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मैं जवान हो गयी हूँ अब्बू जान मुझे चोदो - Abbu se chudwane ki tamanna
मैं जवान हो गयी हूँ अब्बू जान मुझे चोदो - Abbu se chudwane ki tamanna , पिता से चुदाई , बेटी की कामवासना अन्तर्वासना बाप ने बुझाई , बेटी को आया father का लोला पसंद.
मैं खुशबू हूँ दोस्तों. मैं 21 साल की हूँ, खुश मिज़ाज हूँ सेक्सी हूँ और बेहद हॉट हूँ। मैं पढ़ने में बहुत तेज हूँ और उतनी ही तेज लण्ड पकड़ने में भी हूँ। मैं 15 साल उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ और अब तो लण्ड अपनी चूत में भकाभक पेलने लगी हूँ। मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हैं और सुडौल हैं। मेरी गांड भी मोटी हो गयी है और काली काली झाँटों के बीच एक मद मस्त चूत है जो मुझे चैन से बैठने नहीं देती है। मेरी अम्मी जान बुर चोदी बहुत ही खूबसूरत और सेक्सी है। उसे तो मुझसे ज्यादा लण्ड से मोहब्बत है। मैं जब 18 + की हुई तो वह एक दिन बोली बेटी खुशबू तूने अभी तक कितने लण्ड पकड़ें हैं ? मैं चुप रही कोई जबाब नहीं दिया। वह बोली जबाब क्यों नहीं देती माँ की लौड़ी खुशबू ? लण्ड पकड़ा हो तो बताओ नहीं तो मैं तुझे पकड़ा दूँ। मैंने कुछ कहाँ नहीं। बल्कि सर हिला कर न का संकेत दिया।
तब वह बोली अच्छा तो अभी तक क्या अपनी गांड मरा रही थी तू ? अपनी माँ चुदा रही थी तू ? अपनी झांटें उखाड़ रही थी तू ? तेरी माँ का भोसड़ा बहन चोद। तू अब मस्त जवान हो गयी है और तूने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा हद हो गयी बहन चोद ? तेरे अंदर लण्ड पकड़ने की इच्छा पैदा ही नहीं हुई ? तू लड़की है भी की नहीं ? तेरी उम्र में मैं तो माँ चुदाने लगी थी मेरी बुर चोदी खुशबू। मैं मन ही मन खुश हो रही थी क्योंकि अब मुझे मालूम हो गया की मैं जो कर रही हूँ वह सही कर रही हूँ। मैं लण्ड पकड़ना तो दूर लण्ड बुर में भी घुसाने लगी हूँ। मैं अम्मी जान की बातें और उसकी गालियों का मज़ा लेती रही। अम्मी को यह पक्का मालूम हो गया की मैंने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा है।
अगले दिन जब मैं आयी तो अम्मी जान ने कहा खुशबू बेटी चलो पड़ोस की समीना आंटी ने बुलाया है। मैं अम्मी के साथ पड़ोस में समीना आंटी के घर चली गयी। मैं जब कमरे में घुसी तो देखा की आंटी एकदम नंगी नंगी ज़मीन पर लेटीं हैं और उसकी बेटी तराना नंगी बैठी हुई उसके भोसड़ा में लण्ड घुसेड़ रही है। मैं यह सब देख कर हैरान हो गयी थोड़ा शर्मा भी गयी और अंदर से खुश भी होने लगी। अम्मी ने पूंछा तराना ये क्या कर रही हो तो वह मैं अपनी माँ चुदा रही हूँ फरीदा आंटी। अम्मी ने कहा तू कब से अपनी माँ चुदा रही है ? वह बोली आज तीसरी बार मैं अम्मी के भोसड़ा में लण्ड पेल रही हूँ। इसके पहले दो बार और पेल चुकी हूँ। किसका लण्ड पेल रही हो तुम अपनी माँ की चूत में तराना ? वह बोली ये मेरे अब्बू के दोस्त आरिफ का लण्ड है आंटी। अम्मी बोली तो फिर ये तुम्हे भी चोदता होगा। तराना ने कहा - हां अंकल मुझे भी चोदते हैं। एक बार पहले चोदा था आज दूसरी बार चोदेगा।
अम्मी ने मेरी तरफ मुड़ कर कहा देखा खुशबू तराना तुमसे ६ महीने छोटी है और अपनी माँ चुदा रही है। इसने कितनी तरक्की कर ली है और एक तू है जो अभी तक ठीक से लण्ड भी नहीं पकड़ पाती ? तब तक समीना आंटी बोली अरे फरीदा तू चिंता न कर आज तेरी बेटी तेरे भोसड़ा में लण्ड पेल देगी। वो पीछे देखो न ? हमने पीछे देखा तो दो आदमी एकदम नंगे नंगे खड़े थे। वह बोली फरीदा तू एक लण्ड अपनी बिटिया की बुर में घुसा दे और तेरी बेटी दूसरा लण्ड तेरी बुर में पेल देगी। आज यहाँ माँ बेटी की ही चुदाई होगी। जैसे हम अपनी बेटी से चुदवा रही हूँ वैसे तुम भी अपने बेटी से चुदवाओगी । तुम्हारी बेटी आज ही सब कुछ सीख जाएगी। खुशबू बहुत अच्छी और हॉट बेटी है। माँ चुदाने में उसे ज़रा सी भी शर्म नहीं आएगी। मगर पहले तू भोसड़ी की उसके हाथ में अपने हाथ से लण्ड तो रख। उसकी बहन चोद शर्म ख़तम करना तुम्हारा काम है। उसे बेशरम बनाना तुम्हारा काम है। समझी मेरी हरामजादी फरीदा ? एक बार जब वह बुर चोदी बेशरम बन जाएगी तो हर रोज़ दनादन पेलेगी तेरी चूत में लण्ड।
मैं आंटी की बातें सुनकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी। उन दो लोगों के नाम थे रहीम और करीम। अम्मी जान ने रहीम का लण्ड पकड़ा उसे थोड़ी देर हिलाया और जब वह पूरी तरह खड़ा हो गया तो उसे चूमा और सुपाड़ा चाटा। फिर उसने वही लण्ड मेरे हाथ में रख कर कहा ले माँ की लौड़ी खुशबू आज से तू भी तराना की तरह हो जा बेशरम। तेरी माँ का भोसड़ा। तेरी माँ की चूत। देख अब मुझे दुबारा न कहना पड़े की अपनी माँ चुदा के दिखा ? ऐसा बोल कर अम्मी जान भी अपने कपड़े खोल कर नंगी हो गईं। फिर मैंने एक हाथ से अंकल का लण्ड पकड़ा और दूसरे हाथ से अम्मी का भोसड़ा सहलाने लगी। मैंने देखा की उसका भोसड़ा गरम था। गीला था और एकदम तैयार था लण्ड खाने के लिए। मैंने उसे लिटाया और उसकी टांगें फैला दीं। मैंने रहीम अंकल का लण्ड उसके भोसड़ा पर टिका दिया। अंकल के चूतड़ धपाक से दबा दिया तो लण्ड एक ही धक्के में अंदर घुस गया। अम्मी के मुंह से निकला है अल्लाह ?
बस मैं भी तराना की तरह अपनी माँ चुदाने लगी। अम्मी को यकीन हो गया की अब मेरी बेटी अपनी माँ चुदाने लगी है और बेशरम भी हो गयी है। तब उसने मेरी चूत पर हाथ रखा और उसे सहलाने लगी। हां मेरी भी चूत गरम थी। शायद अम्मी की चूत से ज्यादा गरम। अम्मी ने एक ऊँगली मेरी चूत मे घुसेड़ दी तो बोली हाय खुशबू तेरी तो चूत में बड़ी आग है यार। धधक रही है तेरी चूत। देखों मेरी ऊँगली जल गई। उसने करीम को इशारा किया तो उसने अपना लण्ड मेरी चूत के पास ले आया। अम्मी जान ने करीम का लण्ड पकड़ कर मेरी चूत पर टिका दिया। वह बोली हां करीम अब तू भोसड़ी का पेल दे अपना लण्ड खुशबू की बुर में और चोद डाल इसकी बुर। उसने जोर लगाकर अपना लण्ड अंदर तक घुसा ही दिया। मेरे मुंह से निकला - उई माँ फट गई मेरी बुर। बड़ा मोटा लण्ड इसका अम्मी जान। ये तो मेरी बुर फाड़ डालेगा। ये साला बड़ा बेरहम है अम्मी जान इसकी माँ की चूत ? मैं इसे कभी नहीं छोडूंगी। इसकी बहन की बुर ?,,,,,,,,,,,,,
अम्मी ने कहा अरे करीम तुम इसकी बुर चोदे जाओ इसकी बात पर कोई ध्यान न देना। वह साला जोर जोर से चोदने लगा। मैंने कहा अरे अम्मी जान तू बुर चोदी अपनी बेटी चुदवा रही है तुझे शर्म नहीं आती ? इतना बड़ा लौड़ा पेलवा दिया अपनी बिटिया की बुर में। तेरी बहन का भोसड़ा, फरीदा। अब तो मैं भी तेरे भोसड़ा पर कोई रहम नहीं करूंगी। फाड़ डालूंगी तेरा भोसड़ा, अम्मी जान। वह मेरी बाते सुन सुन कर बड़ी खुश हो रहीं थीं। उसे मज़ा आ रहा था की अब मेरी बेटी मेरे साथ चोदा चोदी करती रहेगी।
उधर तराना अपनी माँ चुदवाने में बिजी थी। उसका मुंह अपनी अम्मी की बुर की तरफ ही था। वह बीच बीच में लण्ड अपनी अम्मी की बुर से निकाल कर चाट रही थी। उसके पेल्हड़ सहला रही थी। पेल्हड़ चूम रही थी। आरिफ का हाथ तराना की चूँचियाँ मसल रहा था। मुझे अब अम्मी ने पूरी तरह बेशरम बना दिया। वैसे मैं पहले से ही बड़ी बेशरम थी, लण्ड खूब मजे से पीती थी, चुदवाती भी थी हां यह बात जरूर है की अम्मी जान को इसकी भनक नहीं थी। थोड़ी देर तक मैं करीम चुदवाती रही और अम्मी रहीम से। हम दोनों एक दूसरे की चुदती हुई बुर देखे जा रहीं थीं। अम्मी को यकीन हो गया की अब मेरी बेटी जवानी का पूरा मज़ा लूट लेगी और मुझे भी मालूम हो गया की मेरी अम्मी अभी भी चुदाने में बड़ी मस्त है और उसे न तो अपनी बेटी के सामने चुदवाने में कोई शर्म है और न उसकी बुर चोदने में। तभी तो अम्मी ने रहीम का लण्ड अपनी बुर से निकाल कर मेरी बुर में पेल दिया और मैंने फिर करीम का लण्ड अपनी बुर से निकाल कर अम्मी की बुर में घुसेड़ दिया। हम दोनों फिर एक दूसरे को देखती हुई चुदवाने में जुट गयी।
मैंने कहा -अम्मी जान तेरी बेटी की माँ का भोसड़ा। तेरी बेटी तो अब एक रंडी की तरह चुदवाने लगी है।
अम्मी ने कहा - बेटी खुशबू, तेरी माँ की बिटिया की बुर ? तेरी माँ बुर चोदी अपना भोसड़ा कई बर्षों से फड़वा रही है. आज से वह अपनी बिटिया की बुर भी फड़वाने लगी है। तेरी माँ भोसड़ी वाली बहुत बड़ी कमीनी औरत है, बेटी खुशबू । इसका तो मन है की ये हमेशा अपनी बेटी के आगे नंगी पड़ी रहे और अपनी बेटी के साथ दिन रात बुर चुदवाती रहे। अब तो ये चाहती है की मेरी बेटी अपने कॉलेज के दोस्तों से मेरी बुर चुदवाये।
मैंने कहा - अरे अम्मी जान तेरी बेटी भी बुर चोदी चाहती है की मेरी अम्मी बड़े बड़े लोगों के लण्ड मेरी बुर में पेले और मेरी बुर उनसे खूब चुदवाती रहे। कुछ देर बाद में तराना ने आरिफ का लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मैं उससे भी मजे से चुदवाती रही।
एक दिन मैं अचानक खाला जान के घर चली गयी. मेरी खाला का नाम मदीहा और उसकी बेटी है हया। जब मैं अंदर कमरे में गयी तो देख कर दंग रह गयी। मुझे ऐसा बिलकुल भी यकीन नहीं था की मैं चुदाई का एक बेहतरीन नज़ारा देखने वाली हूँ।
मैंने देखा की मेरा अब्बू मेरी खाला का भोसड़ा चोद रहा है और खालू अपनी ही बेटी हया की बुर ले रहा है। मुझे यह समझने के देर नहीं लगी भी की अब मेरा अब्बू भी खाला की बेटी की बुर चोदेगा।
हया तो इतनी मस्ती से अपने अब्बू से चुदवा रही थी जैसे की वह अपने शौहर से चुदवा रही हो। मैं पहली बार किसी बाप को अपनी बेटी चोदते हुए देख रही थी. तब मुझे ख्याल आया की एक दिन पड़ोस की आंटी मेरी अम्मी से कह यहीं थीं की अगर एक बाप अपनी ही बेटी चोदे तो यह हमारे समाज में जायज़ माना जाता है। इसमें कोई गुनाह नहीं है। जवानी में तो ऐसा अक्सर होता है। आज मैं अपनी आँखों से ये सब देख रही थी। मुझे मेरी अम्मी जान ने पहले से ही बड़ी बेशरम बना दिया है औरआज मैं अपने अब्बू को खाला का भोसड़ा चोदते हुए देख रही हूँ तो और बेशरम बन गयी हूँ। खाला ने इशारा किया तो मैं भी कपड़े उतार कर नंगी हो गयी और खालू का लण्ड पकड़ कर बीच बीच में चाटने लगी।
तब तक मैं अपने अब्बू को पूरा नंगा देख चुकी थी, उसका खड़ा लण्ड देख चुकी थी और वह भी मुझे पूरी तरह
नंगी देख रहा था। तो हमारे बीच भी शर्म नहीं रही। कुछ देर तक सब कुछ ऐसा ही चलता रहा। फिर खाला जान ने मेरे अब्बू का लण्ड मेरे हाथ में रख दिया। मैं झिझकी नहीं और बड़े प्यार से लण्ड पकड़ लिया। लण्ड वास्तव में इतना मोटा था की मेरी एक मुठ्ठी में नहीं आ रहा था। मुझे दोनों हाथ लगाने पड़े। मैंने मन में कहा वॉवो मैंने आज तक इतना बड़ा और इतना मोटा लण्ड कभी नहीं पकड़ा। यानी मेरे अब्बू जान का लण्ड सबसे लंबा और सबसे मोटा लिकला . मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना न रहा। मैंने सोंचा वाह अल्लाह ने नियामत बक्शी है। इतना आलिशान और इतना जबरदस्त लण्ड तो मेरे घर में ही मौजूद है। मेरी चूँचियाँ और तन गईं। मेरी चूत और गरम हो गई। मेरे अंदर चुदाई की इच्छा और प्रबल हो गयी। तब तक खाला जान मेरी बुर सहलाने लगीं। वह अब्बू के पेल्हड़ भी सहला रहीं थीं और उन्हें चूम भी रहीं थीं। इतने में अचानक खाला ने अब्बू का लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और कहा लो जीजू अब तुम अपनी बेटी की बुर चोदो। मैंने सोंचा की जब हया अपने अब्बू से चुदवा सकती है तो मैं क्यों नहीं ? बस मेरे अंदर हिम्मत आ गई। मैं भी चुदवाने के लिए एकदम तैयार हो गई। इतने में लण्ड पूरा का पूरा अंदर घुस गया. मैं बस "उई माँ" कह कर रह गई। अब मैं भी हया की तरह अपने अब्बू से चुदवाने लगी। मैंने मस्ती में कहा अब्बू जान और चोदो। खूब चोदो। पूरा पेल के चोदो। बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे आजतक किसी ने इस तरह नही चोदा। क्या लौड़ा है तेरा ? कितना मस्त और सख्त है लौड़ा तेरा अब्बू जान ? आज मुझे अच्छी तरह चोदो। फाड़ डालो मेरी बुर। खाला का भोसड़ा समझ के चोदो, अब्बू। आज मुझे मालूम हो रहा है की लण्ड में कितनी ताकत होती है। अब्बू धक्का पे धक्का लगाए जा रहा था और मैं हर धक्के का जबाब धक्के से दे रही थी।
मैं तो बिलकुल ज़न्नत में थी। मैं देख रही थी की हया भी अपने अब्बू से खूब मस्ती से चुदवा रही है। खाला जान कभी इसका लण्ड निकाल कर चूस रहीं थीं और कभी उसका लण्ड। वह भी खूब मज़ा कर रहीं थीं। ऐसी चुदाई आज मैं पहली बार देख रही थी। चुदाई के तरीके बहुत हैं और हर तरीके का अपना अलग ही मिज़ाज़ है और अलग ही मज़ा है। इतने में खाला जान ने मेरे अब्बू का लण्ड निकाल कर हया की चूत में घुसेड़ दिया और हया की चूत से उसके अब्बू का लण्ड निकाल मेरी चूत में पेल दिया। अब मैं हया केअब्बू से चुदवाने लगी और हया मेरे अब्बू से। वो दोनों भोसड़ी के एक दूसरे की बेटी चोदने लगे। हम दोनों को एक दूसरे के अब्बू से चुदवाने में मज़ा आने लगा और उन दोनों को एक दूसरे की बेटी चोदने में।
दूसरे दिन रात में जब हम सब ज़मीन पर बिस्तर लगा कर लेटे थे तो मैंने देखा की आधे घंटे के बाद मेरा अब्बू भाभी के ऊपर चढ़ गया / वह अपनी बहू की बुर चोदने लगा। अम्मी जान फूफा का लण्ड पीने लगी। फूफी की बेटी भाई जान का लौड़ा मुंह में लेकर चूसने लगी। मैं चुचाप सबकी चुदाई देखने लगी। मेरी भी चूत बुरी तरह गरमा उठी थी तो मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर फेंक दिया। मैं बड़े प्यार से बोली - मैं नंगी हो गई हूँ अब्बू मुझे चोदो। अब्बू फ़ौरन मेरे ऊपर चढ़ बैठा और उधर फूफा जान भाभी की बुर चोदने लगा।
इस तरह रात भर हम सबकी बुर का बाजा बजता रहा और हम सबने खूब एन्जॉय किया। सबने अब्बू के लण्ड का मज़ा लिया और सबने मेरी बुर का भी मज़ा लूटा।
=०=०=०= समाप्त
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