्म सब बहन चोद गायब हो गयी और मैंने भी अम्मी को गाली देकर सुना दी। अब मेरी शादी हो गयी है अब तो अम्मी मेरे साथ खुद लण्ड पीती हैं। मैं इसीलिए कहती हूँ शमा भाभी की तुमको तो अपनी सास के साथ बड़ा मज़ा आएगा।
मेरी सास का नाम है नाज़िया बेगम वह लगभग ४५ साल की हैं और मस्त जवान हैं। खूबसूरत हैं और उसमे सेक्स अपील बहुत है। जो भी मरद उसे देख लेता है वह बड़ी देर तक देखता ही रहता है. वह हमेशा बुर्का पहन कर निकलती है। पर न मैं बुरका पहनती हूँ और न मेरी नन्द ? सास कहती है की बहू तुम्हे बुरका पहनने की कोई जरुरत नहीं है। पहनना तो मैं भी नहीं चाहती पर मुझे समाज की वजह से पहनना पड़ता है। जानती हो बहू ये मुल्ला लोग बहुत चिल्लाते हैं। घर में सब भोसड़ी के बेटी बहू चोदा करतें हैं, एक दूसरे की बीवियां चोदा करतें हैं और उन्हें बाहर बिना बुर्का के जाने पर पाबन्दी लगाते हैं। मेरी नन्द २४ साल की है। उसकी अभी इसी साल शादी हुई है। वह भी बड़ी मस्त और चुदक्कड़ लड़की है। इसलिए मेरी उसे बहुत पटती है। अब देखना है की सास के साथ कैसे निभेगी।
एक दिन सास मेरे पास आयी और बोली बहू, तेरी नन्द बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है। शादी के पहले भी बुर चोदी थी और अब शादी के बाद तो और ज्यादा बुर चोदी हो गयी है। मैंने कहा अरे सासू जी मैं बुर चोदी होने का मतलब नहीं जानती ? वह बोली हाय दईया ! तू कैसी बहू है की बुर चोदी का मतलब नहीं जानती ? तेरी माँ ने तुझे सिखाया नहीं ? अरी मेरी प्यारी बहू, बुर चोदी उसे कहतें है जो अपनी बुर चुदवाये और दूसरों की भी बुर चोदे ? मैंने कहा सासू जी वह चोदेगी कैसे ? उसके पास तो लण्ड होता नहीं ? वह बोली अरे बहू रानी किसी का भी लण्ड पेल दे उसकी बुर में ? या यूँ समझो की लण्ड अपनी बुर में पेले और फिर वही लण्ड या कोई और लण्ड किसी और की बुर में पेल दे ? मैंने कहा तो इसका मतलब मेरी नन्द किसी और की बुर में लण्ड पेलती है ? वह बोली हां हां बिलकुल पेलती है ? अपनी माँ की बुर में, अपनी सास की बुर में, अपनी नन्द की बुर में, अपनी जेठानी की बुर में लण्ड पेलती है तेरी नन्द ? इसीलिए मैं कहती हूँ की वह बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है।
सास ने एक दिन कहा बहू, देखो मुझे तो मोटे मोटे लण्ड पसंद हैं। जानती हो क्यों ? क्योंकि मोटे लण्ड चिपक कर घुसते हैं चूत में ? तब बड़ाअच्छा लगता है , जैसे मेरे बहनोई का लण्ड है, मेरे नंदोई का लण्ड, मेरी सहेली के शौहर का लण्ड, मेरे पड़ोसी जुम्मन भाई का लण्ड है। इसी तरह एक दिन नन्द बोली भाभी देखो एक बात तो है। मैं तो खुले आम गैर मर्दों से चुदवाती हूँ। मेरी ससुराल में रात के समय कौन किसका लण्ड अपनी चूत में पेल लेगी यह किसी को मालूम ही नहीं होता ? यह बात मुझे पहले नहीं मालूम थी। मुझे मेरी नन्द ने ही बताया था। और जानती हो भाभी, मेरी सुहागरात के दूसरे ही दिन मेरी नन्द ने अपने ही देवर का लण्ड पेल दिया मेरी चूत में ? मैंने फिर नन्द के सामने ही उससे खूब चुदवाया।
मुझे यह जानकार ख़ुशी हुई की सास और नन्द दोनों ही मेरे मन की हैं। मुझे भी चोदा चोदी में बड़ा मज़ा आता है और ये दोनों भी चुदाई में बड़ी बेशरम हैं। मैं भी ग़ैर मर्दों के लण्ड की दीवानी हूँ और ये दोनों भी। सास भी कभी अपने मियां के लण्ड के बारे में कोई बात नहीं करती। पराये लण्ड की कहानियां सुनाती हैं। नन्द भी अपने मियां के लण्ड का कोई ज़िकर ही नहीं करती। पराये मर्दों के लण्ड की बात करती है। लेकिन दोनों के लण्ड मेरे लिए गैर मर्दों के लण्ड हैं और मैं इन दोनों लण्ड पर नज़रें गड़ाये बैठी हुई हूँ। मौका पाते ही मैं लपक कर पकड़ लूंगी इन लोगों के लण्ड ?
एक दिन मैं जब बाहर से आयी तो सीधे अपने कमरे में गयी। मैं कपडे बदल ही रही थी की मुझे बगल के कमरे से कुछ मसाले दार आवाज़ें आने लगीं। मैं समझ गयी की कुछ कमरे में हो रहा है। मैंने जैसे तैसे कपड़े पहने और कमरे में झाँकने लगी। मैंने देखा की मेरी नन्द आधी नंगी बैठी हुई है। मतलब उसकी चूँचियाँ खुली हैं और चूत दिख नहीं रही है। उसके सामने एक मस्त जवान लड़का बैठा है वह तो बहन चोद पूरा नंगा है और उसका लण्ड खड़ा है। नन्द बड़े प्यार से लण्ड मुठ्ठी में लेकर सहला रही है। खड़ा लण्ड देख कर मेरे मुंह में पानी आ गया। मेरी लार टपकने लगी। मन हुआ की मैं लण्ड तुरंत अपने मुंह में भर लूँ। तब तक नन्द बोली अरे यार साहिर पता नहीं मेरी बुर चोदी भाभी कहाँ चली गयी है अपनी माँ चुदाने ? मैं तेरा लण्ड उसकी बुर में पेलना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ की तुम मेरे सामने मेरी भाभी की बुर चोदो। मेरी बुर तो कई बार चोद ही चुके हो ? तब तक उसकी निगाह मेरे ऊपर पड़ गयी।
उसने मुझे इशारा से बुलाया और कहा भाभी जान तुम कहाँ अपनी गांड मरा रही थी। मैं बड़ी देर से तुम्हे ढूंढ रही हूँ। लो पकड़ो साहिर का लण्ड ? मैं आज यही लण्ड तेरी बुर में पेलूँगी। मैंने कहा हाय दईया तू सच में बहुत बड़ी बुर चोदी है। वह मुस्कराती बोली भाभी जान आज मैं तुम्हे भी बहुत बड़ी बुर चोदी बना दूँगी। मैंने लपक कर लण्ड पकड़ लिया तब उसने बताया की साहिर मेरी खाला सास का बेटा है। इसलिए वह मेरा देवर लगता है और इधर से यह अम्मी के एक रिश्ते से भाई लगता है। मैंने कहा हाय दईया तब तो तेरी अम्मी तेरी नन्द हो गयी। वह बोली अरे हां भाभी तुमने तो सही याद दिलाया। अब तो नन्द की बुर चोदना मेरा हक़ है। तब तक पीछे से आवाज़ आयी तब तो मुझे भी अपनी भाभी की बुर चोदने का हक़ है, बेटी अदा । यह आवाज़ मेरी सास की थी। हम दोनों ने मुड़ कर देखा की सास तो किसी का लण्ड पकड़े हुए खड़ी हैं। वह वही लण्ड दिखाती हुई बोली और मैं यही लण्ड अपनी भाभी की बुर में पेलूँगी। सास की बड़ी बड़ी चूँचियाँ देख कर मैं खुद हैरान रह गयी। उसके हाथ का लण्ड साला बड़ा मोटा था।
सास ने कहा बहू यह मेरी दोस्त के शौहर नियाज़ का लण्ड है। माँ बेटी का रिस्ता अब नन्द भौजाई में बदल गया था। मेरी सास नन्द थी और मेरी नन्द उसकी भौजाई। यह रिस्ता तो बहन चोद चोदा चोदी का होता ही है। लेकिअं तब तक मैंने उसका लण्ड पकड़ लिया। नियाज़ लण्ड मुझे थोड़ा ज्यादा मोटा लगा और तब सास ने मेरे हाथ से साहिर का लण्ड ले लिया। वह लण्ड बड़े प्यार से चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी और बोली हाय अदा ये तो मेरी बहन का बेटा है इसका लौड़ा इतना बड़ा हो गया साला ? और साहिर भी पूरा मरद हो गया है। इसका लण्ड भी मसूद मौलाना के लण्ड की तरह मोटा हो गया है। आज यह अपनी माँ की बहन की बुर लेगा। ऐसा बोल कर सास उसका लण्ड चाटने लगीं। इधर मैं भी नियाज़ अंकल का लण्ड पेल्हड़ चूमने लगी। मैं मन ही सोंच रही थी की आज मुझे दो दो लण्ड से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा। नियाज़ अंकल मेरी चूत सहलाने लगा और बोला शमा तेरी चूत तो बिलकुल मेरी बहू की चूत की तरह है। मैंने कहा हाय दईया तो क्या तुम अपनी बहू की बुर लेते हो, अंकल ?
वह बोला अरे ऐसा नहीं है शमा, मेरी बहू खुद ही मेरा लण्ड लेती है। उस दिन रात में जब मैं बेड पर लेटा हुआ अपना लण्ड हिला रहा था तो मेरी बहू मेरे पास और बोली ससुर जी, आप क्यों हिला रहें हैं अपना लण्ड ? मैं हूँ न ? मैं हिलाऊँगी तेरा लण्ड ? लण्ड तो हम लोगों की चीज है। उसने हाथ बढ़ाकर मेरा लण्ड पकड़ लिया। उसने लण्ड अपने मुंह में डाला और चपर चपर चूसने लगी। उसके बाद तो मुझे भी जोश आ गया और मैंने उसकी बुर चोद डाली। उसके बाद चुदाई का सिलसिला चालू हो गया। अंकल ने बातें करते करते लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और चोदने लगा। मेरे बगल में मेरी सास भी साहिर से चुदवाने लगी। हम दोनों के बीच में मेरी नन्द नंगी नंगी लेट गयी। उसकी गांड हम दोनों के मुंह की तरफ थी। उसका मुंह हम दोनों की चूत की तरफ था। वह अपने एक हाथ से साहिर के पेल्हड़ सहलाने लगी जो मेरी सास का भोसड़ा चोद रहा था। दूसरे हाथ से वह नियाज़ के पेल्हड़ सहलाने लगी जो मेरी बुर चोद रहा था।
अदा की मस्ती सच में देखने वाली थी। वह कभी मेरी चूत से नियाज़ का लण्ड निकाल कर चाट लेती और कभी साहिर का लण्ड अपनी माँ की चूत से निकाल कर चाट लेती। चाटने के बाद नियाज़ का लण्ड मेरी चूत में पेल देती और साहिर का लण्ड अपनी माँ की चूत में ?
मैंने मजाक में कहा :- हाय अदा, मेरी नन्द रानी। तू तो अपनी ही माँ की बुर चोद रही है ?
वह बोली :- नहीं भाभी मैं अपनी माँ की बुर नहीं, अपनी नन्द की बुर चोद रही हूँ। अभी मैं नन्द की बिटिया की बुर चोदूँगी। मैं उसकी बात सुनकर हंसने लगी। मैंने कहा तो फिर मैं भी तेरी नन्द की बहू की बुर चोदूँगी। इसी तरह की हंसी मजाक होने लगी इससे चुदाई और जोर पकड़ने लगी। सास ने कहा अदा तेरी माँ का भोसड़ा आज तू अपनी माँ चुदवा रही है कल मैं भी तेरी माँ की बिटिया चोदूँगी। अदा ने फिर चुप चाप नियाज़ का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में घुसेड़ दिया और साहिर का लण्ड मेरी चूत में। लण्ड बदल कर उसने बड़ा मजेदार काम किया और इससे हमारी चुदाई में दूना मज़ा आने लगा।
सास बोली :- बहू रानी, तू बुर चोदी तेरी नन्द बुर चोदी ? तुम दोनों बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी हो ?
नन्द ने कहा :- अम्मी जान, तू बुर चोदी तेरी बहू बुर चोदी ? देखो न तेरी बहू कितनी मस्ती से चुदवा रही है ?
मैंने कहा :- नन्द रानी, तू बुर चोदी तेरी माँ बुर चोदी ? तुम दोनों एक दूसरे की बुर में लण्ड पेलती हो ?
इतनी , मस्त मस्त बातों से उन दोनों के लण्ड झड़ने की कगार पार आ गये। पहले साहिर के लण्ड ने वीर्य उगला और फिर नियाज़ के लण्ड ने। हम तीनो ने मिलकर उनके झड़ते हुए लण्ड खूब मजे से चाटे और एकदम रंडियों की तरह एन्जॉय किया।
एक दिन मुझे सबा मिल गयी।
- वह बोली अरे शमा भाभी आप कहाँ से आ रहीं हैं ?
- मैंने कहा मैं शॉपिंग के लिए गयी थी वहीँ से आ रही हूँ।
- आपकी नन्द कैसी है भाभी जान ? उसने माँ चुदाना शुरू किया की नहीं ?
- अरे वह तो भोसड़ी की खूब जम कर आजकल अपनी माँ चुदा रही है। मेरी भी चूत में पेल देती है लण्ड। अब तो वह बहुत बड़ी बुर चोदी हो गयी है.
- हाय अल्ला, तब तो वह अपनी ससुराल और माईके दोनों जगह के लण्ड का मज़ा ले रही होगी ?
- हां बिलकुल ले रही है। कभी कभी अपने ससुराल वालों के लण्ड मेरी भी बुर में घुसा देती है और अपनी माँ की बुर में भी।
- अरे हां भाभी आज मैं आपके घर रात में आऊंगी। सुना है तेरी सास कहीं बाहर गयी है ? तुम दो ही घर में हो ?
- हां वह आपने माईके चली गयी है।
- तो फिर आज रात में मैं तेरी बुर और तेरी नन्द की बुर चोदने आऊंगी भाभी जान ? अपनी नन्द को भी बता देना ? वह चुदवाने के लिए तैयार रहे।
सबा बोली अदा जानती हो ये साला मज़हर मेरी सास का भोसड़ा चोदता है। मैंने कहा अच्छा ऐसी बात है तो तेरा ससुर क्या अपनी गांड मराता रहता है। उसे मालूम नहीं की मज़हर मेरी बीवी चोदता है। सबा बोली अरे भाभी जान मेरा ससुर भी मज़हर की बीवी चोदता है। दोनों भोसड़ी के एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। इतने में मज़हर ने मेरी चूत में लण्ड घुसेड़ दिया। उधर महमूद ने भी लण्ड मेरी नन्द की चूत पर रख कर पेल दिया। हम दोनों भकाभक चुदवाने लगीं और सबा हम दोनों की चुदाई का मज़ा लूटने लगी।
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