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लड़कियां खुद चुदने आती है मेरे पास - Ladkiyon me chudne ki chahat
लड़कियां खुद चुदने आती है मेरे पास - Ladkiyon me chudne ki chahat , महिला मुझसे चुदती है चुदवाती है , चूत गांड बुर देती है , दूध पिलाती है , चूची चुसाती है , लंड चूसती है , चूतड़ फड़वाती है , चोदता हूँ चाटता हूँ , पेलता हूँ , मजे देता हूँ.
जी हां मैं आपको सच बता रहा हूँ की लड़कियां मेरे घर मेरा लण्ड पीने आतीं हैं। देखो भई, अब समय बदल गया है। ज़माना बदल गया है। लड़कियां हर फील्ड में लड़कों से आगे निकल रहीं हैं। मैं तो कॉलेज में हूँ सब कुछ अपनी आँखों से देखता हूँ। आजकल लड़कियां जितनी शराब पीती हैं उतनी शराब लड़के नहीं पीते। लड़कियां जितनी सिगरेट पीती हैं उतनी सिगरेट लड़के भी नहीं पीते। लड़कियां जितनी गालियां देतीं हैं और नयी नयी तरह की गालियां देतीं हैं उतनी गालियां तो लड़के कभी नहीं देते। लड़कियां जितना फैशन करतीं हैं उतना फैशन लड़क नहीं करते। आजकल लड़कियों का ज़माना है। लड़कियां जितनी बेशरम होतीं हैं उतने बेशरम लड़के कभी हो ही नहीं सकते।
मेरा नाम है राजेश तनेजा। मैं 30 साल का हूँ, हट्टा कट्टा हूँ और गोरा चिट्टा हूँ। मैं आजकल एक डिग्री कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हूँ। हमारे कॉलेज में एम बी ए की पढ़ाई होती है। यह दो साल का कोर्स है। कॉलेज में आधी लड़कियां हैं और आधी लड़के। सब के सब एडल्ट हैं बालिग हैं और सब के सब मस्त जवान हैं। मैं लड़कियों के बीच में बहुत पॉपुलर हूँ इसका कारण है की मैं देखने में बहुत हैंडसम हूँ, हॉट हूँ. अच्छी तरह पढ़ाता हूँ और लड़कियों का खास ख्याल रखता हूँ। लड़कियां मेरी बात बहुत मानती हैं और मैं भी उनकी बातों पर गौर करता हूँ।
एक दिन सवेरे सवेरे एक लड़की ने मेरा दरवाजा खटखटा दिया। मैंने दरवाजा खोला तो वह दामिनी थी। मैंने उसे अंदर बैठाया। संडे का दिन था. मैं एक नेकर पहने ही बैठा था। मैं नंगे बदन था। मुझे ड्रिंक्स लेने का शौक है। वास्तव में मैं दारू पी रहा था। मैंने कहा दामिनी तुम बैठो मैं कपड़े पहन कर आता हूँ। वह मुस्कराते हुए बोली नहीं सर आप ऐसे ही बहुत हॉट लग रहें हैं। आप कपड़े मत पहनिए। बल्कि जो पहने हैं उसे भी उतार दीजिये तो अच्छा होगा। मैं उसकी बात पर हंस पड़ा और कहा दामिनी क्या तुम ड्रिंक्स में मेरा साथ दोगी ? वह बोली हां दूँगी। वह मेरे साथ दारू पीने लगी। उसने जींस और टॉप पहना था। उसकी चूँचियों का साइज साफ़ नज़र आ रहा था। जींस उसकी गांड और चूतड़ों का साइज बता रही थी. टॉप की केवल दो ही बटन थीं। एक बटन खुली थी। उसे देख कर मेरे लण्ड में उथल पुथल हो रही थी।
दामिनी जैसे जैसे शराब पीती जा रही थी वैसे ही वैसे वह खुलती जा रही थी. मेरी नज़र उसकी चूँचियों पर थी और उसकी नज़र मेरी नेकर पर थी। उठते बैठते उसने मेरी नेकर का उभार देख लिया था। धीरे धीरे उसकी टॉप की दूसरी बटन भी खुल गयी। अब उसकी दोनों चूँचियाँ मुझे दिखाई पड़ने लगीं थीं। निपल्स भी दिखने लगे थे। मेरे लण्ड में हलचल और बढ़ गयी।
- दूसरा पैग ख़तम होने को आ गया तो वह बोली - सर आप मुझे बहुत हॉट लग रहें हैं। आज मैं अपने दिल की बात कह कर ही रहूंगी।
- मैंने कहा - हां हां बताओ न अपने दिल की बात ?
- मैं आज यह सोंच कर आयी हूँ की आज मैं राजेश सर को एकदम नंगा करके देखूँगी।
- अरे दामिनी मैं तो ऑलमोस्ट नंगा ही बैठा हूँ।
- नहीं, मैं तुम्हें पूरी तरह नंगा देखना चाहती हूँ।
- मैंने मुस्कराते हुए कहा चाहता तो मैं भी हूँ की मैं तुम्हें नंगी देखूं।
वह बोली - बाप रे बाप इतना बड़ा लण्ड ? इतना मोटा लण्ड ? इतना हैंडसम लण्ड ? ऐसा लण्ड तो रॉबर्ट सर का भी नहीं है।
मैंने कहा - तो क्या तुम उसका लण्ड पकड़ चुकी हो ?
वह बोली - हां मैं क्या, कई लड़कियां उसका लण्ड पकड़ चुकी हैं। वह भी लड़कियां चोदने का शौक़ीन है।
मैंने कहा - अच्छा तो वह मेरी तरह ही लड़कियां चोदता है। लड़कियों के मुंह में लण्ड पेलता है।
वह बोली - नहीं वह तो बस बुर चोदता है। लड़कियां उसका लण्ड मुंह में लेना चाहती है पर वह बुर में घुसा देता है लण्ड मुंह में नहीं। इसलिए अब लड़कियां ज्यादा उसके पास नहीं जातीं। आजकल लड़कियां लण्ड पीने की शौक़ीन होतीं हैं।
ऐसा बोल कर वह मेरा लण्ड मुंह में डाल कर पीने लगी और मैंने तब उसकी जींस खोल कर फेंकी दी। उसकी मस्तानी छोटी छोटी झांटों वाली चूत देख कर मैं और जोश में आ गया। वह मेरी ही तरह पूरी नंगी हो चुकी थी मेरे आगे। वह बोली सर आपका लण्ड 9" का है। मैंने कहा तुमने बिना नापे कैसे बता दिया। वह बोली मेरी ऊँगलियाँ ही लण्ड के साइज का पता लगा लेतीं हैं। मैंने कहा अच्छा इसका मतलब तुम लण्ड खूब पकड़ती हो। वह बोली नहीं सर मैं लण्ड पीती खूब हूँ। मुझे लण्ड पीना अच्छा लगता है। लण्ड मुंह में लेती हूँ तो मुझे मज़ा आ जाता है। उसने लण्ड पूरा मुंह मे भर लिया और अंदर ही अंदर मेरे सुपाड़े पर जबान घुमाने लगी। मैं सिसियाने लगा। ऐसा तो आजतक किसी लड़की नहीं किया। हां अभी तक केवल एक दो लड़कियों ने ही मेरा लण्ड मुंह में लिया था। उसने कहा सर ,,,,,,,,,,,,?
मैंने कहा - नहीं यार, तुम मुझे घर में सर मत कहो। मैं सिर्फ राजेश हूँ।
वह बोली - अच्छा मेरे भोसड़ी के मादर चोद राजेश। आज मैं तेरे लण्ड की गांड मारूंगी। तेरे लण्ड का निकाल लूंगी तेल, बहन चोद। मैं बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी लड़की हूँ।
उसकी गालियों ने मेरे लण्ड में और जोश भर दिया। वह बार बार और जल्दी जल्दी लण्ड बाहर निकाल निकाल कर अंदर लेने लगी। मैं भी लण्ड को ही बुर समझ कर चोदने लगा। मस्ती मुझे भी आ रही थी और उस भी। मैं बीच बीच में उसकी चूँचियाँ दबा दबा कर भी मज़ा लेने लगा। मैं बहुत उत्तेजित हो गया था। मुझे लगा की अब मैं निकल जाऊंगा। मैंने कहा दामिनी अब मैं झड़ जाऊंगा। लण्ड मुंह से बाहर निकालो। उसने लण्ड नहीं निकाला और मुझसे आँखों के इशारे से कहा हां झड़ जाओ मेरे मुंह में। मैं चाहती हूँ की तुम मेरे मुंह में झड़ जाओ। मैं तेरा लण्ड पियूँगी। मैंने फिर लण्ड बाहर निकाला और उसने मुंह पूरा खोल दिया। फिर क्या मेरे लण्ड ने कई पिचकारियां गिरा दीं उसके मुंह में और वह सच में सारा वीर्य पी गयी। बाद में लण्ड का सुपाड़ा बड़े प्यार से चाटने लगी। उसका लण्ड चाटना मुझे बहुत अच्छा लगा। लण्ड भी साला ढीला होने लगा। वह जब बाथ रूम से वापस आई तो उसका फोन बजने लगा। उसने फोन उठाया और बोली यार मेरी मम्मी का फोन है मैं जा रही हूँ। अब किसी दिन आऊंगी और तेरा ये लण्ड अपनी चूत में पेलूँगी।
मुझे वह दिन आज भी याद है जब उसने बड़े प्यार से मेरा लण्ड पिया था। मैं संडे को सवेरे से ही दारू पीने लगता हूँ। बाकी दिन मैं सिर्फ एक पैग रात को खाना खाने के पहले पी लेता हूँ। मैंने अकेला ही हूँ और शादी नहीं की। मुझे बिना शादी किये हुए ज़िन्दगी का मज़ा मिल रहा है। अगले संडे को भी मैं दारू पीने लगा था तभी किसी ने डोर बेल बजा दी। मैंने जसी ही दरवाजा खोला तो देखा की मेरे कॉलेज की दो लड़किया अमिता और निकिता खड़ी हैं। दोनों ही मस्त जान और बेहद खूबसूरत लड़कियां थीं। एक बात मेरे मन में घर कर गयी थी की खूबसूरत लड़कियां लण्ड पकड़ने में बड़ी तेज होतीं हैं और इन्हे पटाने में कोई ख़ास वख्त नहीं लगेगा। ये खुद बुर चोदी बड़ी बदचलन होतीं हैं। ख़ैर मैंने उन्हें अंदर बैठाया और दरवाजा बंद कर दिया। मैं नंगे बदन था ही। मैंने कहा क्या आप लोग डिंक्स लेगीं ? दोनों ने हां कर और फिर मेरे साथ पीने लगीं शराब । उनकी बॉडी लैंग्वेज बता रही थी की ये दोनों जल्दी ही पट जायेंगीं।
मेरा मन इन दोनों की बुर चोदने का हो गया था। मुझे मालूम हुआ की दोनों आपस में पक्की दोस्त हैं। ये लोग भी जींस और टॉप में थीं। इनकी भी चूँचियाँ बड़ी बड़ी थीं।
- अमिता बोली - सर मैं आपको बहुत दिनों से देख ही हूँ आप बड़े हैंडसम हैं और बहुत हॉट लगते हैं। लड़कियां आप पर मरतीं हैं।
- मैंने मुस्कराकर कहा - अच्छा इसका मतलब आप नहीं मरतीं ?
- ओ माय गॉड क्या बात करते हो सर ? मरती न होती तो आपके पास न आती। मैं तो रात में भी आपके उसके,,,,,,,,,,, सपने देखती हूँ.
- निकिता बोली - हां सर मुझे रात में आपका वही,,,,,,,,,, नज़र आता है।
- वही क्या ,,,,,,,,,,,नज़र आता है। कुछ साफ़ साफ़ कहो न ?
- अमिता बोली - वही का मतलब आपका "लण्ड" और क्या ? आपका लण्ड नज़र आता है।
- मैं चुप हो गया तो अमिता उठाकर मेरे बगल में आयी और कहा सर मुझे सब मालूम हो गया है। अगर दामिनी आपका लण्ड पी सकती है तो हम लोग क्यों नहीं ? हम भी आपका लण्ड पियेंगीं। हमें भी लण्ड पीना आता है।
- तो फिर आपने कई लण्ड पिए होंगें ? उन्हें ही पीती रहो न ?
- नहीं सर हर आदमी का लण्ड अलग अलग होता है और हमें नए नए लण्ड पीने का शौक है। आज तो हम बिना आपका लण्ड पिए जायेंगीं नहीं।
अब दोनों मिलाकर मेरा लण्ड ऐसे चाटने लगीं जैसे कोई पोर्न स्टार लण्ड चाटती है। अमिता लण्ड चाटती तो निकिता पेल्हड़ और निकिता लण्ड चाटती तो अमिता पेल्हड़। फिर दोनों एक दूसरे के मुंह में लण्ड पेल कर चूसने लगीं। कभी अमिता मुठ्ठ मारती तो कभी निकिता। मैंने दोनों की सड़का मारने की स्टाइल का मज़ा ले रहा था। निकिता ने कहा वॉवो लौड़ा सच में बड़ा शानदार है। निकिता बोली ऐसा लौड़ा तो कॉलेज में किसी लड़के का नहीं है। मैं सिसियाने लगा और कहा यार अब मैं निकल जाऊँगा। इसे अपनी बुर में घुसा लो। वह बोली नहीं सर आज तो मैं लण्ड मुंह में ही रखूंगी। आज मैं लण्ड पियूँगी भले ही मेरी चूत चुदासी रह जाए। उसके बाद मैं वास्तव में झड़ने लगा तो इन दोनों ने झड़ता हुआ लण्ड पिया और चाटा।
अगले दिन भी छुट्टी थी। मैं सवेरे सवेरे शराब पीन में मस्त था। तभी मेरे क्लास की एक और लड़की आ गयी। उसक नाम था नाज़िया। वह भोसड़ी की बेहद खूबसूरत थी और बड़ी बड़ी चूँचियों वाली थी। मैंने उसे अंदर बैठाया और मैं भी बैठ गया। मैं नंगे बदन था तो मैंने कहा मैं कपड़े पहन कर आता हूँ। वह बोली नहीं सर मेरे आगे कोई भी मरद कपड़े नहीं पहनता ? मैं अपने आगे किसी मरद को कपड़े नहीं पहनने देती। दरवाजा बंद है मैं हूँ और तुम हो बस । न मैं कपड़े पहनूंगी और न तुम्हे पहनने दूँगी। फोन आ गया। वह कपड़े उतारती हुई बात करने लगी। मैंने जब उसे नंगी देखा तो मेरे लण्ड का उछलना कमाल का था। वह बोली रही थी --- उसकी माँ का भोसड़ा अम्मी जान ,,,,,,,,,,,,,मैं उसकी नन्द की बुर में अब्बू का लण्ड पेल दूँगी,,,,,,,,,,,,उसकी बहन की बुर ,,,,,,,,,वो माँ की लौड़ी मेरी एक झांट भी नहीं उखाड़ सकती,,,,,,,,,,,,उसका लौड़ा बड़ा मोटा है अम्मी जान,,,,,,,,,,,,,हां हां उसकी बहू अपने ससुर का लण्ड पीती है,,,,,,,,, हां अम्मी जान, आज मेरा मियां तेरा भोसड़ा चोदेगा ,,,,,,,अब्बू तो भाभी की बुर लेगा ही। मैंने उसे देखता रहा. वह बोली अरे सर हमारे घर में ऐसी ही चुदाई होती है। सारे मरद सबकी बुर में लण्ड पेलते हैं।
पूरे कॉलेज के यह खबर हो गयी की लड़कियां राजेश सर का लण्ड पीने जातीं हैं तो फिर रोज़ सवेरे शाम लड़कियां मेरा लण्ड पीने आने लगी। एक दिन दामिनी आ गयी और बोली सर आज मैं लण्ड पियूँगी भी और चुदवाऊंगी भी। फिर वह चुदवाकर ही गयी। इसी तरह अमिता और निकिता भी चुदवाकर कर गयीं। नाज़िया तो एक दिन चुदवाकर गयी तो दूसरे दिन अपनी माँ चुदवाने आ गयी। फिर उसने अपनी बहन भी चुदवाई और अपनी नन्द भी चुदवाई।
लड़कियां आज भी मेरा लण्ड पीने मेरे घर आतीं हैं।
=०=०=०=०=० समाप्त
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