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यहाँ एक दुसरे की बीवियों को चोदा जाता है - Yahan ek dusre ki biwiyon ko choda jata hai
यहाँ एक दुसरे की बीवियों को चोदा जाता है - Yahan ek dusre ki biwiyon ko choda jata hai , ये लेते है सामूहिक चुदाई का दिल खोलकर पूरा मजा , अन्तर्वासना कामवासना की स्टोरी , चुदवाने और चुदने के खेल , चूत गांड बुर चुदवाने और लंड चुसवाने की हिंदी सेक्स पोर्न कहानी.
अखिल और सूरज दोनों मेरे साथ दारू पी रहे थे। दोनों ही मेरे दोस्त हैं। हम तीनो की दोस्ती बहुत पुरानी है। कॉलेज में साथ साथ थे और अब भी इस शहर में साथ साथ हैं। हां यह बात जरूर है की हम लोग अलग अलग कंपनी में काम करते हैं। नशा थोड़ा चढ़ा तो मैंने कहा - यार अखिल देखो, मैं तुम्हारा दोस्त जरूर हूँ पर उतना पक्का दोस्त नहीं जितना पक्का मैं सूरज का दोस्त हूँ। सूरज बोला - हां यार अखिल रोहन मेरा सच में बड़ा पक्का दोस्त है।
अखिल बोला - यार मेरी दोस्ती में कोई खोट है क्या ? यार रोहन मैं भी तेरा उतना ही पक्का दोस्त हूँ जितना की सूरज।
मैंने कहा - देखो अखिल मैं सच कह रहा हूँ। जानते हो मेरे और सूरज में पक्की दोस्ती का क्या कारण क्या हैं ? मैं और सूरज दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। मैं सूरज की बीवी चोदता हूँ और सूरज मेरी बीवी चोदता है। न मेरी बीवी को कोई ऐतराज़ हैऔर न सूरज की बीवी को ? न मेरी बीवी को बिना सूरज से चुदवाये चैन मिलता है और न इसकी बीवी को बिना मुझसे चुदवाये चैन मिलता है।
अखिल बोला - तो फिर तू लोग मेरी भी बीवी चोद लो ? मुझे यकीन है की मेरी बीवी मान जाएगी और तुम लोगों से चुदवा लेगी। अब आगे....
उस दिन हम लोगों ने खूब शराब पी और खुल कर बातें की। अखिल को जोश आ गया वह बोला की मैं अभी अपनी बीवी से बात करके तुम्हे बताता हूँ। उसने फोन उठाया और अपनी बीवी से बात करने लगा।
हम तीनो की बीवियों में सबसे ज्यादा खूबसूरत अखिल की बीवी काजल भाभी हैं । मैंने जब उसे पहली बार देखा तो मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था , मेरा मन हुआ की मैं अभी इसके मुंह में अपना लण्ड घुसेड़ दूँ। लेकिन मन मसोस करके रह गया। मैंने इसका ज़िकर अपने दोस्त सूरज से किया। वह भी बोला हां यार रोहन मैंने जब अखिल की बीवी देखी तो मेरा मन हुआ की मैं इसकी बड़ी बड़ी चूँचियों के बीच अपना लण्ड पेल दूं। अगर वह मुझे अकेली मिल जाती तो शायद मैं पेल भी देता। यार तब से मैं उसकी बीवी किसी भी तरह चोदने के मूड में हूँ।
हुआ यह था की मैंने एक बार अपने दोस्त सूरज से कहा - एक बात समझ लो सूरज की जो बीवी जितनी खूबसूरत होती है वह उतनी ही बदचलन भी होती है। मतलब यह की वह उतनी ही पराये मर्दों से चुदवाने वाली होती है। मेरी बीवी सपना भी खूबसूरत है और तेरी बीवी कविता भी खूबसूरत है। इनकी भी इच्छा होगी पराये मर्दों से चुदवाने की। तुम मेरी बीवी चोदो मैं तेरी बीवी चोदूँ। सूरज मान गया। मैंने कहा यार मेरा एक और दोस्त है अखिल। उसकी बीवी चोद बड़ी सुन्दर है। मैं उसे छोडनाचाहता हूँ। क्यों न हम उसे भी शामिल कर लें। हमें थोड़ा झूंठ बोलना पड़ेगा। वह मान गया। और तब हमने उस दिन अखिल के साथ शराब पीने का प्लान बनाया और उससे झूंठ कहा की हम दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। सूरज मेरी बात मान गया। तब मैंने अखिल से सारी बातें कहीं जो अपने ऊपर पढ़ा।
हमारा प्लान कामयाब रहा और आज देखो हम दोनों अखिल की बीवी चोदने आ गये हैं। इसी बहाने हमें यहाँ एक और बीवी बरखा भाभी की बुर भी चोदने को मिलेगी।
अखिल की बीवी काजल नीचे एक घाघरा पहने थी और ऊपर कुछ भी नहीं। उसकी चूँचियाँ सिर्फ एक चुन्नी से ढकी हुई थी जो उसने अपने गले में माला की तरह पहन रखी थी। मैं उसकी चूँचियाँ देखने के लिए बार बार इधर उधर झाँकने लगा। यही हाल सूरज का भी था। मेरी बीवी ने डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाऊज़ पहना था जिससे उसकी चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए बेताब थीं और सूरज की बीवी ने जींस और बिना ब्रा का टॉप पहन लिया था । उसकी गांड बड़ी सेक्सी दिख रही थी। मैं सोंचने लगा की मुझे अगर इसकी गांड मारने का मौक़ा मिल जाए तो मैं मार लूंगा। आगे से उसकी चूँचियाँ छलक रही थी। कविता भाभी आज मुझे कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रहीं थी। उसे देख कर मेरा लण्ड टन टनाने लगा। बरखा भाभी भी अपनी सुडौल और मस्त मस्त चूँचियों की झलक दिखा दिखा कर हमारे लण्ड को ललकार रहीं थीं।
अखिल ने ड्रिंक्स का सारा इंतज़ाम कर लिया था। उसकी चूँचियों की झलक पाने के लिए मैं कविता भाभी को बार बार आते जाते बड़े गौर से देख रहा था। ड्रिंक्स चालू हो गयी तो चारों बीवियां बड़ी खुश नज़र आ रहीं थीं. उनकी शराब पीने की अदा बहुत ही सेक्सी थी। मुझे लगा की हमें जितनी जल्दी इन्हें चोदने की है उतनी ही जल्दी इन्हें चुदवाने की भी है।
बातें होने लगी तो माहौल रंगीन होने लगा। अचानक सूरज बोला यार ऐसे में कुछ नॉन वेज चुटकुले हो जाएँ। मैंने कहा यार नॉन वेज चुटकुले तो बीवियों के मुंह से ही अच्छे लगते हैं।
सबसे पहले मेरी बीवी सपना बोली -
कुटुबमीनार को देख कर ग़ालिब का ख्याल दौड़ा
कि जैसे धरती दिखा रही हो आसमान को लौड़ा
सबने खूब एन्जॉय किया और तालियां बजाईं।
सूरज की बीवी कविता ने सुनाया -
कहता ग़ालिब और कोई जो कह न पाए
बना न ऐसा लण्ड चूत जो ले न पाए।
सबने खूब तालियां बजाई।
फिर बलराज की बरखा ने कहा -
लड़की - तेरे लिए सच्चा प्यार क्या है ?
लड़का - तेरी चूत और मेरा लण्ड .
एक बात फिर ठहाका लगा।
आखिर में अखिल की बीवी काजल ने सुनाया -
एक बार दो लण्ड आपस में बात का रहे थे।
पहला लण्ड - चलो तुम्हे फिल्म दिखाता हूँ।
दूसरा लण्ड - यार मुझे ब्लू फिल्म मत दिखाना ?
पहला लण्ड - क्यों ?
दूसरा लण्ड - क्योंकि मुझे खड़े खड़े देखना पड़ेगा।
इस बार तो सबने खूब ठहाका लगाया और तालियां बजायी. माहौल एकदम गरम हो चुका था। सबको मालूम था की आज यहाँ दूसरों की बीवियां चोदने का मज़ा मिलेगा । बीवियों को मालूम था की हमें पराये मरद से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा। बात करते करते दो दो पैग शराब के ख़तम हो गये तो नशा अपना काम करने लगा। काजल भाभी बोली यार अब तो मैं नशे में हूँ कुछ भी कर सकती हूँ ? कविता ने भी कहा हां मुझे नशा हो गया है मैं तो अभी अपने कपड़े खोल डालूंगी। बरखा ने कहा वाओ, मैं तो बहन चोद नंगी नाचूंगी मेरा कोई क्या उखाड़ लेगा ? मेरी बीवी सपना ने कहा हां नशे में सब मंजूर जो चाहो करो ? गांड़ चोदो चाहे लाँड़ ? कोई कुछ नहीं नहीं कहने वाला ?
"चुदाई की पहली पारी"
मस्ती पूरे कमरे में छा गई। तब तक रात के ११ बज चुके थे। सबसे पहले बरखा भाभी उठीं और अपने कपड़े खोलने लगी। जब उसकी चूँचियाँ खुलीं तो हम सब उन्हें देख कर दंग रह गए। इतनी बड़ी बड़ी और सुडौल मस्तानी चूँचियाँ आज मैं पहली बार देख रहा था। और उसकी चूत और चूतड़ देख कर तो हमारे होश ही उड़ गये। मेरा लण्ड साला आपे से बाहर हुआ जा रहा था । उन सबका भी यही हाल था। उसके बाद काजल भाभी भीं नंगी हो गयीं। मेरे मुंह से निकला वाह भाभी आप तो बहुत ही खूबसूरत है। नंगी नंगी ज्यादा खूबसूरत लग रहीं हैं। इसी बीच कविता भाभी ने भी अपने कपड़े खोल दिया और नंगी नंगी घूम घूम कर सबको अपना जिस्म दिखाने लगी। मैंने कहा भाभी जी आपको देख कर मुझे यकीन हो गया की भगवान् ने औरत से ज्यादा खूबसूरत दुनियां में कुछ भी नहीं बनाया। क्या मस्तानी चूँचियाँ है आपकी और क्या मस्त चूत है ? उधर मेरी बीवी सपना कहाँ पीछे रहने वाली थी। , वह भी बहन चोद नंगी नंगी सबके आगे खड़ी हो गयी। उसे देख कर बलराज बोला वाह वाह भाभी आप तो बिलकुल इंद्रा लोक की अप्सरा लग रही हैं ।
चारों बीवियां नंगी नंगी सबको घूम घूम कर अपना अपना जिस्म दिखाने लगीं। चूँचियाँ हिलाने लगीं और गांड़ मटकाने लगीं। चारों गोरी गोरी गज़ब की खूबसूरत बीवियां थीं। उनके जिस्म में हर जगह लण्ड पेलने का मन कर रहा था। उनके मुंह में भी, चूत में भी, गांड़ में भी, चूँचियों में भी और सारे बदन में भी। पर मेरी नज़र बरखा के जिस्म को अच्छी तरह देख रही थी। बलराज की नज़र मेरी बीवी पर थी। तब तक बरखा भाभी ने मुझे हाथ पकड़ कर उठा लिया और मेरी बीवी बलराज को उठा कर उससे लिपट गयी। बलराज मेरी बीवी की चूँचियाँ दबाने लगा और वह उसका लण्ड टटोलने लगी। तब मैंने भी उसकी बीवी की चूँचियाँ दबायी और अपना लौड़ा उसकी जाँघों में रगड़ने लगा। बरखा भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिया और मेरा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मैं एकदम नंगा हो गया और तब मेरी मस्ती बढ़ने लगी। उधर मेरी बीवी सपना ने बलराज को नंगा किया और उसका लौड़ा पकड़ कर चूमने चाटने लगी। हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराने लगे।
तब तक उधर अखिल की बीवी ने सूरज को नंगा कर दिया और सूरज की बीवी ने अखिल को नंगा कर दिया। दोनों नंगे हो गए तो सूरज की बीवी अखिल का लौड़ा हिलाने लगी और अखिल की बीवी सूरज का लौड़ा हिलाने लगी। चारों नंगी नंगी बीवियों के सामने चारों लण्ड मैदान में आ गए .बलराज की बीवी बरखा मेरा लण्ड पीने लगी और मेरी बीवी सपना बलराज का लण्ड पीने लगी। मुझे अपना लण्ड पिलाने से ज्यादा अपनी बीवी को किसी और का लण्ड पीते हुए देखने में मज़ा आ रहा था। बलराज बोला यार रोहन तेरी बीवी तो बहुत अच्छी तरह से लण्ड पी रही है। मैंने कहा हां यार तेरी बीवी भी मेरा लण्ड बड़े मजे से पी रही है। उधर मैंने देखा की अखिल की बीवी सूरज का लण्ड पी रही है और सूरज की बीवी अखिल का लण्ड पी रही है। इतना बढ़िया माहौल बन गया था जिसकी जितनी तारीफ करो उतना कम है।
मैं बहुत मस्ती में आ गया, मैंने बरखा भाभी की चूत पर लण्ड रखा और एक ही धक्के में घुसेड़ दिया पूरा लण्ड। वह चिल्ला पड़ी भोसड़ी के रोहन एक ही धक्के में पूरा लण्ड पेल दिया यार। ये मेरी चूत है किसी गधी की चूत नहीं हैं जो तेरा इतना मोटा लण्ड बर्दास्त कर ले ? धीरे धीरे चोद न मुझे, मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ। सबसे चुदवाकर ही जाउंगी यहाँ से ? मैंने धीरे तो किया लेकिन फिर स्पीड बढ़ा दी और तब वह भी मज़ा मज़ा ले ले के चुदवाने लगी। उधर बलराज मेरे सामने ही मेरी बीवी की बुर बड़े मजे से धकाधक चोद रहा था। इतने में अखिल सूरज की बीवी चोदने लगा और सूरज अखिल की बीवी चोदने लगा।
अखिल बोला - यार सूरज आज मुझे सच में तेरी बीवी की बुर चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा तो मुझे कभी अपनी बीवी की बुर चोदने में नहीं आया।
तब तक उसकी बीवी काजल बोली - यार कविता आज मुझे तेरे हसबैंड से चुदवाने में जो मज़ा आ रहा है वह मज़ा मुझे कभी अपने हसबैंड से चुदवाने में नहीं आया।
इतने में बरखा बोली बोली - अरे बुर चोदियों एक बात अच्छी तरह समझ लो की असली मज़ा तो परायी बीवी की चूत मे होता है और पराये मरद के लण्ड में होता है। मैंने इसीलिए अपने हसबैंड से कहा था की तुम बीवियों की अदला बदली शुरू कर दो फिर देखो जवानी का मज़ा कितना आने लगेगा ? मेरा हसबैंड मेरी बात मान गया और आज देखो कितनी मस्ती से परायी बीवी चोद कर मज़ा ले रहा है। मैं भी पराये मरद के लण्ड का मज़ा ले रही हूँ। मैंने अचानक चुदाई की स्पीड तेज कर दी तो मज़ा आने लगा। वह बोलने लगी हाय मेरे राजा खूब चोदो मुझे, पूरा पेल के चोदो मुझे, मैं तेरी बीवी हूँ मुझे चोदो, मैं तेरी रंडी हूँ मुझे चोदो , हाय दईया कितना मोटा है लौड़ा ? बड़ा मज़ा दे रहा है। उधर से मेरी बीवी बोलने लगी है बलराज तेरा लण्ड साला घोड़े लण्ड जैसा है पेल दो मेरी चूत में फाड़ डालो मेरी बुर। चोद डालो मेरी चूत। मैं तेरी बीवी हूँ यार , मुझे दिन रात चोदो , मेरी गांड़ चोदो, मेरा मुंह चोदो मेरी चूँची चोदो।
एकाएक मुझे अहसास भाभी की बुर ढीली हो गयी है। इधर मैं भी निकलने वाला था। तब तक बरखा भाभी मुड़ कर मेरे लण्ड का सड़का मारने लगी। बस मैंने भी उसके मुंह में ३/४ पिचकारी मार दी और वह सारा वीर्य पी गयी और सुपाड़ा चाटने लगीं। तब मैंने देखा की मेरी बीवी भी बलराज का सुपाड़ा चाट रही है। उधर कविता भाभी काजल के मियां अखिल का झड़ता हुआ लण्ड चाट रहीं थीं और काजल भाभी कविता के मियां सूरज का झड़ता हुआ लण्ड पी रहीं थीं।
"चुदाई की दूसरी पारी"
पहली चुदाई के बाद सबने नंगे नंगे ही खाना खाया, खूब मस्ती से गन्दी गन्दी और अश्लील बातें की और आपस में प्यार भरी गालियां भी एक दूसरे को दीं। करीब एक घंटे के बाद महफ़िल फिर जम गई। इस बार मेरी नज़र सूरज की बीवी कविता भाभी पर थी। कविता भाभी भी मुझे बड़ी सेक्सी नज़रों से देख रही थी और मेरे लण्ड को भी देख रही थीं। उधर मेरी बीवी सपना सूरज के लण्ड पर नज़रें गड़ाए हुए थी। , तो मैंने सूरज की बीवी की चूँचियाँ दीं। सूरज ने मेरी बीवी की चूँचियाँ पकड़ लीं। बस मालूम हो गया की मैं और सूरज एक दूसरे की बीवी
चोदेंगें। इधर अखिल और बलराज में तय हो गया की वे दोनों एक दूसरे की बीवी चोदेंगें। काजल भाभी ने बलराज के लण्ड पर हाथ रख दिया और बरखा भाभी ने अखिल का लण्ड पकड़ लिया। मुझे कविता भाभी की चूँचियाँ दबाने में बड़ा मज़ा आ रहा था। उधर सूरज मेरी बीवी की चूँचियाँ भी दबा रहा था और उसकी चूत भी सहला रहा था। चूँची हो चाहे चूत, चूतड़ हो चाहे गांड़ परायी बीवी का सब कुछ अच्छा लगता है। लण्ड हो चाहे लण्ड का सुपाड़ा, पेल्हड़ हों चाहे लण्ड की छोटी झांटें पराये मरद का सब कुछ अच्छा लगता है. यही तो खूबी है बीवियों की अदला बदली का ? इसीलिए लोग एक दूसरे की बीवी चोदते है और बीवियां एक दूसरे के मरद से चुदवाती हैं।
कविता भाभी मेरा लण्ड चाटने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। हम दोनों 69 बन गए. उधर मेरी बीवी सपना घूम कर सूरज के ऊपर नंगी नंगी चढ़ बैठी। उसका लण्ड मेरी बीवी की बुर में घुस गया और सूरज का मुंह मेरी बीवी की चूत में ? उधर बरखा भाभी काजल के मियां अखिल का लण्ड पीने लगीं और काजल भाभी
बरखा के मियां बलराज का लण्ड पीने लगीं। चारों बीवियां पराये मरद के लण्ड का मज़ा बड़ी मस्ती से लेने में जुट गयीं. यह सीन इतना मन मोहक था की इसका वीडियो बना लिया गया। थोड़ी देर में मैंने कविता भाभी की बुर में पेल दिया लौड़ा और चोदने लगा। मुझे बरखा की जैसी बुर कविता भाभी की भी लग रही थी। मेरा लौड़ा बिलकुल चिपक कर अंदर घुस रहा था और बाहर आ रहा था। वह भी खूब मस्ती से चुदवा रही थी। मुझे अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदने का सुख मिल रहा था। इसी तरह मेरी बीवी को भी अपने पति के आगे किसी और के पति से चुदवाने का आनंद मिल रहा था। तब मैंने देखा की अखिल बलराज की बीवी चोद रहा है और बलराज अखिल की बीवी चोद रहा है। चारों तरफ से चुदाई की आवाज़ें आ रही थीं। इन आवाज़ों से एक म्यूजिक निकल रहा था। मुझे सच में सामूहिक चुदाई की आवाज़ बहुत अच्छी लगती है। मेरी बीवी को तो ये आवाज़ बेहद पसंद है।
कुछ देर के बाद कविता भाभी मेरे लण्ड पर बैठ गयी और मेरी बीवी सूरज के लण्ड पर। ये दोनों बीवियां एक दूसरे के हसबैंड के लण्ड चोदने लगीं। मुझे तो अपना लौड़ा चुदवाने में बड़ा अच्छा लगने लगा। मैं चाहता हूँ की दूसरों की बीवियां मेरा लण्ड ऐसे ही चोदा करें ? उधर अखिल और बलराज दोनों एक दूसरे की बीवी पीछे से चोदने लगे। चारों बीवियों की ख़ुशी उनके चेहरे पर साफ़ झलक रही थी। थोड़ी देर बाद एक एक करके लण्ड झड़ने लगे। और ये सब बीवियां पराये मरद का लण्ड मजे से पीने लगीं।
"चुदाई की तीसरी पारी"
चुदाई की तीसरी पारी शुरू होने के पहले सबने एक दूसरे को अपने अपने गले से लगाया और एक दूसरे की बीवियों को खूब प्यार किया। इस बार मैंने सोंचा की मैं बलराज की बीवी छोड़चुका हूँ, सूरज की बीवी चोद चुका हूँ अब मुझे अखिल की बीवी काजल की बुर चोदनी बाकी है। इसलिए मैं उसे बड़ी ललचाई आँखों से देखने लगा। वह भी मेरे पास नंगी नंगी आयी और मेरा लौड़ा पकड़ लिया। वह मेरे कान में बोली देखो यार रोहन मैं सूरज का लण्ड अपनी चूत में पेल चुकी हूँ, बलराज लण्ड भी अपनी बुर में घुसेड़ चुकी हूँ। अब तू बचा है भोसड़ी का रोहन। मैंने अभी तक तुमसे नहीं चुदवाया। अब तेरी बारी है मेरी बुर चोदने की। पेल दे अपना ये मादर चोद लण्ड मेरी चूत में। लेकिन उससे पहले तू मेरी चूँचियाँ चोद दे ? चूँचियाँ चोदने के बाद लौड़ा मेरे मुंह में पेल दे। सबसे आखिर में मैं तेरा लण्ड अपनी बुर में पेलूँगी।
जैसा काजल भाभी ने कहा मैं वैसा ही करने लगा। मैं चोदने लगा उसकी मस्तानी बड़ी बड़ी चूँचियाँ। लण्ड का सुपाड़ा जब ऊपर आता तो भाभी उसे अपनी जबान से चाट लेती। उसका इस तरह से मेरा लण्ड चेतना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसने बताया की यार रोहन मैं कॉलेज के लड़कों से अपनी बुर चुदाने के पहले अपनी चूँचियाँ इसी तरह चुदवाया करती थी। मुझे लण्ड पीने का बड़ा शौक था। मैं 15 साल की उम्र से ही लौड़ा पीने लगी थी। शादी के पहले कई लण्ड पी चुकी थी मैं। कई लण्ड अपनी बुर में पेल चुकी थी मैं। मुझे पराये मर्दों से चुदवाने का बड़ा शौक है। पराये मर्दों के लण्ड मुझे बहुत अच्छे लगतें हैं। मैंने फिर लण्ड उसकी बुर में घुसा दिया और चोदने लगा। उसका मियां अखिल मेरी बीवी चोदने लगा।
उधर सूरज बलराज की बीवी बरखा की बुर चोदने लगा और बलराज उसकी बीवी कविता की बुर चोदने लगा। इस तरह चोदते चोदते सवेरा हो गया।
हमें आज भी वह मस्त चुदाई याद है।
- वह बोला - काजल, एक बात तुमसे पूंछना चाहता हूँ।
- काजल ने कहा - हां हां पूंछो न।
- देखो मुझे साफ साफ़ जबाब देना और शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। वैसे मैं अपने दोस्तों के साथ बैठा हूँ। सूरज और रोहन। तुम दोनों को जानती हो।
- हां हां मैं दोनों को जानती हूँ। बोलो बात क्या है ?
- बात यह है की सूरज और रोहन दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। इन दोनों की बीवियां भी बड़ी मस्ती से एक दूसरे के हसबैंड से चुदवाती हूँ। मैं भी इनके ग्रुप में शामिल होना चाहता हूँ। तुम तैयार हो ?
- हां हां मैं तैयार हूँ आजकल तो ऐसा हो ही रहा है। मेरी दो सहेलियां भी ऐसा करती हैं।
- तो तुम इन दोनों से चुदवा लोगी ?
- अगर तुम उन दोनों की बीविया चोदोगे तो मैं भी उन दोनों से चुदवा लूंगी। तुम जो कहोगे मैं वही करूंगी।
- तो फिर मैं एक पार्टी अपन घर में रख लूं ?
- हां हां रख लो मैं तो तुमसे यह पहले ही कहने वाली थी। मैं भी अपनी सहेली बरखा को बुरा लेती हूँ । वह मुझसे हसबैंड की अदला बदली के लिए कई बार कह चुकी है।
- ठीक है मैं पक्का करके तुम्हे बताता हूँ अभी।
हम तीनो की बीवियों में सबसे ज्यादा खूबसूरत अखिल की बीवी काजल भाभी हैं । मैंने जब उसे पहली बार देखा तो मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था , मेरा मन हुआ की मैं अभी इसके मुंह में अपना लण्ड घुसेड़ दूँ। लेकिन मन मसोस करके रह गया। मैंने इसका ज़िकर अपने दोस्त सूरज से किया। वह भी बोला हां यार रोहन मैंने जब अखिल की बीवी देखी तो मेरा मन हुआ की मैं इसकी बड़ी बड़ी चूँचियों के बीच अपना लण्ड पेल दूं। अगर वह मुझे अकेली मिल जाती तो शायद मैं पेल भी देता। यार तब से मैं उसकी बीवी किसी भी तरह चोदने के मूड में हूँ।
हुआ यह था की मैंने एक बार अपने दोस्त सूरज से कहा - एक बात समझ लो सूरज की जो बीवी जितनी खूबसूरत होती है वह उतनी ही बदचलन भी होती है। मतलब यह की वह उतनी ही पराये मर्दों से चुदवाने वाली होती है। मेरी बीवी सपना भी खूबसूरत है और तेरी बीवी कविता भी खूबसूरत है। इनकी भी इच्छा होगी पराये मर्दों से चुदवाने की। तुम मेरी बीवी चोदो मैं तेरी बीवी चोदूँ। सूरज मान गया। मैंने कहा यार मेरा एक और दोस्त है अखिल। उसकी बीवी चोद बड़ी सुन्दर है। मैं उसे छोडनाचाहता हूँ। क्यों न हम उसे भी शामिल कर लें। हमें थोड़ा झूंठ बोलना पड़ेगा। वह मान गया। और तब हमने उस दिन अखिल के साथ शराब पीने का प्लान बनाया और उससे झूंठ कहा की हम दोनों एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। सूरज मेरी बात मान गया। तब मैंने अखिल से सारी बातें कहीं जो अपने ऊपर पढ़ा।
हमारा प्लान कामयाब रहा और आज देखो हम दोनों अखिल की बीवी चोदने आ गये हैं। इसी बहाने हमें यहाँ एक और बीवी बरखा भाभी की बुर भी चोदने को मिलेगी।
अखिल की बीवी काजल नीचे एक घाघरा पहने थी और ऊपर कुछ भी नहीं। उसकी चूँचियाँ सिर्फ एक चुन्नी से ढकी हुई थी जो उसने अपने गले में माला की तरह पहन रखी थी। मैं उसकी चूँचियाँ देखने के लिए बार बार इधर उधर झाँकने लगा। यही हाल सूरज का भी था। मेरी बीवी ने डीप नेक का स्लीवलेस ब्लाऊज़ पहना था जिससे उसकी चूँचियाँ बाहर निकलने के लिए बेताब थीं और सूरज की बीवी ने जींस और बिना ब्रा का टॉप पहन लिया था । उसकी गांड बड़ी सेक्सी दिख रही थी। मैं सोंचने लगा की मुझे अगर इसकी गांड मारने का मौक़ा मिल जाए तो मैं मार लूंगा। आगे से उसकी चूँचियाँ छलक रही थी। कविता भाभी आज मुझे कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रहीं थी। उसे देख कर मेरा लण्ड टन टनाने लगा। बरखा भाभी भी अपनी सुडौल और मस्त मस्त चूँचियों की झलक दिखा दिखा कर हमारे लण्ड को ललकार रहीं थीं।
अखिल ने ड्रिंक्स का सारा इंतज़ाम कर लिया था। उसकी चूँचियों की झलक पाने के लिए मैं कविता भाभी को बार बार आते जाते बड़े गौर से देख रहा था। ड्रिंक्स चालू हो गयी तो चारों बीवियां बड़ी खुश नज़र आ रहीं थीं. उनकी शराब पीने की अदा बहुत ही सेक्सी थी। मुझे लगा की हमें जितनी जल्दी इन्हें चोदने की है उतनी ही जल्दी इन्हें चुदवाने की भी है।
बातें होने लगी तो माहौल रंगीन होने लगा। अचानक सूरज बोला यार ऐसे में कुछ नॉन वेज चुटकुले हो जाएँ। मैंने कहा यार नॉन वेज चुटकुले तो बीवियों के मुंह से ही अच्छे लगते हैं।
सबसे पहले मेरी बीवी सपना बोली -
कुटुबमीनार को देख कर ग़ालिब का ख्याल दौड़ा
कि जैसे धरती दिखा रही हो आसमान को लौड़ा
सबने खूब एन्जॉय किया और तालियां बजाईं।
सूरज की बीवी कविता ने सुनाया -
कहता ग़ालिब और कोई जो कह न पाए
बना न ऐसा लण्ड चूत जो ले न पाए।
सबने खूब तालियां बजाई।
फिर बलराज की बरखा ने कहा -
लड़की - तेरे लिए सच्चा प्यार क्या है ?
लड़का - तेरी चूत और मेरा लण्ड .
एक बात फिर ठहाका लगा।
आखिर में अखिल की बीवी काजल ने सुनाया -
एक बार दो लण्ड आपस में बात का रहे थे।
पहला लण्ड - चलो तुम्हे फिल्म दिखाता हूँ।
दूसरा लण्ड - यार मुझे ब्लू फिल्म मत दिखाना ?
पहला लण्ड - क्यों ?
दूसरा लण्ड - क्योंकि मुझे खड़े खड़े देखना पड़ेगा।
इस बार तो सबने खूब ठहाका लगाया और तालियां बजायी. माहौल एकदम गरम हो चुका था। सबको मालूम था की आज यहाँ दूसरों की बीवियां चोदने का मज़ा मिलेगा । बीवियों को मालूम था की हमें पराये मरद से चुदवाने का मौक़ा मिलेगा। बात करते करते दो दो पैग शराब के ख़तम हो गये तो नशा अपना काम करने लगा। काजल भाभी बोली यार अब तो मैं नशे में हूँ कुछ भी कर सकती हूँ ? कविता ने भी कहा हां मुझे नशा हो गया है मैं तो अभी अपने कपड़े खोल डालूंगी। बरखा ने कहा वाओ, मैं तो बहन चोद नंगी नाचूंगी मेरा कोई क्या उखाड़ लेगा ? मेरी बीवी सपना ने कहा हां नशे में सब मंजूर जो चाहो करो ? गांड़ चोदो चाहे लाँड़ ? कोई कुछ नहीं नहीं कहने वाला ?
"चुदाई की पहली पारी"
मस्ती पूरे कमरे में छा गई। तब तक रात के ११ बज चुके थे। सबसे पहले बरखा भाभी उठीं और अपने कपड़े खोलने लगी। जब उसकी चूँचियाँ खुलीं तो हम सब उन्हें देख कर दंग रह गए। इतनी बड़ी बड़ी और सुडौल मस्तानी चूँचियाँ आज मैं पहली बार देख रहा था। और उसकी चूत और चूतड़ देख कर तो हमारे होश ही उड़ गये। मेरा लण्ड साला आपे से बाहर हुआ जा रहा था । उन सबका भी यही हाल था। उसके बाद काजल भाभी भीं नंगी हो गयीं। मेरे मुंह से निकला वाह भाभी आप तो बहुत ही खूबसूरत है। नंगी नंगी ज्यादा खूबसूरत लग रहीं हैं। इसी बीच कविता भाभी ने भी अपने कपड़े खोल दिया और नंगी नंगी घूम घूम कर सबको अपना जिस्म दिखाने लगी। मैंने कहा भाभी जी आपको देख कर मुझे यकीन हो गया की भगवान् ने औरत से ज्यादा खूबसूरत दुनियां में कुछ भी नहीं बनाया। क्या मस्तानी चूँचियाँ है आपकी और क्या मस्त चूत है ? उधर मेरी बीवी सपना कहाँ पीछे रहने वाली थी। , वह भी बहन चोद नंगी नंगी सबके आगे खड़ी हो गयी। उसे देख कर बलराज बोला वाह वाह भाभी आप तो बिलकुल इंद्रा लोक की अप्सरा लग रही हैं ।
चारों बीवियां नंगी नंगी सबको घूम घूम कर अपना अपना जिस्म दिखाने लगीं। चूँचियाँ हिलाने लगीं और गांड़ मटकाने लगीं। चारों गोरी गोरी गज़ब की खूबसूरत बीवियां थीं। उनके जिस्म में हर जगह लण्ड पेलने का मन कर रहा था। उनके मुंह में भी, चूत में भी, गांड़ में भी, चूँचियों में भी और सारे बदन में भी। पर मेरी नज़र बरखा के जिस्म को अच्छी तरह देख रही थी। बलराज की नज़र मेरी बीवी पर थी। तब तक बरखा भाभी ने मुझे हाथ पकड़ कर उठा लिया और मेरी बीवी बलराज को उठा कर उससे लिपट गयी। बलराज मेरी बीवी की चूँचियाँ दबाने लगा और वह उसका लण्ड टटोलने लगी। तब मैंने भी उसकी बीवी की चूँचियाँ दबायी और अपना लौड़ा उसकी जाँघों में रगड़ने लगा। बरखा भाभी ने मेरे कपड़े उतार दिया और मेरा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। मैं एकदम नंगा हो गया और तब मेरी मस्ती बढ़ने लगी। उधर मेरी बीवी सपना ने बलराज को नंगा किया और उसका लौड़ा पकड़ कर चूमने चाटने लगी। हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कराने लगे।
तब तक उधर अखिल की बीवी ने सूरज को नंगा कर दिया और सूरज की बीवी ने अखिल को नंगा कर दिया। दोनों नंगे हो गए तो सूरज की बीवी अखिल का लौड़ा हिलाने लगी और अखिल की बीवी सूरज का लौड़ा हिलाने लगी। चारों नंगी नंगी बीवियों के सामने चारों लण्ड मैदान में आ गए .बलराज की बीवी बरखा मेरा लण्ड पीने लगी और मेरी बीवी सपना बलराज का लण्ड पीने लगी। मुझे अपना लण्ड पिलाने से ज्यादा अपनी बीवी को किसी और का लण्ड पीते हुए देखने में मज़ा आ रहा था। बलराज बोला यार रोहन तेरी बीवी तो बहुत अच्छी तरह से लण्ड पी रही है। मैंने कहा हां यार तेरी बीवी भी मेरा लण्ड बड़े मजे से पी रही है। उधर मैंने देखा की अखिल की बीवी सूरज का लण्ड पी रही है और सूरज की बीवी अखिल का लण्ड पी रही है। इतना बढ़िया माहौल बन गया था जिसकी जितनी तारीफ करो उतना कम है।
मैं बहुत मस्ती में आ गया, मैंने बरखा भाभी की चूत पर लण्ड रखा और एक ही धक्के में घुसेड़ दिया पूरा लण्ड। वह चिल्ला पड़ी भोसड़ी के रोहन एक ही धक्के में पूरा लण्ड पेल दिया यार। ये मेरी चूत है किसी गधी की चूत नहीं हैं जो तेरा इतना मोटा लण्ड बर्दास्त कर ले ? धीरे धीरे चोद न मुझे, मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ। सबसे चुदवाकर ही जाउंगी यहाँ से ? मैंने धीरे तो किया लेकिन फिर स्पीड बढ़ा दी और तब वह भी मज़ा मज़ा ले ले के चुदवाने लगी। उधर बलराज मेरे सामने ही मेरी बीवी की बुर बड़े मजे से धकाधक चोद रहा था। इतने में अखिल सूरज की बीवी चोदने लगा और सूरज अखिल की बीवी चोदने लगा।
अखिल बोला - यार सूरज आज मुझे सच में तेरी बीवी की बुर चोदने में ज्यादा मज़ा आ रहा है। इतना मज़ा तो मुझे कभी अपनी बीवी की बुर चोदने में नहीं आया।
तब तक उसकी बीवी काजल बोली - यार कविता आज मुझे तेरे हसबैंड से चुदवाने में जो मज़ा आ रहा है वह मज़ा मुझे कभी अपने हसबैंड से चुदवाने में नहीं आया।
इतने में बरखा बोली बोली - अरे बुर चोदियों एक बात अच्छी तरह समझ लो की असली मज़ा तो परायी बीवी की चूत मे होता है और पराये मरद के लण्ड में होता है। मैंने इसीलिए अपने हसबैंड से कहा था की तुम बीवियों की अदला बदली शुरू कर दो फिर देखो जवानी का मज़ा कितना आने लगेगा ? मेरा हसबैंड मेरी बात मान गया और आज देखो कितनी मस्ती से परायी बीवी चोद कर मज़ा ले रहा है। मैं भी पराये मरद के लण्ड का मज़ा ले रही हूँ। मैंने अचानक चुदाई की स्पीड तेज कर दी तो मज़ा आने लगा। वह बोलने लगी हाय मेरे राजा खूब चोदो मुझे, पूरा पेल के चोदो मुझे, मैं तेरी बीवी हूँ मुझे चोदो, मैं तेरी रंडी हूँ मुझे चोदो , हाय दईया कितना मोटा है लौड़ा ? बड़ा मज़ा दे रहा है। उधर से मेरी बीवी बोलने लगी है बलराज तेरा लण्ड साला घोड़े लण्ड जैसा है पेल दो मेरी चूत में फाड़ डालो मेरी बुर। चोद डालो मेरी चूत। मैं तेरी बीवी हूँ यार , मुझे दिन रात चोदो , मेरी गांड़ चोदो, मेरा मुंह चोदो मेरी चूँची चोदो।
एकाएक मुझे अहसास भाभी की बुर ढीली हो गयी है। इधर मैं भी निकलने वाला था। तब तक बरखा भाभी मुड़ कर मेरे लण्ड का सड़का मारने लगी। बस मैंने भी उसके मुंह में ३/४ पिचकारी मार दी और वह सारा वीर्य पी गयी और सुपाड़ा चाटने लगीं। तब मैंने देखा की मेरी बीवी भी बलराज का सुपाड़ा चाट रही है। उधर कविता भाभी काजल के मियां अखिल का झड़ता हुआ लण्ड चाट रहीं थीं और काजल भाभी कविता के मियां सूरज का झड़ता हुआ लण्ड पी रहीं थीं।
"चुदाई की दूसरी पारी"
पहली चुदाई के बाद सबने नंगे नंगे ही खाना खाया, खूब मस्ती से गन्दी गन्दी और अश्लील बातें की और आपस में प्यार भरी गालियां भी एक दूसरे को दीं। करीब एक घंटे के बाद महफ़िल फिर जम गई। इस बार मेरी नज़र सूरज की बीवी कविता भाभी पर थी। कविता भाभी भी मुझे बड़ी सेक्सी नज़रों से देख रही थी और मेरे लण्ड को भी देख रही थीं। उधर मेरी बीवी सपना सूरज के लण्ड पर नज़रें गड़ाए हुए थी। , तो मैंने सूरज की बीवी की चूँचियाँ दीं। सूरज ने मेरी बीवी की चूँचियाँ पकड़ लीं। बस मालूम हो गया की मैं और सूरज एक दूसरे की बीवी
कविता भाभी मेरा लण्ड चाटने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। हम दोनों 69 बन गए. उधर मेरी बीवी सपना घूम कर सूरज के ऊपर नंगी नंगी चढ़ बैठी। उसका लण्ड मेरी बीवी की बुर में घुस गया और सूरज का मुंह मेरी बीवी की चूत में ? उधर बरखा भाभी काजल के मियां अखिल का लण्ड पीने लगीं और काजल भाभी
कुछ देर के बाद कविता भाभी मेरे लण्ड पर बैठ गयी और मेरी बीवी सूरज के लण्ड पर। ये दोनों बीवियां एक दूसरे के हसबैंड के लण्ड चोदने लगीं। मुझे तो अपना लौड़ा चुदवाने में बड़ा अच्छा लगने लगा। मैं चाहता हूँ की दूसरों की बीवियां मेरा लण्ड ऐसे ही चोदा करें ? उधर अखिल और बलराज दोनों एक दूसरे की बीवी पीछे से चोदने लगे। चारों बीवियों की ख़ुशी उनके चेहरे पर साफ़ झलक रही थी। थोड़ी देर बाद एक एक करके लण्ड झड़ने लगे। और ये सब बीवियां पराये मरद का लण्ड मजे से पीने लगीं।
"चुदाई की तीसरी पारी"
चुदाई की तीसरी पारी शुरू होने के पहले सबने एक दूसरे को अपने अपने गले से लगाया और एक दूसरे की बीवियों को खूब प्यार किया। इस बार मैंने सोंचा की मैं बलराज की बीवी छोड़चुका हूँ, सूरज की बीवी चोद चुका हूँ अब मुझे अखिल की बीवी काजल की बुर चोदनी बाकी है। इसलिए मैं उसे बड़ी ललचाई आँखों से देखने लगा। वह भी मेरे पास नंगी नंगी आयी और मेरा लौड़ा पकड़ लिया। वह मेरे कान में बोली देखो यार रोहन मैं सूरज का लण्ड अपनी चूत में पेल चुकी हूँ, बलराज लण्ड भी अपनी बुर में घुसेड़ चुकी हूँ। अब तू बचा है भोसड़ी का रोहन। मैंने अभी तक तुमसे नहीं चुदवाया। अब तेरी बारी है मेरी बुर चोदने की। पेल दे अपना ये मादर चोद लण्ड मेरी चूत में। लेकिन उससे पहले तू मेरी चूँचियाँ चोद दे ? चूँचियाँ चोदने के बाद लौड़ा मेरे मुंह में पेल दे। सबसे आखिर में मैं तेरा लण्ड अपनी बुर में पेलूँगी।
जैसा काजल भाभी ने कहा मैं वैसा ही करने लगा। मैं चोदने लगा उसकी मस्तानी बड़ी बड़ी चूँचियाँ। लण्ड का सुपाड़ा जब ऊपर आता तो भाभी उसे अपनी जबान से चाट लेती। उसका इस तरह से मेरा लण्ड चेतना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। उसने बताया की यार रोहन मैं कॉलेज के लड़कों से अपनी बुर चुदाने के पहले अपनी चूँचियाँ इसी तरह चुदवाया करती थी। मुझे लण्ड पीने का बड़ा शौक था। मैं 15 साल की उम्र से ही लौड़ा पीने लगी थी। शादी के पहले कई लण्ड पी चुकी थी मैं। कई लण्ड अपनी बुर में पेल चुकी थी मैं। मुझे पराये मर्दों से चुदवाने का बड़ा शौक है। पराये मर्दों के लण्ड मुझे बहुत अच्छे लगतें हैं। मैंने फिर लण्ड उसकी बुर में घुसा दिया और चोदने लगा। उसका मियां अखिल मेरी बीवी चोदने लगा।
उधर सूरज बलराज की बीवी बरखा की बुर चोदने लगा और बलराज उसकी बीवी कविता की बुर चोदने लगा। इस तरह चोदते चोदते सवेरा हो गया।
हमें आज भी वह मस्त चुदाई याद है।
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