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मेरा बेटा मुझे खुशी से चोदता है - Bete ne apni maa ko choda
Bete ne apni maa ko choda , मेरा बेटा मुझे खुशी से चोदता है , जबरदस्ती नहीं मेरी मर्जी से , बेटे के बड़े मोटे लंड की लालसा में दीवानी माँ , बेटे और माँ की अन्तर्वासना , कामवासना में मम्मी और पुत्र , माँ की चुदाई , चुदवाती है गांड चूत और बुर.
हमारे घर में सब लोग सबकी बुर चोदते हैं। हर औरत हर आदमी का लण्ड मुंह में लेती है और फिर बुर में लेती है। अपनी चूँचियों के बीच लेती है और अपनी गांड में भी घुसेड़ लेती है। ये मुसलमानों का घर है, हमारे घर में चुदाई के मामले में कोई भेद भाव नहीं किया जाता है। जिसका मन हो वो अपना लण्ड उसकी बुर में पेल दे और जिसका मन हो वह लण्ड अपनी बुर में पेलवा ले। माँ हो, बहन हो, बेटी हो, बहू हो, सास हो, जेठानी हो, देवरानी हो, सब की सब सबसे चुदती है और अच्छी तरह चुदती हैं। सबसे चुदवाती हैं और अच्छी तरह चुदवाती हैं।
इसीलिए हमारे घर के सारे मरद सबकी बुर, सबकी चूँचियाँ और सबकी गांड पहचानते है और सभी औरतें सब मर्दों के लण्ड पहचानती हैं। किसका लण्ड कितना मोटा है, कितना लंबा है, कैसे चोदता है, कितनी देर तक चोदता है, सब जानतीं है। यहाँ तक की उन्हें सबके लण्ड का स्वाद भी मालूम है।
अरे क्या बात करती हो नन्द रानी ? चूत जब गरम हो जाती है तब वह हद से ज्यादा चुदासी हो जाती है। ऐसे में
उसे लण्ड चाहिए बस लण्ड ? बिना लण्ड के उसकी आग कभी बुझती नहीं। अब आग बुझाने के लिए तो उसमे लण्ड घुसाना ही पड़ेगा। ऐसे में मैं किसी न किसी का लण्ड तलाश करने लगती हूँ और मन में ठान लेती हूँ की जैसे ही कोई लण्ड मिलेगा मैं उसे तुरंत अपनी चूत में घुसेड़ लूंगी। वो लण्ड बहन चोद चाहे जिसका हो ? घर का हो चाहे बाहर का लण्ड ? काला हो चाहे गोरा लण्ड ? सीधा हो चाहे टेढ़ा हो लण्ड ? मोटा हो चाहे छोटा लण्ड ? बाप का हो चाहे बेटे का लण्ड ? ससुर का हो चाहे दामाद का लण्ड ? बस मैं तो उसे पेल कर ही दम लेती हूँ और अपनी चूत की आग बुझा लेती हूँ। ऐसे में मुझे एक दिन अपने ही बेटे का लण्ड दिख गया। मैं उस समय बेहद चुदासी थी. मैंने बड़ी बेशर्मी से उसका लण्ड पकड़ा और सहलाने लगी। मैं बिलकुल नंगी थी तो लण्ड बढ़ने लगा। वह साला 8" का हो गया। मैंने लण्ड की कई बार मुस्कराते हुए चुम्मी ली, उसे पुचकारा और फिर अपनी चूत में घुसेड़ लिया ।
मैंने कहा बेटा बेधड़क चोदो अपनी माँ की चूत ? वह भी जोश में आ गया तो भकाभक चोदने लगा मुझे । मुझे उस दिन चुदवाने में बड़ा मज़ा आने लगा । मैंने कहा बेटा अब आगे भी इसी तरह चोदते रहना मुझे। इसलिए मैं उससे आज भी चुदवाती हूँ। अब तो मेरी बेटी भी इससे चुदवाती है।
मेरा नाम है हसीना बेगम। मैं 45 साल की हूँ। बेहद खुबसुरत हूँ., सेक्सी हूँ हॉट हूँ। मेरा जिस्म एकदम गोरा चिट्टा है और मेरी स्किन तो संगमरमर की तरह है। मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हैं, कमर पतली है गुन्डाज़ बाहें हैं और मोटी मोटी जांघों के बीच एक मस्तानी चूत है जिसे अब कुछ लोग भोसड़ा कहते हैं। मुझे 15 साल की उम्र से लण्ड पकड़ने का शौक पैदा हो गया था। मैं शुरू से ही लण्ड सबसे पहले मुंह में लेने लगी थी। इसका कारण है की मैं ब्लू फिल्म बहुत देखती थी। मुझे लण्ड पीने में बड़ा मज़ा आता था और यह फिर मेरी आदत बन गयी। आज भी मैं बिना 2/3 लण्ड पिये सोती नहीं हूँ। मेरी दो बेटियां हैं और एक बेटा है। मैंने अपनी दोनों बेटियों को लण्ड पीना 14/15 साल की उम्र में सिखा दिया था। उनकी 17/18 साल की उम्र में मैं खुद उनकी चूत में लण्ड पेलने लगी थी और उनके हाथों से लण्ड अपनी चूत में पेलवाने लगी थी।
मैंने बड़ी तबियत से उन्हें गालियां देना भी सिखा दिया था और यह भी बता दिया था की चुदाई के समय प्यार से गालियां देने से लण्ड की ताकत बढ़ जाती है। अब तो वे दोनों लण्ड से ज्यादा गालियों से मेरा भोसड़ा चोदती हैं। मेरा बेटा भी जल्दी ही मरद बन गया और मुझे उसका लौड़ा पकड़ने में भी कोई परहेज नहीं रहा। मेरा बेटा मर्द है तो बुर जरूर चोदेगा। मैंने सोंच लिया था की मैं अपने बेटे से लड़कियों की बुर अपने सामने चुदवाऊंगी ताकि उसकी हिचक उसकी झिझक हमेशा के लिए ख़तम हो जाए। मैंने कई लड़कियां अपने आगे उससे चुदवाई। मैंने खुद उसका लण्ड पकड़ कर लड़कियों की बुर में पेला। अब तो वह इतना बेशरम हो गया है की एक दिन उसने मेरा भोसड़ा भी चोद डाला।
मेरी बेटियों का नाम है इला और हिना। मेरा बेटा है हासिम वह अभी 22 साल का है और गोरा चिट्टा तगड़ा तंदुरुस्त है। देखने में हैंडसम है और हॉट है। लड़कियां उसे देख कर ललचा जातीं हैं।
एक दिन मेरी एक सहेली फरीदा मेरे घर आ गयी। उसके साथ उसकी बेटी भी थी। हम तीनो मजे से बातें करने लगीं। मुझे मालूम था की वह शराब की शौक़ीन है तो मैंने उसका इंतज़ाम कर रखा था। उसकी बेटी भी शराब मजे से पीती है। हमारी बातें बड़ी गहरी और अश्लील होने लगीं।,,,,,,,,,,,
- मैंने उसकी बेटी से पूंछा - बेटी हुमा, तुम शराब के अलावा और क्या पीती हो ?
- वह बोली - मैं सिगरेट पीती हूँ, हुक्का पीती हूँ और लण्ड पीती हूँ।
- अरे वाह लण्ड तो मैं भी पीती हूँ. मेरी बेटियां भी पीई हैं। अच्छा तो बताओ की तुम कैसा लण्ड पीती हो ?
- लण्ड कैसा भी हो मैं पी लेती हूँ।
- तब तक उसकी अम्मी बोली - नहीं यार, हुमा को न काला लण्ड ज्यादा पसंद है और न गोरा। इसे तो बस सांवला लण्ड पसंद है। जो न कला हो और न गोरा हो बस बीच का हो।
- वॉवो, ऐसा लण्ड तो मेरे बेटे का है यार। हासिम का लण्ड न गोरा न कला बस सांवला ही है।
- आंटी जी, तो फिर पिला दो न मुझे अपने बेटे का लण्ड ?
- अच्छा तो तेरी अम्मी जान क्या पियेगी ?
- मेरी अम्मी जान तो मेरे शौहर का लण्ड पीती है. वह भी सांवला है।
- अच्छा इसका मतलब तुम दोनों सांवले लण्ड ही पसंद करती हो।
- फरीदा बोली नहीं यार मैं तो हर तरह के लण्ड पसन्द करती हूँ हां सांवला ज़रा ज्यादा ? बस और कोई बात नहीं। वैसे मेरे मियां का लण्ड तो बहुत गोरा है। और मेरी बेटी के ससुर का लण्ड काला है।
- यार ये सब तो मेरे मन का है। अब तो मैं तेरे मियां का लण्ड पियूँगी। तेरी बेटी के ससुर का लण्ड पियूँगी।
- हुमा बोली तो फिर एक दिन लण्ड पीने की पार्टी रख लो न आंटी जी ?
- मैंने कहा हां ठीक हैं मैं कल ही एक पार्टी रख लेती हूँ। पर मैं एक बताना चाहती हूँ की मैं तो अपने बेटे से भी चुदवाती हूँ।
- फरीदा बोली - मैं खुद अपने बेटे से चुदवाती हूँ यार और बिंदास चुदवाती हूँ। मैं तो उसका लण्ड पकड़ कर अपनी बेटियों की बुर में भी पेल देती हूँ। मेरा कहना है की जब घर में इतना बढ़िया लण्ड है तो फिर उसका मज़ा क्यों न लिया जाए ?
बस मैंने पार्टी रख ही ली। पार्टी का सारा इंतज़ाम कर लिया। शाम को कुछ लोग पार्टी में इकठ्ठा हो गए। मैं हसीना बेगम, मेरी बेटी इला , फरीदा और उसकी बेटी हुमा। मेरा बेटा हासिम, हुमा का ससुर इक़बाल, हुमा का भाई जान नियाज़, फरीदा का मियां वाहिद। हम लोग सबसे पहले ड्रिंक्स पर बैठ गए। चुदाई के पहले दारू का मज़ा लेना अच्छा होता है। दारू पीने के बाद चुदाई का मज़ा दूना हो जाता है। इसके अलावा दारू के नशे में इन्शान सच बोलता है और दिल की बात बोलता है।
हुमा बोली - अरे हसीना आंटी ये मेरी बुर चोदी अम्मी जान है न ये बहुत हरामजादी है।अपनी बेटी की बुर में लण्ड पेलती है। इसे न कोई शर्म है और न कोई झिझक।
उसकी माँ फरीदा बोली - अरे यार हसीना तुम इसकी बातों में मत आना। ये भोसड़ी की खुल्लम खुल्ला जाने कितने लोगों से चुदवाती है। अपनी ससुराल के लोगों के लण्ड अपनी चूत में घुसेड़ती है। पूंछों न इसके ससुर से ये तो तेरे पास ही बैठा है। मेरी बेटी अपने ससुर से ऐसे चुदवाती है जैसे वह इसका शौहर हो।
हुमा बोली - नहीं आंटी जी ऐसा नहीं है। मेरा ससुर खुद अपना लण्ड मेरी चूत में पेल देता है। पहली बार जब मैंने इसका लण्ड देखा था तो मैं ललचा गयी थी। लण्ड बहन चोद खड़ा था और सुपाड़ा चमक रहा था। बस मैंने हाथ बढाकर पकड़ लिया था लण्ड तो ये मेरे ऊपर ही चढ़ बैठा। फिर तो इसने फाड़ डाली मेरी चूत। तुम मेरी अम्मी की बात कर रही हो आंटी। मेरी अम्मी अपने बेटे का लण्ड पेलती है अपनी चूत में । अपने बेटे से चुदवाती है अपना भोसड़ा ?
मैंने कहा - हां यार मैंने ऐसा ही सुना है। पर इसमें कोई गलत बात नहीं है। मैं भी अपने बेटे से चुदवाती हूँ और बिंदास चुदवाती हूँ। जब उसका लण्ड इतना प्यारा है, मस्त है और बड़ा मोटा तगड़ा है तो क्यों न चुदवाऊँ ? हुमा बोली - तो आज मैं भी तेरे बेटे का लण्ड अपनी बुर में पेलूँगी आंटी।
हुमा ने मेरे बेटे का पजामा खोल डाला और बड़ी बेशर्मी से उसका लण्ड बाहर निकाल लिया। उधर उसकी अम्मी फरीदा ने अपने ही बेटे का लण्ड बाहर निकाल लिया। मैंने हुमा के ससुर के लण्ड पर हाथ डाला। पहले उसे नंगा किया और फिर मजे से लौड़ा निकाला। वह काला काला लण्ड देख कर मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा। मैं आज पहली बार कोई काला लण्ड पकड़ रही थी। तब तक मेरी बेटी इला फरीदा वाहिद का लण्ड पकड़ लिया। उसका गोरा गोरा मोटा लण्ड मेरी बेटी को पसंद आ गया।
अब मेरे हाथ में हुमा के ससुर का लण्ड आ गया। मेरी बेटी के हाथ में फरीदा के मियां वाहिद का लण्ड आ गया। फरीदा के हाथ में अपने ही बेटे नियाज़ का लण्ड आ गया और हुमा के हाथ में मेरे बेटे का लण्ड ? हम चारों अपने अपने लण्ड की मस्ती में खो गईं।
हुमा के ससुर का काला लण्ड मुझे बिलकुल फनफनता हुआ काला नाग लग रहा था जो मेरी चूत रुपी बिल में घुसने के लिए बेताब हो रहा था। काला लण्ड इतना खूबसूरत होता है यह मुझे पहली बार मालूम हो रहा था। उसका 3" का सुपाड़ा तो मेरी जान ले रहा था। उधर हुमा मेरे बेटे का लण्ड पाकर बहुत खुश थी। उसके मन का लण्ड। उसके मन के रंग का लण्ड। वह भी लण्ड में गुम हो गयी। मेरी बेटी इला फरीदा के मियां के लण्ड पर मर मिटी। वह तो लण्ड पूरा का पूरा अपने नंगे बदन पर घुमाने लगी। अम्मी जान अंकल का लौड़ा तो एकदम घोड़े के लण्ड जैसा है। इतने में मेरी नज़र फरीदा पर पड़ी। वह अपने बेटे के लण्ड में खो गई थी। फरीदा ने ठीक ही कहा था की बेटा जब जवान हो जाता है तो वह पूरा मरद हो जाता है और तब उसका लण्ड अपनी चूत में पेलने में कोई हर्ज़ नहीं है। मुझे समझ आ गया की मैं अकेली नहीं हूँ जो अपने बेटे से चुदवाती है। मेरी ऐसी बहुत सारी अम्मियाँ जो अपने बेटे का लण्ड अपने भोसड़ा में घुसेड़ती हैं।
थोड़ी देर में हुमा के ससुर ने लण्ड मेरी बुर में घुसेड़ ही दिया। वह मुझे भकाभक चोदने भी लगा। मैं भी उसका
साथ देने लगी। मेरे बगल में हुमा मेरे बेटे से चुदवाने लगी और बोली आंटी जी तुमने सही कहा था। तेरे बेटे का लण्ड शुरू से ही मेरी बुर फाड़ने लगा है। मेरी बेटी इला ने फरीदा के मियां का लण्ड पूरा अपनी चूत में घुसा
कर नीचे से धक्का पे धक्का लगाने लगी। वह बोली हाय आंटी तेरे मियां का लौड़ा आज मेरी चूत के चीथड़े उड़ा देगा। इसका मादर चोद लण्ड बड़ा ताकतवर है। मेरी तो चूत क्या गांड भी फटी जा रही है। फरीदा का बेटा अपनी माँ का भोसड़ा चोदने में जुट गया। मुझे ये सब देखने में बड़ा मज़ा आ रहा था।हम सबकी बुर अच्छी तरह बजने लगी। चुदाई की आवाज़ें पूरे घर में गूंजने लगीं। मुझे इस तरह की आवाज़ें बहुत अच्छी लगतीं हैं। हुमा बोली हसीना आंटी तुम सही कह रहीं थी की चुदाने और चोदने में कोई शर्म नहीं करनी चाहिए। तुम चुदाई में जितनी ज्यादा बेशरम होगी तुम्हें उतना ही ज्यादा मज़ा आएगा। तू भोसड़ी की आज की अम्मी है जो अपनी बेटी की बुर वैसे ही चुदवाती है जैसे अपनी बुर चुदवाती है। तब तक मेरी बेटी ल इला बोली हाय फरीदा आंटी तुम भी मादर चोद बिलकुल मेरी अम्मी की तरह चोदा चोदी कर्त हो। तेरी बिटिया की बुर आंटी और तेरी तेरी बेटी की माँ का भोड़ा। सब के सब लण्ड की दीवानी हैं। न तुझे अपने बेटे से चुदवाने में शर्म है और न तेरी बेटी को अपने बाप से चुदवाने में। हम लोग भी बिलकुल इसी तरह हैं। मुझे अपनी माँ का भोसड़ा चोदने और चुदाने में बड़ा मज़ा आता है और तेरी बेटी को भी। ये चुदाई का रिस्ता ही ऐसा ही है। इसमें सब औरतों और मर्दों को नंगा देखने में बड़ा मज़ा आता है।
दूसरी पारी में मैंने फरीदा के मियां का लण्ड पकड़ा। फरीदा ने हाथ बढ़कर मेरे बेटे का लण्ड पकड़ लिया। हुमा अपने ससुर के लण्ड पर चढ़ बैठी और मेरी बेटी इला फरीदा के बेटे के लण्ड पर कूदने लगी। हम सबके लण्ड बदल गए थे तो हमारी चुदाई आनंद दूना हो गया। इस बार की चुदाई पहली बार की चुदाई से अच्छी हो रही थी। सबको खूब मज़ा आ रहा था। जैसे सब भाई बहन माँ बेटी बेटा मिलकर कोई खेल खेलते हैं तो सबको मज़ा आता है वैसे ही हम सबको चुदाई के खेल का मज़ा आ रहा था। जब हम लोग सब तरह के खेल खेल सकतें हैं तो फिर चुदाई का खेल क्यों नहीं ?
कुछ देर बाद सबकी बुर ढीली होने लगी और लण्ड भी झड़ने के कगार पर आ गए। सबने झड़ते हुए लण्ड चाटे तो मज़ा दुगुना हो गया। फिर सबने नंगे नंगे ही खाना खाया और खूब गन्दी गन्दी बातें की।
इतने में हुमा बोली हसीना आंटी मैंने तुम्हे अपने बेटे से चुदवाते नहीं देखा। मैं क्या तहँ सब यही देखना चाहतीं हैं। तब मैंने कहा बेटा हासिम आओ और अपनी माँ का भोसड़ा चोदो। सबको दिखा दो की कैसे चोदा जाता है अपनी माँ का भोसड़ा ? मैंने आगे कहा हुमा अब तुम अपने बाप से चुदवाकर सबको दिखाओ। मैं देखना चाहती हूँ की तुम अपने बाप का लण्ड कैसे पीती हो ?
=०=०=०=०=०=०समाप्त
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