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ग़ैर मर्दों के आगे नंगी हो जाती यह लड़की - Gair Mardon ke samne nangi hone wali ladki
ग़ैर मर्दों के आगे नंगी हो जाती यह लड़की - Gair Mardon ke samne nangi hone wali ladki , सबको चूत गांड और चूचियां दिखाना शौक है , पति नहीं भाया, अजनबी से चुदवाया , गैर मर्द के साथ मस्ती , गैर मर्द के लंड से चुदने की चाह , मर्द की निगाह औरत की छाती , मेरी चूत में गैर मर्द का पहला लंड.
मैं तो सच में पराये मर्दों का बड़ा सम्मान करती हूँ। जब भी कोई पराया मरद मेरे घर में आता है तो मैं उसके आगे ही अपने सारे कपड़े एक एक करके खोल देती हूँ, उतार कर नीचे फेंक देती हूँ और उसके सामने एकदम नंगी खड़ी हो जाती हूँ। चाहे वह मेरे परिचित वाला या न हो मुझे उसके आगे नंगी होने से कोई परहेज नहीं है। मेरे नंगी होने से उसे भी अच्छा लगता है और मुझे भी।
मैं तो सच में पराये मर्दों का बड़ा सम्मान करती हूँ। जब भी कोई पराया मरद मेरे घर में आता है तो मैं उसके आगे ही अपने सारे कपड़े एक एक करके खोल देती हूँ, उतार कर नीचे फेंक देती हूँ और उसके सामने एकदम नंगी खड़ी हो जाती हूँ। चाहे वह मेरे परिचित वाला या न हो मुझे उसके आगे नंगी होने से कोई परहेज नहीं है। मेरे नंगी होने से उसे भी अच्छा लगता है और मुझे भी।
फिर मैं भी उसके सारे कपड़े उतारने लगती हूँ, उसे पूरी तरह नंगा कर देती हूँ और उसका लण्ड पकड़ कर उसे बड़े प्यार से हिलाती हूँ, चूमती हूँ पुचकारती हूँ और फिर उसे मुंह में लेते हर आखिर में बुर में ले लेती हूँ। लण्ड से बातें करने लगती हूँ। इससे उसे भी मज़ा आता है और मुझे भी। तुम तो जानती ही हो की मेरे दो ही शौक हैं.
पहला - पराये मर्दों के आगे नंगी होना और पराये मर्दों को नंगा करना।
दूसरा - पराये मर्दों से चुदवाना। मैं अपने दोनों शौक हर हाल में पूरा करती हूँ।
मेरा नाम है मिसेज स्वेता तिवारी। मैं गोरी चिट्टी, पढ़ी लिखी और खूबसूरत बीवी हूँ। सेक्सी हूँ हॉट हूँ और बेहद बेशर्म हूँ। मैं मानती हूँ की मैं शादी शुदा हूँ पर पराये मर्दों से चुदवाने वाली एक बदचलन बीवी हूँ, छिनार हूँ मैं । मेरा दिल जिस पर आ जाता है मैं उसका लण्ड पकड़ जरूर लेती हूँ और फिर बिना उससे चुदवाये रह नहीं सकती। मैं बुर चोदी बड़ी हरामजादी हूँ , चुदक्कड़ हूँ और नंगी नंगी पराये मर्दों के लण्ड चाटने वाली बीवी हूँ। मेरी उम्र 31 साल है और मैं 15 साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ। शादी के पहले कॉलेज के दिनों में मैं लड़कों से लण्ड पकड़ा करती थी, मुठ्ठ मारती थी और लण्ड पीती थी, मौक़ा पाकर लड़कों की झांटें बनाती थी और फिर चुदवाती थी. शादी के बाद मैंने यह सिलसिला ज़ारी रखा और आज भी मैं कई मर्दों के संपर्क में रहती हूँ, उनके लण्ड का मज़ा लेती हूँ और खूब अय्यासी करती हूँ। मेरा पति फौज में है, वह कभी कभी ही आता है और मैं एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती हूँ। इसलिए मुझे लण्ड की कमी कभी महसूस नहीं होती।
मैं पराये मर्दों के आगे नंगी हो जाती हूँ और उन्हें भी नंगा कर देती हूँ। अब मैं आपको अपनी कहानी के कुछ अंश सुनाती हूँ। मैंने जब कॉलेज की नौकरी ज्वाइन की तो मैं पहले ही दिन से हैंडसम लड़कों पर और खूबसूरत लड़कियों पर नज़र रखने लगी। एक दिन मैं कैंपस के गुज़र रही थी तो मैंने देखा की कुछ लड़कियां खड़ी हुई बातें कर रही हैं. कुछ हंसी मजाक हो रही है तो मैं पीछे से जाकर चुपचाप उनकी बातें सुनने लगी।
अगले दिन छुट्टी थी। सवेरे सवेरे किसी ने बेल बजाई। मैंने दरवाजा खोल दिया। सामने कॉलेज के लड़का तनुज खड़ा था। लड़का हैंडसम था स्मार्ट था और तंदुरुस्त भी। मैंने उसे अंदर बैठा लिया और दरवाजा बंद कर दिया। मेरा दिल उस पर आ गया। वह बोला मेम मेरे एक पेपर में नंबर कम है अगर कुछ हो जाए तो बहुतअच्छा होगा। मैंने कहा मैं तुम्हे 50 49 नम्बर दूँगी पर तुम्हें एक काम करना होगा। वह बोला - माँ मेम बोलो जो तुम कहोगी मैं वो करूंगा। मैंने कहा - पहली बात मैं घर पर तेरी भाभी हूँ और तू मेरा देवर। आज से तू मुझे मेरे घर में मुझे भाभी कह कर बुलाएगा। अब सुनो काम यहाँ है की मेरा देवर अपनी भाभी के सारे कपड़े उतारेगा। अपनी भाभी को कर देगा पूरी नंगी ? बोलो करोगे ? मैंने मुस्कराते हुए उसके गाल थपथपा कर कहा - गांड तो नहीं फटेगी तेरी बेटा तनुज ? तू भोसड़ी का अगर मरद है तो कर मुझे नंगी ? तुझे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। यहाँ हम दोनों के अलावा और कोई नहीं है।
मैंने उसे ललकारा तो खड़ा हुआ और मेरी साड़ी खोलने लगा। फिर उसने मेरा ब्लाउज़ उतारा। फिर मेरी ब्रा खोली तो मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ उसके आगे बिलकुल नंगी हो गयीं। मैंने उसका लण्ड ऊपर से पकड़ कर कहा वॉवो तू तो सही में मर्द है। तेरा लण्ड खड़ा है यार। अब मेरा पेटीकोट उतारो और मेरी चूत भी देख लो। उसने उतारा तो मैं मादर चोद उसके आगे एकदम नंगी हो गयी। वह मुझे आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगा। मैंने कहा तनुज अब मैं तुम्हे नंगा करूंगी। मैंने एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल डाला। उसका लौड़ा तन कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने लौड़ा पकड़ा उसे चूमा और बड़े प्यार से सहलाया। मैंने कहा वाह क्या लौड़ा है तेरा ? ये तो किसी की भी माँ का भोसड़ा चोद सकता है। कितना खूबसूरत है तेरा लण्ड ? कितना प्यारा और गोरा गोरा है तेरा लण्ड ? मैं सोफा पर नंगी नंगी बैठ गयी और उसे अपने आगे खड़ा करके एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर उसका लौड़ा पीने लगी।
मैं लण्ड बार बार मुंह में डालती और मुंह से निकालती। मुझे लण्ड भी पसंद आया और लण्ड वाला भी। वह भी बड़े प्रेम से मेरी चूँचियाँ मसल रहा था। मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हैं तो वे किसी को भी मज़ा दे सकतीं हैं। फिर मैंने लण्ड अपनी दोनों चूँचियों के बीच पेला और कहा तनुज अब तुम मेरे बूब्स चोदो। मैंने लण्ड अंदर किया तो वह बड़ी बड़ी चूँचियों के बीच कहाँ खो गया ये पता ही नहीं चला। हां बार बार उसका सुपाड़ा मेरे मुंह की तरफ निकल आता तो मैं हर बार अपनी जबान बढाकर लण्ड चाट लेती। लण्ड जब मोटा और लंबा होता है तो उससे अपने बूब्स चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। तब तक मेरी चूत बुरी तरह चुदासी हो चुकी थी। मैंने कहा तनुज अब तुम मेरी बुर चोदो यार। मैं बेड पर चित लेट गई। वह नीचे खड़ा हो गया। उसने मेरी दोनों टांगें खींच कर अपनी तरफ बेड के किनारे कर लीं और एक मोटी सी तकिया मेरी गांड के नीचे लगा दी। अब मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ गयी। फिर उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा, रास्ता बनाया और फिर जोर लगा कर पेलने लगा लण्ड। लण्ड साला सरसराता हुआ पूरा अंदर घुस गया। मुझे बड़ा अच्छा लगा और मैं बोली हाय मेरे राजा बड़ा मज़ा आ रहा है। तेरा लण्ड अंदर तक घुस गया है। अब दनादन चोदो मुझे। मैं तो तेरी भाभी हूँ। भाभी की बुर चोदने में तुम्हे खूब मज़ा आएगा।
वह भी बड़ी बेरहमी से चोदने लगा बुर। मैं जान गयी की इसे चोदने का अनुभव है। ये पहले भी कई बुर चोद चुका होगा। मैंने पूंछा तो उसने बताया की मैंने कॉलेज की किसी भी लड़की की बुर नहीं चोदी पर हां सिमरन मेम की बुर चोदी है जो कॉलेज में प्रोफेसर हैं और उसकी एक सहेली मंजीत कौर की भी बुर चोदी है। ये दोनों मुझे अकसर बुलाकर चुदवाती हैं। उसकी बात सुनकर मुझे और जोश आ गया। मैं और उचक उचक कर चुदवाने लगी। मैं मस्ती में कहने लगी हाय मेरे राजा खूब कस के चोदो मेरी बुर। फाड़ डालो मेरी चूत। उसने मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लीं थीं। मैं उसके कंधे पर टांगें रख कर एक रंडी की तरह चुदवाने लगी। वह नीचे खड़ा मेरी बुर का बाजा बजाने लगा और मैं मस्ती में चूर हो गयी। वह धक्के पे धक्का लगा रहा था। उसका लौड़ा साला अंदर तक चोट कर रहा था।
मेरी चूत के चीथड़े उड़ रहे थे। मैंने कहा आज आया है कोई असली मरद मुझे चोदने वाला। हाय रे मैं मर जाऊंगी। बर्बाद हो जाऊंगी। मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी. तू मेरी बुर नहीं मेरी इज़्ज़त ले रहा है बहन चोद। तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी बहन का लण्ड। बड़ा दर्द हो रहा है यार। तेरा लण्ड बड़ा बेरहम है यार। वह बोला क्या सच में दर्द हो रहा है स्वेता भाभी ? मैंने कहा अरे यार तू बस चोदता रह , मुझे बकने दे। तू अपनी चुदाई की स्पीड कम न कर। मैं बुर चोदी मस्ती में ऐसे ही बोला करती हूँ। मुझे चिल्लाने दो। मेरी परवाह मत कर मेरी बुर फाड़ता जा तू। तेरा काम है मेरी बुर फाड़ना। फाड़ो मेरी बुर किसी दिन मेरी माँ की बुर भी फाड़ डालना यार भोसड़ी के तनुज ? फिर वह मादर चोद बेड पर चढ़ गया और मुझे धकाधक चोदने लगा। मुझे उससे चुदवाने में मज़ा आ रहा था। वह बोला मुझे इतना मज़ा न सिमरन की बुर चोदने में आया और न उसकी सहेली की बुर ? तेरी बुर बड़ी मस्त है भाभी जी।
तब तक मेरी चूत सच में ढीली होने लगी। मैं खलास होने लगी और तभी वह बोला भाभी जी अब मैं निकल रहा हूँ। मैंने कहा मैं निकालूंगी तब तू निकलेगा। मैं उठी और लण्ड मुठ्ठी में पकड़ कर सड़का मारने लगी। मेरा मुंह खुला हुआ था। बस १०/१२ बार ऊपर नीचे करते ही लण्ड ने छोड़ दी पिचकारी और मैं उसका सारा वीय पी गयी। मुझे उसके लण्ड का स्वाद बहुत अच्छा लगा। जाते हुए मैंने कहा बेटा तेरा काम हो जायेगा पर तुम किसी दिन अपने अच्छे दोस्त को लेकर आना फिर तुम दोनों मिलकर मेरी बुर चोदना।
एक दिन खूब जोर की बरसात हो रही थी। रात के 10 बजे थे। अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया तो मैंने खोला। मैंने देखा की बाहर एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा है। वह एकदम ऊपर से नीचे तक भीगा हुआ है। वह बोला मैं समर सिंह हूँ। मेरी गाड़ी ख़राब हो गई है। मैंने उसे ठीक करने की बहुत कोशिश की पर गाड़ी नहीं चली। बरसात इतनी तेज है की कहीं जा नहीं सकता। क्या मैं बाहर आपके वारंडा में ठहर सकता हूँ ? मैंने उसे अंदर बुलाया और कहा अंकल आप यहाँ अंदर ठहर जाईये। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं उसे अंदर ले आई। वह खड़ा था मैंने कहाँ यहीं रुको मैं आती हूँ। मैं अंदर जाकर एक तौलिया लेकर आयी और कहा लो इसे पहन कर अपने सारे कपड़े उतार दो नहीं तो बुखार आ जायेगा।
वह कपडे उतारने लगा। मैंने जब उसका गोरा गोरा नंगा बदन देखा तो ललचा गई। उसकी चौड़ी छाती पर घने
घने बाल बड़े सेक्सी लग रहे थे। मैं उसके कपड़े लेकर अंदर चली गयी और फिर अपनी चूँचिया खोले हुए केवल पेटीकोट पहन कर उसके पास आ गयी। आते ही मैंने एक ही झटके में उसकी तौलिया खींच ली और कहा अरे अंकल तुम अभी भी भीगे हो। वह मारे शर्म के नीच बैठ गया । मैंने कहा अंकल तुम मरद की औरत ? मैं औरत होते हुए तेरे सामने नंगी हूँ और तुम मर्द होकर मेरे आगे नंगे नहीं रह सकते ? मैंने उसे खड़ा किया और तौलिये से उसका नंगा बदन पोंछने लगी। पहले ऊपर पोंछा और फिर नीचे उसका लण्ड पोंछने लगी। वह बोला अरे आप यह क्या कर रही हैं ? मैंने लण्ड पकड़ कर कहा अरे अंकल ये क्या तेरा बदन नहीं है ? क्या यह भीगा हुआ नहीं है ? क्या इसे ठंढ नहीं लग सकती ? वह चुप रहा और फिर मैंने उसे नंगा नंगा सोफा पर बैठा दिया। लण्ड साला खड़ा हो गया था और बहुत सुन्दर लग रहा था। मैं अंदर गयी और अपना पेटीकोट उतार कर एकदम नंगी नंगी दो गिलास व्हिस्की बना कर लाई। मैने कहा लो अंकल गरम गरम व्हिस्की पियो तो सारी सर्दी हवा हो जाएगी।
वह मेरी चूत बड़े मजे से देखने लगा। मैंने कहा अंकल मैं मर्दों के आगे पकड़े नहीं पहनती, नंगी हो जाती हूँऔर उन्हें भी नंगा कर देती हूँ। यह मेरा वसूल है। मेरी चूत पर छोटी छोटी झांटें थीं और उसके लण्ड पर भी छोटी छोटी झांटें थीं। मैंने उसका लण्ड सहलाते हुए कहा देखो अंकल तुम भी नंगे हो और मैं भी नंगी हूँ। अब मैं नंगी नंगी कुछ तो करूंगी ? मैं जो करूँ मुझे करने देना। तुम्हे जो करना हो वो तुम करना मैं कुछ नहीं कहूँगी। बस मैं शराब में डुबो डुबो कर लण्ड चाटने लगी। वह मेरी चूँचियाँ सहलाने लगा और मेरी चूत पर हाथ फेरने लगा। शराब ख़तम हुई तो मैंने उसका लौड़ा मुंह में भर लिया। मैं रंडी की तरह लौड़ा चूसने लगी। अंदर ही अंदर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। कुछ देर बाद मैंने अपनी चूत फैला दी और कहा अंकल अब तू भोसड़ी का मेरी बुर चोद ले। पूरा लौड़ा पेल दे मेरी चूत में। उसने वही किया जो मैंने कहा था। वह चोदने लगा और मैं मस्ती से चुदवाने लगी। किसी अनजान मरद से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और होता है। मैंने इस तरह उससे रात में तीन बार चुदवाया। जाते समय मैंने कहा अंकल जल्दी ही आना मुझे फिर चोदने।
दूसरे दिन संडे था। सवेरे करीब 10 बजे सपना और नगमा दोनों आ गईं। सपना के साथ दो लड़के थे और नगमा के साथ भी दो। सपना बोली यार स्वेता ये हैं मेरे दोस्त गोपी और सूरज। मैं इनके आगे नंगी रहती हूँ और ये दोनों मेरे आगे नंगे। तब तक नगमा बोली हाय मेरी हरामजादी स्वेता देख ये है मेरा चचा जान रज्जाक। इसका लण्ड मुझे बहुत पसंद है और तुम्हे भी पसंद आएगा। और ये है मेरा भाई जान सफी। इसका भी लौड़ा दमदार है ? मैंने कहा अरे यार तुम अपने भाई जान से ,,,,,,,,,,?
वह बोली हां तो क्या हुआ हमारे समाज में लड़कियां अपने भाई जान से खूब चुदवाती हैं। भाई जान से ही क्यों ? वो तो सब अपने अब्बू जान से भी चुदवाती है। लड़कियों का सबसे ज्यादा पसंदीदा होता है अब्बू का लण्ड ?
मैं यह सुनकर और उत्तेजित हो गयी। मैं उठी और अपने कपड़े उतारने लगी।
बस एक मिनट में मैं मादर एकदम नंगी हो गयी। वे चारों मुझे आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे। मुझे देख कर सपना भी नंगी हो गई और नगमा भी। फिर मैंने रज्जाक को नंगा किया और सफी को भी। नगमा ने गोपी के कपड़े उतारे और सूरज के भी। मेरे हाथ में रज्जाक का लौड़ा आ गया। सपना के हाथ में सफी का लौड़ा। दोनों लौंड़ों के सुपाड़े एकदम बहार निकले हुए थे। लण्ड सच में बड़े खूबसूरत लग रहे थे। मैं दोनों का सुपाड़ा चाटने लगी और सपना भी। सपना बोली स्वेता यार ये हैं कटे लण्ड इनके सुपाड़े हमेशा बाहर ही निकले रहतें हैं। उधर नगमा पहली बार कोई समूचा लण्ड देख रही थी। वह बोली हाय अल्लाह कितने प्यारे लंड हैं दोनों बहन चोद। आज मैं पहली बार कोई नॉन - मुस्लिम लण्ड देख रही हूँ।
फिर हम तीनो ने मिलकर एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर खूब चुदवाया दिन भर चुदवाया। बीच बीच में नंगी नंगी खाना भी खाया और फिर चुदवाया।
आज मुझे सबसे ज्यादा आ रहा था पराये मर्दों से चुदवाने का मज़ा ?
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पहला - पराये मर्दों के आगे नंगी होना और पराये मर्दों को नंगा करना।
दूसरा - पराये मर्दों से चुदवाना। मैं अपने दोनों शौक हर हाल में पूरा करती हूँ।
मेरा नाम है मिसेज स्वेता तिवारी। मैं गोरी चिट्टी, पढ़ी लिखी और खूबसूरत बीवी हूँ। सेक्सी हूँ हॉट हूँ और बेहद बेशर्म हूँ। मैं मानती हूँ की मैं शादी शुदा हूँ पर पराये मर्दों से चुदवाने वाली एक बदचलन बीवी हूँ, छिनार हूँ मैं । मेरा दिल जिस पर आ जाता है मैं उसका लण्ड पकड़ जरूर लेती हूँ और फिर बिना उससे चुदवाये रह नहीं सकती। मैं बुर चोदी बड़ी हरामजादी हूँ , चुदक्कड़ हूँ और नंगी नंगी पराये मर्दों के लण्ड चाटने वाली बीवी हूँ। मेरी उम्र 31 साल है और मैं 15 साल की उम्र से लण्ड पकड़ रही हूँ। शादी के पहले कॉलेज के दिनों में मैं लड़कों से लण्ड पकड़ा करती थी, मुठ्ठ मारती थी और लण्ड पीती थी, मौक़ा पाकर लड़कों की झांटें बनाती थी और फिर चुदवाती थी. शादी के बाद मैंने यह सिलसिला ज़ारी रखा और आज भी मैं कई मर्दों के संपर्क में रहती हूँ, उनके लण्ड का मज़ा लेती हूँ और खूब अय्यासी करती हूँ। मेरा पति फौज में है, वह कभी कभी ही आता है और मैं एक डिग्री कॉलेज में पढ़ाती हूँ। इसलिए मुझे लण्ड की कमी कभी महसूस नहीं होती।
मैं पराये मर्दों के आगे नंगी हो जाती हूँ और उन्हें भी नंगा कर देती हूँ। अब मैं आपको अपनी कहानी के कुछ अंश सुनाती हूँ। मैंने जब कॉलेज की नौकरी ज्वाइन की तो मैं पहले ही दिन से हैंडसम लड़कों पर और खूबसूरत लड़कियों पर नज़र रखने लगी। एक दिन मैं कैंपस के गुज़र रही थी तो मैंने देखा की कुछ लड़कियां खड़ी हुई बातें कर रही हैं. कुछ हंसी मजाक हो रही है तो मैं पीछे से जाकर चुपचाप उनकी बातें सुनने लगी।
- एक बोली - ये भोसड़ी के लड़के अगर नंगे नंगे होते तो इन सबका लण्ड देखने में कितना मज़ा आता ?
- दूसरी बोली - अगर ऐसा है तो तू पहले नंगी हो जा लड़कों के आगे ? अपनी चूत दिखा दे इन्हें ?
- अगर कोई देखने वाला तो मैं दिखा भी दूंगी। मुझे कोई शर्म नहीं है।
- तेरी माँ की चूत तू हमें चूतिया बना रही है। भला यहाँ कोई नंगी हो सकती है ?
- अच्छा माँ का भोसड़ा चोदा है तूने कभी ? कोई लण्ड पेला है तूने अपनी माँ की चूत में ?
- हां मैंने पेला है लण्ड माँ की चूत में। मैं चुदवाती हूँ अपनी माँ भोसड़ा ?
- तू सच कह रही है की नगमा की बस हवाई बातें ही कर रही है।
- मैं सच कह रही हूँ। मैंने तो अपने भाई जान का लौड़ा भी पकड़ कर देखा है।
- लौड़ा तो मैंने भी पकड़ा है कई लोगों के यार ? पर कभी चुदवा नहीं पाई ?
- क्यों क्या चुदाने में गांड फट रही थी तेरी ?
- गांड नहीं यार डर था की कहीं चूत न फट जाए ?
- तू माँ की लौड़ी अभी तक बच्ची ही बनी हुई है। चूत फटती नहीं है कभी हां वह फ़ैल जरूर जाती है।
- हां यार अभी तक भगवान् ने कोई ऐसा लौड़ा नहीं बनाया जो चूत फाड़ सके।
- मैं फाड़ूंगी तेरी चूत सपना की बच्ची ?
अगले दिन छुट्टी थी। सवेरे सवेरे किसी ने बेल बजाई। मैंने दरवाजा खोल दिया। सामने कॉलेज के लड़का तनुज खड़ा था। लड़का हैंडसम था स्मार्ट था और तंदुरुस्त भी। मैंने उसे अंदर बैठा लिया और दरवाजा बंद कर दिया। मेरा दिल उस पर आ गया। वह बोला मेम मेरे एक पेपर में नंबर कम है अगर कुछ हो जाए तो बहुतअच्छा होगा। मैंने कहा मैं तुम्हे 50 49 नम्बर दूँगी पर तुम्हें एक काम करना होगा। वह बोला - माँ मेम बोलो जो तुम कहोगी मैं वो करूंगा। मैंने कहा - पहली बात मैं घर पर तेरी भाभी हूँ और तू मेरा देवर। आज से तू मुझे मेरे घर में मुझे भाभी कह कर बुलाएगा। अब सुनो काम यहाँ है की मेरा देवर अपनी भाभी के सारे कपड़े उतारेगा। अपनी भाभी को कर देगा पूरी नंगी ? बोलो करोगे ? मैंने मुस्कराते हुए उसके गाल थपथपा कर कहा - गांड तो नहीं फटेगी तेरी बेटा तनुज ? तू भोसड़ी का अगर मरद है तो कर मुझे नंगी ? तुझे शर्माने की कोई जरुरत नहीं है। यहाँ हम दोनों के अलावा और कोई नहीं है।
मैंने उसे ललकारा तो खड़ा हुआ और मेरी साड़ी खोलने लगा। फिर उसने मेरा ब्लाउज़ उतारा। फिर मेरी ब्रा खोली तो मेरी बड़ी बड़ी चूँचियाँ उसके आगे बिलकुल नंगी हो गयीं। मैंने उसका लण्ड ऊपर से पकड़ कर कहा वॉवो तू तो सही में मर्द है। तेरा लण्ड खड़ा है यार। अब मेरा पेटीकोट उतारो और मेरी चूत भी देख लो। उसने उतारा तो मैं मादर चोद उसके आगे एकदम नंगी हो गयी। वह मुझे आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगा। मैंने कहा तनुज अब मैं तुम्हे नंगा करूंगी। मैंने एक एक करके उसके सारे कपड़े खोल डाला। उसका लौड़ा तन कर मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने लौड़ा पकड़ा उसे चूमा और बड़े प्यार से सहलाया। मैंने कहा वाह क्या लौड़ा है तेरा ? ये तो किसी की भी माँ का भोसड़ा चोद सकता है। कितना खूबसूरत है तेरा लण्ड ? कितना प्यारा और गोरा गोरा है तेरा लण्ड ? मैं सोफा पर नंगी नंगी बैठ गयी और उसे अपने आगे खड़ा करके एक हाथ से पेल्हड़ थाम कर उसका लौड़ा पीने लगी।
मैं लण्ड बार बार मुंह में डालती और मुंह से निकालती। मुझे लण्ड भी पसंद आया और लण्ड वाला भी। वह भी बड़े प्रेम से मेरी चूँचियाँ मसल रहा था। मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हैं तो वे किसी को भी मज़ा दे सकतीं हैं। फिर मैंने लण्ड अपनी दोनों चूँचियों के बीच पेला और कहा तनुज अब तुम मेरे बूब्स चोदो। मैंने लण्ड अंदर किया तो वह बड़ी बड़ी चूँचियों के बीच कहाँ खो गया ये पता ही नहीं चला। हां बार बार उसका सुपाड़ा मेरे मुंह की तरफ निकल आता तो मैं हर बार अपनी जबान बढाकर लण्ड चाट लेती। लण्ड जब मोटा और लंबा होता है तो उससे अपने बूब्स चुदवाने में ज्यादा मज़ा आता है। तब तक मेरी चूत बुरी तरह चुदासी हो चुकी थी। मैंने कहा तनुज अब तुम मेरी बुर चोदो यार। मैं बेड पर चित लेट गई। वह नीचे खड़ा हो गया। उसने मेरी दोनों टांगें खींच कर अपनी तरफ बेड के किनारे कर लीं और एक मोटी सी तकिया मेरी गांड के नीचे लगा दी। अब मेरी चूत थोड़ा ऊपर उठ गयी। फिर उसने अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ा, रास्ता बनाया और फिर जोर लगा कर पेलने लगा लण्ड। लण्ड साला सरसराता हुआ पूरा अंदर घुस गया। मुझे बड़ा अच्छा लगा और मैं बोली हाय मेरे राजा बड़ा मज़ा आ रहा है। तेरा लण्ड अंदर तक घुस गया है। अब दनादन चोदो मुझे। मैं तो तेरी भाभी हूँ। भाभी की बुर चोदने में तुम्हे खूब मज़ा आएगा।
वह भी बड़ी बेरहमी से चोदने लगा बुर। मैं जान गयी की इसे चोदने का अनुभव है। ये पहले भी कई बुर चोद चुका होगा। मैंने पूंछा तो उसने बताया की मैंने कॉलेज की किसी भी लड़की की बुर नहीं चोदी पर हां सिमरन मेम की बुर चोदी है जो कॉलेज में प्रोफेसर हैं और उसकी एक सहेली मंजीत कौर की भी बुर चोदी है। ये दोनों मुझे अकसर बुलाकर चुदवाती हैं। उसकी बात सुनकर मुझे और जोश आ गया। मैं और उचक उचक कर चुदवाने लगी। मैं मस्ती में कहने लगी हाय मेरे राजा खूब कस के चोदो मेरी बुर। फाड़ डालो मेरी चूत। उसने मेरी दोनों टांगें अपने कंधे पर रख लीं थीं। मैं उसके कंधे पर टांगें रख कर एक रंडी की तरह चुदवाने लगी। वह नीचे खड़ा मेरी बुर का बाजा बजाने लगा और मैं मस्ती में चूर हो गयी। वह धक्के पे धक्का लगा रहा था। उसका लौड़ा साला अंदर तक चोट कर रहा था।
मेरी चूत के चीथड़े उड़ रहे थे। मैंने कहा आज आया है कोई असली मरद मुझे चोदने वाला। हाय रे मैं मर जाऊंगी। बर्बाद हो जाऊंगी। मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहूंगी. तू मेरी बुर नहीं मेरी इज़्ज़त ले रहा है बहन चोद। तेरी माँ का भोसड़ा ? तेरी बहन का लण्ड। बड़ा दर्द हो रहा है यार। तेरा लण्ड बड़ा बेरहम है यार। वह बोला क्या सच में दर्द हो रहा है स्वेता भाभी ? मैंने कहा अरे यार तू बस चोदता रह , मुझे बकने दे। तू अपनी चुदाई की स्पीड कम न कर। मैं बुर चोदी मस्ती में ऐसे ही बोला करती हूँ। मुझे चिल्लाने दो। मेरी परवाह मत कर मेरी बुर फाड़ता जा तू। तेरा काम है मेरी बुर फाड़ना। फाड़ो मेरी बुर किसी दिन मेरी माँ की बुर भी फाड़ डालना यार भोसड़ी के तनुज ? फिर वह मादर चोद बेड पर चढ़ गया और मुझे धकाधक चोदने लगा। मुझे उससे चुदवाने में मज़ा आ रहा था। वह बोला मुझे इतना मज़ा न सिमरन की बुर चोदने में आया और न उसकी सहेली की बुर ? तेरी बुर बड़ी मस्त है भाभी जी।
तब तक मेरी चूत सच में ढीली होने लगी। मैं खलास होने लगी और तभी वह बोला भाभी जी अब मैं निकल रहा हूँ। मैंने कहा मैं निकालूंगी तब तू निकलेगा। मैं उठी और लण्ड मुठ्ठी में पकड़ कर सड़का मारने लगी। मेरा मुंह खुला हुआ था। बस १०/१२ बार ऊपर नीचे करते ही लण्ड ने छोड़ दी पिचकारी और मैं उसका सारा वीय पी गयी। मुझे उसके लण्ड का स्वाद बहुत अच्छा लगा। जाते हुए मैंने कहा बेटा तेरा काम हो जायेगा पर तुम किसी दिन अपने अच्छे दोस्त को लेकर आना फिर तुम दोनों मिलकर मेरी बुर चोदना।
एक दिन खूब जोर की बरसात हो रही थी। रात के 10 बजे थे। अचानक किसी ने दरवाजा खटखटाया तो मैंने खोला। मैंने देखा की बाहर एक अधेड़ उम्र का आदमी खड़ा है। वह एकदम ऊपर से नीचे तक भीगा हुआ है। वह बोला मैं समर सिंह हूँ। मेरी गाड़ी ख़राब हो गई है। मैंने उसे ठीक करने की बहुत कोशिश की पर गाड़ी नहीं चली। बरसात इतनी तेज है की कहीं जा नहीं सकता। क्या मैं बाहर आपके वारंडा में ठहर सकता हूँ ? मैंने उसे अंदर बुलाया और कहा अंकल आप यहाँ अंदर ठहर जाईये। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। मैं उसे अंदर ले आई। वह खड़ा था मैंने कहाँ यहीं रुको मैं आती हूँ। मैं अंदर जाकर एक तौलिया लेकर आयी और कहा लो इसे पहन कर अपने सारे कपड़े उतार दो नहीं तो बुखार आ जायेगा।
वह कपडे उतारने लगा। मैंने जब उसका गोरा गोरा नंगा बदन देखा तो ललचा गई। उसकी चौड़ी छाती पर घने
वह मेरी चूत बड़े मजे से देखने लगा। मैंने कहा अंकल मैं मर्दों के आगे पकड़े नहीं पहनती, नंगी हो जाती हूँऔर उन्हें भी नंगा कर देती हूँ। यह मेरा वसूल है। मेरी चूत पर छोटी छोटी झांटें थीं और उसके लण्ड पर भी छोटी छोटी झांटें थीं। मैंने उसका लण्ड सहलाते हुए कहा देखो अंकल तुम भी नंगे हो और मैं भी नंगी हूँ। अब मैं नंगी नंगी कुछ तो करूंगी ? मैं जो करूँ मुझे करने देना। तुम्हे जो करना हो वो तुम करना मैं कुछ नहीं कहूँगी। बस मैं शराब में डुबो डुबो कर लण्ड चाटने लगी। वह मेरी चूँचियाँ सहलाने लगा और मेरी चूत पर हाथ फेरने लगा। शराब ख़तम हुई तो मैंने उसका लौड़ा मुंह में भर लिया। मैं रंडी की तरह लौड़ा चूसने लगी। अंदर ही अंदर लण्ड का सुपाड़ा चाटने लगी। कुछ देर बाद मैंने अपनी चूत फैला दी और कहा अंकल अब तू भोसड़ी का मेरी बुर चोद ले। पूरा लौड़ा पेल दे मेरी चूत में। उसने वही किया जो मैंने कहा था। वह चोदने लगा और मैं मस्ती से चुदवाने लगी। किसी अनजान मरद से चुदवाने का मज़ा ही कुछ और होता है। मैंने इस तरह उससे रात में तीन बार चुदवाया। जाते समय मैंने कहा अंकल जल्दी ही आना मुझे फिर चोदने।
दूसरे दिन संडे था। सवेरे करीब 10 बजे सपना और नगमा दोनों आ गईं। सपना के साथ दो लड़के थे और नगमा के साथ भी दो। सपना बोली यार स्वेता ये हैं मेरे दोस्त गोपी और सूरज। मैं इनके आगे नंगी रहती हूँ और ये दोनों मेरे आगे नंगे। तब तक नगमा बोली हाय मेरी हरामजादी स्वेता देख ये है मेरा चचा जान रज्जाक। इसका लण्ड मुझे बहुत पसंद है और तुम्हे भी पसंद आएगा। और ये है मेरा भाई जान सफी। इसका भी लौड़ा दमदार है ? मैंने कहा अरे यार तुम अपने भाई जान से ,,,,,,,,,,?
वह बोली हां तो क्या हुआ हमारे समाज में लड़कियां अपने भाई जान से खूब चुदवाती हैं। भाई जान से ही क्यों ? वो तो सब अपने अब्बू जान से भी चुदवाती है। लड़कियों का सबसे ज्यादा पसंदीदा होता है अब्बू का लण्ड ?
मैं यह सुनकर और उत्तेजित हो गयी। मैं उठी और अपने कपड़े उतारने लगी।
बस एक मिनट में मैं मादर एकदम नंगी हो गयी। वे चारों मुझे आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे। मुझे देख कर सपना भी नंगी हो गई और नगमा भी। फिर मैंने रज्जाक को नंगा किया और सफी को भी। नगमा ने गोपी के कपड़े उतारे और सूरज के भी। मेरे हाथ में रज्जाक का लौड़ा आ गया। सपना के हाथ में सफी का लौड़ा। दोनों लौंड़ों के सुपाड़े एकदम बहार निकले हुए थे। लण्ड सच में बड़े खूबसूरत लग रहे थे। मैं दोनों का सुपाड़ा चाटने लगी और सपना भी। सपना बोली स्वेता यार ये हैं कटे लण्ड इनके सुपाड़े हमेशा बाहर ही निकले रहतें हैं। उधर नगमा पहली बार कोई समूचा लण्ड देख रही थी। वह बोली हाय अल्लाह कितने प्यारे लंड हैं दोनों बहन चोद। आज मैं पहली बार कोई नॉन - मुस्लिम लण्ड देख रही हूँ।
फिर हम तीनो ने मिलकर एक दूसरे की बुर में लण्ड पेल पेल कर खूब चुदवाया दिन भर चुदवाया। बीच बीच में नंगी नंगी खाना भी खाया और फिर चुदवाया।
आज मुझे सबसे ज्यादा आ रहा था पराये मर्दों से चुदवाने का मज़ा ?
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Tags: ग़ैर मर्दों के आगे नंगी हो जाती यह लड़की - Gair Mardon ke samne nangi hone wali ladki , सबको चूत गांड और चूचियां दिखाना शौक है , पति नहीं भाया, अजनबी से चुदवाया , गैर मर्द के साथ मस्ती , गैर मर्द के लंड से चुदने की चाह , मर्द की निगाह औरत की छाती , मेरी चूत में गैर मर्द का पहला लंड.
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