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बीवियां रात में बदल लेतीं हैं लण्ड - Biwiyan raat me leti hai sabke land
बीवियां रात में बदल लेतीं हैं लण्ड - Biwiyan raat me leti hai sabke land - Land Exchange , बीवियां रात में सबसे चुदवातीं हैं , किसी न किसी का लण्ड पकड़ लेतीं हैं , रात भर लण्ड बदलती रहतीं हैं , सबके लण्ड बदल गए.
अरे अम्मी जान आजकल की बीवियां बुर चोदी बहुत हरामजादी होतीं हैं। अब ज़माना बदल गया है। अब तो कोई भी बीवी एक ही लण्ड के सहारे ज़िन्दगी नहीं गुजारती। उसे हर रोज़ चाहिए नये नये लण्ड। हर बीवी बहन चोद नये नये लण्ड की तलाश में रहती है। इसलिए रात को जहाँ रहती हैं वहीँ आपस में लण्ड बदल लेती हैं। केवल अपने शौहर का ही लण्ड नहीं बदलती है अम्मी जान। वह तो अपने अब्बू का भी लण्ड बदल लेती है. अपने भाई जान का भी लण्ड बदल लेती है, अपने देवर का भी लण्ड, अपने जेठ का भी लण्ड, अपने नंदोई का भी लण्ड, चचा जान का भी लण्ड, खालू जान मामू जान का भी लण्ड बदल लेती है। तेरी उम्र की अम्मियाँ तो अपनी अपनी बेटियों के मियों का लण्ड बदल लेतीं हैं। आजकल भोसड़ी वाली अम्मियों को भी अपनी बेटियों के मियों से चुदवाने का शौक हो गया है। जैसे तुम मेरे मियां से चुदवाती हो वैसे हर एक अम्मी अपनी बेटी के मियां से चुदवाती है।
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मेरा नाम अबीरा है। मैं 24 साल की हूँ, शादी शुदा हूँ, खूबसूरत हूँ और आज़ाद ख्याल की हूँ। मेरी अम्मी जान आबिदा खातून हैं वह 46 साल की हैं और बहुत ही खुश मिज़ाज़ और बेहद चुदाई की शौक़ीन औरत हैं। उसे अकेले में चुदवाना बिलकुल ही नहीं अच्छा लगता। वह सबके साथ चुदवाती हैं। मतलब यह की उसे चुदवाते हुए किसी और की चुदती हुई बुर दखने का शौक है। जैसे मर्दों का मिज़ाज़ होता है चूत में लण्ड पेलना वैसे ही मेरी अम्मी का मिज़ाज़ है अपनी बहनों की बुर में, अपनी बहुओं की बुर में, अपनी जेठानी की बुर में, अपनी देवरानी की बुर में, अपनी नन्द की बुर में, अपनी पड़ोसन की बुर में और यहाँ तक की अपनी बेटियों की बुर में लण्ड पेलना। इसीलिए अम्मी ने हम लोगों को जवान होते ही लण्ड पकड़ना सिखा दिया था। हम दोनों बहने भी उसी रंग में रंग गईं।
मेरी छोटी बहन का नाम है माहिरा। वह मुझसे केवल एक साल ही छोटी है और उसकी भी शादी हो चुकी है। मेरी शादी ६ महीने पहले हुई थी। इसी बीच मैं कई बार ससुराल गयी और आई। एक दिन अम्मी जान बड़े मूड में थीं।
अरे अम्मी जान आजकल की बीवियां बुर चोदी बहुत हरामजादी होतीं हैं। अब ज़माना बदल गया है। अब तो कोई भी बीवी एक ही लण्ड के सहारे ज़िन्दगी नहीं गुजारती। उसे हर रोज़ चाहिए नये नये लण्ड। हर बीवी बहन चोद नये नये लण्ड की तलाश में रहती है। इसलिए रात को जहाँ रहती हैं वहीँ आपस में लण्ड बदल लेती हैं। केवल अपने शौहर का ही लण्ड नहीं बदलती है अम्मी जान। वह तो अपने अब्बू का भी लण्ड बदल लेती है. अपने भाई जान का भी लण्ड बदल लेती है, अपने देवर का भी लण्ड, अपने जेठ का भी लण्ड, अपने नंदोई का भी लण्ड, चचा जान का भी लण्ड, खालू जान मामू जान का भी लण्ड बदल लेती है। तेरी उम्र की अम्मियाँ तो अपनी अपनी बेटियों के मियों का लण्ड बदल लेतीं हैं। आजकल भोसड़ी वाली अम्मियों को भी अपनी बेटियों के मियों से चुदवाने का शौक हो गया है। जैसे तुम मेरे मियां से चुदवाती हो वैसे हर एक अम्मी अपनी बेटी के मियां से चुदवाती है।
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मेरा नाम अबीरा है। मैं 24 साल की हूँ, शादी शुदा हूँ, खूबसूरत हूँ और आज़ाद ख्याल की हूँ। मेरी अम्मी जान आबिदा खातून हैं वह 46 साल की हैं और बहुत ही खुश मिज़ाज़ और बेहद चुदाई की शौक़ीन औरत हैं। उसे अकेले में चुदवाना बिलकुल ही नहीं अच्छा लगता। वह सबके साथ चुदवाती हैं। मतलब यह की उसे चुदवाते हुए किसी और की चुदती हुई बुर दखने का शौक है। जैसे मर्दों का मिज़ाज़ होता है चूत में लण्ड पेलना वैसे ही मेरी अम्मी का मिज़ाज़ है अपनी बहनों की बुर में, अपनी बहुओं की बुर में, अपनी जेठानी की बुर में, अपनी देवरानी की बुर में, अपनी नन्द की बुर में, अपनी पड़ोसन की बुर में और यहाँ तक की अपनी बेटियों की बुर में लण्ड पेलना। इसीलिए अम्मी ने हम लोगों को जवान होते ही लण्ड पकड़ना सिखा दिया था। हम दोनों बहने भी उसी रंग में रंग गईं।
मेरी छोटी बहन का नाम है माहिरा। वह मुझसे केवल एक साल ही छोटी है और उसकी भी शादी हो चुकी है। मेरी शादी ६ महीने पहले हुई थी। इसी बीच मैं कई बार ससुराल गयी और आई। एक दिन अम्मी जान बड़े मूड में थीं।
- उसने पूंछा - बेटी अबीरा तेरी चुदाई कैसी चल रही है ? तुझे ससुराल में चुदाई का मज़ा मिल रहा है न ?
- मैंने कहा - हां अम्मी जान मिल रहा है। मैं चुदाई से खुश हूँ। तेरा शौहर तुझे अच्छी तरह चोदता है न ?
- शौहर तो जब कब ही चोदता है पर बाकी लोग चोदा करते हैं।
- क्या मतलब ? तुझे बाकी लोग चोदा करतें हैं। तू एक आदमी की बीवी है की सबकी बीवी है भोसड़ी वाली, अबीरा ?
- हूँ तो मैं एक आदमी की ही बीवी लेकिन चोदते हैं मुझे सभी। जिसको मौक़ा मिलता है वही पेल देता है अपना लण्ड। रात को अक्सर ऐसा ही होता है अम्मी जान ?
- अच्छा तो पहले ये बता की तेरे शौहर का लण्ड कैसा है और बाकी पेलने वालों के लण्ड कैसे हैं ?
- अरे अम्मी जान अब ये सब मत पूंछो। मैं एक दिन अपने शौहर का लण्ड तेरे हाथ में रख दूँगी तब देख लेना। बाकी मेरे ससुराल वाले अब तो आते जातें रहेंगें। उनके लण्ड देखने का मौक़ा तुम्हें मिल ही जायेगा।
- अरे यार मिलेगा तब मिलेगा तू मुझे अभी बता की सबके लण्ड कैसे हैं ? लण्ड का साइज क्या है और कौन किस तरह से चोदता है ? बाकी तेरी ससुराल की औरतें कैसे चुदवाती हैं ?
- अच्छा तो सुनो मैं तुम्हे सुनाती हूँ :-
मैं समझ गयी की मेरी नन्द भी गालियों की शौक़ीन है। वह बोली देखो भाभी जान तेरी सुहागरात में तुझे तीन लोग चोदेगें। सबसे पहले तुम्हे चोदेगा तेरा नंदोई। यहाँ दुल्हन की बुर सबसे पहले नंदोई लेता है यानी मेरा शौहर ? उसके बाद तुम्हें चोदेगा तुम्हारा हसबैंड यानी मेरा भाई जान। तुम्हारी तीसरी चुदाई तुम्हारे मन की होगी। तुम जिसका नाम लोगी वही तुम्हें चोदेगा ? वो चाहे देवर हो, चाहे जेठ हो, चाहे ससुर हो, चाहे चाचियां ससुर या ममिया ससुर या फिर चाहे कोई और ? तुमको बताना पड़ेगा की तुम किससे चुदवाओगी। तीसरी चुदाई के बाद ही तुम्हे सोने का मौक़ा मिलेगा। इस तरह कटेगी तुम्हारी सुहगरात ? मैं कभी बाहर रहूंगी और कभी अंदर। तेरी सुहागरात की चुदाई केवल मैं ही देख सकती हूँ। अगर तुम्हे उसके बाद भी चुदवाना है तो फिर मेरी मर्जी चलेगी। मैं जिसका चाहूंगी उसका लण्ड तेरी चूत में पेल दूँगी। अब मुझे यकीन हो की मेरी सुहागरात में मुझे तीन लोग तो कम से कम चोदेंगें ही।
इतने में मेरी नन्द अपने कपड़े उतारने लगी। वह एकदम नंगी हो गयी। उसकी मस्तानी चूत बड़ी हॉट लग रही थी और उसकी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी थीं। वह बाहर गयीऔर अपने शौहर को लेकर कमरे में वापस आ गयी। उसने अपने मियां के कपड़े उतारे और उसका नंगा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। जब लण्ड खड़ा हो गया तो उसने मुझे पकड़ा दिया और बोली लो भाभी जान इसे जैसे चाहो वैसे इस्तेमाल करो। अब ये लण्ड तेरा है। मैंने लण्ड पकड़ा। वह वाकई बड़ा मोटा और सख्त था। इतने में नन्द ने मुझे नंगी कर दिया। फिर वह बाहर जाने लगी तो मैंने उसे रोका और कहा अब तुम मेरी चुदाई देख कर ही वापस जाओगी नन्द रानी। मैं तो मस्ती से नंदोई का लण्ड चाटने लगी और नन्द मेरी बुर चाटने लगी। मुझे दूना मज़ा आने लगा। लण्ड धीरे धीरे और सख्त होने लगा। तभी नन्द ने मेरी चूत में दो ऊँगली घसेड दी और बोली हाय भाभी जान तेरी चूत तो भठ्ठी हो गयी है। उसने अपंने मियां का लण्ड पेल दिया मेरी चूत में।
अब नंदोई मेरी चूत का बाजा बजाने लगा मैं भी बड़े मजे से बजवाने लगी। मैंने मन में समझ लिया की यही मेरा शौहर है। मुझे ज़न्नत का मज़ा आ रहा था। नन्द अपने मियां के पेल्हड़ चाट रही थी और बीच बीच में लण्ड मेरी बुर से निकाल कर चाट रही थी। नंदोई ने मुझे हर तरफ से चोदा। उसे अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदने में बड़ा अच्छा लग रहा था। कुछ देर के बाद वह बोला हाय भाभी जान अब मैं निकलने वाला हूँ। बस मैंने अपना मुंह खोल दिया और नन्द में भी। हम दोनों झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।
एक घंटे के बाद मेरा शौहर आ गया। उसके साथ मेरी नन्द भी थी। वह मुझसे लिपट गया और मेरी चूँचियाँ ऊपर से ही दबाने लगा। मैं भी टटोलने लगी। तभी मेरी नन्द बाहर जाने लगी। मैंने कहा तू कहाँ जा रही है बुर चो दी तब्बू ? तू यहीं बैठ न मैंने तेरे सामने ही चुदवाऊंगी। वह बोली अरे भाभी जान ,,,,,,,,,,,,,,,मैंने कहा अच्छा तू मुझे चूतिया बना रही है। आजकल हमारे मुस्लिम समाज में कौन लड़की अपनी भाई जान से नहीं चुदवाती ? अकेले में तू मेरे शौहर से चुदवा चुकी है तो अब क्यों मेरे सामने शर्मा रही है ? मैंने अपने मियां को नंगा किया और उसका लौड़ा पकड़ कर मस्ती स हिलाने लगी। नन्द उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। फिर मैंने अपने मियां से खूब धकाधक चुदवाया। लण्ड पे बैठ कर चुदवाया। पीछे से चुदवाया और नन्द की बुर चाटते हुए चुदवाया। मुझे वह चुदाई आज भी यार है अम्मी जान।
उसके जाने के बाद नन्द बोली भाभी जान अब बोलो किसका लण्ड पेलूं तेरी चूत में ? अब तो तेरे मन का लण्ड तेरी बुर लेगा ? मैंने कहा लण्ड तो मैंने देखा नहीं पर मुझे अब मेरे सबसे छोटे देवर का लण्ड चाहिए। मैं उससे चुदवाऊंगी। वह बोली हाय दईया वह तो अभी २० साल का ही है। मैंने भी उसका लौड़ा अभी तक नहीं देखा है।मैंने कहा वह २० साल का मर्द है यार। आज तुम भी देख लेना उसका लौड़ा ? वह जब आया तो मैंने उसे नंगा किया। मैं तो नंगी थी ही। उसका लौड़ा पकड़ा और उसे कई बार चूमा और फिर प्यार से हिलाने लगी। लण्ड बहन चोद बढ़ने लगा और वह देखते ही देखते 8" का हो गया। मेरे मुंह से निकला नन्द रानी ये तो तेरे मियां से बेहतर लन्ड है यार ? उसने भी लण्ड पकड़ा हिलाया और बोली हाय भाभी जान ये तो तेरे भी मियां के लण्ड से बेहतर है। ये तो आज तेरी चूत फाड़ डालेगा भाभी साहिबा।
मैं लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। बोला भाभी जान तेरी चूँचियाँ तो मेरी फूफी की चूँचियों जैसी हैं। मैंने कहा हाय दईया तो क्या तुम अपनी फूफी का भोसड़ा चोदते हो। वह बोला हां भाभी मैं फूफी का भोसड़ा चोदता हूँ। वह बड़ी मस्ती से चुदवाती है। मेरा दूसरा सवाल था की तुम और किस किस की बुर चोदते हो ? वह बोला मैं खाला की बेटी की बुर चोदता हूँ, भाभी की चूत में लण्ड पेलता हूँ और अपने चचा जान की बेटी भी चोदता हूँ। आज मुझे तेरी बुर चोदने का मौक़ा मिला है भाभी जान तो मैं बड़ा खश हूँ। कुछ देर अपनी चूत फैलाकर उसका लण्ड पेलवा लिया। मैं रंडी की तरह चुदवाने लगी।
अब दूसरे दिन की बात सुनो अम्मी जान :- मैं अपनी नन्द से हंसी मजाक कर रही थी। तभी मेरी सास आईं और हंस कर बोली - बुर चोदी तब्बू , तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ? मैं यह सुनकर मस्त हो गयी की एक माँ अपनी बेटी को गाली दे रही है और वह गाली उसी के भोसड़ा पर गिरती है। तब तक नन्द भी बोली - मेरी भोसड़ी की अम्मी जान, तेरी बहू की नन्द की बुर ? बेटी ने भी गाली दी वह भी अपनी ही बुर पर गिरा दी। सास फिर बोली - अच्छा सुन बहू की सुहागरात हो गयी है अब तू आज की चुदाई का रिवाज़ इसे समझा दे ताकि इसे कोई दिक्कत न हो। मुझे इस तरह की गालियां अच्छी लगी तो मैंने नन्द से कहा - तेरी बुर चोदी माँ की बहू की चूत नन्द रानी। सास यह सुनकर खिलखिलाकर हंस पड़ी और बोली अरी तब्बू बहू तो बिलकुल हम लोगों की ही तरह है।
नन्द ने कहा भाभी जान सुनो हमारे घर में रात को चुदवाते समय बीवियां लण्ड बदल लेतीं हैं। हम सब बीवियां हैं. तुम बीवी हो, मैं बीवी हूँ। तेरी सास बीवी है तेरी जेठानी देवरानी तेरी ममिया फुफिया सास सब बीवियां है और ये सब रात को लण्ड बदलती हैं और मजे से चुदवाती हैं। तेरी बुर से लण्ड निकाल कर कोई और ले जाएगी और तुम भी किसी की बुर से लण्ड निकाल कर अपनी बुर में पेल सकती हो। कोई भी मरद किसी की भी बुर में लण्ड पेल सकता है। चुदाई में कोई 'न' नहीं कह सकता और 'न' नहीं कह सकती है। बस लण्ड बदलती जाओ और चुदवाती जाओ। रात में सभी बीवियां नंगी रहती हैं और सारे मरद भी नंगे रहतें हैं। आज रात को मैं देखूँगी की तुम कितने लण्ड अपनी चूत मे पेलती हो ?
रात के 11 बज चुके थे। नन्द मेरे पास आयी और बोली चलो भाभी जान मैं तुम्हे एक नज़ारा दिखाती हूँ। वह मुझे बाहर ले गयी। मैंने देखा जो लड़का ( मेरा सबसे छोटा देवर ) मुझे कल चोद रहा था आज वही लड़का अपनी खाला का भोसड़ा चोद रहा है। खालू फूफी की बेटी की बुर चोद रहा है। फूफा मेरी जेठानी की बुर में लौड़ा पेले हुए है। मेरा जेठ मेरी देवरानी की बुर ले रहा है। मेरा नंदोई अपनी सास का भोसड़ा चोद रहा है। मेरा ससुर अपने भाई जान की बिटिया चोद रहा है। चची जान अपनी बेटी के मियां से चुदवा रहीं हैं, फूफी का बेटा खाला की बहू चोद रहा है. खाला का बेटा अपनी भाभी की बुर में लौड़ा घुसेड़ रहा है।
मैंने कहा नन्द रानी यहाँ तो बिलकुल चुदाई खाना खुला हुआ है। हर बीवी की बुर का बाजा बज रहा है।
चारों तरफ चुदाई की आवाज़ आ रही है। वह बोली हां भाभी अभी कुछ मेहमान ज्यादा है इसलिए ज्यादा चुदाई हो रही है। जब केवल घर वाले होतें हैं तो चुदाई ऐसी ही होती है पर आवाज़ इतनी ज्यादा नहीं होती ?
ये सब देख कर मेरी चूत बहन चोद बहुत गरमा गयी। तब तक नन्द ने अपने ससुर का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और खुद अपने मामू जान का लौड़ा पकड़ कर पीने लगी। उसके ससुर का लण्ड साला बड़ा हक्कानी था। उसका सुपाड़ा बड़ा शानदार था मैंने एक हाथ से पेल्हड़ थम कर लण्ड का सुपाड़ा चूसने लगी। लण्ड और तन कर मस्त हो गया। मेरे सामने ही नन्द अपने मामू का लौड़ा मुंह में लिए हुए चूस रही थी। फिर हम लण्ड अपनी अपनी बुर में पेला और रंडियों की तरह चुदवाने लगीं। सबकी चूत बज रही थी भोसड़ा बज रहा था। चढ़ाई ही चुदाई चारों तरफ हो रही थी। ऐसा सीन बहुत काम देखने को मिलता है। मेरी चूत इन २/३ दिनों में खूब बजायी गयी थी। मैं सोंचने लगी की अब मेरी चूत बहुत जल्दी ही भोसड़ा बन जाएगी। तब तक मैंने जो देखा वो और मजेदार था। मैं चुदवा भी रही थी और आँखें खोल कर सबकी चुदाई देख भी रही थी। मैंने देखा की फूफी की बेटी ने मेरे देवर का लण्ड पकड़ कर अपनी बुर में घुसा लिया। मेरी जेठानी ने खालू ससुर का लण्ड अपनी बुर में पेल लिया। देवरानी ने फूफा का लौड़ा जेठानी की बुर से निकाल कर अपनी चूत में ठोंक लिया। मेरा नंदोई मेरी चचिया सास की बेटी की बुर चोदने लगा। चची जान जो अभी तक अपने दमाद से चुदवा रही थी अब वह फूफी के बेटे से चुदवाने लगीं। खाला सास का बेटा मेरी नंद की बुर लेने लगा। खाला की बेटी ने नन्द के मामू का लौड़ा अपनी बुर में घुसा लिया। मेरे हाथ में अपने ससुर का लण्ड आ गया। मैं भी मस्ती से लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी और उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। मुझे ससुर का लौड़ा बड़ा मजेदार लगा। मैंने उसे बड़े प्यार से अपनी चूत में पा और कहा ले भोसड़ी के ससुर जी अब तू अच्छी तरह चोद ले अपनी बहू की बुर ? तेरा लण्ड बेटी चोद मुझे भा गया है।
इस तरह करीब करीब सबके लण्ड बदल गए। सभी बीवियों ने हाथ बढ़ा बढ़ा कर लण्ड की छीना झपटी कर ली और फ़टाफ़ट अपनी अपनी चूत में घुसा लिया। एक बार फिर जोर से चुदाई होने लगी। मैंने मन में कहा वाह वाह ऐसी चुदाई में तो मज़ा ही मज़ा है। एक से एक बेहतरीन लण्ड ? एक से एक बेहतरीन बुर ? इससे अच्छा और क्या हो सकता है।
मेरी सास बोली - बेटी तब्बो, ज़रा अपनी बुर चोदी भाभी से पूंछो उसे मज़ा आ रहा है की नहीं ? लण्ड बदलने देर न करे। शर्म न करे और फ़ौरन किसी का भी लण्ड पकड़ कर घुसेड़ ले अपनी बुर में ?
नन्द बोली - भाभी जान खूब एन्जॉय कर रही हैं अम्मी जान ? उसने कहा है की मैं जब अपनी सास का भोसड़ा चोदूँगी तब मुझे असली मज़ा आएगा ?
सास बोली - उससे कहो बेटी की जल्दी ही अपनी सास का भोसड़ा चोदे। उससे पहले अपनी नन्द की बुर तो चोद ले पहले भोसड़ी वाली ?
ऐसी बातें करती हुई रात भर चुदाई का सिलसिला चलता रहा। मेरी बातें सुनकर अम्मी जान मस्त हो गयी और बोली बेटी अबीरा अब तू बहुत अच्छी जगह और मस्त चुदाई वाली जगह पहुँच गई है। तब तक मेरी छोटी बहन माहिरा बोली - अरे अम्मी जान मेरी ससुराल में भी इसी तरह की चुदाई होती है। मैं भी एक ही महीने मे सबके लण्ड का मज़ा लेकर ससुराल से आयी हूँ।
०=०=०=०=०= समाप्त
Tags: बीवियां रात में बदल लेतीं हैं लण्ड - Biwiyan raat me leti hai sabke land - Land Exchange , बीवियां रात में सबसे चुदवातीं हैं , किसी न किसी का लण्ड पकड़ लेतीं हैं , रात भर लण्ड बदलती रहतीं हैं , सबके लण्ड बदल गए.
इतने में मेरी नन्द अपने कपड़े उतारने लगी। वह एकदम नंगी हो गयी। उसकी मस्तानी चूत बड़ी हॉट लग रही थी और उसकी चूँचियाँ भी बड़ी बड़ी थीं। वह बाहर गयीऔर अपने शौहर को लेकर कमरे में वापस आ गयी। उसने अपने मियां के कपड़े उतारे और उसका नंगा लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी। जब लण्ड खड़ा हो गया तो उसने मुझे पकड़ा दिया और बोली लो भाभी जान इसे जैसे चाहो वैसे इस्तेमाल करो। अब ये लण्ड तेरा है। मैंने लण्ड पकड़ा। वह वाकई बड़ा मोटा और सख्त था। इतने में नन्द ने मुझे नंगी कर दिया। फिर वह बाहर जाने लगी तो मैंने उसे रोका और कहा अब तुम मेरी चुदाई देख कर ही वापस जाओगी नन्द रानी। मैं तो मस्ती से नंदोई का लण्ड चाटने लगी और नन्द मेरी बुर चाटने लगी। मुझे दूना मज़ा आने लगा। लण्ड धीरे धीरे और सख्त होने लगा। तभी नन्द ने मेरी चूत में दो ऊँगली घसेड दी और बोली हाय भाभी जान तेरी चूत तो भठ्ठी हो गयी है। उसने अपंने मियां का लण्ड पेल दिया मेरी चूत में।
अब नंदोई मेरी चूत का बाजा बजाने लगा मैं भी बड़े मजे से बजवाने लगी। मैंने मन में समझ लिया की यही मेरा शौहर है। मुझे ज़न्नत का मज़ा आ रहा था। नन्द अपने मियां के पेल्हड़ चाट रही थी और बीच बीच में लण्ड मेरी बुर से निकाल कर चाट रही थी। नंदोई ने मुझे हर तरफ से चोदा। उसे अपनी बीवी के सामने किसी और की बीवी चोदने में बड़ा अच्छा लग रहा था। कुछ देर के बाद वह बोला हाय भाभी जान अब मैं निकलने वाला हूँ। बस मैंने अपना मुंह खोल दिया और नन्द में भी। हम दोनों झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी।
एक घंटे के बाद मेरा शौहर आ गया। उसके साथ मेरी नन्द भी थी। वह मुझसे लिपट गया और मेरी चूँचियाँ ऊपर से ही दबाने लगा। मैं भी टटोलने लगी। तभी मेरी नन्द बाहर जाने लगी। मैंने कहा तू कहाँ जा रही है बुर चो दी तब्बू ? तू यहीं बैठ न मैंने तेरे सामने ही चुदवाऊंगी। वह बोली अरे भाभी जान ,,,,,,,,,,,,,,,मैंने कहा अच्छा तू मुझे चूतिया बना रही है। आजकल हमारे मुस्लिम समाज में कौन लड़की अपनी भाई जान से नहीं चुदवाती ? अकेले में तू मेरे शौहर से चुदवा चुकी है तो अब क्यों मेरे सामने शर्मा रही है ? मैंने अपने मियां को नंगा किया और उसका लौड़ा पकड़ कर मस्ती स हिलाने लगी। नन्द उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। फिर मैंने अपने मियां से खूब धकाधक चुदवाया। लण्ड पे बैठ कर चुदवाया। पीछे से चुदवाया और नन्द की बुर चाटते हुए चुदवाया। मुझे वह चुदाई आज भी यार है अम्मी जान।
उसके जाने के बाद नन्द बोली भाभी जान अब बोलो किसका लण्ड पेलूं तेरी चूत में ? अब तो तेरे मन का लण्ड तेरी बुर लेगा ? मैंने कहा लण्ड तो मैंने देखा नहीं पर मुझे अब मेरे सबसे छोटे देवर का लण्ड चाहिए। मैं उससे चुदवाऊंगी। वह बोली हाय दईया वह तो अभी २० साल का ही है। मैंने भी उसका लौड़ा अभी तक नहीं देखा है।मैंने कहा वह २० साल का मर्द है यार। आज तुम भी देख लेना उसका लौड़ा ? वह जब आया तो मैंने उसे नंगा किया। मैं तो नंगी थी ही। उसका लौड़ा पकड़ा और उसे कई बार चूमा और फिर प्यार से हिलाने लगी। लण्ड बहन चोद बढ़ने लगा और वह देखते ही देखते 8" का हो गया। मेरे मुंह से निकला नन्द रानी ये तो तेरे मियां से बेहतर लन्ड है यार ? उसने भी लण्ड पकड़ा हिलाया और बोली हाय भाभी जान ये तो तेरे भी मियां के लण्ड से बेहतर है। ये तो आज तेरी चूत फाड़ डालेगा भाभी साहिबा।
मैं लण्ड चाटने लगी और वह मेरी चूँचियाँ दबाने लगा। बोला भाभी जान तेरी चूँचियाँ तो मेरी फूफी की चूँचियों जैसी हैं। मैंने कहा हाय दईया तो क्या तुम अपनी फूफी का भोसड़ा चोदते हो। वह बोला हां भाभी मैं फूफी का भोसड़ा चोदता हूँ। वह बड़ी मस्ती से चुदवाती है। मेरा दूसरा सवाल था की तुम और किस किस की बुर चोदते हो ? वह बोला मैं खाला की बेटी की बुर चोदता हूँ, भाभी की चूत में लण्ड पेलता हूँ और अपने चचा जान की बेटी भी चोदता हूँ। आज मुझे तेरी बुर चोदने का मौक़ा मिला है भाभी जान तो मैं बड़ा खश हूँ। कुछ देर अपनी चूत फैलाकर उसका लण्ड पेलवा लिया। मैं रंडी की तरह चुदवाने लगी।
अब दूसरे दिन की बात सुनो अम्मी जान :- मैं अपनी नन्द से हंसी मजाक कर रही थी। तभी मेरी सास आईं और हंस कर बोली - बुर चोदी तब्बू , तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ? मैं यह सुनकर मस्त हो गयी की एक माँ अपनी बेटी को गाली दे रही है और वह गाली उसी के भोसड़ा पर गिरती है। तब तक नन्द भी बोली - मेरी भोसड़ी की अम्मी जान, तेरी बहू की नन्द की बुर ? बेटी ने भी गाली दी वह भी अपनी ही बुर पर गिरा दी। सास फिर बोली - अच्छा सुन बहू की सुहागरात हो गयी है अब तू आज की चुदाई का रिवाज़ इसे समझा दे ताकि इसे कोई दिक्कत न हो। मुझे इस तरह की गालियां अच्छी लगी तो मैंने नन्द से कहा - तेरी बुर चोदी माँ की बहू की चूत नन्द रानी। सास यह सुनकर खिलखिलाकर हंस पड़ी और बोली अरी तब्बू बहू तो बिलकुल हम लोगों की ही तरह है।
नन्द ने कहा भाभी जान सुनो हमारे घर में रात को चुदवाते समय बीवियां लण्ड बदल लेतीं हैं। हम सब बीवियां हैं. तुम बीवी हो, मैं बीवी हूँ। तेरी सास बीवी है तेरी जेठानी देवरानी तेरी ममिया फुफिया सास सब बीवियां है और ये सब रात को लण्ड बदलती हैं और मजे से चुदवाती हैं। तेरी बुर से लण्ड निकाल कर कोई और ले जाएगी और तुम भी किसी की बुर से लण्ड निकाल कर अपनी बुर में पेल सकती हो। कोई भी मरद किसी की भी बुर में लण्ड पेल सकता है। चुदाई में कोई 'न' नहीं कह सकता और 'न' नहीं कह सकती है। बस लण्ड बदलती जाओ और चुदवाती जाओ। रात में सभी बीवियां नंगी रहती हैं और सारे मरद भी नंगे रहतें हैं। आज रात को मैं देखूँगी की तुम कितने लण्ड अपनी चूत मे पेलती हो ?
रात के 11 बज चुके थे। नन्द मेरे पास आयी और बोली चलो भाभी जान मैं तुम्हे एक नज़ारा दिखाती हूँ। वह मुझे बाहर ले गयी। मैंने देखा जो लड़का ( मेरा सबसे छोटा देवर ) मुझे कल चोद रहा था आज वही लड़का अपनी खाला का भोसड़ा चोद रहा है। खालू फूफी की बेटी की बुर चोद रहा है। फूफा मेरी जेठानी की बुर में लौड़ा पेले हुए है। मेरा जेठ मेरी देवरानी की बुर ले रहा है। मेरा नंदोई अपनी सास का भोसड़ा चोद रहा है। मेरा ससुर अपने भाई जान की बिटिया चोद रहा है। चची जान अपनी बेटी के मियां से चुदवा रहीं हैं, फूफी का बेटा खाला की बहू चोद रहा है. खाला का बेटा अपनी भाभी की बुर में लौड़ा घुसेड़ रहा है।
मैंने कहा नन्द रानी यहाँ तो बिलकुल चुदाई खाना खुला हुआ है। हर बीवी की बुर का बाजा बज रहा है।
ये सब देख कर मेरी चूत बहन चोद बहुत गरमा गयी। तब तक नन्द ने अपने ससुर का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और खुद अपने मामू जान का लौड़ा पकड़ कर पीने लगी। उसके ससुर का लण्ड साला बड़ा हक्कानी था। उसका सुपाड़ा बड़ा शानदार था मैंने एक हाथ से पेल्हड़ थम कर लण्ड का सुपाड़ा चूसने लगी। लण्ड और तन कर मस्त हो गया। मेरे सामने ही नन्द अपने मामू का लौड़ा मुंह में लिए हुए चूस रही थी। फिर हम लण्ड अपनी अपनी बुर में पेला और रंडियों की तरह चुदवाने लगीं। सबकी चूत बज रही थी भोसड़ा बज रहा था। चढ़ाई ही चुदाई चारों तरफ हो रही थी। ऐसा सीन बहुत काम देखने को मिलता है। मेरी चूत इन २/३ दिनों में खूब बजायी गयी थी। मैं सोंचने लगी की अब मेरी चूत बहुत जल्दी ही भोसड़ा बन जाएगी। तब तक मैंने जो देखा वो और मजेदार था। मैं चुदवा भी रही थी और आँखें खोल कर सबकी चुदाई देख भी रही थी। मैंने देखा की फूफी की बेटी ने मेरे देवर का लण्ड पकड़ कर अपनी बुर में घुसा लिया। मेरी जेठानी ने खालू ससुर का लण्ड अपनी बुर में पेल लिया। देवरानी ने फूफा का लौड़ा जेठानी की बुर से निकाल कर अपनी चूत में ठोंक लिया। मेरा नंदोई मेरी चचिया सास की बेटी की बुर चोदने लगा। चची जान जो अभी तक अपने दमाद से चुदवा रही थी अब वह फूफी के बेटे से चुदवाने लगीं। खाला सास का बेटा मेरी नंद की बुर लेने लगा। खाला की बेटी ने नन्द के मामू का लौड़ा अपनी बुर में घुसा लिया। मेरे हाथ में अपने ससुर का लण्ड आ गया। मैं भी मस्ती से लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी और उसके पेल्हड़ सहलाने लगी। मुझे ससुर का लौड़ा बड़ा मजेदार लगा। मैंने उसे बड़े प्यार से अपनी चूत में पा और कहा ले भोसड़ी के ससुर जी अब तू अच्छी तरह चोद ले अपनी बहू की बुर ? तेरा लण्ड बेटी चोद मुझे भा गया है।
इस तरह करीब करीब सबके लण्ड बदल गए। सभी बीवियों ने हाथ बढ़ा बढ़ा कर लण्ड की छीना झपटी कर ली और फ़टाफ़ट अपनी अपनी चूत में घुसा लिया। एक बार फिर जोर से चुदाई होने लगी। मैंने मन में कहा वाह वाह ऐसी चुदाई में तो मज़ा ही मज़ा है। एक से एक बेहतरीन लण्ड ? एक से एक बेहतरीन बुर ? इससे अच्छा और क्या हो सकता है।
मेरी सास बोली - बेटी तब्बो, ज़रा अपनी बुर चोदी भाभी से पूंछो उसे मज़ा आ रहा है की नहीं ? लण्ड बदलने देर न करे। शर्म न करे और फ़ौरन किसी का भी लण्ड पकड़ कर घुसेड़ ले अपनी बुर में ?
नन्द बोली - भाभी जान खूब एन्जॉय कर रही हैं अम्मी जान ? उसने कहा है की मैं जब अपनी सास का भोसड़ा चोदूँगी तब मुझे असली मज़ा आएगा ?
सास बोली - उससे कहो बेटी की जल्दी ही अपनी सास का भोसड़ा चोदे। उससे पहले अपनी नन्द की बुर तो चोद ले पहले भोसड़ी वाली ?
ऐसी बातें करती हुई रात भर चुदाई का सिलसिला चलता रहा। मेरी बातें सुनकर अम्मी जान मस्त हो गयी और बोली बेटी अबीरा अब तू बहुत अच्छी जगह और मस्त चुदाई वाली जगह पहुँच गई है। तब तक मेरी छोटी बहन माहिरा बोली - अरे अम्मी जान मेरी ससुराल में भी इसी तरह की चुदाई होती है। मैं भी एक ही महीने मे सबके लण्ड का मज़ा लेकर ससुराल से आयी हूँ।
०=०=०=०=०= समाप्त
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