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भाभी की माँ की चुदाई - Bhabhi ki maa ki chudai porn stories
मेरे प्यारे दोस्तों, आप जब चांट खातें हैं तो चांट इतनी मिर्च मसाले दार होती है की खाते समय आपकी आँखों से आंसू निकलने लगतें हैं, नाक से पानी निकलने लगता है, जबान से लार टपकने लगती है लेकिन उसका स्वाद इतना बढ़िया होता है की आप उसे खाते ही चले जातें हैं। इसी तरह चुदाई का भी स्वाद होता है। चुदवाते समय दर्द तो होता है, तकलीफ़ तो होती है मुंह से चींखें भी निकलती हैं, चिल्लाने लगती है, उई माँ मर गई मैं, फट गई मेरी बुर, बड़ा मोटा है इस मादर चोद का लण्ड, बड़ा दर्द हो रहा है, मैं कहीं मुंह दिखाने काबिल नहीं रहूंगी अम्मी जान जैसी आवाज़ें भी निकलने लगतीं हैं. वह यह भी कहती है की तू साला बड़ा बेरहम है, हाय रे अब तो मैं मर ही जाऊंगी लेकिन हकीकत यह है की चुदवाने में इतना मज़ा आने लगता है की मन करता है की चोदने वाला रुके नहीं बस चोदता ही चला जाए। बस धक्के पे धक्का मारता चला जाए। जोर जोर से धकाधक चोदता ही रहे।
मेरा नाम अबीरा है। मैं 25 साल की हूँ और शादी शुदा हूँ। मेरी अम्मी जान नबीहा बेगम हैं और वह मेरी अम्मी कम दोस्त ज्यादा हैं। मैं उससे पूरी तरह खुली हुई हूँ और हम दोनों प्यार से गालियों से बातें भी करतीं हैं और चोदा चोदी भी एन्जॉय करतीं हैं। मैं जब अपनी सुहागरात मनाकर माईके आई तो अम्मी जान ने मुझसे पहली ही मुलाक़ात में पूंछा - बेटी अबीरा, तेरे मियां का लण्ड कैसा है ? कितना बड़ा है और कितना मोटा है, देखने में कैसा लगता है और चोदने के कैसा है उसका लण्ड । मैंने जब उसे बिस्तार से लण्ड के बारे में बताया तो वह बोली - बेटी अबीरा, अब तू ये बता की तू अपने मियां का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में कब पेलेगी ? मैंने अम्मी जान के गाल थपथपाकर कर कहा - अरे अम्मी जान, मैं तो आज ही पेलूँगी अपने मियां का लण्ड तेरे भोसड़ा में ? एक बात और सुन लो अम्मी जान की मेरा ससुर भी तेरा भोसड़ा चोदने के लिए एकदम तैयार बैठा है। वह कल ही अपने बेटी से कह रहा था की मैं जल्दी ही तेरी भाभी की माँ का भोसड़ा चोदने जाने वाला हूँ।
अम्मी ने कहा - हाय दईया, तब तो मज़ा ही आ जायेगा। आज मुझे तेरा मियां चोदेगा और दो दिन बाद तेरा ससुर चोदेगा। कितना मज़ा आएगा ?
कहानी आगे बढ़ाने के पहले मैं थोड़ा आपको पीछे ले चलती हूँ। मेरी 4 खाला हैं सबसे छोटी खाला मुझसे केवल 2 साल बड़ी हैं। मेरे दो भाई जान है जावेद और नावेद। दोनों की शादियां हो चुकी हैं। भाभियों के नाम है नाज़ और रफ़ा। मेरी बड़ी खाला के दो जवान बेटे हैं सल्लू और असद और दूसरे नंबर की खाला का एक जवान बेटा है नाहिल। मेरी तीन फूफी हैं। बड़ी फूफी के दो जवान बेटे हैं शादाब और नादिर। उसकी एक बेटी है सना। इसी तरह खाला की भी एक बेटी है शमा। वैसे तो कुनबे में और बहुत से लोग हैं पर कहानी में शायद ही कोई आये। अगर आएगा तो मैं आपको बताऊंगी।
मैं जब 16 साल की हुई तो जवानी एकाएक मेरे बदन पर हॉबी हो गयी। मेरी जांघें मोटी हो गईं, कमर पतली और कूल्हे बड़े हो गए। मेरी गांड सेक्सी हो गई। मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो गईं। मेरी काली काली झांटें तो पहले ही निकल आयीं थीं। मेरी चूत एकदम पकी हुई थी. मुझे लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा की बातें अच्छी लगने लगीं थी। मैं भी गालियां बकने लगी थी लेकिन अपनी दोस्तों के ही बीच। मैं अपनी सहेलियों के मुंह से चुदाई की बातें सुनती थी और घर में भी कई लड़कियों के मुंह से और कई औरतों के मुंह से चुदाई की बातें सुनती थी। इसका लण्ड ऐसा है उसका लण्ड वैसा है ? इसका छोटा है तो उसका लण्ड मोटा है ? ये सब बातें सुनती थी तो मेरी भी चूत गरम हो जाती थी।
एक दिन दोपहर में ही मैंने घर में ही अपनी सबसे छोटी खाला को नंगी नंगी सोफा पर बैठी हुई देखा। उसका रंग रूप बिलकुल मेरे ही जैसा था। मैं समझ नहीं पाई की वह नंगी क्यों बैठी है ? लेकिन थोड़ी ही देर में बाथ रूम से एक लड़का निकला। वह भी एकदम नंगा था और उसका लण्ड खड़ा था। मुझे उसकी पीठ दिख रही थी इसलिए पहचान नहीं पाई लेकिन आते हुए उसका लण्ड जरूर देख लिया था। लण्ड देख कर मैं गनगना उठी। वह लड़का खाला के सामने खड़ा हो गया और खाला ने उसका लण्ड पकड़ कर कहा सल्लू भाई जान आज तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है। तब मुझे मालूम हुआ की खाला जान अपनी ही बड़ी बहन के बेटे का लण्ड हिला रही है। मेरे मन में आया की तब तो मैं भी हिला सकती हूँ इसका लण्ड। पर मैं शायद अभी कुछ दिन बाद जवान हूँगी। मैंने घर में ही किसी को कहते हुए सुना था की हमारे समाज में अपने भाई जान का लौड़ा पकड़ना और उससे चुदवाना जायज़ माना जाता है। मैंने यह भी सुना है की आजकल लड़कियां अपने अब्बू जान का भी लण्ड पकड़तीं हैं, उसे अपनी बुर में भी लेतीं है और इसे भी जायज़ माना जाता है बशर्तें की लड़की पूरी तरह जवान हो ?
फिलहाल तो मेरी नज़र सल्लू भाई जान के लण्ड पे टिकी थी। लण्ड उसका बड़ा मोटा था। कुछ देर में खाला ज़मीन पर पड़े एक चटाई पर लेट गईं। जब सल्लू मुड़ा तो मैंने उसे पूरी तरह नंगा देखा और उसका नंगा लण्ड देखा। मेरी चूत बुर चोदी गीली हो गयी। लण्ड उसने खाला की चूत पर रगड़ना शुरू किया और फिर एकाएक लण्ड घुसाने लगा अंदर। लण्ड जैसे ही घुसा वैसे ही वह बोली बाप रे बाप आज तेरा लण्ड ज्यादा मोटा लग रहा है। मेरी बुर फटी जा रही है। मेरी जान निकला रही है भाई जान। ज़रा धीरे धीरे पेलो। थोड़ी देर में वह फिर बोली वाह क्या लौड़ा है तेरा । बड़ा मज़ा दे रहा है। सल्लू ने रफ़्तार बढ़ा दी तो और चिल्लाने लगी। हाय अल्लाह मर जाऊंगी मैं। बड़ा दर्द हो रहा है। तेरी लौड़ा मेरी जाना ले लेगा। उई माँ इस साले ने मेरी चूत फाड़ दी ामी जान अब मैं क्या करूंगी। हाय अल्लाह ,,,,,,,,,, ?
सल्लू को लगा की सच में उसे दर्द हो रहा है तो वह बोला अरे खाला जान क्या ज्यादा दर्द हो रहा है। मैं चोदना रोक दूँ ? वह बोली - भोसड़ी की तेरी माँ की चूत ? अगर तूने चोदना बंद किया तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैं तो चाहती हूँ की तुम और धकाधक चोदो, और हचक हचक के चोदो, पूरा जोर लगा के चोदो और जल्दी जल्दी चोदो। तब सल्लू बोला तो फिर तू चिल्ला क्यों रही है ?
खाला जान ने जबाब दिया - अरे सल्लू, तू इन औरतों की फितरत नहीं जानता। जो औरत चुदवाते समय जितना ज्यादा चिल्लाती है तो समझो की उसे उतना ही मज़ा आ रहा है। वह और मज़ा लेने के लिए चिल्लाती है। ये तो हम औरतों का नाटक है बस और कुछ नहीं ? मैं चिल्लाती हूँ तो मुझे और मज़ा आता है। मैं जब गालियां मुंह से निकालती हूँ तो समझो की मुझे और मज़ा आ रहा है। तुम मर्द हो तेरा काम है अपने लण्ड से मेरी बुर फाड़ना। तू बस लण्ड पेल पेल के मेरी बुर फाड़ता जा। मेरी चूत फटती है तो फट जाने दे, मेरी चूत के दो टुकड़े होतें हैं तो हो जाने दे, तू इसकी परवाह न कर ? तेरा काम है चोदना और तू चोदता जा बस ?
तब मुझे मालूम हुआ की मेरी खाला जान भोसड़ी वाली कितनी बड़ी चुदक्कड़ है। इतनी सी छोटी उम्र से इतने बड़े बड़े लण्ड चुदवा रही है बुर चोदी। फड़वा रही है अपनी बुर और इसे तनिक भी शर्म नहीं है की कोई मुझे मुझे देख लेगा तो क्या होगा ? ये तो बहुत बड़ी हरामजादी है। मुझे नहीं मालूम था की मेरी अम्मी जान की छोटी बहन अभी से इस तरह चुदवा लेगी। मैंने ठान लिया की अब मैं इससे खुल कर बात करूंगी। रात को जब मैं बच्चों के साथ लेटी थी तो मेरा मन हुआ की मैं उठ कर देखूं की रात में क्या क्या होता है ? बस मैं उठी और कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैंने जो देखा वैसा तो मैं कभी सोंच भी नहीं सकती थी।
कहानी आगे बढ़ाने के पहले मैं थोड़ा आपको पीछे ले चलती हूँ। मेरी 4 खाला हैं सबसे छोटी खाला मुझसे केवल 2 साल बड़ी हैं। मेरे दो भाई जान है जावेद और नावेद। दोनों की शादियां हो चुकी हैं। भाभियों के नाम है नाज़ और रफ़ा। मेरी बड़ी खाला के दो जवान बेटे हैं सल्लू और असद और दूसरे नंबर की खाला का एक जवान बेटा है नाहिल। मेरी तीन फूफी हैं। बड़ी फूफी के दो जवान बेटे हैं शादाब और नादिर। उसकी एक बेटी है सना। इसी तरह खाला की भी एक बेटी है शमा। वैसे तो कुनबे में और बहुत से लोग हैं पर कहानी में शायद ही कोई आये। अगर आएगा तो मैं आपको बताऊंगी।
मैं जब 16 साल की हुई तो जवानी एकाएक मेरे बदन पर हॉबी हो गयी। मेरी जांघें मोटी हो गईं, कमर पतली और कूल्हे बड़े हो गए। मेरी गांड सेक्सी हो गई। मेरी चूँचियाँ बड़ी बड़ी हो गईं। मेरी काली काली झांटें तो पहले ही निकल आयीं थीं। मेरी चूत एकदम पकी हुई थी. मुझे लण्ड, बुर, चूत, भोसड़ा की बातें अच्छी लगने लगीं थी। मैं भी गालियां बकने लगी थी लेकिन अपनी दोस्तों के ही बीच। मैं अपनी सहेलियों के मुंह से चुदाई की बातें सुनती थी और घर में भी कई लड़कियों के मुंह से और कई औरतों के मुंह से चुदाई की बातें सुनती थी। इसका लण्ड ऐसा है उसका लण्ड वैसा है ? इसका छोटा है तो उसका लण्ड मोटा है ? ये सब बातें सुनती थी तो मेरी भी चूत गरम हो जाती थी।
एक दिन दोपहर में ही मैंने घर में ही अपनी सबसे छोटी खाला को नंगी नंगी सोफा पर बैठी हुई देखा। उसका रंग रूप बिलकुल मेरे ही जैसा था। मैं समझ नहीं पाई की वह नंगी क्यों बैठी है ? लेकिन थोड़ी ही देर में बाथ रूम से एक लड़का निकला। वह भी एकदम नंगा था और उसका लण्ड खड़ा था। मुझे उसकी पीठ दिख रही थी इसलिए पहचान नहीं पाई लेकिन आते हुए उसका लण्ड जरूर देख लिया था। लण्ड देख कर मैं गनगना उठी। वह लड़का खाला के सामने खड़ा हो गया और खाला ने उसका लण्ड पकड़ कर कहा सल्लू भाई जान आज तेरा लण्ड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है। तब मुझे मालूम हुआ की खाला जान अपनी ही बड़ी बहन के बेटे का लण्ड हिला रही है। मेरे मन में आया की तब तो मैं भी हिला सकती हूँ इसका लण्ड। पर मैं शायद अभी कुछ दिन बाद जवान हूँगी। मैंने घर में ही किसी को कहते हुए सुना था की हमारे समाज में अपने भाई जान का लौड़ा पकड़ना और उससे चुदवाना जायज़ माना जाता है। मैंने यह भी सुना है की आजकल लड़कियां अपने अब्बू जान का भी लण्ड पकड़तीं हैं, उसे अपनी बुर में भी लेतीं है और इसे भी जायज़ माना जाता है बशर्तें की लड़की पूरी तरह जवान हो ?
फिलहाल तो मेरी नज़र सल्लू भाई जान के लण्ड पे टिकी थी। लण्ड उसका बड़ा मोटा था। कुछ देर में खाला ज़मीन पर पड़े एक चटाई पर लेट गईं। जब सल्लू मुड़ा तो मैंने उसे पूरी तरह नंगा देखा और उसका नंगा लण्ड देखा। मेरी चूत बुर चोदी गीली हो गयी। लण्ड उसने खाला की चूत पर रगड़ना शुरू किया और फिर एकाएक लण्ड घुसाने लगा अंदर। लण्ड जैसे ही घुसा वैसे ही वह बोली बाप रे बाप आज तेरा लण्ड ज्यादा मोटा लग रहा है। मेरी बुर फटी जा रही है। मेरी जान निकला रही है भाई जान। ज़रा धीरे धीरे पेलो। थोड़ी देर में वह फिर बोली वाह क्या लौड़ा है तेरा । बड़ा मज़ा दे रहा है। सल्लू ने रफ़्तार बढ़ा दी तो और चिल्लाने लगी। हाय अल्लाह मर जाऊंगी मैं। बड़ा दर्द हो रहा है। तेरी लौड़ा मेरी जाना ले लेगा। उई माँ इस साले ने मेरी चूत फाड़ दी ामी जान अब मैं क्या करूंगी। हाय अल्लाह ,,,,,,,,,, ?
सल्लू को लगा की सच में उसे दर्द हो रहा है तो वह बोला अरे खाला जान क्या ज्यादा दर्द हो रहा है। मैं चोदना रोक दूँ ? वह बोली - भोसड़ी की तेरी माँ की चूत ? अगर तूने चोदना बंद किया तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी। मैं तो चाहती हूँ की तुम और धकाधक चोदो, और हचक हचक के चोदो, पूरा जोर लगा के चोदो और जल्दी जल्दी चोदो। तब सल्लू बोला तो फिर तू चिल्ला क्यों रही है ?
खाला जान ने जबाब दिया - अरे सल्लू, तू इन औरतों की फितरत नहीं जानता। जो औरत चुदवाते समय जितना ज्यादा चिल्लाती है तो समझो की उसे उतना ही मज़ा आ रहा है। वह और मज़ा लेने के लिए चिल्लाती है। ये तो हम औरतों का नाटक है बस और कुछ नहीं ? मैं चिल्लाती हूँ तो मुझे और मज़ा आता है। मैं जब गालियां मुंह से निकालती हूँ तो समझो की मुझे और मज़ा आ रहा है। तुम मर्द हो तेरा काम है अपने लण्ड से मेरी बुर फाड़ना। तू बस लण्ड पेल पेल के मेरी बुर फाड़ता जा। मेरी चूत फटती है तो फट जाने दे, मेरी चूत के दो टुकड़े होतें हैं तो हो जाने दे, तू इसकी परवाह न कर ? तेरा काम है चोदना और तू चोदता जा बस ?
तब मुझे मालूम हुआ की मेरी खाला जान भोसड़ी वाली कितनी बड़ी चुदक्कड़ है। इतनी सी छोटी उम्र से इतने बड़े बड़े लण्ड चुदवा रही है बुर चोदी। फड़वा रही है अपनी बुर और इसे तनिक भी शर्म नहीं है की कोई मुझे मुझे देख लेगा तो क्या होगा ? ये तो बहुत बड़ी हरामजादी है। मुझे नहीं मालूम था की मेरी अम्मी जान की छोटी बहन अभी से इस तरह चुदवा लेगी। मैंने ठान लिया की अब मैं इससे खुल कर बात करूंगी। रात को जब मैं बच्चों के साथ लेटी थी तो मेरा मन हुआ की मैं उठ कर देखूं की रात में क्या क्या होता है ? बस मैं उठी और कमरे में झाँक कर देखने लगी। मैंने जो देखा वैसा तो मैं कभी सोंच भी नहीं सकती थी।
मैंने देखा की मेरी अम्मी जान अपनी बहन यानी मेरी बड़ी खाला के बेटे असद का लण्ड नंगी नंगी चाट रही हैं। मैं पहली बार अपनी अम्मी को नंगी देख रही थी। उसे तो अपनी बहन के बेटे का लण्ड चाटने में ज़रा भी शर्म नहीं थी। उसी के बगल में खाला जान भी फूफी के बेटे शादाब का लण्ड चाट रही हैं। वह भी अम्मी की तरह एकदम नंगी है। फूफी भोसड़ी वाली कम न थी। वह नंगी नंगी मेरे भाई जान जावेद का लण्ड चाट रही है। यानी ये तीनों भोसड़ी वाली एक दूसरे के बेटे का लण्ड चाट रहीं हैं और अब ये सब एक दूसरे के बेटे से चुदवायेंगीं भी। इसमें कोई शक नहीं है। मैं हैं थी ये सब देख कर की रात में मेरे घर ऐसा भी होता है। मैं तो सबके लण्ड देखने में मस्त हो गयी। मुझे लामुम होने लगा की किसका लण्ड कैसा है ? किसकी चूत कैसी है और किसकी कितनी बड़ी बड़ी चूँचियाँ हैं।
मेरे देखते ही देखते असद ने लण्ड अम्मी के भोसड़ा में लण्ड पेल दिया और चोदने लगा. मेरा भाई जान जावेद फूफी की बुर लेने लगा। मजे की बात यह थी की अम्मी अपने बेटे के सामने ही दूसरे लड़के से चुदवा रहीं थीं और बेटा भी अपनी माँ के सामने की और की माँ चोद रहा था। मैं सोंचने लगी की यहाँ तो किसी को कोई शर्म ही नहीं है। तो फिर मैं क्यों शरमाऊं ? तब तक फूफी का बेटा शादाब ने खाला के भोसड़ा में लण्ड पेल दिया। अब मेरी आँखों के सामने उन तीनो के भोसड़ा चुदने लगे जिनके आगे मैं कोई गंदी बात मुंह से नहीं निकाल सकती थी, कोई गाली नहीं दे सकती थी और लण्ड, बुर, चूत की भी कोई बात नहीं कर सकती थी। मैंने भी ठान लिया की अब मैं इन सबकी चुदाई देख कर ही उठूंगी। मैं देखती भी रही। हां यह जरूर है की मुझे अपनी उंगलियों का सहारा लेना पड़ा और मैं उन्हें अपनी चूत में घुसेड़ती रही। चुदाई जैसे ही शुरू हुई वैसे ही चिल्लाने की आवाज़ें आने लगीं ---- हाय रे फट गई मेरी बुर , उई माँ बड़ा दर्द हो रहा है। इतना मोटा लण्ड पेल दिया मादर चोद ने, इतना बड़ा लौड़ा तो मैंने पहले कभी नहीं लिया, हाय दईया फाड़ डाला तूने। बड़ी जलन हो रही है, चूत का दर्द बढ़ता जा रहा है, कितना फ़ाड़ोगे मेरी बुर।
तब अम्मी जान बोली अच्छा नन्द रानी तेरी बुर तो पहले से ही फटी हुई है। भोसड़ा बन चुकी है तेरी बुर और तुझे अभी भी दर्द हो रहा है। बिना मतलब में चिल्ला रही है तू । बेटा जावेद तुम खूब हचक हचक के चोदो। इसकी परवाह न करो. ये बुर चोदी ऐसे ही मज़ा के लिए चिल्ला रही है। जब चुदाई में इनको मज़ा आता है तब ये सब भोसड़ी वाली ऐसे ही चिल्लाती हैं। अब तो मेरा मन में यह बात पक्की हो गयी की लौड़ा घुसने से कोई दर्द नहीं होता ये सब नाटक करतीं हैं। आखिर में जब एक एक करने तीनो लण्ड झड़े तो मुझे देखने में बड़ा मज़ा आया। मैं तो देखने के साथ साथ चुदवाना सीख भी रही थी।
एक दिन रात को मैं ऐसी एक और चुदाई देख रही थी। उस दिन खाला का बेटा नाहिल फूफी की बेटी सना कि बुर चोद रहा था। उसी के सामने फूफी का बेटा नादिर खाला की बेटी शमा की बुर ले रहा था. नाहिल की बहन है शमा और नादिर की बहन है सना। यानी नाहिल और नादिर दोनों एक दूसरे की बहन की बुर चोद रहे थे। मैं दूर बैठी हुई इन लोगों की चुदाई देख रही थी। उस समय मैं 17 + की हो चुकी थी। मैं भी लगभग नंगी ही थी। मेरी चूत भी खुली थी और चूँची भी। रात के 12 बजे थे। मेरी नज़रें उन दोनों की चुदाई में लगीं थीं। मैंने चुदाई के बारे में जो जो सुना था वह सब मेरी आँखों के सामने हो रहा था। तभी अचानक मेरी अम्मी जान मेरे पास आ गई। उसने मुझे इस दशा में देखा तो बोली - अरे अबीरा तू बुर चोदी यहाँ क्या कर रही है बैठी बैठी ? वहां सबके साथ जाती क्यों नहीं ? तेरे सामने मस्त चुदाई हो रही है तो तू भी जा वहां और मज़ा ले। खूब एन्जॉय कर। अब तेरी उम्र है एन्जॉय करने की।
मैंने कहा नहीं अम्मी जान शायद मुझे इसकी इज़ाज़त नहीं है। वह तपाक से बोली - इज़ाज़त की माँ की चूत बहन चोद ? मैं कह रही हूँ न की तू वहां जा। अब तू पूरी तरह जवान हो गयी है , लण्ड खाने वाली हो गयी है तू और तेरी ये चूत। मुझे मालूम है की इस समय तू 17 साल 10 महीने की हो गयी है। दो महीने में तू 18 की हो जाएगी। दो महीना कुछ नहीं होता ? दो महीने तक तो इन लोगों की चूत में लण्ड यूं ही पड़ा रहता है। अम्मी ने मेरा हाथ पकड़ा और वह सबके सामने ले गयी मुझे जहां सना और शमा की बुर चुद रही थी। अम्मी मुस्कराती हुई बोली - अरे नाहिल से इसकी भी बुर चोद ले । ये भी सायानी हो गयी है। इसे भी मज़ा दे अपने लण्ड का और हां नादिर तू भी पेल के देख ले अपना लण्ड इसकी चूत में ? फिर मेरे गाल थपथपाकर कहा देख बेटी अबीरा अब तू जवानी का पूरा मज़ा लेना सीख ले।
जवानी दुबारा नहीं मिलती और गया हुआ वख़्त दुबारा लौट कर नहीं आता।
अम्मी की बातों ने मुझे हिम्मत भी दी और मुझे बेशर्म भी बना दिया। मैंने भी फिर नादिर भाई जान से और नाहिल भाई जान से खूब जम चुदवाया, धकाधक चुदवाया और दोनों के लण्ड पेल पेल कर चुदवाया। आखिर में दोनों के झड़ते हुए लण्ड बड़ी मस्ती से चाटे। उसी रात को दूसरी जगह मैंने अम्मी जान के भोसड़ा में लण्ड पेला और उसने मेरी चूत में लण्ड घुसेड़ा। तब से हम दोनों दोस्त की तरह एक दूसरे चूत लण्ड पेल रही हूँ। मैं अपनी माँ का भोसड़ा चोदती हूँ और वह अपनी बिटिया की बुर।
मेरी जब शादी नजदीकी रिश्ते में हुई तो सबको मालूम था की मैं बड़ी बेशरम और बड़ी चुदक्कड़ हो गयी हूँ। मैं शादी के बाद ससुराल चली गयी। वहां मैंने अपनी सुहागरात मनाई। पहले तो मेरा शौहर आया और मुझे चोद कर चला गया। उसके बाद मेरी नन्द आई और बोली भाभी जान अब बोलो तुम्हे कैसा लण्ड चाहिए ? अब मैं वो लण्ड अपने हाथ से तेरी चूत में पेलना चाहती हूँ। मैंने कहा लण्ड ऐसा हो जो मेरी चूत क्या मेरी माँ का भोसड़ा फाड़ सके। वह मुस्कराई और बोली अभी आती हूँ। बस वह बाहर गयी और 10 मिनट में एक अधेड़ उम्र के आदमी के साथ वापस आयी। बोली भाभी जान लो इससे मिलो ये है मेरे ससुर का दोस्त माजिद । यह मेरे घर की ऊपरी मजिल में अपनी बीवी के साथ रहता है। मेरा ससुर इसकी बीवी चोदता है और ये मेरे ससुर की बीवी चोदता है। एक दिन मैंने अपनी सास को इससे चुदवाते हुए देख लिया था। मैं तभी से इसके लण्ड की गुलाम हो गयी। मैंने उसी दिन अपनी सास के सामने ही इससे चुदवाया था। आज मैं इसी का लण्ड तेरी चूतमे पेलूँगी भाभी जान। मैंने जब उसका लण्ड पकड़ कर देखा तो सच में मज़ा आ गया। उसके बाद मैं अपने ससुर से भी चुदवाने लगी। मेरे ससुर का लण्ड तो मुझे माजिद के लण्ड से बेहतर लगा।
अब मैं अपने शौहर के माईके आ गयी हूँ। आज अपने मियां का लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेलूँगी। दो दिन बाद मेरा ससुर आने वाला है मैं उसका भी लण्ड अपनी माँ की चूत में पेलूँगी।
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