Home
» Sex Stories in Hindi हिंदी सेक्स कहानियां porn erotica story चुदाई की मशहूर दास्ताँ
» मेरा मियां ही खुद मुझे चुदवाता है - Pati chudwata hai apni patni ki chut gand bur
मेरा मियां ही खुद मुझे चुदवाता है - Pati chudwata hai apni patni ki chut gand bur
मेरा मियां ही खुद मुझे चुदवाता है - Pati chudwata hai apni patni ki chut gand bur , सुहागरात में दूल्हें के दोस्तों ने चोदा , पति नामर्द नहीं फिर भी साथियों से पत्नी की चूत गांड बुर चुदवाई , पति के दोस्तों से चुदाई.
मैं एक मामले में बड़ी नसीबवाली हूँ दोस्तों। मुझे अपनी सुहागरात ने ही मालूम हो गया की मेरा मियां अपनी बीवी चोदता नहीं है बल्कि दूसरों से चुदवाता है। सुहागरात में ही उसने अपने दोस्त का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और बोला लो मेरी बीवी जान पहले मेरे दोस्त से चुदवा लो। मेरे दोस्त के लण्ड का मज़ा ले लो। मुझे अपनी बीवी चुदवाने का मज़ा लेने दो। मेरा जब निकाह तय हुआ था तभी मैंने सोंच लिया था की मैं अपनी सुहागरात में अपनी बीवी अपने दोस्तों से चुदवाऊंगा। आज वह दिन आ गया है। पहले मेरे इस दोस्त से चुदवाओ उसके बाद मेरे दूसरे दोस्त से भी चुदवाओ। दोनों लोग जब तुम्हें चोदेंगें तो मुझे बड़ा अच्छा लगेगा। इस तरह मुझे पहले ही दिन दो दो ग़ैर मर्दों के लण्ड का मज़ा मिला। तो फिर हुई न मैं एक नसीब वाली बीवी।
मैं एक मामले में बड़ी नसीबवाली हूँ दोस्तों। मुझे अपनी सुहागरात ने ही मालूम हो गया की मेरा मियां अपनी बीवी चोदता नहीं है बल्कि दूसरों से चुदवाता है। सुहागरात में ही उसने अपने दोस्त का लण्ड मुझे पकड़ा दिया और बोला लो मेरी बीवी जान पहले मेरे दोस्त से चुदवा लो। मेरे दोस्त के लण्ड का मज़ा ले लो। मुझे अपनी बीवी चुदवाने का मज़ा लेने दो। मेरा जब निकाह तय हुआ था तभी मैंने सोंच लिया था की मैं अपनी सुहागरात में अपनी बीवी अपने दोस्तों से चुदवाऊंगा। आज वह दिन आ गया है। पहले मेरे इस दोस्त से चुदवाओ उसके बाद मेरे दूसरे दोस्त से भी चुदवाओ। दोनों लोग जब तुम्हें चोदेंगें तो मुझे बड़ा अच्छा लगेगा। इस तरह मुझे पहले ही दिन दो दो ग़ैर मर्दों के लण्ड का मज़ा मिला। तो फिर हुई न मैं एक नसीब वाली बीवी।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मेरा नाम है हसीना बेगम। मैं जब जवान हुई तो मुझे नेट पर ब्लू फिल्म देखने का मौक़ा मिला। मैं अपनी सहेली लैला के घर में पहली बार ब्लू फिल्म देखा तो मेरी चूत गीली हो गई थी। मुझे उसी दिन मालूम हुआ की लण्ड कितना बड़ा हो जाता है और लड़कियां लण्ड का मज़ा कैसे लेतीं हैं। मैं लड़कियों के मुंह में लण्ड देख कर बड़ी उत्तेजित हो जाती थी। और यह भी सोंचने लगी थी की क्या मैं भी किसी दिन इसी तरह लण्ड अपने मुंह में लूंगी ? मेरी उम्र बढ़ते गयी और मेरी लण्ड चूसने की, लण्ड चाटने की इच्छा बढ़ती गयी। मैं जब १६ साल की हुई तो एक दिन उसी सहेली के भाई जान का लण्ड पकड़ लिया। सच्चाई यह है की मेरी उसी सहेली ने जो मुझसे ३ साल बड़ी थी एक दिन मुझे अपने भाई जान का लण्ड पकड़ा दिया। मैंने उसी दिन लण्ड पकड़ना, लण्ड चाटना और लण्ड पीना सीख लिया। मैं नंगी हो चुकी थी और नंगी नंगी लण्ड चूसने चाटने का मज़ा लेने लगी । मुझे उसी दिन मालूम हुआ की लण्ड से सफ़ेद सफ़ेद मक्खन निकलता है जिसे लड़कियां चाट जातीं हैं। मैं धीरे धीरे वह मक्खन चाटने भी लगी। लण्ड का मुठ्ठ मारने लगी और लण्ड पीने लगी।
उस सहेली के दो भाई थे मैं दोनों के लण्ड पकड़ने लगी। कभी बड़े वाले का लण्ड और कभी छोटे वाले का लण्ड। छोटे वाले का लण्ड बड़ा था और बड़े वाले का लण्ड छोटा लेकिन मोटा बहुत था। मेरी सहेली ने बताया की यार तुम किसी दिन रात में उठकर अपनी माँ की चुदाई देखना। मैंने एक दिन मन बना लिया की आज मैं अपनी अम्मी की चुदाई देखूँगी। रात को करीब 11 बजे मैं चुपचाप उठी और अम्मी जान के कमरे में झाँकने लगी। मेरी अम्मी बिलकुल नंगी लेटी हैं। मैंने उसे पहली बार नंगी देखा था। उसकी बड़ी अब्दी चूँचियाँ और उसकी छोटी छोटी झांटों वाली छुटदेखि थी। कुछ देर में एक आदमी बाथ रूम से निकला। वह नंगा था। मैंने सोंचा की ये मेरा अब्बिओ। होगा लेकिन जब वह मुड़ा और मेरी तरफ मुंह किया तो मेरे मुंह से निकला हाय अल्लाह ये तो मेरा खालू है बहन चोद। तो इसका मतलब मेरी अम्मी जान ग़ैर मरद से चुदवाती हैं। मैं चुपचाप आँखें फाड़ फाड़ कर सब कुछ देखती रही। अम्मी ने फ़ौरन लण्ड पकड़ कर मुंह में लिया फिर वह जबान निकाल कर लण्ड चाटने लगीं।
अम्मी ने कहा यार तेरे दोस्त नदीम का लण्ड भी बिलकुल इसी तरह का है. खालू ने कहा हां होगा पर उसकी बीवी मेरा लण्ड इसी तरह चूसती है भाभी जान। मुझे मालूम हो गया की मेरी अम्मी बुर चोदी खालू के दोस्त से भी चुदवाती हैं। मैं जब अम्मी को लण्ड चूसते हुए देख रही थी तो मुझे लगा की मैं कोई ब्लू फिल्म देख रही हूँ। खालू बोला भाभी जान अब तो तेरी बेटी हसीना भी जवान हो गई है उसकी बुर दिलाओ न मुझे किसी दिन ? उसकी यह बात सुनकर मेरी चूत की आग और भड़क गयी। मैं जान गई की मेरा खालू भोसड़ी का मुझे चोदना चाहता है। अपना लण्ड मेरी बुर में पेलना चाहता है। अम्मी ने कहा अरे यार पहले तू मेरा भोसड़ा अच्छी तरह चोद ले फिर मेरी बेटी चोदने की सोंचना। वह फिर बोला भाभी जान मैं तो नदीम की बीवी के साथ साथ उसकी बेटी भी चोदता हूँ। अम्मी ने कहा हां तू चोदता होगा पर मेरी बेटी हसीना अभी छोटी है। उसे अभी चोदा चोदी का कुछ भी इल्म नहीं है। तू कुछ दिन और रुक जा फिर मैं ही किसी दिन तेरा लण्ड उसे पकड़ा दूँगी, तब तू उसे चोद लेना। ऐसा सुनकर खालू अम्मी का भोसड़ा धक्के पे धक्का मार मार के चोदने लगा।
अगले दिन मैंने फिर अम्मी की जासूसी की। मैं 11 बजे से ही आँख गड़ाए हुए बैठी थी , अम्मी फिर एकदम नंगी नंगी लेटी हुई थी। आदमी आया वह कोई और था। मैं भी उसे पहचानती नहीं थी। लेकिन वह आदमी बड़ा हैंडसम था और उसका बिना झांट का गोरा चिट्टा लौड़ा भी पहले वाले से ज्यादा खूबसूरत था। अम्मी बोली हाय मेरे राजा आज तुम बहुत दिनों मिलो हो यार। आज मेरी चूत खूब जम कर चोदो जैसे तुम मेरी जेठानी की बुर चोदते हो। मैं जान गई बड़ी अम्मी भी बड़ी चुदक्कड़ होगी। इस बार मैं अपने आपको रोक नहीं सकी और फ़ौरन कमरे में एक किताब लेने के बहाने घुस गयी। मेरे घुसते ही अम्मी ने मुझे देखा और मैंने अम्मी को। मैं बोली वाओ अम्मी जान ,,,,,,,,,,,,,,,वह बोली अरी हसीना तू बुर चोदी यहाँ क्या करने आयी है ? मैंने कहा मैं तो किताब लेने आयी हूँ अम्मी जान। वह बोली किताब विताब को छोड़ इधर आ और ले पकड़ ले लण्ड। अब तेरी उम्र लण्ड पकड़ने की हो गई है। अम्मी ने मुझे लण्ड पकड़ा दिया। फिर लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और बोली ले पहले तू लण्ड चूस ले और फिर इसे घुसड़ कर चोद ले अपनी माँ का भोसड़ा ?
अम्मी जान की अश्लील खुल्लम खुल्ला बातों ने मेरी चूत में भयानक आग लगा दी। उस दिन मैंने पहली बार अपनी अम्मी के भोसड़ा में लण्ड पेला और फिर अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत में भी पेला। बस हमारा रास्ता खुल गया। मैंने भी सोंच लिया की जब मेरी शादी होगी तो मैं भी पराये मर्दों से चुदवाया करूंगी।,,,,,,,,,,,,,,,,
आज जब मेरे शौहर ने सुहागरात में कहा की हसीना आज तुम मेरे दोस्तों से चुदवाओ और मैं तुम्हे उनसे चुदवाते हुए देखना चाहता हूँ तो मुझे अम्मी के साथ का वह दिन याद आ गया। मेरा शौहर है शाहनवाज़ और उसके दोस्त है मंजूर और मंसूर। ये दोनों ही मेरे सामने खड़े हैं। हालांकि मेरे शौहर ने कहा है की पहले एक से चुदवाओ फिर दूसरे से। लेकिन मैंने मन बना लिया की मैं दोनों से एक साथ ही चुदवाऊंगी। मेरा शौहर मेरे सामने लुंगी पहने हुए सोफा पर बैठ गया । उसे शराब पीने की आदत थी। वह शराब पीने लगा और मुझे भी पिलाने लगा। मेरे साथ वो दोनों दोस्त भी पीने लगे। बीवी जब किसी पराये मरद के साथ शराब पीने लगे तो समझो की वह उनसे चुदवाना चाहती है।
मेरी मस्ती धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी। मेरी चूत की आग तो पहले से धधक रही थी। मेरी नज़र उन दोनों के लण्ड पर थी जिन्हें मैं जल्दी से जल्दी देखना चाहती थी और उनकी नज़र मेरी बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियों पर थी। अब तक नशा अपना काम करने लगा था। मैं बेशरम होने लगी थी। उन लोगों के भी हाथ मेरी तरफ बढ़ने लगे थे। मैंने एक एक हाथ दोनों की जाँघों पर रख दिया और उनकी जांघें सहलाने लगी । उन दोनों ने भी मेरी एक एक चूँची दबाना शुरू कर दिया । मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए । मैं भी उतावली थी उनके लण्ड देखने के लिए। मैं भी उनके कपड़े खोलने लगी। मेरी जब चूँचियाँ खुलीं तो उनकी आँखें खुल गईं। उनके जब लण्ड खुल गए तो मेरी आँखें खुल गईं। मुझे लगा की ये लण्ड तो सच में बहुत बड़े बड़े हैं और मोटे भी हैं। मुझे तो मज़ा आ जायेगा इनसे चुदवाने में। मैंने हाथ बढ़कर दोनों लण्ड एक एक हाथ से पकड़ लिया। तब तक मैं बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत उनके आगे नंगी हो चुकी थी। मेरी गांड मेरे चूतड़ सब नंगे हो चुके थे। मैं शराब के नशे के साथ लण्ड के नशे में डूब गयी थी।
मैं दोनों लण्ड बारी बरी से नंगी नंगी चाटने लगी। मैंने अपने आपको रंडी समझने लगी । ब्लू फिल्म की हीरोइन समझने लगी और बेहद बेशर्म हो गयी. मैंने कहा हाय मंजूर तेरा लण्ड भोसड़ी का बड़ा मोटा है और तेरा लण्ड मंसूर मादर बड़ा सख्त है, तुम दोनों लोग क्या हमेशा एक साथ ही किसी की बीवी की बुर चोदते हो ?
मंजूर बोला - हां भाभी जान हम लोग एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। हम लोग कई दोस्त हैं। हमारे सारे दोस्त अपनी बीवी चुदवाते हैं।
मंसूर बोला - मैं अपने सामने अपनी बीवी मंजूर और शाहनवाज़ से चुदवाता हूँ और मंजूर अपनी बीवी अपने सामने मुझसे और शाहनवाज़ से चुदवाता है। उसके बाद ही हम लोग अपनी बीवी चोदते हैं।
मुझे तब बात अच्छी तरह समझ में आ गयी। ये भोसड़ी वाले पहले अपनी बीवी दूसरे से चुदवाते हैं फिर चोदते हैं। इसका मतलब मुझे पहले मंजूर चोदेगा मंसूर चोदेगा और तब मुझे मेरा मियां चोदेगा। मैं ये सब सोंच ही रही थी की मंजूर ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं मंसूर का लण्ड पीते हुए मंजूर से चुदवाने लगी। मेरा मियां मुझे चुदवाते हुए बड़े गौर से देखने लगा।
मैंने पूंछा - अच्छा मंजूर तुम ये बताओ की क्या मेरा मियां तेरी बीवी इसी तरह चोदता है ?
वह बोला - हां भाभी जान इसी तरह चोदता है बल्कि इससे और अच्छी तरह से चोदता है। मेरी बीवी इसका लण्ड बहुत पसंद करती है। एक दिन तो इसने मेरी बीवी की माँ का भोसड़ा भी चोद डाला था। मुझे यह सुनकर बड़ा अच्छा लगा की मेरा मियां बुर चोदने में माहिर है।
मंसूर बोला - हां भाभी मेरी बीवी भी तेरे मियां से खूब चुदवाती है। मेरी बहन की भी बुर लेता है तेरा मियां भाभी जान ? इन सब बातों से मैं चुदवाने में और मज़ा लेने लगी।
तब तक मंसूर ने अपना लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। मैं मंसूर से चुदवाने लगी और मंजूर का लण्ड चूसने लगी। मैं फिर एक एक करके दोनों के लण्ड पे बैठी और खूब मस्ती से चुदवाया। आखिर में मैंने मंजूर का लण्ड अपनी
चूँचियों में डाला और वह मेरी मंशा समझ कर मेरी चूँचियाँ जोर जोर से चोदने लगा। मुझे भी मज़ा आने लगा। जब उसका सुपाड़ा चूँचियों के ऊपर आता तो मैं उसे जबान निकाल कर चाट लेती। वह इससे और उत्तेजित हो गया। ऐसा मैं बार बार करती रही तो उसके लण्ड ने उगल दिया वीर्य जो कुछ तो मेरी चूँचियों पर गिरा बाकी मैंने मुंह में गिरवा लिया। मैं उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटने लगी। लण्ड एक मिनट में ढीला हो गया। उधर तब तक मंसूर अपना लण्ड खड़ा किये हुए मेरे सामने आ गया। मैंने लण्ड मुठ्ठी में लिया और सड़का मारने लगी। वह भी एक मिनट में झड़ गया. मैंने झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से पिया। वो दोनों फिर चले गये।
उसके बाद मेरे शौहर ने मुझे चिपका लिया और मेरी कई चुम्मियाँ लीं। वह बोला हसीना तुमने बहुत अच्छा काम किया। पहले मैं थोड़ा घबरा रहा था की कहीं तुम मना न कर दो ? अगर मना कर देतीं तो मैं इनके आगे मुंह दिखाने काबिल नहीं रहता क्योंकि मैं इन दोनों की बीवियां कई बार चोदे बैठा हूँ। मैंने कहा नहीं मेरे मियां जी मैं वो सब काम करूंगी जो तुम कहोगे। मैं तो आपको खुश रखना चाहती हूँ। तुम कहो तो मैं अपनी माँ चुदवा लूं ? अपनी बहन चुदवा लूँ ? अपनी गांड मरवा लूं ? किसी के लण्ड से अपनी चूत फड़वा लूं ? कुछ देर बाद फिर उसने मुझे चोदा और अच्छी तरह चोदा। उसका लण्ड उन दोनों के लण्ड से बेहतर निकला।
दूसरे दिन मेरा मियां विदेश चला गया। मेरी नन्द मेरा पास आई। फिर मेरी सास भी आ गई। हम सब हंसी मजाक करने लगीं। गन्दी गन्दी बातें करने लगीं और फिर प्यार से गाली गलौज भी करने लगीं।
सबसे पहले मेरी सास बोली - बेटी रिया, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ? इसकी सास बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी है। अपनी बेटी बहू सबसे चुदवाया करती है।
नन्द बोली - अम्मी जान, तेरी बहू की नन्द की बुर ? इसकी नन्द बुर चोदी लण्ड पकड़ने में बड़ी उस्ताद है। अनजान लोगों के भी लण्ड पकड़ लेती है। अभी कल ही एक जवान सब्जी वाले लण्ड पकड़ लिया। सब्जी देखते देखते वह सब्जी वाले का लण्ड पकड़ कर बोली ये कितने का दोगे भाई जान ? वह बोला इसे तो मैं फ्री में दे दूँगा बीवी जान ? फिर क्या तेरी नन्द में उसको नंगा करके उसका लण्ड पकड़ ही लिया।
सास फिर बोली - बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? किसी दिन मैं तेरे सामने तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा चोदूँगी।
नन्द ने भी जबाब दिया - भाभी जान, तेरी बुर चोदी सास की बिटिया की बुर ? मैं किसी दिन तेरी सास की बेटी की चोद डालूंगी बुर ? मुझसे न रहा गया। में भी जबाब दिया और कहा - नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की चूत ? मैं भी फाड़ डालूंगी किसी दिन तेरी माँ ाकि बहू की चूत। और हां तुम भी सुनो मेरी सासू जी - तेरी बिटिया की भाभी का भोसड़ा ?
हमारी गालियां सुनकर वो दोनों बहुत खुश हुई और मुझे गले लगा लिया। मैं इस बात से खुश थी की मेरी सास और नन्द दोनों के मिज़ाज़ मेरे मिज़ाज़ से मिलते जुलते हैं इससे मुझे ससुराल में और मज़ा आने लगा।
=०=०=०=०=० समाप्त
उस सहेली के दो भाई थे मैं दोनों के लण्ड पकड़ने लगी। कभी बड़े वाले का लण्ड और कभी छोटे वाले का लण्ड। छोटे वाले का लण्ड बड़ा था और बड़े वाले का लण्ड छोटा लेकिन मोटा बहुत था। मेरी सहेली ने बताया की यार तुम किसी दिन रात में उठकर अपनी माँ की चुदाई देखना। मैंने एक दिन मन बना लिया की आज मैं अपनी अम्मी की चुदाई देखूँगी। रात को करीब 11 बजे मैं चुपचाप उठी और अम्मी जान के कमरे में झाँकने लगी। मेरी अम्मी बिलकुल नंगी लेटी हैं। मैंने उसे पहली बार नंगी देखा था। उसकी बड़ी अब्दी चूँचियाँ और उसकी छोटी छोटी झांटों वाली छुटदेखि थी। कुछ देर में एक आदमी बाथ रूम से निकला। वह नंगा था। मैंने सोंचा की ये मेरा अब्बिओ। होगा लेकिन जब वह मुड़ा और मेरी तरफ मुंह किया तो मेरे मुंह से निकला हाय अल्लाह ये तो मेरा खालू है बहन चोद। तो इसका मतलब मेरी अम्मी जान ग़ैर मरद से चुदवाती हैं। मैं चुपचाप आँखें फाड़ फाड़ कर सब कुछ देखती रही। अम्मी ने फ़ौरन लण्ड पकड़ कर मुंह में लिया फिर वह जबान निकाल कर लण्ड चाटने लगीं।
अम्मी ने कहा यार तेरे दोस्त नदीम का लण्ड भी बिलकुल इसी तरह का है. खालू ने कहा हां होगा पर उसकी बीवी मेरा लण्ड इसी तरह चूसती है भाभी जान। मुझे मालूम हो गया की मेरी अम्मी बुर चोदी खालू के दोस्त से भी चुदवाती हैं। मैं जब अम्मी को लण्ड चूसते हुए देख रही थी तो मुझे लगा की मैं कोई ब्लू फिल्म देख रही हूँ। खालू बोला भाभी जान अब तो तेरी बेटी हसीना भी जवान हो गई है उसकी बुर दिलाओ न मुझे किसी दिन ? उसकी यह बात सुनकर मेरी चूत की आग और भड़क गयी। मैं जान गई की मेरा खालू भोसड़ी का मुझे चोदना चाहता है। अपना लण्ड मेरी बुर में पेलना चाहता है। अम्मी ने कहा अरे यार पहले तू मेरा भोसड़ा अच्छी तरह चोद ले फिर मेरी बेटी चोदने की सोंचना। वह फिर बोला भाभी जान मैं तो नदीम की बीवी के साथ साथ उसकी बेटी भी चोदता हूँ। अम्मी ने कहा हां तू चोदता होगा पर मेरी बेटी हसीना अभी छोटी है। उसे अभी चोदा चोदी का कुछ भी इल्म नहीं है। तू कुछ दिन और रुक जा फिर मैं ही किसी दिन तेरा लण्ड उसे पकड़ा दूँगी, तब तू उसे चोद लेना। ऐसा सुनकर खालू अम्मी का भोसड़ा धक्के पे धक्का मार मार के चोदने लगा।
अगले दिन मैंने फिर अम्मी की जासूसी की। मैं 11 बजे से ही आँख गड़ाए हुए बैठी थी , अम्मी फिर एकदम नंगी नंगी लेटी हुई थी। आदमी आया वह कोई और था। मैं भी उसे पहचानती नहीं थी। लेकिन वह आदमी बड़ा हैंडसम था और उसका बिना झांट का गोरा चिट्टा लौड़ा भी पहले वाले से ज्यादा खूबसूरत था। अम्मी बोली हाय मेरे राजा आज तुम बहुत दिनों मिलो हो यार। आज मेरी चूत खूब जम कर चोदो जैसे तुम मेरी जेठानी की बुर चोदते हो। मैं जान गई बड़ी अम्मी भी बड़ी चुदक्कड़ होगी। इस बार मैं अपने आपको रोक नहीं सकी और फ़ौरन कमरे में एक किताब लेने के बहाने घुस गयी। मेरे घुसते ही अम्मी ने मुझे देखा और मैंने अम्मी को। मैं बोली वाओ अम्मी जान ,,,,,,,,,,,,,,,वह बोली अरी हसीना तू बुर चोदी यहाँ क्या करने आयी है ? मैंने कहा मैं तो किताब लेने आयी हूँ अम्मी जान। वह बोली किताब विताब को छोड़ इधर आ और ले पकड़ ले लण्ड। अब तेरी उम्र लण्ड पकड़ने की हो गई है। अम्मी ने मुझे लण्ड पकड़ा दिया। फिर लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया और बोली ले पहले तू लण्ड चूस ले और फिर इसे घुसड़ कर चोद ले अपनी माँ का भोसड़ा ?
अम्मी जान की अश्लील खुल्लम खुल्ला बातों ने मेरी चूत में भयानक आग लगा दी। उस दिन मैंने पहली बार अपनी अम्मी के भोसड़ा में लण्ड पेला और फिर अम्मी ने वही लण्ड मेरी चूत में भी पेला। बस हमारा रास्ता खुल गया। मैंने भी सोंच लिया की जब मेरी शादी होगी तो मैं भी पराये मर्दों से चुदवाया करूंगी।,,,,,,,,,,,,,,,,
आज जब मेरे शौहर ने सुहागरात में कहा की हसीना आज तुम मेरे दोस्तों से चुदवाओ और मैं तुम्हे उनसे चुदवाते हुए देखना चाहता हूँ तो मुझे अम्मी के साथ का वह दिन याद आ गया। मेरा शौहर है शाहनवाज़ और उसके दोस्त है मंजूर और मंसूर। ये दोनों ही मेरे सामने खड़े हैं। हालांकि मेरे शौहर ने कहा है की पहले एक से चुदवाओ फिर दूसरे से। लेकिन मैंने मन बना लिया की मैं दोनों से एक साथ ही चुदवाऊंगी। मेरा शौहर मेरे सामने लुंगी पहने हुए सोफा पर बैठ गया । उसे शराब पीने की आदत थी। वह शराब पीने लगा और मुझे भी पिलाने लगा। मेरे साथ वो दोनों दोस्त भी पीने लगे। बीवी जब किसी पराये मरद के साथ शराब पीने लगे तो समझो की वह उनसे चुदवाना चाहती है।
मेरी मस्ती धीरे धीरे बढ़ती जा रही थी। मेरी चूत की आग तो पहले से धधक रही थी। मेरी नज़र उन दोनों के लण्ड पर थी जिन्हें मैं जल्दी से जल्दी देखना चाहती थी और उनकी नज़र मेरी बड़ी बड़ी मस्तानी चूँचियों पर थी। अब तक नशा अपना काम करने लगा था। मैं बेशरम होने लगी थी। उन लोगों के भी हाथ मेरी तरफ बढ़ने लगे थे। मैंने एक एक हाथ दोनों की जाँघों पर रख दिया और उनकी जांघें सहलाने लगी । उन दोनों ने भी मेरी एक एक चूँची दबाना शुरू कर दिया । मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए । मैं भी उतावली थी उनके लण्ड देखने के लिए। मैं भी उनके कपड़े खोलने लगी। मेरी जब चूँचियाँ खुलीं तो उनकी आँखें खुल गईं। उनके जब लण्ड खुल गए तो मेरी आँखें खुल गईं। मुझे लगा की ये लण्ड तो सच में बहुत बड़े बड़े हैं और मोटे भी हैं। मुझे तो मज़ा आ जायेगा इनसे चुदवाने में। मैंने हाथ बढ़कर दोनों लण्ड एक एक हाथ से पकड़ लिया। तब तक मैं बिलकुल नंगी हो चुकी थी। मेरी छोटी छोटी झांटों वाली चूत उनके आगे नंगी हो चुकी थी। मेरी गांड मेरे चूतड़ सब नंगे हो चुके थे। मैं शराब के नशे के साथ लण्ड के नशे में डूब गयी थी।
मैं दोनों लण्ड बारी बरी से नंगी नंगी चाटने लगी। मैंने अपने आपको रंडी समझने लगी । ब्लू फिल्म की हीरोइन समझने लगी और बेहद बेशर्म हो गयी. मैंने कहा हाय मंजूर तेरा लण्ड भोसड़ी का बड़ा मोटा है और तेरा लण्ड मंसूर मादर बड़ा सख्त है, तुम दोनों लोग क्या हमेशा एक साथ ही किसी की बीवी की बुर चोदते हो ?
मंजूर बोला - हां भाभी जान हम लोग एक दूसरे की बीवी चोदते हैं। हम लोग कई दोस्त हैं। हमारे सारे दोस्त अपनी बीवी चुदवाते हैं।
मंसूर बोला - मैं अपने सामने अपनी बीवी मंजूर और शाहनवाज़ से चुदवाता हूँ और मंजूर अपनी बीवी अपने सामने मुझसे और शाहनवाज़ से चुदवाता है। उसके बाद ही हम लोग अपनी बीवी चोदते हैं।
मुझे तब बात अच्छी तरह समझ में आ गयी। ये भोसड़ी वाले पहले अपनी बीवी दूसरे से चुदवाते हैं फिर चोदते हैं। इसका मतलब मुझे पहले मंजूर चोदेगा मंसूर चोदेगा और तब मुझे मेरा मियां चोदेगा। मैं ये सब सोंच ही रही थी की मंजूर ने लण्ड मेरी बुर में घुसा दिया। मैं मंसूर का लण्ड पीते हुए मंजूर से चुदवाने लगी। मेरा मियां मुझे चुदवाते हुए बड़े गौर से देखने लगा।
मैंने पूंछा - अच्छा मंजूर तुम ये बताओ की क्या मेरा मियां तेरी बीवी इसी तरह चोदता है ?
वह बोला - हां भाभी जान इसी तरह चोदता है बल्कि इससे और अच्छी तरह से चोदता है। मेरी बीवी इसका लण्ड बहुत पसंद करती है। एक दिन तो इसने मेरी बीवी की माँ का भोसड़ा भी चोद डाला था। मुझे यह सुनकर बड़ा अच्छा लगा की मेरा मियां बुर चोदने में माहिर है।
मंसूर बोला - हां भाभी मेरी बीवी भी तेरे मियां से खूब चुदवाती है। मेरी बहन की भी बुर लेता है तेरा मियां भाभी जान ? इन सब बातों से मैं चुदवाने में और मज़ा लेने लगी।
तब तक मंसूर ने अपना लण्ड मेरी बुर में पेल दिया। मैं मंसूर से चुदवाने लगी और मंजूर का लण्ड चूसने लगी। मैं फिर एक एक करके दोनों के लण्ड पे बैठी और खूब मस्ती से चुदवाया। आखिर में मैंने मंजूर का लण्ड अपनी
उसके बाद मेरे शौहर ने मुझे चिपका लिया और मेरी कई चुम्मियाँ लीं। वह बोला हसीना तुमने बहुत अच्छा काम किया। पहले मैं थोड़ा घबरा रहा था की कहीं तुम मना न कर दो ? अगर मना कर देतीं तो मैं इनके आगे मुंह दिखाने काबिल नहीं रहता क्योंकि मैं इन दोनों की बीवियां कई बार चोदे बैठा हूँ। मैंने कहा नहीं मेरे मियां जी मैं वो सब काम करूंगी जो तुम कहोगे। मैं तो आपको खुश रखना चाहती हूँ। तुम कहो तो मैं अपनी माँ चुदवा लूं ? अपनी बहन चुदवा लूँ ? अपनी गांड मरवा लूं ? किसी के लण्ड से अपनी चूत फड़वा लूं ? कुछ देर बाद फिर उसने मुझे चोदा और अच्छी तरह चोदा। उसका लण्ड उन दोनों के लण्ड से बेहतर निकला।
दूसरे दिन मेरा मियां विदेश चला गया। मेरी नन्द मेरा पास आई। फिर मेरी सास भी आ गई। हम सब हंसी मजाक करने लगीं। गन्दी गन्दी बातें करने लगीं और फिर प्यार से गाली गलौज भी करने लगीं।
सबसे पहले मेरी सास बोली - बेटी रिया, तेरी भाभी की सास का भोसड़ा ? इसकी सास बुर चोदी बहुत बड़ी हरामजादी है। अपनी बेटी बहू सबसे चुदवाया करती है।
नन्द बोली - अम्मी जान, तेरी बहू की नन्द की बुर ? इसकी नन्द बुर चोदी लण्ड पकड़ने में बड़ी उस्ताद है। अनजान लोगों के भी लण्ड पकड़ लेती है। अभी कल ही एक जवान सब्जी वाले लण्ड पकड़ लिया। सब्जी देखते देखते वह सब्जी वाले का लण्ड पकड़ कर बोली ये कितने का दोगे भाई जान ? वह बोला इसे तो मैं फ्री में दे दूँगा बीवी जान ? फिर क्या तेरी नन्द में उसको नंगा करके उसका लण्ड पकड़ ही लिया।
सास फिर बोली - बहू तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा ? किसी दिन मैं तेरे सामने तेरी नन्द की माँ का भोसड़ा चोदूँगी।
नन्द ने भी जबाब दिया - भाभी जान, तेरी बुर चोदी सास की बिटिया की बुर ? मैं किसी दिन तेरी सास की बेटी की चोद डालूंगी बुर ? मुझसे न रहा गया। में भी जबाब दिया और कहा - नन्द रानी, तेरी माँ की बहू की चूत ? मैं भी फाड़ डालूंगी किसी दिन तेरी माँ ाकि बहू की चूत। और हां तुम भी सुनो मेरी सासू जी - तेरी बिटिया की भाभी का भोसड़ा ?
हमारी गालियां सुनकर वो दोनों बहुत खुश हुई और मुझे गले लगा लिया। मैं इस बात से खुश थी की मेरी सास और नन्द दोनों के मिज़ाज़ मेरे मिज़ाज़ से मिलते जुलते हैं इससे मुझे ससुराल में और मज़ा आने लगा।
=०=०=०=०=० समाप्त
Tags: मेरा मियां ही खुद मुझे चुदवाता है - Pati chudwata hai apni patni ki chut gand bur , सुहागरात में दूल्हें के दोस्तों ने चोदा , पति नामर्द नहीं फिर भी साथियों से पत्नी की चूत गांड बुर चुदवाई , पति के दोस्तों से चुदाई.
Click on Search Button to search more posts.
